बड़े बच्चे (5-8 वर्ष)

बच्चोंं की लिखावट कैसे सुधारें

वैसे तो पिछले कुछ सालों में कक्षाओं में सीखने की तकनीक बदल गई है, लेकिन पुराने जमाने की तरह ही आज भी हैंडराइटिंग यानि लिखावट का अच्छा होना एक महत्वपूर्ण गुण मन जाता है और बच्चों को अपने असाइनमेंट और होमवर्क करने के लिए इसे सीखने की आवश्यकता होती है। अच्छी लिखावट परीक्षा में बेहतर अंक सुनिश्चित करती है क्योंकि उत्तर ज्यादा पढ़ने योग्य होते हैं। डिजिटल-कीबोर्ड युग में भी, काइरोग्राफी यानी वर्णलेखन अभी भी एक्सप्रेशन और कम्युनिकेशन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। छात्रों के लिए हैंडराइटिंग सुधारने के कुछ टिप्स, जो उन्हें बेहतर तरीके से लिखने में मदद कर सकते हैं, जानने के लिए पढ़ना जारी रखें। 

बच्चों के लिए लिखावट में सुधार करने के 9 प्रभावी टिप्स

बच्चों की लिखावट सुधारने के लिए यहाँ कुछ प्रभावी सुझाव दिए गए हैं:

1. समस्या को पहचानें

इससे पहले कि आप अपने बच्चे की लिखावट में सुधार के लिए कोई प्लानिंग बनाएं, उससे पहले इसके पीछे का कारण पता करें। इसकी कई वजह हो सकती हैं जैसे गलत तरीके से बैठना, पेंसिल को गलत तरीके से पकड़ना, या खराब हैंड-आई कोआर्डिनेशन। इसके अलावा एडीडी या एडीएचडी जैसी मेडिकल समस्या से पीड़ित होने के कारण उन्हें स्थिर बैठने में परेशानी हो सकती है। यदि यह एक मेडिकल समस्या है, तो उसे अपनी लिखावट में सुधार करने से पहले इसका इलाज करने की आवश्यकता है।

2. मोटर स्किल बेहतर करना

लिखना में मुख्य रूप से हाथों और बांह की मांसपेशियों का कंट्रोल होता है, जो बदले में कलाई और अंगुलियों को कंट्रोल करता है। कुछ एक्टिविटीज और खेलों में अच्छी स्पीड शामिल होती है जैसे स्ट्रिंग बीड, चावल, सेम और अन्य छोटी वस्तुओं के साथ खेलकर बच्चों में मोटर स्किल विकसित हो सकती है। मांसपेशियों का बेहतर कंट्रोल उन्हें अपनी पेंसिल को बेहतर ढंग से पकड़ने और शब्दों को लिखने में मदद करता है। मोटर स्किल को सुधारने के लिए फिंगर पेंटिंग जैसी एक्टिविटीज भी एक बेहतरीन एक्सरसाइज है।

3. सुनिश्चित करें कि पेंसिल सही ढंग से पकड़ी गई है

पेंसिल पर अच्छी पकड़ बनाना भी उतना ही जरूरी है जितना कि अच्छी तरह से लिखना। यह बच्चों को उनके शुरुआती वर्षों में सिखाया जाना चाहिए ताकि समय के साथ उनकी लिखावट में लगातार सुधार हो सके। पेंसिल को ठीक से पकड़ने के लिए यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं: 

  • पेंसिल को मजबूती से पकड़ना चाहिए लेकिन ज्यादा टाइट नहीं होना चाहिए। जैसे-जैसे राइटिंग बेहतर होती है, वे आराम से पेंसिल पकड़ना सीख जाते हैं।
  • पेंसिल को स्थिर करने का एक अच्छा तरीका यह है कि इसे अंगूठे और तर्जनी (इंडेक्स फिंगर) से पकड़ें, जबकि यह मिडिल फिंगर पर टिकी हो।
  • पेंसिल को इस तरह से पकड़ना चाहिए कि वह अंगूठे और तर्जनी (इंडेक्स फिंगर) के बीच के पुल पर टिकी हो।
  • ग्रिप को बेहतर बनाने के लिए पेंसिल ग्रिप का इस्तेमाल किया जा सकता है।

4. ग्रिप और प्रेशर को आराम दें

लिखते समय बच्चों पर ध्यान दें। यदि आप देखती हैं कि वे पेंसिल को बहुत कसकर पकड़ रहे हैं, तो उन्हें हल्का पकड़ने के सही तरीका बताएं। जब अंगुलियों को टाइट करते हैं तो दबाव पड़ता है जो उन्हें थका देता है जिससे दर्द होता है, इसकी वजह से मांसपेशियों में ऐंठन होती है जिससे उनकी लिखावट टेढ़ी हो जाती है। वे शब्दों पर कितना दबाव डालते हैं, यह भी इसमें योगदान देता है। यदि आप पुस्तक के दूसरे पन्नों पर लिखावट छपी हुई करती हैं, तो इसका मतलब वे अपनी पेंसिल पर बहुत ज्यादा प्रेशर डाल रहे हैं।

5. अक्षर और शब्द लिखने का अभ्यास कराएं

अच्छी लिखावट का अर्थ है अक्षरों के अनुपात (प्रोपोर्शन) का सही होना। बच्चों को यह जानने की जरूरत है कि बड़े अक्षरों और छोटे अक्षरों के आकार को मैनेज कैसे किया जाता है। यह शुरुआत में चार लाइन वाली नोटबुक का उपयोग करके किया जा सकता है और फिर दो लाइन की नोटबुक के बाद वे बेहतर हो सकते हैं। उन्हें ऐसे अक्षरों के लिए और अधिक राइटिंग एक्सरसाइज दें जो वे खराब लिखते हैं ताकि वे उन्हें बेहतर लिखना सीख सकें।

6. धीरे-धीरे करें और उन पर दबाव न डालें

बच्चों की लिखावट को अच्छा बनाने के लिए शुरुआत में इसे धीमा और स्थिर रखने से काफी मदद मिलती है। बच्चों को उस गति से लिखने दें जिसमें वे सहज हों और उन पर तेजी से लिखने के लिए दबाव न डालें। अच्छी तरह से लिखने और तेजी से लिखने के लिए मसल मेमोरी बनाने में समय लगता है, इसलिए उन पर तेजी से सुधार करने के लिए जोर न दें। वे रातों-रात ठीक नहीं हो सकते, इसलिए उन्हें डांटने का कोई फायदा नहीं होगा। अगर वे तनाव महसूस करते हैं, तो वे एक्टिविटी का आनंद नहीं ले पाते हैं या फिर उनकी राइटिंग और भी ज्यादा खराब हो सकती है। दूसरी ओर उनके प्रयासों पर तारीफ करें और राइटिंग में सुधार करने के लिए प्रोत्साहित करते रहें ।

7. अनुकूल वातावरण प्रदान करें

बच्चों को अच्छी जगह बैठने दे जहाँ पर वह अपने हाथ आराम से फैला सकें, उन्हें किसी प्रकार का बंधन न महसूस हो। लिखने का अभ्यास हमेशा एक उचित स्टडी टेबल पर बैठकर करना चाहिए। उन्हें टीवी देखते हुए लेट कर नहीं लिखना चाहिए और न ही सोफे पर बैठना चाहिए। साथ ही उनके पढ़ने का समय भी बढ़ाएं। उन्हें अच्छे फॉन्ट में बड़े करीने से छपे अक्षरों वाली किताबें देना, बेहतर लिखने के लिए प्रेरित कर सकता है।

8. अच्छे राइटिंग टूल्स प्रदान करें

बच्चे अच्छे से लिखना सीख सकें इसके लिए आपको उन्हें अच्छे राइटिंग टूल्स दिलाने होंगे उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

  • एक अच्छा लाइन वाला पेपर जो पेंसिल स्कोर को अच्छी तरह से लेता है। कागज की क्वालिटी निर्धारित करती है कि वे उस पर कितना अच्छा लिख ​​सकते हैं। साथ ही पन्ने में अच्छी फ्रिक्शन भी होनी चाहिए बिना किसी खुरदुराहट के।
  • सही आकार की पेंसिल जरूरी है। हो सकता है कि कुछ बच्चे जंबो साइज पेंसिल रखने में सहज (कंफर्टेबल) न हों, इसलिए ऐसी गोल्फ पेंसिलें आजमाएं, जो छोटी और पकड़ने में आसान हों। इसके अलावा, देखें कि आपका बच्चा लेड की किस क्वालिटी के साथ कंफर्टेबल है। जैसे एचबी लेड मध्यम रेंज के होते हैं, और 2बी नरम होते हैं।
  • पेंसिल ग्रिप का इस्तेमाल उन्हें लिखते समय पेंसिल को मजबूती से पकड़ने में मदद करने के लिए किया जा सकता है।

9. इसे मजेदार बनाएं

चूंकि वर्णलेखन का अभ्यास बच्चों के लिए उबाऊ हो सकता है, इसलिए थोड़ा अलग या मजेदार लिखवाएं ताकि लिखने के प्रति उनमें अधिक उत्साह पैदा हो सके। यहां इस बारे में कुछ टिप्स दिए गए हैं:

  • उन्हें मजेदार एक्सेसरीज दें, जो उन्हें पसंद हों जैसे रंगीन पेंसिलें, आकर्षक दिखने वाली चमकीले रंग की किताबें, या पेंसिल टॉपर्स।
  • ड्राइंग गेम खेलें ताकि बचा सही झुकाव और कोआर्डिनेशन के साथ अच्छा पोस्चर रख सके।
  • शॉपिंग के लिए लिस्ट बनाना, जिन स्थानों पर आपको जाना है या उन दोस्तों के नाम जिन्हें वे अपने जन्मदिन की पार्टी में आमंत्रित करना चाहते हैं, उन्हें लिखने के लिए प्रोत्साहित करने का एक अच्छा तरीका है।

अभ्यास और लगन से समय के साथ बच्चों में अच्छी लिखावट को निखारा जा सकता है। अच्छी लिखावट के साथ-साथ आपके बच्चे में छोटी उम्र से ही बाकी स्किल्स को बढ़ावा देना भी जरूरी है, जो उसके बड़े होने पर मददगार साबित होंगे। ऐसा करने का एक शानदार तरीका है कि आप बच्चों के लिए एक्टिविटी बॉक्स की मेम्बरशिप लेना, जैसे कि इंटेलीकिट, जो बच्चों को व्यस्त रखता है क्योंकि वे कुछ नया सीखते समय एन्जॉय करते हैं। हर एक एक्टिविटी में आपके बच्चे को कुछ स्किल्स और कांसेप्ट और पेश करने के लिए विभिन्न प्रकार के खेल शामिल होते हैं, और ये सभी इंटरैक्टिव और मजेदार होते हैं। बस अपने बच्चे की उम्र दर्ज करें, सदस्यता लें, और हर महीने अपने दरवाजे पर एक बॉक्स प्राप्त करें!

यह भी पढ़ें:

बच्चों के लिए मैथ्स के 20 आसान पजल
बच्चों के लिए 50 रोचक और मजेदार साइंस फैक्ट्स
बच्चों के लिए सामान्य ज्ञान (जनरल नॉलेज) के प्रश्न और उत्त

समर नक़वी

Recent Posts

क्रिसमस पर निबंध (Essay On Christmas In Hindi)

क्रिसमस बच्चोंं के लिए एक बहुत ही खास त्यौहार है। यह पूरी दुनिया में बहुत…

16 hours ago

आर्यभट्ट पर निबंध (Essay On Aryabhatta in Hindi)

आर्यभट्ट हमारे देश के बहुत ही महान गणितज्ञ और खगोलशास्त्री थे। वह बचपन से ही…

17 hours ago

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध (Essay On My Favourite Book In Hindi)

किताबें बच्चे और बड़ों सभी की अच्छी दोस्त मानी जाती हैं। पुस्तकें हमें कई तरह…

18 hours ago

खरगोश पर निबंध (Essay On Rabbit in Hindi)

बच्चों को जानवरों के बारे में पढ़ना हमेशा रोचक लगता है, क्योंकि वे इन्हें कहानियों,…

18 hours ago

महात्मा बुद्ध पर निबंध (Mahatma Buddha Essay In Hindi)

महात्मा बुद्ध जिन्हें गौतम बुद्ध के नाम से भी जाना जाता है बौद्ध धर्म के…

19 hours ago

अनुशासन पर निबंध (Essay On Discipline In Hindi)

अनुशासन का मतलब है अपने जीवन को सही ढंग से व्यवस्थित जीना और नियमों का…

6 days ago