बड़े बच्चे (5-8 वर्ष)

बच्चों में टाइफाइड – कारण, लक्षण और उपचार

आपके बच्चे का मानसिक और शारीरिक विकास आपकी सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए। हमें पूरा विश्वास है कि आप अपने बच्चे को सुरक्षित और स्वस्थ रखने के लिए हर जरूरी प्रयास कर रही होंगी, लेकिन बड़ों की ही तरह हमारे बच्चे भी बीमार हो जाते हैं और कभी-कभी बच्चे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हो सकते हैं, जिसके लिए तुरंत मेडिकल अटेंशन की आवश्यकता हो सकती है। उदाहरण के लिए, टाइफाइड, जो एक बैक्टीरियल इंफेक्शन होता है और बच्चों को प्रभावित कर सकता है। आमतौर पर टाइफाइड के लक्षण जल्दी दिखाई देने लगते हैं। टाइफाइड के लक्षण और उपचार के विकल्पों के बारे में अधिक जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें।

टाइफाइड बुखार क्या है?

टाइफाइड बुखार साल्मोनेला टाइफी इंफेक्शन के कारण होता है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है, लेकिन इसका इलाज किया जा सकता है और यह घातक साबित नहीं होगा, अगर इसका निदान जल्दी हो जाए। इंफेक्शन अक्सर दूषित पानी या भोजन के सेवन से होता है। बच्चों को अक्सर इंफेक्शन के बाद सबसे पहले तेज बुखार आता जो लगातार बना रहता है और धीरे-धीरे 102 डिग्री फारेनहाइट से 105 डिग्री फारेनहाइट तक बढ़ जाता है।

बच्चों में टाइफाइड क्यों होता है?

बच्चों को टाइफाइड बुखार हो सकता है अगर वो उचित और जरूरी स्वच्छता बनाए नहीं रखते हैं। एक्यूट टाइफाइड से पीड़ित व्यक्ति मल के माध्यम से बैक्टीरिया को पास कर सकता है, जिससे बैक्टीरिया हफ्तों तक सीवेज में जीवित रह सकते हैं। आमतौर पर एक वयस्क व्यक्ति को रोग को फैलाने वाला माना जाता है, जिसे वे मल या मूत्र के माध्यम से पास करते हैं।

यहां टाइफाइड के कारण और इसे रोकने के तरीके दिए गए हैं:

  • दूषित भोजन करना
  • दूषित पानी पीना
  • स्वच्छता का ध्यान न रखना, उदाहरण के लिए, अगर हाथ बार-बार नहीं धोए जाते हैं, खासकर बाथरूम का उपयोग करने के बाद और खाने से पहले तो यह टाइफाइड का कारण बन सकता है।
  • सीवेज के पास मौजूद गंदे रेहड़ी-पटरी वालों के पास से भोजन करना।
  • ऐसी सब्जियां और फल खाना जो अच्छी तरह से साफ न किए गए हों।
  • जिन लोगों को टाइफाइड है और वो छींकते और खांसते समय हाथ या रुमाल का उपयोग नहीं करते हैं तो वो लोग अपने आसपास के भोजन को भी संक्रमित कर सकते हैं।

बच्चों में टाइफाइड के लक्षण क्या हैं?

इंफेक्शन होने के बाद टाइफाइड के लक्षण दिखने में एक से दो सप्ताह का समय लग सकता है, जो हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं। कुछ लक्षण नीचे दिए गए हैं –

1. तेज बुखार

अगर आपके बच्चे को टाइफाइड इंफेक्शन हुआ है, तो सबसे पहला लक्षण जो आप देखेंगे वह है तेज बुखार। टाइफाइड में बुखार शुरू में हल्का हो सकता है लेकिन यह कुछ दिनों के बाद बढ़ सकता है। यह बुखार लंबे समय तक बना रह सकता है।

2. गले में खराश

गले में खराश होना, बच्चों में टाइफाइड का एक और सबसे आम लक्षण है। अगर आपका बच्चा गले में तकलीफ और काफी दर्द की शिकायत करता है, तो उसे टाइफाइड हो सकता है।

3. थकान और कमजोरी

अच्छी नींद लेने के बावजूद अगर बच्चा लंबे समय तक बहुत ज्यादा थकान और कमजोरी महसूस करता है तो यह भी टाइफाइड होने का संकेत हो सकता है। कई बार बच्चे इंफेक्शन से इतने कमजोर हो जाते हैं कि वो खुद से उठने और बिना किसी सहारे के बैठ पाने में स्वयं को असमर्थ महसूस करते है।

4. भूख में कमी

अगर आपका बच्चा बार-बार खाना खाने से मना कर रहा है, और उसके गले में खराश है, तो इसका मतलब उसके शरीर में लगातार इंफेक्शन बना हुआ है।

5. डायरिया

टाइफाइड से इंफेक्टेड बच्चों को कभी-कभी दस्त या दस्त के साथ तेज बुखार हो सकता है।

6. पेट दर्द

अगर बच्चा पेट में तेज दर्द की शिकायत करता है, तो उसे टाइफाइड होने की संभावना काफी ज्यादा बढ़ जाती है।

7. कब्ज

अगर आपके बच्चे को मल त्याग करने में कठिनाई होती है और वो कई दिनों तक पेट फूला हुआ महसूस करता है, तो यह टाइफाइड इंफेक्शन होने के अलावा कब्ज होने का भी संकेत हो सकता है। 

8. सिरदर्द

अगर बच्चे को लंबे समय तक सिरदर्द के अलावा सिर में भारीपन महसूस होने की भी शिकायत हो रही है तो यह इंफेक्शन होने के कारण भी हो सकता है।

9. पेट पर सूजन आना

टाइफाइड होने पर कुछ बच्चों के पेट में सूजन भी आ सकती है। अगर आपको अपने बच्चे के पेट पर सूजन दिखे, तो उसे टाइफाइड के टेस्ट के लिए तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं।

10. जीभ पर परत जमना

अगर आपका बच्चा गले में खराश की शिकायत करता है, तो उसकी जीभ को तुरंत देखें कि क्या उस पर सफेद या अन्य रंग की कोई परत जम रही है। अगर ऐसा है, तो यह इंफेक्शन होने का एक और संकेत माना जाता है।

टाइफाइड होने का खतरा किसे होता है?

निम्नलिखित कारकों के संपर्क में आने वाले बच्चों में टाइफाइड विकसित होने की संभावना अधिक होती है:

  • साफ पीने के पानी की पहुंच न होना
  • भोजन करने से पहले बार-बार हाथ न धोना

टाइफाइड बुखार का निदान कैसे किया जाता है?

अगर आपने अपने बच्चे में टाइफाइड के एक या उससे अधिक लक्षण देखे हैं जैसे तेज बुखार, पेट में सूजन, रैशेस, तो उसे टाइफाइड हो सकता है। ऐसे में आपको सबसे पहले उसे डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।

  • डॉक्टर सबसे पहले इंफेक्शन से जुड़े कुछ लक्षण पूछते हैं।
  • इसके बाद वह तेज बुखार, रैशेस और जीभ पर परत जमने की जांच करेंगे।
  • अगर कोई अन्य कॉम्प्लिकेशन है, तो यह पुख्ता करने के लिए डॉक्टर मेडिकल हिस्ट्री के बारे में भी पूछ सकते हैं।
  • इसके अलावा, डॉक्टर टाइफाइड बुखार का निदान करने के लिए ब्लड टेस्ट करवाने का भी सुझाव दे सकते हैं। साथ ही, वह मल या मूत्र के सैंपल में बैक्टीरिया के टेस्ट करने के लिए भी कह सकते हैं।

बच्चों में टाइफाइड का इलाज कैसे किया जाता है?

टाइफाइड का शुरुआती दौर में इलाज करवाना जरूरी है वरना यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। आपके बच्चे की स्थिति को जानने के लिए डॉक्टर सबसे पहले ब्लड टेस्ट करवाएंगे और फिर ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट के आधार पर, वह एंटीबायोटिक लिख सकते हैं, जिसे आमतौर पर 7 दिनों तक रोजाना लिया जाता है। आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि बच्चा ठीक होने पर भी दवाओं का पूरा कोर्स करे। अगर आप बीच में उसका इलाज बंद कर देती हैं, तो इससे उसके शरीर में कुछ बैक्टीरिया रह सकते हैं और वह फिर से बीमार पड़ सकता है।

अपने बच्चे को दवाइयां देने के अलावा, आपको उसे डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए बार-बार तरल पदार्थ भी देने चाहिए। उसे घर पर रहकर ही तब तक आराम करने को कहें जब तक वह पूरी तरह से ठीक न हो जाए और बैक्टीरिया खत्म न हो जाए। इससे बचाव के लिए एक वैक्सीन भी लगाई जा सकती है जिसे बूस्टर के साथ दिया जा सकता है, लेकिन सबसे अच्छी बात यह है कि आप बच्चे को स्वच्छ वातावरण में रख सकती हैं।

बच्चों में टाइफाइड बुखार के कॉम्प्लिकेशन

अगर टाइफाइड या इंफेक्शन के लक्षणों को तुरंत दूर नहीं किया जाता है, तो वह बच्चों में कई कॉम्प्लिकेशन पैदा कर सकता है। अगर आपके बच्चे को समय पर एंटीबायोटिक नहीं दी गई है, तो यह जानलेवा साबित हो सकता है। यहाँ कुछ कॉम्प्लिकेशन्स के बारे में बताया गया है जो आपके बच्चे में टाइफाइड बुखार के लंबे समय तक बने रहने पर उत्पन्न हो सकते हैं।

  • इंफेक्शन के तीसरे सप्ताह तक, कॉम्प्लिकेशन बहुत गंभीर रूप से दिखने लगते हैं। उनमें से एक, पाचन तंत्र में आंतरिक रक्तस्राव होना है।
  • आंतरिक रक्तस्राव के कारण त्वचा पीली पड़ जाती है, सांस फूलने लगती है, खून की उल्टी हो जाती है, काला या टार जैसा मल निकलता है।
  • आंतों में छेद या दरार आने पर उसका विभाजन हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप सेप्टिक शॉक होता है। यह गंभीर और खतरनाक कॉम्प्लिकेशन है जो टाइफाइड के कारण उत्पन्न हो सकता है।

क्या टाइफाइड से बचा जा सकता है?

सबसे पहले आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपका बच्चा खाने से पहले और बाद में और शौचालय का उपयोग करने के बाद में अपने हाथ साबुन से जरूर धोए। उसे स्वस्थ और स्वच्छता वाली आदतों का पालन करवाना चाहिए और ज्यादातर इंफेक्शन फ्री स्वच्छ वातावरण में रहना चाहिए। इसका मतलब यह नहीं है कि आप बच्चे को बाहर खेलने न दें, लेकिन टाइफाइड से बचाव के लिए आपको कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए।

1. उसे पका हुआ खाना खिलाएं

सुनिश्चित करें कि आप अपने बच्चे को केवल पका हुआ खाना ही खिलाएं और कुछ भी कच्चा खाने दें। उदाहरण के लिए, अगर वह नॉनवेज खाना चाहता है, तो उसे देने से पहले उसे पकाएं जरूर। उसे स्ट्रीट फूड और पैकेज्ड फूड देने से भी बचें। क्योंकि आमतौर पर स्ट्रीट वेंडर अस्वच्छ स्थानों पर खाना बनाते हैं। जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए बेहतर होगा कि आप जोखिम लेने से बचें। बिना धोए फल भी बच्चों को नहीं देने चाहिए। इसके अलावा हमेशा सब्जी बनाते समय सबसे पहले उसे अच्छे से साफ करें और अच्छी तरह पकाएं। जब बच्चे को डेयरी उत्पाद देने की बात आती है, तो सुनिश्चित करें कि आप उसे केवल पाश्चुरीकृत डेयरी उत्पाद और अंडे ही दें।

2. यह सुनिश्चित करें कि पीने का पानी साफ हो

माता-पिता के रूप में, यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप अपने बच्चे की देखभाल सही तरीके से करें। अगर आप अपने बच्चे को बीमारियों से बचाना चाहती हैं, तो आपको बचाव के उपाय करने चाहिए। टाइफाइड से बचाव के लिए आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह हमेशा स्टरलाइज किया हुआ साफ पानी ही पीए। आप अपने बच्चे को देने से पहले पानी को उबाल भी सकती हैं।

3. सुनिश्चित करें कि वह अपने हाथों को अच्छी से तरह धोता है

यह देखें कि आपका बच्चा हमेशा अपने हाथों को साबुन से धोए, खासकर शौचालय जाने के बाद, स्नान करते समय और भोजन करने से पहले और बाद में हाथों को रगड़कर धोए। जरूरत पड़ने पर आप उसे सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने के लिए भी कह सकती हैं। बाहर खेलने के बाद घर में कदम रखते ही हाथ-पैर धोने की आदत डालें।

अगर टाइफाइड का समय पर इलाज नहीं किया जाता है, तो यह आपके बच्चे के शरीर में गंभीर और जिंदगी के लिए खतरा उत्पन्न करने वाले कॉम्प्लिकेशन्स पैदा कर सकता है, इसलिए ऊपर बताए गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण दिखने पर अपने बच्चे को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं। साथ ही इसे फैलने से रोकने के लिए अपने घर में साफ-सफाई का ध्यान रखें। स्वच्छता बनाए रखें और स्वास्थ्य समस्याओं से दूर रहें। 

यह भी पढ़ें:

बच्चों में ब्रेन ट्यूमर
बच्चों में हाइपरटेंशन
बच्चों में कैंसर की बीमारी

समर नक़वी

Recent Posts

शिक्षा का महत्व पर निबंध (Essay On The Importance Of Education In Hindi)

शिक्षा यानी ज्ञान अर्जित करने और दिमाग को सोचने व तर्क लगाकर समस्याओं को हल…

20 hours ago

अच्छी आदतों पर निबंध (Essay On Good Habits in Hindi)

छोटे बच्चों के लिए निबंध लिखना एक बहुत उपयोगी काम है। इससे बच्चों में सोचने…

3 days ago

कक्षा 1 के बच्चों के लिए मेरा प्रिय मित्र पर निबंध (My Best Friend Essay For Class 1 in Hindi)

बच्चों के लिए निबंध लिखना बहुत उपयोगी होता है क्योंकि इससे वे अपने विचारों को…

3 days ago

मेरा प्रिय खेल पर निबंध (Essay On My Favourite Game In Hindi)

खेल हमारे जीवन में बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। ये न सिर्फ मनोरंजन का साधन…

5 days ago

पुस्तकों के महत्व पर निबंध (Essay On Importance Of Books In Hindi)

पुस्तकें सीखने, जानने, समझने और आत्मविश्वास बढ़ाने का सबसे आदर्श पर्याय मानी जाती हैं। ये…

6 days ago

कक्षा 2 के बच्चों के लिए मेरी माँ पर निबंध (My Mother Essay For Class 2 in Hindi)

बच्चों के लिए निबंध लिखना एक बहुत ही मजेदार और सीखने वाली गतिविधि होती है।…

6 days ago