In this Article
पीनट बटर बहुत टेस्टी होता है और इसमें कई आवश्यक न्यूट्रिएंट्स भी होते हैं। यह स्वादिष्ट होने के साथ-साथ शरीर में इम्युनिटी मजबूत करता है और डायबिटीज, दिल के रोग और अन्य गंभीर समस्याओं को दूर रखता है। यदि आपके बच्चे ने सॉलिड फूड खाना शुरू कर दिया है और आप उसे पीनट बटर देना शुरू करने का सोच रही हैं तो आप जरूर जानना चाहती होंगी कि बच्चे की डायट में पीनट बटर कैसे और कब शामिल करें। यह सलाह दी जाती है कि बच्चे को पीनट बटर खिलाना शुरू करने से पहले आप डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
बच्चे को पीनट बटर कब खिलाना शुरू करें
बच्चे को पीनट बटर कब खिलाना चाहिए यह एक आम सवाल है। चूंकि मूंगफली बहुत ज्यादा एलर्जिक होती है इसलिए पेरेंट्स अपने बच्चे को यह देने में हिचकिचाते हैं। आप बच्चे को 10 महीने के बाद इसे थोड़ा-थोड़ा करके खिला सकती हैं। जिन बच्चों के परिवार में किसी को एलर्जी होती है, जैसे अंडे से एलर्जी या एक्जिमा उन्हें इसे खाने से एलर्जी होने का खतरा होता है। रिसर्च के अनुसार बच्चे को जल्दी मूंगफली खिलाना शुरू करने से उसे भविष्य में इससे एलर्जी नहीं होती है। पर आप अपने बच्चे को पीनट बटर डॉक्टर की सलाह के बाद ही खिलाएं।
छोटे बच्चों को पीनट बटर कैसे खिलाएं
बच्चे को पहली बार पीनट बटर खिलाने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरूरी है। बच्चे को पीनट बटर खिलाना शुरू करते समय निम्नलिखित बातों पर ध्यान दें;
- बच्चे को पीनट बटर थोड़े-से गुनगुने पानी में मिलाकर प्यूरी के रूप में खिलाएं। उसे चम्मच से थोड़ा सा पीनट बटर खिलाकर लगभग 10-15 मिनट 24 घंटों तक चेक करें। यदि बच्चे को इससे एलर्जी नहीं होती है तो उसे रैशेज, हाइव्स या रेस्पिरेटरी समस्याएं भी नहीं होंगी। इन मामलों में आप बच्चे को लगातार पीनट बटर खिला सकती हैं।
- आप बच्चे के होठों के निचले हिस्से में थोड़ा सा पीनट बटर रख कर चेक कर सकती हैं। यदि उसे मूंगफली से एलर्जी है तो इसके लक्षण तुरंत दिखाई देंगे।
- यदि बच्चे को पीनट बटर से एलर्जी नहीं है तो फिर भी आप उसे यह थोड़ी-थोड़ी मात्रा में देना शुरू करें।
बच्चों को पीनट बटर खिलाने से पहले ध्यान देने योग्य सावधानियां
पीनट बटर बहुत ज्यादा एलर्जिक होता है। बच्चे को पहली बार खिलाने से पहले आपको इससे संबंधित कुछ जरूरी बातें जान लेनी चाहिए। आप बच्चे को पीनट बटर से होने वाली एलर्जी से कैसे बचा सकती हैं, आइए जानें;
- बच्चे को एलर्जेनिक फूड, जैसे अंडे या पीनट बटर खिलाना शुरू करने से पहले आप उसे शुरू में सेमी-सॉलिड फूड या सॉलिड फूड, जैसे चावल, फल और सब्जियां खिलाएं क्योंकि इससे एलर्जी होने की संभावनाएं कम होती हैं। बच्चे को कोई भी नया फूड खिलाने से पहले 3-4 दिनों तक रुकें और उसमें इसके एलर्जिक रिएक्शन के लक्षण चेक करें। यदि आपको इससे संबंधित रिएक्शन के कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे वह फूड खिलाना तुरंत बंद कर दें।
- बच्चे को पीनट बटर या मूंगफली की कोई भी चीज खिलाने की शुरुआत किसी रेस्टोरेंट और अन्य जगहों के बजाय घर में ही करें। हालांकि कुछ मांएं यह डॉक्टर के क्लिनिक में करती हैं।
- बच्चे को पीनट बटर खिलाते समय सावधान रहें क्योंकि इसका टेक्सचर गाढ़ा होता है जो उसके गले में भी अटक सकता है।
- बच्चों को धीरे-धीरे और कम मात्रा में पीनट बटर खिलाना शुरू करना चाहिए।
- बच्चे को पीनट बटर खिलाने से पहले इस बारे में एक एलर्जिस्ट से बात करें।
बच्चों को पीनट बटर से होने वाली एलर्जी
पीनट बटर से गंभीर एलर्जिक रिएक्शन होते हैं। यह तब होता है जब एंटीबॉडीज पीनट द्वारा हिस्टामाइन के रिलीज करने पर विपरीत प्रोटीन से लड़ने में मदद करते हैं।
इस रिएक्शन की वजह से शरीर में कुछ लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे रैशेज, खुजली या हाइव्स। इसकी वजह से त्वचा लाल हो जाती है और इसमें कभी-कभी चेहरे, मुँह या शरीर के अन्य भागों पर बंप्स आ सकते हैं। यह रिएक्शन पीनट बटर खाने या शरीर में लगने की वजह से भी होता है।
गंभीर मामलों में बच्चे को पीनट बटर से रेस्पिरेटरी समस्याएं भी होती हैं जिसे एनाफिलैक्सिस कहते हैं। इस समस्या में गले में सूजन हो जाती है जिससे सांस लेने में भी दिक्क्त हो सकती है। इससे ब्लड प्रेशर कम हो जाता है, पल्स रेट तेज हो जाता है और इसके परिणामस्वरूप बच्चे को मानसिक समस्या हो सकती है।
बच्चों में पीनट बटर से होने वाली एलर्जी के लक्षण
पीनट बटर से होने वाली एलर्जी के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर भी हो सकते हैं। यदि बच्चे को मूंगफली से एलर्जी है तो आप इस बारे में डॉक्टर से चर्चा करें। पीनट बटर से होने वाली एलर्जी के कुछ लक्षण निम्नलिखित हैं, आइए जानें;
- यदि त्वचा में छोटे बड़े धब्बे या बंप्स के साथ खुजली होती है।
- गले व मुँह के आसपास खुजली होती है या सेंसेशन होती है।
- कुछ मामलों में यदि बच्चे के शरीर में पीनट बटर लग जाता है तो उसे उस भाग में खुजली होने लगती है।
- मूंगफली की धूल या छिलके से बच्चे को छींक आती है या खराश हो सकती है।
- पीनट बटर से बच्चे को मतली, दस्त, पेट में क्रैंप या चक्कर भी आ सकते हैं।
- बच्चे की नाक बंद हो सकती है या बह सकती है जिसकी वजह से उसे सांस लेने में दिक्क्त होगी।
- कुछ दुर्लभ मामलों में बच्चे को एनाफिलैक्सिस हो सकता है जिससे उसकी रेस्पिरेटरी समस्याएं बढ़ सकती हैं और शरीर को झटका लगता है।
बच्चों के लिए पीनट बटर की रेसिपीज
पीनट बटर की रेसिपीज में बहुत सारे न्यूट्रिएंट्स, डायटरी फाइबर, प्रोटीन और विटामिन होते हैं। पीनट बटर से बने फूड से बच्चे की हड्डियां मजबूत होती हैं और कब्ज की समस्याएं खत्म हो जाती हैं। यहाँ पर बच्चों के लिए पीनट बटर की हेल्दी रेसिपीज बताई गई हैं जिन्हें आप घर में ही बना सकती हैं। पर इसे ट्राई करने से पहले आप एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें। वे रेसिपीज कौन सी हैं आइए जानें;
1. पीनट बटर और केले की स्मूदी
यह क्रीमी व टेस्टी मिल्कशेक है जिसे दूध में केले व पीनट बटर डालकर बनाया गया है। यह बनाने में बहुत आसान है और इससे पेट भी भर जाता है।
सामग्री
- केले – 2
- दूध – 2 कप
- पीनट बटर – 2 बड़े चम्मच
विधि
- केले को छीलकर छोटा-छोटा काट लें।
- ब्लेंडर में दूध के साथ केले और पीनट बटर डालकर ब्लेंड कर लें।
- इसे छोटे से गिलास में डालकर सर्व करें।
2. पीनट बटर कुल्फी
यह टेस्टी इंडियन कुल्फी और पीनट बटर का एक बेहतरीन कॉम्बिनेशन है।
सामग्री
- दूध – 1 लीटर
- चीनी – 2 बड़े चम्मच
- नमक – चुटकी भर
विधि
- एक पैन में दूध गर्म करें।
- दूध में चीनी मिलाकर तब तक उबालें जब तक इसकी मात्रा आधी न हो जाए।
- दूध आधा हो जाने पर इसमें पीनट बटर और नमक डालकर अच्छी तरह से मिलाएं।
- अब आप इस मिश्रण को कुल्फी के खांचे में डालकर 5-6 घंटे के लिए फ्रीजर में रख दें।
पीनट बटर के टेस्ट, हेल्दी और क्रीमी टेक्सचर की वजह से अक्सर लोग इसे खाना पसंद करते हैं। हालांकि यह एक सामान्य एलर्जेन है और यदि आपके बच्चे को मूंगफली से एलर्जी है तो आप उसे पीनट बटर न खिलाएं। बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य से ज्यादा जरूरी कुछ भी नहीं है।
यह भी पढ़ें:
बच्चे की डाइट में चीज़ शामिल करना
बच्चों के लिए ब्राउन राइस – फायदे और रेसिपीज
बच्चों के लिए ड्राई फ्रूट्स – कब और कैसे दें