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पर्यावरण को बचाना या इसका संरक्षण अब कोई विकल्प नहीं है, बल्कि यह हमारे लिए एक आवश्यकता बन गई है। बढ़ती जनसंख्या, प्रदूषण और तकनीक के दुरुपयोग के कारण हमारा पर्यावरण एक गंभीर खतरे का सामना कर रहा है। इसलिए, आने वाली पीढ़ी को पर्यावरण को बनाए रखने और बचाने के विभिन्न तरीकों के बारे में जागरूक करना बहुत जरूरी हो गया है। पर्यावरण की रक्षा करने का एक तरीका है, जिसमें तीन ‘आर’ – रिड्यूस, रीयूज और रीसायकल अर्थात कम उपयोग, दोबारा उपयोग और रीसायकल करना शामिल है।
आपके बच्चे को शायद इस बात का एहसास न हो कि रोजमर्रा का घरेलू कचरा किसी जादू से गायब नहीं हो रहा है बल्कि पर्यावरण को प्रदूषित करने के लिए कहीं और फेंक दिया जाता है। आप अपने बच्चे को यह समझाने में मदद कर सकती हैं कि उसके किए गए सभी सही और गलत कामों का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ सकता है और उसे घरेलू कचरे में अपना योगदान कम करने के लिए प्रेरित कर सकती हैं। घर पर पर्यावरण के मुताबिक चलने वाली प्रथाओं का पालन करने वाले माता-पिता न केवल अपने बच्चों को रिड्यूस, रीयूज और रीसायकल की अवधारणा को समझा सकते हैं, बल्कि उन्हें इसे अपने रोजाना के जीवन में अपनाने और लागू करने के लिए भी प्रोत्साहित कर सकते हैं।
हमारे बच्चों को संसाधनों का उपयोग कम करने, उनका पुन: उपयोग करने और उनके रीसायकल यानी पुनर्चक्रण के महत्व और इसके फायदों के बारे में जागरूक करना पर्यावरण को बचाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम बन सकता है, लेकिन आसान तरीके से रिड्यूस, रीयूज और रीसायकल के इस कांसेप्ट को अमल में कैसे लाएं जिससे बच्चे इस प्रक्रिया को बेहतर रूप से समझ सकें? इसे स्पष्ट रूप से कहें तो इसके लिए सबसे पहले आपको कचरे की मात्रा को कम करना होगा, रचनात्मक तरीकों से चीजों का पुन: उपयोग करना होगा और उपयोग की गई चीजों को अन्य दूसरे उत्पादों में बदलने के लिए रीसायकल करना होगा क्योंकि बच्चे आपसे बहुत कुछ सीखते हैं।
बच्चों को चीजों का महत्व को समझाना चाहिए और उन्हें बताना चाहिए की हमें अपने आसपास किसी भी प्रकार की गंदगी नहीं करनी चाहिए। हमे उन्हें यह बताना चाहिए कि जरूरत और चाहत के बीच अंतर होता है और हमे अपनी आवश्यकताओं के अनुसार ही चलना चाहिए। इसकी शुरूआत आप छोटी-छोटी चीजों से करें कैसे उन्हें दिन के समय लाइट बंद करना बताएं, क्योंकि खिड़की-दरवाजे के पर्दे हटाने से कमरे में पर्याप्त रोशनी आ सकती है। जब वो अपने दाँत ब्रश कर रहे हों तो पानी का नल बंद कर दें और मुँह धोने के दौरान ही इसे वापस चालू करें। ये बातें जो मामूली हैं, बहुत महत्व रखती हैं, जिन्हें बच्चों को शुरू से ही समझाया जाना चाहिए। इसी तरह, बच्चों को खाली कंटेनर, पुराने कपड़े, खिलौने या कागज को फेंकने की जगह नए तरीके से उन्हें दोबारा उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। बच्चों को उनसे नए उत्पाद बनाने के लिए कागज, प्लास्टिक, टिन, कार्डबोर्ड को रीसायकल करके कुछ नया बनाने के लिए भी कहा जा सकता है।
हमारा पर्यावरण तेजी से प्रभावित हो रहा है। ऐसे में अपने बच्चों को रिड्यूस, रीयूज और रीसायकल के बारे में सही से जागरूक किया जाना चाहिए, जिससे यह मुहिम उनके जीवन का एक अहम हिस्सा बन सके, इससे हम अपनी पृथ्वी के वातावरण में काफी सुधार कर सकते हैं। अगर बच्चे मूल्यवान प्राकृतिक संसाधनों की खपत को कम से कम करना सीखते हैं, चीजों का पुन: उपयोग करना शुरू करते हैं, साथ ही बर्बादी कम करते हैं, तो ऐसे में वो तेजी से घटते प्राकृतिक संसाधनों की स्थिति को सुधारने और बढ़ते प्रदूषण की मात्रा को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
एक उदाहरण के जरिए आप अपने बच्चे को रिड्यूस, रीयूज और रीसायकल के बारे में समझा सकती हैं। इसके लिए शुरुआत आपको करनी होगी, वो भी अपने ही घर से, बाद में आप समाज, देश और फिर विश्व स्तर पर इसके लिए काम करें और बच्चे को भी इसके लिए प्रोत्साहित करें। बच्चों को संसाधनों का कम उपयोग करने, पुन: उपयोग करने और रीसायकल करने के लिए सिखाने के कई मजेदार तरीके हैं। नीचे रिड्यूस, रीयूज और रीसायकल करने की एक्टिविटीज की लिस्ट दी गई है:
रिड्यूस करने के लिए कुछ उपयोगी टिप्स इस प्रकार हैं:
रीयूज करने के तरीके के बारे में कुछ उपयोगी सुझाव हो सकते हैं:
रीसायकल करने के तरीके के बारे में कुछ सुझाव हो सकते हैं:
बच्चों को निम्नलिखित तरीकों से रीसायकल चीजें खरीदना सिखाया जा सकता है:
माता-पिता को यह जानने की जरूरत है कि अपने बच्चों को रिड्यूस, रीयूज और रीसायकल करने के लिए शुरू से ही प्रशिक्षित करें अगर आपने अभी यह नहीं शुरू किया है, तो भी देर नहीं हुई है। उन्हें इसका महत्व बताएं। घर पर कंजर्वेशन प्रैक्टिस अपनाकर आपके बच्चे कल एक स्वच्छ और उज्जवल भविष्य को सुरक्षित करने में मदद कर सकते हैं। इसलिए उन्हें रिड्यूस, रीयूज और रीसायकल का अभ्यास करना सिखाएं।
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