बड़े बच्चे (5-8 वर्ष)

बच्चों में गर्दन के दर्द की समस्या

बहुत अधिक शारीरिक एक्टिविटीज वाले कुछ खास दिनों में आपका बच्चा गर्दन में दर्द की शिकायत कर सकता है। कभी-कभी केवल आराम करने से यह समस्या ठीक हो सकती है। लेकिन कुछ मामलों में गर्दन का यह दर्द जैसा दिख रहा है, उससे अधिक बुरा हो सकता है और यह स्थाई भी हो सकता है। ऐसे में किसी तरह की गंभीरता की जांच के लिए, इसके बारे में पता लगाने और पहचान करने की जरूरत होती है। 

गर्दन का दर्द क्या होता है?

जहां गर्दन का ज्यादातर दर्द उस हिस्से की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण होता है, वहीं कुछ बीमारियां या शारीरिक समस्याएं भी इसका कारण हो सकती हैं। ऐसे कुछ मामले देखे गए हैं, जिनमें वायरल या बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण भी उस जगह के ग्लैंड में सूजन आ जाती है। 

बच्चों में गर्दन का दर्द क्यों होता है?

बच्चों में गर्दन के दर्द के कुछ कारण आम कारण यहां पर दिए गए हैं:

1. मांसपेशियों में खिंचाव

आज के समय में ज्यादातर बच्चे डिजिटल उपकरणों जैसे टैबलेट और मोबाइल से खेलना अधिक पसंद करते हैं, जिससे उनकी गर्दन अधिकतर समय झुकी हुई होती है। कुछ खास खेलों में गर्दन का अधिक इस्तेमाल शामिल होता है या फिर बच्चे सारा दिन डांस करते रह सकते हैं, जिससे गर्दन पर अत्यधिक जोर पड़ सकता है। 

2. लिंफ नोड इंफेक्शन

यह स्थिति बच्चों तक सीमित नहीं है और यह बड़ों में भी हो सकती है। चूंकि लिंफ नोड गर्दन के क्षेत्र में स्थित होता है, ऐसे में किसी तरह की सूजन या इन्फ्लेमेशन के कारण गर्दन की मांसपेशियों में भी समस्या हो सकती है, जिसके कारण स्पाज्म हो सकता है। 

3. मोच के कारण चोट

आमतौर पर यह दुर्घटनावश होता है और ज्यादातर स्पोर्ट्स या अत्यधिक उत्साहित पलों में या वाहनों की टक्कर जैसे गंभीर मामलों में देखा जाता है। अगर अचानक आने वाले किसी झटके में गर्दन मुड़ जाती है, तो इससे गर्दन के लिगामेंट असामान्य रूप से खिंच जाते हैं। 

4. बड़ी चोट

अगर यह चोट गर्दन के केवल एक झटके से अधिक हो, तो स्पाइन या स्पाइनल कॉर्ड में डैमेज के कारण अत्यधिक दर्द हो सकता है। यह बहुत खतरनाक होता है और इसमें तुरंत जांच करने की जरूरत होती है। 

5. मेनिनजाइटिस

मेनिनजाइटिस के बैक्टीरिया सीधे-सीधे मस्तिष्क और स्पाइनल कॉर्ड को प्रभावित करते हैं और यह जानलेवा हो सकता है। इनमें से कोई भी लक्षण दिखने पर, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और इस पर तुरंत ध्यान देना चाहिए। 

गर्दन का दर्द अधिक गंभीर कब हो सकता है?

बच्चे में ‘गर्दन के दर्द के बुखार’ की स्थिति में, बहुत बड़ा रिस्क होता है, कि यह दर्द किसी शारीरिक चोट के बजाय किसी तरह के संक्रमण के कारण हो रहा हो। अगर इस स्थिति के साथ उल्टियां, रैश और मतली भी हो रही हो, तो इनकी वजह कीड़े का काटना या फिर गंभीर मामलों में कैंसर भी हो सकता है। 

बच्चों में गर्दन का दर्द कितने समय तक रह सकता है?

अगर गर्दन का दर्द किसी इंफेक्शन के कारण है या किसी गंभीरता के कारण है, तो जब तक इन्फेक्शन का इलाज नहीं हो जाता, तब तक दर्द को ठीक होने में समय लगेगा। अगर गिरने से या गर्दन की मांसपेशियों पर शारीरिक दबाव के कारण गर्दन का दर्द हो रहा है, तो उचित देखभाल के साथ ऐसा दर्द ज्यादा से ज्यादा 2 सप्ताह के अंदर ठीक हो जाता है। 

संकेत और लक्षण

बच्चों में गर्दन में दर्द के संकेत स्पष्ट होते हैं और इन्हें आसानी से पहचाना जा सकता है: 

  • गर्दन के पीछे के हिस्से में दर्द होना
  • शोल्डर ब्लैड्स में दर्द होने लगता है और उनकी मालिश करने पर राहत मिलती है
  • आपका बच्चा दर्द में कराहे बिना गर्दन को आसानी से घुमा नहीं सकता है
  • सीधे बैठने पर गर्दन भी सीधी रखनी पड़ती है
  • आपका बच्चा अपने सिर को एक तरफ से दूसरी तरफ हल्के-हल्के झुकाता रहता है
  • गर्दन के आसपास के हिस्से में थोड़ी सूजन महसूस होती है और छूने पर दर्द होता है

बच्चे में गर्दन के दर्द की पहचान कैसे होती है?

बच्चे में गर्दन के दर्द की पहचान आमतौर पर एक फिजीशियन ही सही तरह से कर सकता है। वह बच्चे की जांच करते हैं और आप दोनों से बात करके गर्दन में दर्द के पीछे की गतिविधियों का पता लगाने की कोशिश करते हैं, जैसे किसी तरह की चोट या तनावपूर्ण एक्टिविटी, किसी बीमारी के लक्षण आदि। डॉक्टर धीरे-धीरे गर्दन को अलग-अलग दिशाओं में घुमाने की कोशिश भी कर सकते हैं और कहां पर सबसे अधिक दर्द हो रहा है उसके संकेतों को नोट कर सकते हैं। जरूरी लगने पर डॉक्टर एक्स-रे या फिर किसी अन्य स्कैन की सलाह भी दे सकते हैं, ताकि अंदर से गर्दन को बेहतर तरीके से देखा जा सके। अगर इंफेक्शन के कोई लक्षण हों, तो एंटीबायोटिक और कुछ दर्द निवारक दवाएं भी प्रिस्क्राइब कर सकते हैं। 

दर्द के प्रकार

गर्दन में दर्द के कारण होने वाली असुविधा को निम्नलिखित प्रकारों में बांटा जा सकता है: 

1. हल्का दर्द

आमतौर पर यह तब होता है, जब बच्चों में गर्दन की साइड में दर्द होता है और वे आपको आकर बताते हैं। आमतौर पर ऐसे बच्चों की आम गतिविधियां नहीं रुकती हैं और उनकी रोज की दिनचर्या सामान्य रूप से बनी रहती है। 

2. मध्यम दर्द

दर्द बढ़ना शुरू हो जाता है और आपके बच्चे को नींद आने में या गहरी नींद आने में कठिनाई हो सकती है, जिसके कारण बच्चा परेशान रह सकता है। 

3. गंभीर दर्द

इसके सबसे ऊंचे स्केल पर, आपका बच्चा इस दर्द को सहन नहीं कर सकता है और पूरे दिन की दिनचर्या बिल्कुल ध्वस्त हो जाती है। ऐसी स्थिति में मेडिकल हस्तक्षेप की जरूरत पड़ सकती है। 

बच्चे में गर्दन के दर्द का इलाज कैसे होता है?

  • आप डॉक्टर के द्वारा सुझाए गए एसिटामिनोफेन और आइबूप्रोफेन या ऐसी ही किसी अन्य दवा का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • हॉट वाटर बैग के साथ गर्दन और कंधे के क्षेत्रों में दर्द को कम किया जा सकता है। पूरे दिन नियमित रूप से लगभग आधे घंटे के लिए गर्म पानी की थैली से सिंकाई करें।

घर पर बच्चे की देखभाल कैसे करें?

  • तकिए की जगह पर एक तौलिया या नेक सपोर्ट के साथ सोने के लिए एक बेहतर पोजीशन अपनाएं।
  • कोई भी एक्सरसाइज या किसी भी तरह की अचानक मूवमेंट से बचें। शारीरिक तनाव वाले किसी भी तरह के खेल न खेलें या फिर गर्दन के लिए कोई एक्सरसाइज भी न करें।
  • समय के साथ मांसपेशियों को हल्के-हल्के स्ट्रेच करें, बेसिक स्ट्रैचिंग मूवमेंट्स जैसे ठोड़ी को कंधे तक छूना, ठोड़ी को छाती तक छूना, बाएं-दाएं ओर झुकाना आदि इस स्थिति के लिए अच्छे होते हैं।

गर्दन के दर्द से कैसे बचा जा सकता है?

अगर आपके बच्चे को पहले कभी गर्दन का दर्द हुआ है, तो आप उसे सिर पर भारी सामान उठाने या दोस्तों के साथ कुश्ती करने जैसी गतिविधियों से बचने को कहें। ट्रिगर्स को कम करके आप अपने बच्चे की गर्दन की मांसपेशियों को मजबूत बनाने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। हर दिन कुछ मिनटों के लिए कंप्यूटर का इस्तेमाल करने के दौरान, या आराम करते हुए कोई किताब पढ़ते समय, सरल स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करके दर्द को कम किया जा सकता है और दर्द होने से रोका जा सकता है। 

डॉक्टर से परामर्श कब लें?

निम्नलिखित स्थितियों में आपको डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए:

  • अगर गर्दन के दर्द के साथ तेज बुखार हो
  • अगर बच्चे को दर्द के साथ-साथ तेज सिर दर्द हो रहा हो, उसे बीमार महसूस हो रहा हो और मतली आ रही हो
  • अगर दर्द निवारक दवाओं के इस्तेमाल के बाद भी दर्द गंभीर रूप लेता जा रहा हो और सुन्नपन शुरू हो रहा हो
  • अगर कुछ दिनों के लिए इलाज करने के बावजूद कोई भी बेहतरी ना दिख रही हो
  • अगर कुछ सप्ताह का समय बीत चुका हो, लेकिन दर्द अभी भी पूरी तरह से ठीक न हुआ हो

गर्दन के दर्द को भी, किसी भी अन्य बीमारी या चोट की तरह ही, देखभाल के साथ इलाज की जरूरत होती है। समय पर सही कदम उठाने से अधिकतर मामलों में बच्चे की तकलीफ की यह अवधि कम हो सकती है। किसी भी गंभीर या खतरनाक स्थिति में, शुरुआत में ही इसका पता चल सकता है और केवल कुछ ही समय में आपका बच्चा पूरी तरह से ठीक होकर, अपनी रोज की दिनचर्या में वापस आ सकता है। 

यह भी पढ़ें:

बच्चों में पेट दर्द की समस्या
बच्चों के कान में दर्द – कारण, लक्षण और उपचार
बच्चों में पैर दर्द की समस्या – कारण और घरेलू उपचार

पूजा ठाकुर

Recent Posts

भूकंप पर निबंध (Essay On Earthquake In Hindi)

भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है, जिसमें धरती अचानक से हिलने लगती है। यह तब होता…

2 weeks ago

Raising Left-Handed Child in Right-Handed World – दाएं हाथ वाली दुनिया में बाएं हाथ वाला बच्चा बड़ा करना

जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होने लगता है, उसके व्यक्तित्व के विभिन्न पहलू उभरने लगते हैं। या…

2 weeks ago

माता पिता पर कविता l Poems For Parents In Hindi

भगवान के अलावा हमारे जीवन में किसी दूसरे वयक्ति को अगर सबसे ऊंचा दर्जा मिला…

3 weeks ago

पत्नी के लिए प्यार से बुलाने वाले नाम l Nicknames For Wife In Hindi

शादी के बाद प्यार बनाए रखना किसी भी रिश्ते की सबसे खूबसूरत बात होती है।…

3 weeks ago

पति के लिए प्यार से बुलाने वाले नाम l Nicknames For Husband In Hindi

शादी के बाद रिश्तों में प्यार और अपनापन बनाए रखना बहुत जरूरी होता है। पति-पत्नी…

3 weeks ago

करण नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Karan Name Meaning In Hindi

ऐसे कई माता-पिता होते हैं जो अपने बच्चे का नाम इतिहास के वीर महापुरुषों के…

3 weeks ago