बच्चों में अंगूठा चूसने की आदत

बच्चों में अंगूठा चूसने की आदत

क्या आपका बच्चा बिना किसी कारण, उग्रता के साथ अपना अंगूठा चूसता है? या फिर वह अनजाने में अपना अंगूठा चूसता रहता है? बच्चों के अंगूठा चूसने की इस आदत को देखते हुए, आपको इसकी सुरक्षा और हाइजीन को लेकर फिक्र होती होगी और आप उनकी इस आदत को छुड़ाने के तरीके भी ढूंढते होंगे। बच्चे क्या करते हैं, क्यों करते हैं और इस आदत को छोड़ने में आप उनकी मदद कैसे कर सकते हैं, इस बारे में हम यहां चर्चा करने वाले हैं। 

क्या बच्चों में अंगूठा चूसने की आदत सामान्य है?

अंगूठा चूसना प्राकृतिक है और कई बच्चे ऐसा करते हैं। बल्कि, कुछ अल्ट्रासाउंड से यह पता चलता है, कि अंगूठा चूसने की आदत मां के गर्भ के अंदर से ही शुरू हो जाती है। 

बच्चे अपना अंगूठा क्यों चूसते हैं और यह कब तक चलता है? 

बच्चों के अंगूठा चूसने के कई कारण हो सकते हैं। यह बोरियत को दूर करने से लेकर एंग्जाईटी से बचने तक, कुछ भी हो सकता है। यह आदत आपके बच्चे को वातावरण के साथ एडजस्ट करने में मदद करती है। जहां कई माता-पिता इस आदत को लेकर परेशान रहते हैं, वहीं, वास्तव में यह भावनात्मक मैच्योरिटी की एक निशानी है। यह इस बात का संकेत है, कि बच्चा आजाद हो रहा है। रोने या आपको ढूंढने के बजाय, अपने वातावरण को अपनाने के लिए, उसने अपने पास उपलब्ध साधन का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। 

अंगूठा चूसने की आदत की अवधि का कोई सही जवाब नहीं है, क्योंकि हर बच्चा अलग होता है। अंगूठे के एक नियम के अनुसार, अधिकतर बच्चे 5 साल के होने तक इसे अपने आप ही बंद कर देते हैं। 

क्या अंगूठा चूसने से कोई समस्या हो सकती है? 

जब बच्चा छोटा रहता है, तब अंगूठा चूसना कोई समस्या नहीं होती है। बल्कि, इससे माता-पिता होने के नाते आपको थोड़ा समय मिल जाता है और आप अपने दूसरे काम कर सकते हैं। अंगूठा चूसने को लेकर कुछ भ्रांतियां भी फैली हुई है। ऐसा ही एक विश्वास है, कि अंगूठा चूसने से बच्चे के बोलने में रुकावट पैदा हो सकती है। यह और कुछ नहीं बल्कि, बस एक बेबुनियादी दावा है, जिसे साबित करने के लिए कोई भी सबूत उपलब्ध नहीं हैं। 

हालांकि, जब बच्चे के दूध के दांत गिरने लगते हैं, तब अंगूठा चूसने की उनकी यह आदत, एक समस्या बन जाती है। अंगूठा चूसने से दांतो की कतार की सही बनावट में रुकावट पैदा होने की संभावना होती है। आगे चलकर बच्चों में इस आदत के कारण, मुंह में हमेशा कुछ न कुछ रखे रहने की आदत हो जाती है। जिसके कारण उनमें सिगरेट, अल्कोहल या असंयमित खान पान की आदत होने की संभावना अधिक होती है। 

माता-पिता को उन्हें कब टोकना चाहिए? 

चूंकि, बेतरतीब दांत, अंगूठा चूसने का सबसे बड़ा खतरा होता है, ऐसे में जब बच्चे के परमानेंट दांत आने लगते हैं, तब माता-पिता को इसमें बीच बचाव करना चाहिए। इसके लिए सबसे अच्छा तरीका है, वेट एंड वॉच! पर अगर बच्चों के बड़े हो जाने के बाद भी, उनमें अंगूठा चूसने की आदत नहीं जाती है, तब उनकी इस आदत को छुड़ाने के लिए दूसरे तरीके आजमाने चाहिए। 

बच्चों में अंगूठा चूसने की आदत को रोकने के असरदार तरीके

यहां ऐसे कुछ तरीकों की सूची दी गई है, जिसका इस्तेमाल करके आप बच्चों के इस आदत को छुड़ा सकते हैं:

  • कठोर ना बनें: माता-पिता जो सबसे बड़ी गलती करते हैं, वह है बच्चों के अंगूठा चूसने को लेकर निराश हो जाना। चूंकि यह आदत एंग्जाइटी के कारण अपनी जगह बनाती है, तो ऐसे में और अधिक नकारात्मकता  बच्चे का तनाव और भी बढ़ा देती है। 
  • खुद सीखने दें: अधिकतर बच्चे बिना किसी रोक-टोक के खुद ही इस आदत से बाहर निकल जाते हैं। 
  • ध्यान भटकाएं: इस बात का पता लगाएं, कि आपका बच्चा अंगूठा चूसना कब शुरू करता है। इससे आपको अंगूठा चूसने के ट्रिगर का पता चलता है, जैसे टीवी देखते हुए या कमरे में अकेले रहने के दौरान।  जब आप कमरे में होते हैं, तब शब्दों और गतिविधियों के इस्तेमाल से आप बच्चे के ध्यान को भटका सकते हैं। इसके लिए आप चाहें, तो कोई ऐसा खिलौना भी उन्हें दे सकते हैं, जो कि उन्हें व्यस्त रखें और उनका ध्यान भटका रहे। 
  • उनसे बातें करें: बेबी टॉक की मदद से उन्हें यह समझाने की कोशिश करें, कि अंगूठा चूसना उनके लिए अच्छा नहीं है। हालांकि, यह एक व्यर्थ का काम लग सकता है, लेकिन रिसर्च बताते हैं, कि हमें जैसा लगता है, उसकी अपेक्षा, बच्चे शब्दों को ज्यादा अच्छी तरह समझ पाते हैं। 
  • यूट्यूब वीडियो की मदद लें: टेक्नोलॉजी पेरेंट्स को आसानी से इंफॉर्मेशन हासिल करने में मदद करता है। यही तरीका बच्चों पर आजमा कर, आप बच्चों को अंगूठा चूसने के खतरों के वीडियो दिखा सकते हैं। सावधानी के तौर पर आप ऐसे वीडियो की एक प्ले लिस्ट बना सकते हैं, जिन्हें आप बच्चों के लिए सही समझते हैं। 
  • तारीफ करें: बच्चों पर किए गए एक अध्ययन से पता चलता है, कि उन्हें तारीफ बहुत पसंद होती है। इस बात का ध्यान रखें, कि हर दिन अंगूठा ना चूसने पर आपका बच्चा अच्छा महसूस करे। किसी भी तरह के नकारात्मक शब्दों से बचें, क्योंकि इससे बच्चों को एंग्जाइटी हो सकती है। 
  • अन्य विकल्प: अंगूठा चूसने से जुड़े कुछ खतरों के कारण, आपको अन्य विकल्पों के बारे में सोचना चाहिए। जैसे एक कंबल या एक गुदगुदा टेडी बेयर। 
  • पेसीफायर दें: बच्चों को अंगूठा चूसने से बचाने के लिए पेसीफायर का इस्तेमाल किया जा सकता है। दिन के  किसी खास समय का चुनाव करें, जब वह पेसीफायर का इस्तेमाल कर सके और धीरे-धीरे इस समय को तब तक कम करते रहें जब तक उन्हें इसकी जरूरत खत्म ना हो जाए।
    पेसीफायर
  • मिटेन पहनाएं: आप कुछ मुलायम दस्ताने, मिटेन या एक थम्ब गार्ड की मदद से हाथों को ढक कर अंगूठा चूसने की आदत को छुड़ाने का प्रयास कर सकते हैं। 
  • कड़वी दवा की मदद लें: बच्चे की इस आदत को छुड़ाने के लिए, उनके अंगूठे पर थोड़ी कड़वी दवा (जो बच्चों के खाने के लिए सुरक्षित हो) लगाएं। ऐसा करते समय अपना प्यार जताना ना भूलें, इससे यह प्रक्रिया एक सजा बनने से बच जाएगी। 

अंगूठा चूसना बनाम पेसीफायर 

नीचे इन दो विकल्पों से जुड़े फायदे और नुकसान दिए गए हैं, जिनका इस्तेमाल बच्चों के अंगूठा चूसने की आदत को रोकने के लिए माता-पिता द्वारा किया जाता है: 

अंगूठा चूसना: 

  • आसान पहुंच
  •  बाद में दांतों की समस्या
  •  भावनात्मक आजादी
  •  पेसीफायर की तुलना में जल्दी आने वाली नींद

 पेसीफायर:

  •  ब्रेस्टफीडिंग में कमी
  •  ऑडिटरी ट्यूब खुलने के कारण कानों में इंफेक्शन का खतरा
  •  चूसने के ऊपर माता-पिता का नियंत्रण
  •  नींद में चूसने के दौरान सडन इन्फेंट डेथ सिंड्रोम (एसआईडीएस) के खतरे में कमी

जहां बच्चों को लेकर माता-पिता की चिंता को समझा जा सकता है, वहीं आपको यह समझने की जरूरत है, कि अंगूठा चूसना अधिकतर बच्चों के लिए प्राकृतिक होता है। हालांकि इसके कुछ खतरे हो सकते हैं, पर समय के साथ धीरे-धीरे किए जाने वाले उपाय बच्चों की इस आदत को छुड़ाने में काफी मददगार हो सकते हैं। 

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