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बच्चों की उचित वृद्धि और विकास के लिए हर रात उनका कम से कम 10 घंटे की नींद पूरा करना बेहद जरूरी है। बच्चे को जितनी देर सोना चाहिए जब उसे वो नींद नहीं मिलती है, तो उसके अंदर व्यवहार और सेहत से जुड़ी समस्याएं होने की संभावना ज्यादा होती है। इसलिए, अगर आपका बच्चा गहरा नींद में से अचानक बीच रात में जाग जाता है या लगातार कई दिनों तक सोने से इनकार करता है, तो आपको इसके लिए अपने डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए।
इन्सोमिया या अनिद्रा एक स्लीपिंग डिसऑर्डर है जो बच्चे को रात में सोने से रोकता है। अनिद्रा से ग्रसित बच्चा अचानक या जल्दी उठ जाता है और फिर दोबारा नहीं सो पाता है।
अनिद्रा आमतौर पर वयस्कों में देखी जाने वाली समस्या है, लेकिन यह बच्चों में भी हो सकती है। लेकिन बड़ों में अनिद्रा का कारण बच्चों में होने वाली अनिद्रा से अलग होता है। बच्चों को आमतौर पर बिहेवरियल इंसोम्निया की समस्या होती है और 25% बच्चे अपने बचपन में कभी न कभी इसका अनुभव कर सकते हैं।
बच्चों में, अनिद्रा आमतौर पर व्यवहार से संबंधित होती है। बच्चों में अनिद्रा के तीन प्रमुख प्रकार हैं:
बच्चों में अनिद्रा के कई कारण हो सकते हैं। यहाँ आपको बच्चों में अनिद्रा के कुछ कॉमन कारण बताए गए हैं:
स्ट्रेस बच्चों में अनिद्रा का एक प्रमुख कारण हो सकता है। बच्चे अपने आसपास की घटनाओं से काफी हद तक प्रभावित होते हैं। घर में तनाव का माहौल, स्कूल में तंग किया जाना, दूसरे शहर में ट्रांसफर होना या कोई अन्य डर कई बच्चों में नींद की कमी का मुख्य कारण हो सकता है। माता-पिता के लिए तनाव के कारण की पहचान करना और बच्चों में तनाव और एंग्जायटी को कम करने के लिए मेंटल व इमोशनल सपोर्ट जरूरी है।
बच्चे, ज्यादातर टीनएजर में रोजाना बड़ी मात्रा में सोडा का सेवन करने की आदत होती है। कॉफी की तरह सोडा में भी कैफीन होता है जो उन्हें रात में सोने से रोकता है। निकोटिन वाले प्रोडक्ट भी नींद को बाधित कर सकते हैं।
यदि आपका बच्चा डिप्रेशन या एडीएचडी (अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर) की दवा ले रहा है, तो उसे सोने में परेशानी हो सकती है। ये दवाएं बच्चों में सोने के पैटर्न को बदलने और प्रभावित करने के लिए जानी जाती हैं। एलर्जी और अस्थमा के लिए इस्तेमाल होने वाले कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स और दौरे के लिए इस्तेमाल होने वाले एंटीकॉन्वेलेंट्स भी बच्चों में अनिद्रा का कारण बन सकती हैं।
डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी मेडिकल समस्या वाले बच्चों को सोने में समस्या होती है। अस्थमा, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया, फाइब्रोमायल्गिया, मसल्स क्रैम्प आदि जैसी अन्य परेशानियां भी बच्चों की नींद में खलल डाल सकते हैं।
एडीएचडी, ऑटिज्म और एस्पर्गर सिंड्रोम जैसी न्यूरो डेवलपमेंट कंडीशन को भी अनिद्रा का कारण माना जाता है।
तापमान, रोशनी और शोर जैसी चीजें बच्चे की नींद को काफी प्रभावित कर सकती हैं। जिस गद्दे पर बच्चे को लिटाया गया है वो आरामदायक न होना भी बच्चे की नींद को खराब कर सकता है। फोन, वीडियो गेम और कंप्यूटर भी सोते समय बच्चों की नींद को प्रभावित करने का एक बड़ा कारण है।
बच्चों में अनिद्रा के देखे जाने वाले लक्षणों में शामिल हैं:
बच्चों में अनिद्रा का निदान उनकी स्लीप हिस्ट्री के जरिए किया जाएगा। डॉक्टर आपके परिवार में किसी भी स्लीप डिसऑर्डर के बारे में भी पूछ कर सकते हैं। किसी भी मेडिकल समस्या, बच्चे में अनिद्रा का कारण हो सकती है, उसका पता लगाने के लिए डॉक्टर बच्चे का शारीरिक परीक्षण कर सकते हैं।
बच्चे को होने वाले किसी भी स्लीप डिसऑर्डर के बारे में पता लगाने के लिए डॉक्टर पॉली सेमिनोग्राम या स्लीप स्टडी कर सकते हैं। यह स्टडी रात भर स्लीप लैब में की जाती है, जिसमें बच्चे के ब्लड में ऑक्सीजन लेवल, आंखों की हलचल, हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर, और ब्रेन एक्टिविटी आदि मॉनिटर की जाएगी।
बच्चे इतने बड़े नहीं होते हैं कि जिस समस्या का वे सामना कर रहे हैं, उसके बारे में खुद डॉक्टर से बात कर सकें। इसलिए ऑब्जरवेशन और बातचीत माता-पिता पर छोड़ दी जाती है। इसके अलावा, चूंकि अनिद्रा कई अलग-अलग स्थितियों की वजह से हो सकती हैं, इसलिए निदान की प्रक्रिया लंबी और थका देने वाली हो सकती है। बच्चे बड़ों की तरह खुद अनिद्रा से जुड़ी समस्या डॉक्टर को नहीं बता सकते हैं, इसलिए वे निदान के जरिए खुद ही इसका पता लगाने का प्रयास करते हैं।
निदान के आधार पर अनिद्रा का उपचार किया जाता है। बच्चों में अनिद्रा के लिए कुछ उपचार यहां बताए गए हैं, जो इस प्रकार शामिल हैं:
यदि आपका बच्चा अनिद्रा से पीड़ित है, तो दवाओं का विकल्प चुनने से पहले, अनिद्रा के लिए कुछ घरेलू उपचारों को आजमाना ज्यादातर बेहतर विकल्प है। ज्यादातर अनिद्रा का इलाज घरेलू उपायों की मदद से किया जा सकता है।
नींद की कमी आपके बच्चे के विकास पर सच में गंभीर प्रभाव डाल सकती है। अगर बच्चे को उसकी उम्र के अनुसार पर्याप्त रूप से नींद नहीं मिलती है, तो ठीक से आराम न कर पाने के कारण उसका कॉग्निटिव विकास धीमा हो सकता है। बच्चों में अनिद्रा होने का क्या कारण है और अनिद्रा से पीड़ित बच्चों की किस प्रकार से सहायता की जा सकती हैं आप इस लेख के अलावा अपने डॉक्टर से भी संपर्क कर सकती हैं। समय पर एक्शन लेना बहुत जरूरी ताकि आप बच्चे को इस समस्या से जल्दी उबरने में मदद कर सकें।
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