आपने बच्चे को धूप से बचाने के लिए आपको कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। गर्मियों के समय आपको सनस्क्रीन स्टॉक कर के रखनी पड़ती है, खासकर के जब आप ट्रेवल कर रही हो। गर्मियों के दौरान बच्चों को ढीले कपड़े और टोपी जरूर पहनाएं। सूरज की तेज किरणों से बच्चे को बचाने के लिए आप उन्हें एक अच्छा सनग्लास या चश्मा पहनाएं।
गर्मियों के दिनों में बच्चों को बाहर खेलना पसंद होता है। वैसे तो सूरज की किरणों से बहुत ज्यादा फायदा होता है लेकिन इसके संपर्क में बहुत देर रहने से रैशेस, सनस्ट्रोक और कैंसर जैसी बीमारी हो सकती है। इसलिए आप कुछ सावधानियां बरते हुए अपने बच्चे को धूप से सुरक्षित रख सकती है। बच्चे के लिए सबसे अच्छा यह है कि आप उसे पीक आवर्स के दौरान यानि सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक धुप से दूर रखें। हालांकि, ऐसा करना हमेशा संभव नहीं हो सकता है, इसलिए आपको यहाँ बताया कि आप अपने बच्चे को धूप से होने वाले नुकसान से कैसे बचा सकती हैं।
रिसर्च के मुताबिक हर रोज धुप की अल्ट्रावायलेट किरणों में 15 मिनट बिताने से स्किन कैंसर होने का खतरा दोगुना बढ़ जाता है। इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे को पूरी स्लीव के कपड़े पहनाएं और शॉर्ट्स के बजाय फुलपैंट या स्कर्ट पहनाएं। सबसे जरूरी बात यह कि बच्चे को धुप से बचाने के लिए हल्के रंग के कपड़े पहनाएं जो मजबूती से बुने हुए हों। सिर को ढकने के लिए छोटी कैप के बजाय बड़ी हैट का इस्तेमाल करें और बच्चे को ढीले-ढाले कपड़े पहनाएं।
यूवी किरणें आँखों को प्रभावित करती हैं जिससे बड़े हो कर मोतियाबिंद होने का खतरा होता है। इसलिए बच्चे बाहर ले जाते समय उसे सनग्लास या चश्मा पहना कर ले जाएं। अच्छा चश्मा न केलव आँखों को प्रोटेक्ट करता है बल्कि आँख के आसपास की त्वचा को प्रोटेक्ट करता है।
एसपीएफ (सन प्रोटेक्शन फैक्टर) 30 या उससे ज्यादा वाली सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। अपने बच्चे के शरीर के उन सभी हिस्सों पर इसे लगाएं जो धूप के संपर्क में आते हैं, जिसमें कान, पैर और गर्दन के पीछे वाला हिस्सा शामिल है जिसे अक्सर नजरंदाज कर दिया जाता है। धूप में निकलने से 15 मिनट पहले इसे लगाएं और हर दो घंटे के बाद दोबारा लगाएं। जब मौसम क्लाउडी या बादल छाए हों, तब भी सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें, क्योंकि यूवी किरणें बादलों के माध्यम से आप तक पहुँचती हैं, जो काफी हानिकारक हो सकती हैं भले ही आपको मौसम ठंडा लग रहा हो।
डिहाइड्रेशन पर अक्सर इतना ध्यान नहीं जाता, क्योंकि बच्चे खेलने में व्यस्त होते हैं और खुद को हाइड्रेट रखना भूल जाते हैं। इससे उनमें थकान, चक्कर आना या बेहोशी आने जैसी समस्या पैदा हो सकती है। जब तक एक बच्चे को प्यास लगती है, उससे पहले ही वो डिहाइड्रेटेड हो चुका होता है। इसलिए जब बच्चा खेलने जाए तो उसे उसकी पानी की की बोतल जरूर साथ में दे दें, ताकि वो समय समय पर पानी पी सके और डिहाइड्रेशन से बच सके। चूंकि बच्चे हमेशा दौड़ते कूदते रहते हैं, इसलिए उन्हें बहुत पसीना आता है और इसलिए बड़ों की तुलना में उन्हें ज्यादा पानी की जरूरत होती है।
यदि आपके बच्चे को धूप में बहुत ज्यादा समय तक रहना पड़ता है, तो उसे ‘शेड’ ब्रेक लेने के लिए कहें। उसे दोबारा धूप में जाने से पहले कुछ देर छाएँ में बिताने के लिए कहे। बच्चे के छाएँ में खेलने के लिए आप बेबी टेंट या बड़े छाते का इस्तेमाल कर सकती हैं ताकि वो कम से कम धूप के संपर्क में आए।
रिसर्च के अनुसार कोई भी व्यक्ति बड़ा होने से पहले ही अपने जीवन का 80 प्रतिशत सूरज के संपर्क में बिता चुका होता है। बच्चे को धूप से बचाना बेहद जरूरी है ताकि आगे चलाकर उसे किसी भी बड़ी समस्या का सामना न करना पड़े। माता-पिता बच्चे के लिए उनके रोल मॉडल होते हैं इसलिए आप उन्हें जो बताएंगी वो उसे समझने और उस पर अमल करने की कोशिश करते हैं, इसलिए धूप में बहुत ज्यादा देर रहने से उन्हें नुकसान पहुँच सकता बच्चे को बताएं और यह सन सेफ्टी हैबिट डालें।
यह भी पढ़ें:
20 गुड मैनर्स जो बच्चों को जरूर सिखाना चाहिए
बच्चों पर मोबाइल फोन के 8 हानिकारक प्रभाव व कुछ सेफ्टी टिप्स
हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…
बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…
गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…
गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…
गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…
10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…