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कई पेरेंट्स अपने बच्चे के रोल करने, क्रॉल करने और चलने के डेवलपमेंटल माइलस्टोन पर ध्यान देते हैं। इसके साथ बच्चे की वृद्धि के लिए उसका पिंसर ग्रास्प यानी अँगुलियों से पकड़ना सीखना बहुत जरूरी है और ज्यादातर पेरेंट्स बच्चे में इस विकास पर ध्यान नहीं देते हैं। इस स्किल को सीखने से बच्चा बढ़ने के साथ कई काम कर सकता है जिसकी वजह से यह बच्चे में होने वाले सबसे महत्वपूर्ण विकास में से एक है।
जब एक छोटा बच्चा अपने अँगूठे और तर्जनी अंगुली यानी इंडेक्स फिंगर से किसी चीज को उठाने का प्रयास करता है तो इसे पिंसर ग्रास्प कहते हैं। बच्चों में यह विकास 9 महीने से 12 महीने की आयु के बीच में होता है और इससे बच्चा चीजें पकड़ने और उठाने के मेकैनिक्स को समझने में सक्षम होता है। इससे बच्चे के दोनों हाथों में मजबूती आती है और वह अपने दोनों हाथों से चीजें उठाना शुरू कर देता है।
जन्म के बाद से ही बच्चे को प्राकृतिक रूप से पता होता है कि हथेली का उपयोग करके चीजों को कैसे पकड़ना चाहिए। इसे पामर ग्रास्प कहते हैं जिसमें चीजों को पकड़ने के लिए हथेली का उपयोग किया जाता है। बच्चे में एक साल के भीतर ही चीजों को उठाने और पकड़ने की समझ आ जाती है। सभी बच्चों में निम्नलिखित चरणों के अनुसार ही पिंसर ग्रास्प की मदद से चीजों को पकड़ने व उठाने का विकास धीरे-धीरे होता है, आइए जानें;
जन्म के बाद से दो महीने की आयु तक बच्चा अपनी हथेली को खोलना और मुट्ठी बंद करना शुरू करता है। इस चरण में बच्चा अपने हाथ में आपकी अंगुली, कपड़ा और आपके बाल से लेकर किसी भी चीज को पकड़ सकता है।
इस समय बच्चे में हाथ और आँखों का कोआर्डिनेशन विकसित होता है इसलिए वह धीरे-धीरे चीजों का अनुभव लेना शुरू करेगा। इस आयु में बच्चा अपने हाथ व पैरों को देखता और महसूस करता है जिसे हैंड रिगार्ड कहते हैं। बच्चा अपने दोनों हाथों को बीच में लाकर सामने टंगी हुई चीजों को पकड़ने का प्रयास करता है। यद्यपि इस समय बच्चा चीजों को पकड़ नहीं पाता है पर वह इन्हें अपने पास रखने में सक्षम होता है।
इस आयु में बच्चा अपनी हथेली का उपयोग करके चीजों को अच्छी तरह से पकड़ पाता है जिसे वॉलंटरी स्किल्स कहते हैं। बच्चा दोनों हाथों की अँगुलियों को मोड़कर चीजों को पकड़ पाएगा और उन्हें दबा पाएगा।
इस आयु में बच्चा बिना किसी सपोर्ट के बैठना शुरू कर देता है और अपने हाथों का उपयोग करना शुरू कर देता है। बच्चा एक हाथ से चीजों को पकड़ना शुरू कर देगा और वह अपने टॉयज को एक हाथ से दूसरे हाथ में लेना भी शुरू कर देगा। यहाँ तक कि आपका बच्चा अपनी अँगुलियों व अँगूठे से छोटी-छोटी चीजों को उठाना भी शुरू कर देता है।
इस समय बच्चा चीजों को अपने अँगूठे व इंडेक्स फिंगर से उठाना शुरू कर देगा। शुरूआत में वह चीजों को कसकर नहीं पकड़ पाएगा और वह अँगुली व अँगूठे से किसी भी चीज को हल्के से पकड़ेगा और उठाएगा। पर जैसे-जैसे बच्चा एक साल का होगा उसे किसी भी चीज को अँगूठे व अँगुली कसकर पकड़ना भी आ जाएगा, जैसे पेन पकड़ना।
हर बच्चे में अलग-अलग तरीके व तेजी से विकास होता है। अन्य बच्चों की तुलना में प्रीमैच्योर बच्चे किसी विशेष माइलस्टोन को देरी से पूरा कर पाते हैं। यदि बच्चे में उत्सुकता नहीं है तो यह भी हो सकता है कि वह अभी पिंसर ग्रास्प विकास के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं है। हालांकि यदि आपका बच्चा 12 महीने से ज्यादा का है तो आप बच्चे में मोटर स्किल्स के विकास और सेरिब्रल पाल्सी या ऑटिज्म के बारे में चर्चा करने लिए तुरंत पेडिअट्रिशन से संपर्क करें।
यदि आपके बच्चे में पिंसर ग्रास्प का विकास अभी तक नहीं हुआ है या आप इसे विकसित करने में उसकी मदद करना चाहती हैं तो बच्चों के लिए पिंसर ग्रास्प की निम्नलिखित एक्टिविटीज का उपयोग जरूर करें, आइए जानते हैं;
बच्चे में पिंसर ग्रास्प स्किल्स डेवलप करने के लिए आप कुछ विशेष टॉयज का उपयोग भी कर सकती हैं। इसमें बच्चे को मजा भी आएगा और उसके लिए एक इंटरैक्टिव अनुभव भी होगा। वे कौन सी एक्टिविटीज या टॉयज हैं, आइए जानें;
पिंसर ग्रास्प स्किल का विकास होने के बाद बच्चे को चीजों की बेहतर समझ होने लगती है। बच्चे के पास चीजें लाने के बजाय वह खुद से चीजों को उठाएगा और पकड़ेगा। वह किसी भी चीज के आकार, टेक्सचर और वजन को अपने हाथ से छूकर समझेगा और चूंकि बच्चे में मुख्य रूप से समझ का विकास होना शुरू हो जाता है इसलिए वह किसी भी चीज को मुँह में डालने से बचेगा। बच्चे में लिखने, ड्रॉइंग करने, कलर करने, कैंची पकड़ने और अन्य स्किल्स का विकास होने के लिए यह स्किल विकसित होना बहुत जरूरी है। इस स्किल की मदद से बच्चा अकेले सीखना शुरू कर देता है और कुछ एक्टिविटीज खुद से करने लगता है, जैसे ब्रश करना और खुद से कपड़े पहनना।
आपने देखा होगा कि सभी बच्चे पिंसर ग्रास्प हमेशा एक समय पर ही नहीं सीखते हैं। बच्चों में आयु और मोटर स्किल्स से संबंधित विकास अलग-अलग भी हो सकते हैं। इसलिए यदि आपका बच्चा पिंसर ग्रास्प जल्दी नहीं सीख पा रहा है तो आप चिंता न करें। इसे विकसित करने के लिए बच्चे की मदद करें और यदि 12 महीनों के अंदर उसमें यह विकास नहीं होता है तो तुरंत पीडिएट्रिशन से मिलें।
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