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डिजिटल डिवाइसेस जैसे मोबाइल, टैब, टीवी, लैपटॉप आने के बाद से बच्चों की नींद कम हो गई है और इसलिए उन पर ध्यान देना जरूरी हो गया है। कई पेरेंट्स सोचते हैं कि बच्चों को कम से कम कितने घंटे सुलाना चाहिए और क्या उनका बच्चा पर्याप्त नींद ले रहा है क्योंकि सोने से ही बच्चों में एनर्जी रहती है। इस समय बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास बहुत जरूरी है जो पर्याप्त नींद लेने से होता है।
अच्छी व गहरी नींद लेने के कुछ फायदे यहाँ निम्नलिखित हैं, आइए जानें;
मेडिकल रिसर्च के अनुसार शरीर में हॉर्मोन्स की वृद्धि भी तेजी से तभी होती है जब गहरी नींद में बच्चे सोते हैं।
सोते समय भी दिमाग का दूसरा हिस्सा काम करता रहता है जिससे चीजें ऑर्गेनाइज्ड रहती हैं, मेमोरीज बनी रहती हैं, लंबे समय तक जानकारियां याद रहती हैं। दिमाग के बेहतर फंक्शन के लिए यह बहुत जरूरी है।
यदि बच्चा अच्छी नींद लेता है तो उसका इम्यून सिस्टम मजबूत रहता है जिसकी वजह से उसे छोटी-मोटी बीमारियां, जैसे खांसी या जुकाम भी नहीं होता है।
अच्छी नींद लेने से आलस कम आता है और बच्चा अलर्ट रहता है जिसकी वजह से अपनी क्षमता के अनुकूल बेहतर काम करता है।
कम नींद लेने से शरीर में समस्याए होने लगती हैं, जैसे डिप्रेशन, बाइपोलर डिसऑर्डर, एडीएचडी, एंग्जायटी और आदि।
जब बच्चा रात में अच्छी नींद लेता है तो वे चिड़चिड़े कम होते हैं और स्कूल में एक्साइटिड और जागृत रहते हैं व हर चीज की अच्छी जानकारी लेते हैं।
आराम करने से ही शरीर में एनर्जी आती है। अच्छी नींद लेने से शरीर में ग्लाइकोजन उत्पन्न होता है जो एनर्जी प्रदान करता है और अगले दिन की एक्टिविटीज खुशी से करने में मदद करता है।
कम सोने और ओबेसिटी में सीधा संबंध है। ऐसा मुख्य रूप से इसलिए है क्योंकि कम सोने से आलस आता है और दिनभर थकान रहती है जिससे फिजिकल एक्टिविटीज करना कठिन होता है। इससे लगातार वजन बढ़ता है।
आयु के अनुसार की बच्चों की नींद होती है। इसलिए आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह सही आयु में पर्याप्त नींद ले रहा है। किस आयु में कितनी नींद लेनी चाहिए, आइए जानें;
आयु | नींद लेने का समय (24 घंटे में) |
4 महीने to 12 महीने | 12 से 16 घंटे |
1 और 2 साल | 11 से 14 घंटे |
3 से 5 साल | 10 से 13 घंटे |
6 से 12 साल | 9 से 12 घंटे |
13 से 18 साल | 8 से 10 घंटे |
बच्चों को अच्छी नींद में सुलाने से संबंधित पेरेंट्स के लिए कुछ टिप्स, आइए जानें;
बच्चे को अच्छी नींद लेने की सलाह देने के बजाय आप यह आदत बनाएं कि पूरे परिवार को इसका पालन करना चाहिए। जैसे ब्रश करते या नहाते हैं वैसे ही रात में समय से सोएं।
कुछ सामान्य एक्टिविटीज के लिए टाइम फिक्स करें क्योंकि इससे बच्चे को सुरक्षित महसूस होगा और वह ट्रैक पर ही रहेगा। समान समय पर उठने, समय पर खाने, नैप लेने, बाहर खलने जैसी एक्टिविटीज तभी हो सकती हैं जब टाइम फिक्स होगा और इससे शरीर को रिदम में रहने में मदद मिलती है। जैसे आपने ब्रश करने, बुक पढ़ने और बिस्तर पर लेटने का समय बनाया है बिलकुल वैसे ही सोने का समय भी बनाएं। इससे शरीर जल्दी सोने की अवस्था में जाता है और अच्छी नींद लेने में कठिनाई नहीं होती है।
यदि बच्चे ने दिनभर में बहुत सारी एक्टिविटीज की हैं तो रात में उसे आरामदायक और संतुष्ट नींद आएगी। इस बात का ध्यान रखें कि बच्चा दिन में फिजिकल एक्टिविटी जरूर करे, बाहर समय बिताए और शाम को एक्सरसाइज जरूर करे।
इस बता का ध्यान रखें कि बच्चे के बेडरूम में कोई भी डिवाइस नहीं होना चाहिए। यदि बच्चा डिजिटल डिवाइस मांगता भी है तो उसके उपयोग करने के समय में पाबंदी लगाएं और रात के समय में सभी स्क्रीन्स को बंद कर दें।
कोई भी व्यक्ति शोर वाले माहौल में सोना पसंद नहीं करता है। सोते समय आप अपने कमरे की लाइट धीमी कर दें और बेडरूम में हल्की आवाज रखें ताकि कोई भी डिस्ट्रैक्शन न हो। बेडरूम में शांत जगह पर ही बच्चा आसानी से सो सकता है।
बढ़ते हुए बच्चे के सोने का समय पर्याप्त रूप से बढ़ता है और साथ ही स्कूल में उनकी जिम्मेदारियां भी बढ़ती हैं। इसलिए यह जानना बहुत जरूरी है कि बच्चा अच्छी नींद ले रहा है और समय पर अपनी एक्टिविटीज पूरी कर रहा है या नहीं।
बच्चे को दूध, जूस, फॉर्मूला मिल्क या कुछ भी पिलाने से यह सोते समय उसके मुंह में रह सकता है जिससे बच्चे के दांतों में सड़न हो सकती है। बच्चे को दूध पिलाने के बाद बच्चे को ज्यादा से ज्यादा बैठाएं और यदि आवश्यक हो तो साथ में पानी का एक बोतल भी रखें।
सॉलिड फूड पचाने के लिए ज्यादा एनर्जी की जरूरत होती है। 6 महीने के बच्चे को खाना पचाने में ज्यादा समय लगता है और इससे कभी-कभी बच्चे के पेट में भी दर्द हो सकता है। इससे वह रात मे भी उठ सकता है और उसे गहरी नींद लेने में कठिनाई हो सकती है जो उसके विकास के लिए बहुत जरूरी है।
शाम के समय में बच्चे की एक्टिविटीज को कम कर दें। शांत रहने के लिए उससे कुछ समय खाली रहने दें।
यदि बच्चा रात में उठता है, खर्राटे लेता है या सोते समय उसकी सांसें तेज चलती हैं तो आप उसकी इन चीजों पर ध्यान दें। यह नाक में समस्या होने से हो सकता है।
बच्चा दिन में कितना अलर्ट रहता है इस बारे में आप अपने बच्चे की टीचर से बात करें। यदि बच्चा क्लास में ध्यान नहीं दे पाता है तो इसका अर्थ है कि वह अच्छी नींद नहीं ले रहा है।
यदि आप के बच्चे को सोने से संबंधित कोई भी समस्या है तो आप डॉक्टर से संपर्क करें। वे आपको कोई ट्रीटमेंट लेने की सलाह दे सकते हैं या उसकी आदतों को ऑब्जर्व करने के लिए कह सकते हैं।
सभी के लिए नींद सबसे ज्यादा जरूरी चीज है और इससे बच्चों में विकास होता है। अच्छी नींद लेने से बच्चे भविष्य में हेल्दी होते हैं और उनमें एनर्जी रहती है।
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