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अपने बच्चे को ड्रॉ करना सिखाना उसके जीवन में आर्ट यानी कला को शामिल करने की दिशा में आपका पहला कदम हो सकता है, लेकिन कई स्टडीज से पता चलता है कि जो बच्चे अपने समय और ऊर्जा को किसी नए आर्ट वर्क को बनाने में लगाते हैं उनके मस्तिष्क का संपूर्ण विकास होता है। यह न केवल बच्चों का स्वयं को व्यक्त करने का एक आसान तरीका है, बल्कि यह उनके हाथ और आंख के तालमेल को विकसित करने में भी मदद करता है और उन्हें जीवन के जरूरी कांसेप्ट जैसे कि कलर व्हील, अनुपात, किसी बात को समझने का तरीका, संतुलन और बहुत कुछ सिखाता है।
बच्चे की महत्वपूर्ण शारीरिक विशेषताओं को बताने के अलावा, चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट ने वर्षों से बच्चों के आईक्यू या भावनात्मक स्थिरता (इमोशनल स्टेबिलिटी) को विकसित करने में ड्राइंग या किसी आर्ट वर्क को करना काफी महत्वपूर्ण और कारगर पाया है। इसके अलावा, यह आपके बच्चे की मेंटल हेल्थ और बेहतर विकास में बहुत जरूरी भूमिका निभा सकता है। आर्ट का उपयोग करना बड़ों में डिप्रेशन और तनाव का इलाज करने का एक नेचुरल तरीका साबित हुआ है और इसके साथ ही कलात्मक क्षमताओं (आर्टिस्टिक एबिलिटी) वाले बच्चों में इन बीमारियों का खतरा बेहद कम हो जाता है।
कुछ बाल मनोचिकित्सकों ने पाया है कि आर्ट और ड्राइंग खासकर, आपके बच्चे के मस्तिष्क के विकास को गति दे सकते है। आर्ट, छोटे बच्चों में ऑटिज्म और अन्य बीमारियों के प्रभाव को कम करने का एक प्रसिद्ध तरीका माना गया है। यह बच्चों में उनकी दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों को नियंत्रित करने और उनसे उबरने की सहनशक्ति को बढ़ाता है। ड्राइंग, डिस्लेक्सिया या डिस्ग्राफिया (सीखने में कठिनाई होने वाली समस्या) से पीड़ित बच्चों को इन चुनौतियों से उबरने या उन्हें उचित तरीके से संभालने में मदद करने के लिए भी जानी जाती है। यहां यह समझना जरूरी है कि आर्ट इन बीमारियों का इलाज नहीं है, बल्कि एक उपयोगी टूल की तरह है जो ओवरआल ट्रीटमेंट और उनके वर्क सिस्टम में बच्चे की मदद करता है । यहां माता-पिता को यह भी याद रखना चाहिए कि वह अपने बच्चों में कलात्मक विकास (आर्टिस्टिक डेवलपमेंट) की गति से निराश न हों। क्योंकि हर बच्चे की वृद्धि और अभिव्यक्ति की अपनी अलग गति होती है।
ड्रॉ करना सीखना आपके बच्चे के लिए एक मजेदार एक्टिविटी होनी चाहिए और उसे यह बिल्कुल महसूस नहीं होना चाहिए कि यह स्किल या आदत उस पर जबरदस्ती थोपी गई है। यहां यह तय करें कि आप अपने बच्चे को ड्रॉ करने के लिए तब बिल्कुल न कहें, जब वह ड्रॉ करने मूड में न हो, बल्कि इसकी जगह आप इसे अपने रूटीन का हिस्सा बनाएं और इसे नए, मौलिक और मजेदार तरीके से बनाने का प्रयास करें। यहां एक गाइड भी दी गई है जिसका उपयोग आप अपने बच्चे को ड्रॉ करना सिखाते समय उपयोग कर सकती हैं ताकि यह तय किया जा सके कि वह बिना निराश हुए या दबाव में आए बिना ड्राइंग करने की स्किल को विकसित कर सकता है।
बच्चों के लिए ड्रा करने के टिप्स – उम्र के अनुसार
सबसे जरूरी चीजों में से एक यह चीज हमेशा आपको अपने बच्चे को ड्रॉ करना सिखाते समय ध्यान में रखनी चाहिए कि उसे आर्ट और ड्राइंग करने के लिए जगह और उपकरण (टूल) जरूर दें। छोटे बच्चे जिज्ञासु होते हैं और खुद को अनोखे और अलग-अलग तरीकों से व्यक्त करने की कोशिश करते हैं जिन्हें बहुत ही आसानी से नासमझी या स्किल की कमी होने की वजह से गलत समझा जा सकता है। ऐसे में बच्चे में सकारात्मकता को बढ़ाने के लिए लंबे समय तक किसी खेल या आर्ट वर्क में व्यस्त रखा जाए। साथ ही आपको अपने बच्चे की उम्र के अनुसार आर्ट वर्क या अन्य चीज को उपयोग में लाना चाहिए।
1. दो – पाँच साल
प्रीस्कूलर्स को ड्रॉ करना सिखाना एक बहुत मुश्किल काम लग सकता है, लेकिन यहां इसका उद्देश्य बच्चे को आर्ट और ड्राइंग के जरिए उसे वह तलाशने के लिए प्रोत्साहित करना है, जो कुछ भी वह चाहता है। यहां कुछ टिप्स बताए गए जिन्हें आप ध्यान में रख सकती हैं, वे हैं:
- खेल के समय में आर्ट और ड्राइंग को शामिल करना। इस एक्टिविटी को रोजाना में शामिल करें, जिससे कि आपका बच्चा खेल और मस्ती के साथ आर्ट और ड्राइंग से जुड़ा रहे।
- बच्चे को निराश करने वाली चीजों से दूर रखें और सफलता के लिए उसे हमेशा प्रेरित करती रहें साथ इन सब एक्टिविटी के लिए उनके पास जगह होनी चाहिए और साथ ही हमेशा एक जोड़ी कपड़े अलग से तैयार रखें ताकि अगर बच्चा कपड़े गंदे करे, तो उन्हें बदला जा सके और फर्श पर हमेशा अखबार बिछाकर ही आर्टवर्क करवाएं।
- आपका बच्चा छोटी उम्र में हर नई चीज से उत्साहित होता है। ऐसे में उसे केवल ड्राइंग टूल्स तक ही सीमित न रखें, बल्कि इसकी जगह, उसे खुद को अभिव्यक्त करने और वस्तुओं को समझने के लिए चॉक, रेत और पेंट का प्रयोग करने दें।
- कभी कभी अपने बच्चे को ड्रॉ करना न सिखाएं। इसकी जगह उसे अपने सभी फैसले खुद लेने दें। अगर वह खुद को गुलाबी बाल ड्रॉ करता है, तो उसे ठीक न करें। इसकी जगह, उसकी कोशिश की तारीफ करें और उससे बात करें कि उसने क्या बनाया है।
- ऑब्जरवेशन का प्रयोग अपने बच्चे से यह जानने के लिए करें कि उसने क्या नया बनाया है। आपका ऐसा व्यवहार बच्चे को उसकी कहानी बताने की क्षमताओं में मदद करेगा और यहां तक कि उसे बेहतर करने या ड्राइंग के साथ में जोड़ने में भी मदद कर सकता है।
- आर्ट भावनाओं से डील करने का एक शानदार तरीका होता है जिसे आपके बच्चे को व्यक्त करना या उसे बेहतर तरीके से संभालना बहुत मुश्किल लग सकता है। ऐसे में अगर आपका बच्चा गुस्से में है, तो उसे गुस्से वाली तस्वीर बनाने के लिए कहें।
- उसके अभ्यास को प्रोत्साहित करने के लिए उसकी ड्राइंग सभी को दिखाएं। याद रखें, यह परफेक्ट ड्राइंग या आर्ट नहीं है, बल्कि आर्ट की मदद से वह अपनी अच्छी भावनाएं सामने लाता है।
2. पाँच – नौ साल
इस उम्र में, आपका बच्चा अब किसी चीज को देखकर उसकी ड्राइंग बनाना शुरू कर सकता है। अब तक, वह अपनी सोच और बताए गए पिछले ज्ञान के अनुसार ड्राइंग बना रहा होगा। आप नीचे दिए गए सुझावों के आधार पर उसके अवलोकन कौशल (ऑब्जर्वेशन स्किल) में मदद कर सकती हैं।
- बच्चे को ड्रॉ करने के लिए नई चीजें दें। ऐसी चीजों को चुनें जो जुड़ी हुई हैं और जिनमें एक साधारण जोमेट्री (आकार बने हुए) हो। उसका पसंदीदा कोई सिप्पी वाला कप या खिलौना जैसा कुछ ड्रा करना एक अच्छा आईडिया होगा।
- अपने बच्चे से जानें कि वह विभिन्न चीजों में कौन-सी आकार देख पाता है। जब वह ड्रॉ करे तो उसके साथ बैठें और ड्रॉ शुरू करने से पहले आकृतियों पर बात करें।
- अपने बच्चे को ड्राइंग या आर्ट वर्क में आगे बढ़ाते समय यह ध्यान रखें कि ड्राइंग करते समय कागज को ज्यादा नीचे न रखें। उसे यह महसूस करने में मदद करें कि किसी भी काम का परिणाम सही तकनीक सीखने जितना जरूरी होता है।
- पहले की तरह, उसकी ड्रॉइंग के बारे में सवाल पूछें जो उसे इस मामले पर पहले से ज्यादा सोचने या कुछ ऐसी चीजों को करने के लिए प्रेरित करेगा जो उसने पहले नहीं देखी हैं।
- इस उम्र में बच्चे को एक समय में एक ही तरह के प्रयोग को करने के लिए मोटिवेट करें। इससे आपके बच्चे को यह समझने में मदद मिलेगी कि वह क्या पसंद करता है और इसके साथ ही वह पसंद से जुड़ी चीजों की पूरी लिस्ट और उसकी संभावनाओं को जान पाएगा।
- उसकी ड्राइंग के किसी खास किताब में रखें, इसके साथ ही आप उसे एक प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए प्रेरित कर सकती हैं जिससे वो एक पूरी कहानी को एक ड्राइंग बुक के रूप में बता सके।
- किसी तकनीक को समझाने के लिए बच्चे के किसी जरूरी कागज पर ड्राइंग न बनाएं। इससे अच्छा तो यह है कि वह अपने दम पर विभिन्न विकल्पों को स्वयं ढूंढें।
- उस पर देखकर ड्राइंग बनाने के लिए जोर न डालें। इसकी जगह, आप उसे सप्ताह में केवल एक ऐसी ड्राइंग बनाने के लिए कह सकती हैं, जो उसके लिए यह मायने रखे कि वह ड्राइंग करने इस तकनीक की विभिन्न कांसेप्ट को समझने लगा है।
3. नौ – ग्यारह साल
आपका बच्चा, इस स्टेज पर, ज्यादा मुश्किल कांसेप्ट को समझने में सक्षम होगा। इसमें स्थानों के बीच का संबंध, अर्थ और कठिन माध्यम शामिल हैं।
- केवल किसी चीज की जगह, अपने बच्चे से उस चीज से जुड़ी हुई जगह के बारे में बात करें। क्या अन्य चीजें इसे कवर कर रही हैं? इसे किस पर रखा गया है? वस्तु कहां रखी है?
- अनुपात और ड्राइंग के महत्व को समझने का यह एक अच्छा समय है। वह एक दूसरे के बगल में रखी विभिन्न आकारों वाली कई चीजों को बना सकता है। अब वह खुद को आईने में देखकर या किसी को पोज देने के लिए खुद को देखकर मानव शरीर की रचना कर सकता है और उसे समझना शुरू कर सकता है।
- इस दौरान आपका बच्चा कभी कभी अपनी ड्राइंग के आखिरी परिणाम से निराश हो सकता है। यहां उसे यह याद दिलाएं कि ड्राइंग का रोजाना अभ्यास करना जरूरी है और उसे परिणामों के जगह उसकी प्रक्रिया पर ध्यान देना चाहिए।
- उसे आर्ट के विभिन्न रूपों ड्राइंग के विभिन्न भावों से जरूर अवगत कराएं। उसे संग्रहालयों (म्यूजियम) और कला प्रदर्शनियों (आर्ट एग्जीबिशन) में लेकर जाएं और उसे वहां जो कुछ भी दिखे उसके बारे में उसे बात करने के लिए प्रेरित करें। एक तेज और आलोचनात्मक मस्तिष्क विकसित होने से उसे जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में भी मदद मिलेगी।
- आप अपने बच्चे के लिए वीकली ड्राइंग चैलेंज रख सकती हैं। यह मजेदार और चुनौतीपूर्ण होना चाहिए ताकि वह अपनीपूरी एनर्जी और सोच को मिलाकर कुछ अलग आर्ट बना सके। आप उसे पार्क की सैर के लिए ले जा सकती हैं और उसे वहां एक समय सीमा देकर कुछ भी ड्रॉ करने के लिए कहें है जो वह वहां देखता है। इसके अलावा वह एक ऐसी चीज भी बना सकता है जिसे वह स्कूल में देखता है। चुनौतियों को बच्चे के मुताबिक हल्का और केंद्रित रखें।
अपने बच्चे की ड्राइंग पर प्रतिक्रिया देना
बच्चे अपने काम और व्यवहार के सही या गलत के लिए बड़ों की ओर देखते हैं और यह जरूरी है कि आप ऐसा करें भी। हालांकि, इसके साथ ही यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि आप उसे खुद की भावना को समझने के लिए जरूरी मौका दें। यहां यह तय करें कि आपके बच्चे ने जो कुछ भी ड्रॉ किया है उसमें कमियां न निकालें। आप इसकी जगह, ड्राइंग के कुछ जरूरी पहलुओं के बारे में उसे बताएं और साथ ही खासतौर पर उसके अच्छे किए हुए काम पर तारीफ करें। आपकी आलोचना उसकी ड्राइंग पर टिप्पणी करने की जगह बच्चे की क्षमताओं के विकास पर केंद्रित होनी चाहिए। क्योंकि उन्हें अपने जीवन के इस पड़ाव में सभी के समर्थन और प्रोत्साहन की बहुत जरूरत होती है।
अगर आपका बच्चा समर्थन या प्रोत्साहन महसूस नहीं करता है, तो वह किसी भी एक्टिविटी में दिलचस्पी खोना शुरू कर सकता है। उसकी ड्राइंग को सभी को दिखाने के लिए पिछले टिप्स का पालन करें या उसकी ड्राइंग्स से भरी किताब को बनाए रखें। बच्चे में ड्राइंग करते समय हमेशा उसके खराब होने का डर बने रहने का एक सामान्य संकेत यह है कि अगर ड्राइंग बहुत छोटी बनती है, तो वह पूरे पेज पर बहुत ही अजीब दिखेगी। ऐसे में आप उसे जूते की तरह एक छोटी सी चीज को एक पूरे पेज पर बड़े आकार में बनाने के लिए कहें, और फिर उसके काम की तारीफ करें। इसके अलावा उसके काम में दिलचस्पी लेते हुए उससे कुछ सवाल करें और पर्याप्त समय देकर वास्तव में उसकी प्रक्रिया और प्रगति का हिस्सा बनें।
बच्चों के लिए ड्राइंग करने के फायदे
विकासात्मक फायदों और ड्राइंग के बीच संबंध स्थापित करने के लिए वर्षों से शिक्षकों और शोधकर्ताओं ने कई सारे अध्ययन किए हैं। यह आर्ट बड़ों और बच्चों के लिए समान रूप से फायदेमंद है, लेकिन कम उम्र में शुरू होने पर इसमें और भी निखार आने की संभावना बनी रहती है। यहां बच्चों के लिए ड्राइंग के फायदों की एक सूची दी गई है।
- ड्राइंग, बच्चे की फाइन मोटर स्किल को विकसित करने में मदद करती है। ऐसे कई टूल हैं जिनका उपयोग आपका बच्चा ड्राइंग करते समय कर सकता है। आपको अपने बच्चे को मोटे मार्कर, पतली पेंसिल, क्रेयॉन और फिंगर पेंट का उपयोग करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। ये देखने वाले माध्यम हैं इसलिए आपका बच्चा इन टूल्स के साथ उपयोग की जाने वाली तकनीक पर तुरंत ही प्रतिक्रिया देगा और बाद में उसके मुताबिक समायोजन टूल्स और तकनीक का उपयोग कर सकता है।
- ड्राइंग करना एकाग्रता बढ़ाने में मददगार साबित होता है। जैसे ही आपका बच्चा ड्राइंग करना सीख जाएगा,वह अभ्यास करने लगेगा। अगर वह अपने समय का इस तरह प्रयोग करने में आनंद लेता है, तो ऐसे में उसके लिए लंबे समय तक ध्यान केंद्रित करना आसान हो जाएगा।
- ड्राइंग, हाथ और आंख के बीच का तालमेल बेहतर बनाने में मदद करता है। शारीरिक गतिविधियों को सही तरीके से करने और खेल को खेलते समय हाथ से आंख का अच्छा तालमेल होना बहुत जरूरी होता है।
- ड्राइंग आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करती है। जैसे-जैसे आपका बच्चा ड्राइंग में अपनी स्किल विकसित करता जाता है, वैसे ही उसका आत्मविश्वास भी बढ़ने लगता है। इसके लिए वह अपने लिए कुछ छोटे लक्ष्य बना सकता है। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने से उसका हौंसला भी बढ़ता जाता है।
- ड्राइंग, समस्या का समाधान तलाशने में भी मदद करती है। यहां यह सीखना जरूरी है कि ड्राइंग की योजना कैसे बनाई जाए। प्लेसमेंट से लेकर विषय, माध्यम आदि। यह सभी चीजें ड्राइंग में एक भूमिका निभाती है इसलिए इस पर विचार किया जाना चाहिए। इसके अलावा तैयारी के साथ-साथ ऐसे बदलाव भी करने होते हैं जिनकी जरूरत होती है और इसके लिए तुरंत फैसला लेने की जरूरत होती है।
- आर्ट विजुअल एनालिसिस को बढ़ाने में ड्राइंग मदद करती है। ड्राइंग करना तभी प्रभावी हो सकता है जब आपको दृश्य विश्लेषण (विजुअल एनालिसिस) के मूल सिद्धांतों में महारत हासिल हो। जो ड्राइंग को देखकर उसका अर्थ, दूरी, आकार और बनावट जैसी जरूरी कांसेप्ट को समझ सके।
बच्चे को ड्रॉ करना सिखाना, आपके बच्चे के लिए एक खुशनुमा पल होने के साथ ही किसी ईनाम जीतने वाले अनुभव जैसा होना चाहिए। ड्राइंग के बारे में अपने बच्चे की बातों को समझें और उसे कभी भी ड्राइंग के एक नए चरण (फेज) में जाने के लिए मजबूर न करें। एक बार जब वह ड्राइंग की प्रैक्टिस करने के लिए खुद से तैयार होने लगता है, तो खुद ही उस ओर आगे बढ़ेगा, जो उसे सहज लगता है। यह तय करने के लिए कि वह आर्ट के सभी पहलुओं पर पूरा ध्यान दें, आपको उसे समय समय पर मोटीवेट करते रहना होगा। ड्राइंग को एक दिलचस्प एक्टिविटी बनाने के लिए समय निकालें जो केवल लर्निंग टाइम से अलग हो। गतिविधि से परे हो। अपने बच्चे के साथ समय बिताते समय, म्यूजियम्स और गैलरीज में जाएं। अगर आपका परिवार सफर करना पसंद करता है, तो छुट्टियों में भी गैलरीज में जाएं। अपने बच्चे को गैलरी के उद्घाटन में ले जाएं और उसके साथ वहां पर आर्ट पर चर्चा करें जैसे आप किसी और के साथ करेंगी।
यहां ध्यान रखने वाली सबसे जरूरी बात यह है कि ड्राइंग को ऐसी चीज न बनाएं जो आपके बच्चे के जीवन में दबाव या तनाव को बढ़ाए। अपनी अपेक्षाओं को सीमित करें और अपने बच्चे को सिखाएं कि स्वयं को मैनेज कैसे करें। नतीजा चाहे जो कुछ भी हो लेकिन उसके शौक को प्रोत्साहित करें। ऐसे शौक को बनाए रखना जो एक क्रिएटिव आउटलेट को बनाने की अनुमति देता हैं, ऐसे में उस आउटलेट को बनाने से ज्यादा जरूरी है। आर्ट ,आपके बच्चे को खासतौर पर कैसे मदद कर सकती है और बच्चे को ड्रॉ करना सिखाते समय आपको किन तकनीकों और बिंदुओं को ध्यान में रखना चाहिए, इस बारे में अधिक जानकारी के लिए बाल मनोवैज्ञानिक से सलाह लेना न भूलें।
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