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दुनिया में शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति हो जिसे मोल्स यानी के तिल या मस्सों के बारे में पता न हो! ज्यादातर आनुवांशिक होने वाले ये मोल्स त्वचा पर दिखने वाले धब्बे होते हैं। मस्से को बर्थमार्क के रूप में भी जाना जाता है जो त्वचा के किसी भी हिस्से पर मौजूद हो सकते हैं। यदि आप अपने बच्चे की त्वचा पर तिल या मस्से और उसके आकार के बारे में चिंतित हैं, तो आगे दी गई जानकारी को ध्यान से पढ़ें।
वैज्ञानिक रूप से मोल्स को मेलानोसाइटिक नेवस के नाम से जाना जाता है, एक तिल या मस्सा त्वचा पर होने वाला एक सामान्य धब्बा है। यह त्वचा की सतह पर एक छोटे घाव की तरह होता है जो रंग और आकार में अलग-अलग हो सकता है। बच्चे पर होने वाला मोल चपटा, उभरा हुआ, छोटा या बड़ा कुछ भी हो सकता है। मोल्स आमतौर पर इंसान के जीवन के पहले बीस सालों में उभरने के लिए जाने जाते हैं। ये तिल या मस्से समय के साथ बड़े हो सकते हैं या मिट भी सकते हैं।
वैसे तो ज्यादातर ये खतरनाक नहीं होते हैं। ये त्वचा पर होने वाले आम धब्बे हैं जो शरीर के किसी भी हिस्से पर दिखाई दे सकते हैं। कुछ मामलों में, ये स्किन कैंसर का रूप भी ले ले सकते है, जिसे मैलिग्नेंट मेलेनोमा कहा जाता है। एक स्वस्थ बच्चे में इनके ज्यादातर मामलों के लिए अल्ट्रावायलेट (यूवी) किरणें जिम्मेदार होती हैं।
एक जन्मजात मोल या एक विचित्र मोल मेलेनोमा जैसी गंभीर बीमारी की संभावना ज्यादा पैदा करता है। असामान्य तरीके से मस्सों के होने पर आपको जांच करवानी चाहिए ताकि सही स्थिति का पता चल सके, क्योंकि आपके पास अभी भी समय है। पीडियाट्रिक मेलेनोमा के लिए एक ‘एबीसीडीई’ का नियम बनाया गया है, जिसमें ए मेलेनोटिक, ब्लीडिंग, बम्प्स, यूनिफार्म कलर, छोटा डायमीटर, डे नोवो और इवोल्युशन शामिल हैं।
ये मस्से समय के साथ बिलकुल बदल सकते हैं। रंग हो या आकार, मोल्स इंसान के जीवन में कभी भी बदल जाते हैं। हालांकि इसमें बदलाव आना थोड़ा धीमा होता है, यह छोटे आकार से शुरू होते हैं और समय के साथ बड़े हो जाते हैं। समय के साथ इनका रंग भी बदल जाता है, क्योंकि यह जीवन के कुछ वर्षों में गहरा हो जाता है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि, आपके बच्चे के शरीर पर मौजूद तिल या मस्सा भी समय के साथ मिट सकता है, लेकिन इसमें कुछ समय लगेगा।
आपको बता दें कि कभी-कभी इन मस्सों पर बाल भी निकलते हैं जो कि देखने में बदसूरत लगते हैं। इस मामले में आपको डर्मेटोलॉजिस्ट यानी त्वचा विशेषज्ञ से बात करनी चाहिए, क्योंकि अच्छा न दिखने के कारण बच्चे का आत्मविश्वास कम हो सकता है और सामाजिक रूप से वह दूसरों से बातचीत करना बंद कर सकता है।
हालांकि मेलेनोमा जैसी समस्या बच्चों में बहुत कम देखने को मिलती है, लेकिन निम्नलिखित लक्षणों के होने पर इसकी जांच जरूर की जानी चाहिए:
आमतौर पर, एक तिल या मस्सा समय के साथ धीरे-धीरे बढ़ता है और यह सामान्य बात है कि समय के साथ यह हल्का या गहरा हो जाता है। लेकिन अगर बच्चे के शरीर पर मस्सा तेजी से बढ़ रहा है, तो यह चिंता करने की बात हो सकती है। इसके अलावा, मस्से की मौजूदगी पर ध्यान दें। यदि यह बदसूरत और सामान्य से अलग दिखता है, तो यह मेलेनोमा हो सकता है।
आमतौर पर मस्से चपटे होते हैं और यदि उभरते भी हैं तो बहुत छोटे होते हैं। लेकिन अगर यह इस हद तक उठा हुआ है कि आप अपनी आंखों से इसे देख सकती हैं और यह देखने में गुंबद के आकार का लगता है, तो ऐसे में त्वचा विशेषज्ञ से संपर्क करना एक बेहतर विकल्प है। वे इसकी बारीकी से जांच करेंगे और गंभीर पाए जाने पर इसे हटाने का सुझाव भी दे सकते हैं।
ज्यादातर मस्से हानि नहीं पहुंचाते हैं, वो सिर्फ एक धब्बे की तरह त्वचा पर दिखाई देते हैं। हालांकि, कई बार ऐसा भी होता है कि तिल में जलन हो और हद से ज्यादा खुजली होने लगे है कि उससे खून बहना शुरू हो जाए। यदि बच्चों के चेहरे पर या त्वचा पर कहीं भी तिल या मस्सा घाव के समान दिखाई दे, तो एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।
ये मस्से या तिल कभी-कभी बर्थमार्क भी हो सकते हैं या समय के साथ उभर भी सकते हैं। आपके बच्चे के लिए किसी भी समय इसका विकसित होना सामान्य है। हालांकि, अगर आपको लगता है कि एक निश्चित समय सीमा के भीतर बच्चे में बहुत अधिक तिल विकसित हो रहे हैं, तो आप इसकी जांच करवा सकती हैं।
सामान्य मामलों में, मस्सा या तिल गोल आकार का होता है जो कि एक बिंदु जितना छोटा दिखाई देता है। हालांकि, ऐसे मामले भी हैं जहां त्वचा पर एक बड़ा सा दिखाई देने वाला धब्बा हो। बता दें कि अगर एक तिल या मस्सा जो 7 इंच या उससे अधिक डायमीटर का है, तो डॉक्टर द्वारा इसकी जांच कराना जरूरी है।
बर्थमार्क के रूप में उभरने वाले मस्सों पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं होता है। हालांकि आप समय के साथ दिखाई देने वाले मोल्स को रोकने की कोशिश कर सकती हैं। सूरज की किरणों को मस्सों के बार-बार होने और रंग को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। यही कारण है कि धूप में कम जाने की सलाह दी जाती है ताकि उसके जोखिम से बचा जा सके।
इससे बचने का दूसरा तरीका यह होता है कि जब भी आप अपने बच्चे को दिन में खुले में बाहर ले जाएं तो उसे सनस्क्रीन लगाएं। इसके अलावा, जिस जगह पर छाया हो वहां बैठें, जहां आपका बच्चा खेल सके और उस सिर पर टोपी पहनाएं और शरीर कपड़ों से ढक कर रखें।
आमतौर पर, मोल्स एक ऐसी चीज है जिसके बारे में आपको कम से कम परेशान होना चाहिए। लेकिन अगर आपका बच्चा इसमें जलन की शिकायत करता है और हमेशा उस पर खुजली करता रहता है, तो आपको स्किन के डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत पड़ती है। जरूरत पड़ने पर वे इसे हटाने के लिए भी कह सकते हैं।
त्वचा पर तिल या मस्सा होना आम बात है। हालांकि, कभी-कभी, तिल मेलेनोमा जैसी गंभीर समस्या का भी संकेत देता है। मेलेनोमा के लिए प्रभावी उपचार की कमी को देखते हुए पहले से इसकी पहचान करना और निवारण निकालना सबसे प्रभावी उपाय हैं।
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