In this Article
- डिहाइड्रेशन क्या है?
- बच्चों में डिहाइड्रेशन होने से जुड़े फैक्ट
- बच्चों में डिहाइड्रेशन होने का कारण
- बच्चों में डिहाइड्रेशन होने के संकेत और लक्षण
- बच्चों में डिहाइड्रेशन का निदान
- डिहाइड्रेशन को कैसे मापें
- बच्चे के लिए डिहाइड्रेशन का उपचार
- रिहाइड्रेशन के बाद उपचार
- घरेलू उपचार
- डिहाइड्रेशन को होने से कैसे रोकें
- डॉक्टर से कब परामर्श करें
- ध्यान देने योग्य बातें
बड़ों की तुलना में बच्चों को डिहाइड्रेशन होने का खतरा ज्यादा होता है, क्योंकि उनके छोटे शरीर में रिजर्व वाटर कम होता है। आमतौर पर, बच्चे बड़ों की तुलना में ज्यादा एक्टिव होते हैं और धूप में ज्यादा समय खेलने में बिताते हैं। इसलिए बच्चों को डिहाइड्रेशन जैसे उल्टी और दस्त की समस्या होने की अधिक संभावना होती है।
डिहाइड्रेशन क्या है?
डिहाइड्रेशन तब होता है जब शरीर में पानी की मात्रा बहुत कम हो जाती है और शरीर में पर्याप्त मात्रा में फ्लूड न होने के कारण यह ठीक से फंक्शन नहीं करता है। डिहाइड्रेशन के कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं इसलिए आपको इन पर नजर बनाए रखनी चाहिए ताकि बच्चे में डिहाइड्रेशन होने से रोका जा सके।
बच्चों में डिहाइड्रेशन होने से जुड़े फैक्ट
बच्चों में डिहाइड्रेशन होने के कई कारण हो सकते हैं। डिहाइड्रेशन के कॉमन कारणों में उल्टी, दस्त, और पर्याप्त तरल पदार्थ का सेवन न करना आदि शामिल हैं। ऐसा बहुत ही कम मामलों में होता है जब बच्चे को बहुत ज्यादा पसीना या पेशाब होने के कारण डिहाइड्रेशन हो जाता है। छोटे बच्चों में बड़े बच्चों की तुलना में ज्यादा तेजी से तरल पदार्थ कम होते हैं।
बच्चों में डिहाइड्रेशन होने का कारण
बच्चों में डिहाइड्रेशन होने के कुछ कारण आपको नीचे बताए गए हैं:
- बुखार
- उल्टी
- दस्त
- वायरल इन्फेक्शन, जो खाने या पीने की क्षमता को कम करता है
- मुँह में छाले होने की वजह से खाने या पीने दर्द होना
- गर्म वातावरण के कारण बहुत ज्यादा पसीना आना
- बहुत ज्यादा पेशाब आना
- डायबिटीज
- सिस्टिक फाइब्रोसिस जैसी कंडीशन होना, जिसमें शरीर खाने और पानी को अब्सॉर्ब नहीं होने देता है
बच्चों में डिहाइड्रेशन होने के संकेत और लक्षण
ऐसे कई संकेत और लक्षण हैं जिससे आप अपने बच्चे में होने वाले डिहाइड्रेशन को पहचान सकती हैं। यहाँ आपको डिहाइड्रेशन के कुछ कॉमन संकेत और लक्षण बताए गए हैं:
- छह घंटे से अधिक समय तक पेशाब नहीं करना
- गहरे रंग का पेशाब होना
- मुँह सूखने के साथ होठों का फटना
- सुस्ती होना
- रोते समय आँसू न निकालना
- ठंडी या रूखी त्वचा
- हार्ट रेट और सांसों का बढ़ना
- धंसी हुई आँखें
बच्चों में डिहाइड्रेशन का निदान
जब आप अपने बच्चे को लेकर डॉक्टर के पास जाती हैं तो हैं वो आपसे बच्चे की पूरी हिस्ट्री जानेंगे और बच्चे की हेल्थ का पता लगाने के लिए उसकी शारीरिक जांच भी करेंगे। हो सकता है इसके लिए डॉक्टर कुछ टेस्ट करने के लिए भी कहें। जिनमें से कुछ में शामिल हैं:
- एक कम्पलीट ब्लड काउंट की मदद से से पता चलता है कि बच्चे को इन्फेक्शन तो नहीं है और अगर इन्फेक्शन निकलता है तो फिर इसका कारण जानने के लिए विशेष जांच की जाती है।
- पेशाब की जांच की जाती है ताकि यह पता लगाया जा सके कि बच्चे में कोई ब्लैडर इन्फेक्शन तो नहीं है, इसके अलावा और भी गंभीर समस्या की जांच की जाती है।
डिहाइड्रेशन को कैसे मापें
क्लिनिकल डिहाइड्रेशन स्केल का उपयोग आपके बच्चे में डिहाइड्रेशन की गंभीरता को जानने ले लिए किया जाता है। यह एक ऐसी स्केल है जिसका इस्तेमाल आप भी कर सकती हैं। स्केल की मदद से आप यह जान सकती हैं कि बच्चे में डिहाइड्रेशन का लेवल बढ़ रहा है या घट रहा है। यह जानकारी आपके डॉक्टर को बच्चे का इलाज करते समय बहुत मदद कर सकती है।
डिहाइड्रेशन स्टेटस को कैसे कैलकुलेट करें
आपके बच्चे में डिहाइड्रेशन स्टेटस को कैलकुलेट करने के कई आसान स्टेप्स हैं। जो आपको नीचे बताए गए हैं:
- बच्चे में दिखाई देने वाले लक्षणों पर ध्यान दें
- चार्ट पर मौजूद लक्षणों के अनुसार स्केल पर पॉइंट ऐड करें
- पॉइंट्स को जोड़कर इसे स्कोर करें
क्लिनिकल डिहाइड्रेशन स्केल
0 | 1 | 2 | |
सामान्य रूप | नॉर्मल | प्यास लगना, बचैनी होना, सुस्ती लगना, चिड़चिड़ा होना | सुस्ती, लड़खड़ाना, सर्दी, पसीना आना |
आँखें | नॉर्मल | हल्की धंसी हुई आँखें | ज्यादा धसी हुई आँखें |
म्यूकस मेम्ब्रेन* | मोइस्ट | चिपचिपा | सूखा |
आँसू | प्रेजेंट | कम होना | बिलकुल न होना |
म्यूकस मेम्ब्रेन में मुँह और आँखों की नम परत शामिल होती है।
0 के स्कोर में = कोई डिहाइड्रेशन नहीं होता है
1 से 4 के स्कोर में = थोड़ा डिहाइड्रेशन होता है
5 से 8 के स्कोर में = थोड़े से बहुत ज्यादा डिहाइड्रेशन हो सकता है
बच्चे के लिए डिहाइड्रेशन का उपचार
डिहाइड्रेशन का उपचार डिहाइड्रेशन की गंभीरता के आधार पर होता है जो क्लिनिकल डिहाइड्रेशन स्केल की मदद से पता लगाया जाता है।
कम से बहुत ज्यादा डिहाइड्रेशन हो जाना (5 से 8 का स्कोर): यदि आपका बच्चा इस लेवल पर स्कोर करता है, तो आपको उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। इस बात का खयाल रखें कि आपने बच्चे में जो भी संकेत और लक्षण नोटिस किए हैं वो अपने डॉक्टर को बताएं।
हल्का डिहाइड्रेशन होना (1 से 4 का स्कोर): अपने बच्चे को ओरल रिहाइड्रेशन सोल्यूशन (ओआरएस) तुरंत देना शुरू करें। हालांकि बाजार में बने बनाए ओआरएस मौजूद होते हैं, लेकिन बेहतर होगा कि आप घर पर ही फ्रेश इलेक्ट्रोलाइट सोल्यूशन बनाकर बच्चे को दें। एक लीटर साफ पानी में, आधा चम्मच नमक के साथ 6 चम्मच चीनी मिलाएं। अपने बच्चे को इसे हर पाँच मिनट में एक से दो चम्मच पिलाएं। यदि आपका बच्चा ओआरएस पीने से मना करता है, तो उसे फ्रेश फ्रूट जूस या दूध दें अगर वो डायरिया से पीड़ित नहीं है तो।
कोई डिहाइड्रेशन न होना (0 का स्कोर): भले ही आपके बच्चे में डिहाइड्रेशन के कोई लक्षण दिखाई न दें, लेकिन यदि उन्हें किसी भी कारण से उल्टी या दस्त होता है तो उन्हें इसके बाद तरल पदार्थ देना जारी रखें। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें इस समय बच्चाअच्छी तरह से खाए।
डिहाइड्रेशन के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला उपचार
डॉक्टर इस बात की जांच करेंगे कि बच्चे के शरीर में पानी की कमी कितनी है और फिर इसके आधार पर डिहाइड्रेशन का उपचार किया जाता है।
- यदि माइल्ड डिहाइड्रेशन होता है, तो इस तरह के मामले में लगभग 3 से 5% तक शरीर का वजन कम हो जाता है, ऐसे में डॉक्टर बच्चे को ओरल रिहाइड्रेशन प्रिस्क्राइब कर सकते हैं, जिसके बारे में आपको ऊपर बताया गया है। आप बच्चे को ओरल रिहाइड्रेशन अपने घर पर आसानी से दे भी सकती हैं।
- अगर डिहाइड्रेशन न बहुत ज्यादा होता है न कम तो उस मामले में, शरीर का वजन लगभग 5 से 10% कम हो जाता है, फिर डॉक्टर इसे कंट्रोल करने के लिए नस के जरिए फ्लूड पहुँचाया जाता है। इससे शरीर में फ्लूड जल्दी रिकवर हो जाता है। आईवी देने के बाद अगर फ्लूड रिटेंशन ठीक हो जाता है तो डॉक्टर आपको घर जाने के लिए कह सकते हैं और साथ बच्चे को समय-समय पर ओरल रिहाइड्रेशन देने के लिए कह सकते हैं।
- गंभीर डिहाइड्रेशन के मामले में शरीर का वजन लगभग 10 से 15% कम हो जाता है और आपके बच्चे को हॉस्पिटल में एडमिट करने की नौबत आ जाती है जहाँ बच्चे को तुरंत आईवी फ्लूड दिया जाता है। इन्फेक्शन का कारण जानने के लिए कई टेस्ट किए जा सकते हैं। बैक्टीरियल इन्फेक्शन के लिए, बच्चे को एंटीबायोटिक दवाएं दी जा सकती हैं। लेकिन वायरल इन्फेक्शन के लिए कोई दवा नहीं दी जाती है। उल्टी रोकने वाली दवाओं को देने से बचना चाहिए इससे यह समस्या लंबे समय तक जारी रह सकती है।
रिहाइड्रेशन के बाद उपचार
एक बार जब आपका बच्चा ठीक से हाइड्रेटेड हो जाता है, तो आप उसके नॉर्मल खाने को फिर से जारी कर सकती हैं। उल्टी या दस्त के लगभग 4 से 6 घंटे बाद, आप अपने बच्चे को वह खाना दे सकती हैं जो उसे पसंद हो। आप केला, चावल, टोस्ट और एप्पल सॉस आदि भोजन बच्चे को दे सकती, लेकिन प्रोसेस्ड फूड और जिस खाने में चीनी और नमक की मात्रा अधिक होती है ऐसे खाने को उन्हें देने से बचें। हाई फैट फूड जो मसालेदार होते हैं, उनसे भी बचा जाना चाहिए।
यदि उल्टी और दस्त लगातार जारी रहता है, तो आपको अपने बच्चे को हर उल्टी और दस्त के बाद ओरल रिहाइड्रेशन कुछ चम्मच देना चाहिए।
घरेलू उपचार
डिहाइड्रेशन के लिए कुछ नेचुरल उपचार हैं जिसे आप बच्चों में डिहाइड्रेशन को दूर करने के लिए आजमा सकती हैं। उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
- बच्चों में डिहाइड्रेशन को रोकने के लिए सबसे बेहतर तरीका यह है कि उसे ओरल रिहाइड्रेशन दिया जाए। आप अपने घर पर फ्रेश ओरल रिहाइड्रेशन सोल्यूशन बना सकती हैं और अगर डिहाइड्रेशन गंभीर है तो इसे हर कुछ मिनट पर बच्चे को थोड़ा-थोड़ा देती रहें।
- स्तनपान करने वाले बच्चों के लिए, आपको फीडिंग की मात्रा कम करनी पड़ेगी। अगर आपके शिशु को दो बार उल्टी हुई है, तो उसे हर एक से दो घंटे के गैप पर दूध पिलाएं। अगर आपके शिशु को दो से ज्यादा बार उल्टी हुई है तो आपको उसे हर 30 से 60 मिनट के गैप से 5 मिनट तक के लिए फीडिंग करानी चाहिए। यदि फिर भी उल्टी जारी रहती है, तो 4 घंटे तक के बच्चे को केवल ओरल रिहाइड्रेशन दें।
- एक वर्ष से ज्यादा उम्र वाले बच्चों को फ्लैट सोडा, गेटोरेड, सूप, पॉप्सिकल्स और ओरल रिहाइड्रेशन जैसे फ्लूड दिए जा सकते हैं। अगर सिर्फ उल्टी हो रही हो तो आप बच्चे को पानी और आइस चिप्स दे सकती हैं।
- 24 घंटे के लिए काम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन बच्चे को बिलकुल न दें।
- अपने बच्चे को ब्रेड, नमकीन क्रैकर, चावल और सीरियल्स दें।
- अपने बच्चे को नारियल पानी दें क्योंकि यह तरल पदार्थों का एक बेहतरीन सोर्स है।
- दही
- केले
- तरबूज जैसे पानी युक्त फल
- छाछ
डिहाइड्रेशन को होने से कैसे रोकें
बच्चों में डिहाइड्रेशन होने पर आपको कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए, जो कुछ इस प्रकार हैं:
- हालांकि बच्चे को इन्फेक्शन से बचाना असंभव है जिसकी वजह से डिहाइड्रेशन होता है, इसलिए आपको डिहाइड्रेशन के किसी भी संकेत के प्रति सतर्क रहना चाहिए।
- विशेष रूप से गर्मियों के दिनों में, इस बात का खास खयाल रखें कि आपके बच्चे को पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ प्राप्त हो।
- अपने बच्चे को कार्बोनेटेड ड्रिंक बिलकुल न दें। इसमें शुगर लेवल बहुत ज्यादा होता है जिससे डिहाइड्रेशन होने का खतरा होता है।
- आपके बच्चे को जिस चीज का जूस पसंद हो उसे पानी में मिलाकर बच्चे को दें ताकि बच्चे के शरीर में फ्लूड की मात्रा बनी रहे।
- आपका बच्चा जिस वातावरण में खेलता है अगर वो बहुत ह्यूमिड है, तो बेहतर होगा कि आप उसे ऐसी जगह न जाने दें। ज्यादा ह्यूमिड वाली जगह पर रहने से बहुत ज्यादा पसीना आता है जिससे डिहाइड्रेशन का खतरा होता है।
- इस बात को ध्यान में रखें कि जब आपका बच्चा खेलने जाए तो उसे सही कपड़े पहनाएं। हल्के रंग के और वेंटिलेशन वाले कपड़े बच्चों को पहनना सबसे सही होता है, यह बच्चे को बहुत ज्यादा हीट से बचाता है।
डॉक्टर से कब परामर्श करें
आपको नीचे बताई गई इनमें से किसी भी कंडीशन में तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए:
- आपके बच्चे के डिहाइड्रेशन लक्षण समय के साथ ठीक न हो रहे हों या बढ़ते जा रहे हों।
- मल में रक्त दिखाई देता है या फिर हरी उल्टी होती है।
- आपका बच्चा पर्याप्त रूप से फ्लूड नहीं ले पा रहा हो।
- लगातार उल्टी या दस्त के बच्चा फ्लूड नहीं ले पा रहा हो।
- अगर दस दिन से ज्यादा डायरिया रहता है।
ध्यान देने योग्य बातें
जब बच्चों में डिहाइड्रेशन की बात आती है, तो आपको नीचे बताई गई बातों पर ध्यान देना चाहिए:
- शिशुओं और छोटे बच्चों में डिहाइड्रेशन होने की संभावना ज्यादा होती है।
- समय पर इसका इलाज करना ही इससे बचने का बेहतर तरीका है।
- बच्चों में होने वाले माइल्ड डिहाइड्रेशन को घर पर ही ठीक किया जा सकता है।
- गंभीर डिहाइड्रेशन के मामले में डॉक्टर के पास तुरंत जाना चाहिए।
बच्चों में डिहाइड्रेशन की समस्या खतरनाक हो सकती है। इसलिए इसके सभी लक्षणों पर नजर रखना जरूरी है ताकि शरीर में फ्लूड की कमी को समय रहते ही पूरा किया जा सके। यदि आपके बच्चे को भी डिहाइड्रेशन की समस्या होती तो आपको इसके लिए मेडिकल हेल्प लेनी चाहिए।
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