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माता-पिता बच्चों की सेहत को लेकर हर संभव सावधानी बरत सकते हैं लेकिन कुछ चीजें उनके बस में नहीं होती हैं। और कभी कभी कुछ ऐसी बीमारियां जो बहुत दुर्लभ मामले में बच्चों को होती हैं, वो पेरेंट्स के लिए परेशानी का कारण बन जाती है, ऐसी ही एक कंडीशन है यूरोलिथियासिस या नेफ्रोलिथियासिस, जिसे आमतौर पर गुर्दे की पथरी के रूप में जाना जाता है, जो बच्चों में बहुत दर्द का कारण बन सकती है। अपने बच्चे को दर्द में देखना कोई भी माता-पिता सहन नहीं कर सकते। इसीलिए इस विषय के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है ताकि आप अपने छोटे बच्चे का जल्द से जल्द डॉक्टर की देखरेख में इलाज शुरू कर सकें। गुर्दे की पथरी यानि किडनी स्टोन के बारे में जानने के लिए इस लेख को पढ़ें और जानें कि यदि आप अपने बच्चे में इसके लक्षण देखती हैं, तो क्या करें।
यूरिनरी ट्रैक्ट यानी पेशाब के मार्ग में मिनरल्स और एसिड सॉल्ट का एकत्रित हो जाना गुर्दे में पथरी या किडनी स्टोन कहलाता है। यह पथरी यूरिन पास होने से रोकती है जिसकी वजह से दर्द की शिकायत होती है। हालांकि बच्चों में पथरी की दिक्कत बहुत कम पाई जाती है लेकिन अब ऐसे मामलों की संख्या बढ़ रही है। आमतौर पर बच्चे रिकवर हो जाते हैं और भविष्य में इसके कॉम्प्लिकेशन का कोई खतरा भी नहीं होता है। मगर पथरी की समस्या का समय रहते इलाज नहीं किया गया, तो इससे किडनी की समस्या हो सकती है।
यूरिनरी ट्रैक्ट में दो किडनी, यूरेटर, ब्लैडर और यूरेथ्रा होते हैं। पेशाब में कैल्शियम, सिस्टीन, ऑक्सालेट और यूरिक एसिड जैसे पदार्थ होते हैं। जब ये पदार्थ अधिक हो जाते हैं, तो वे क्रिस्टलाइज हो जाते हैं। यदि ये क्रिस्टल छोटे होते हैं, तो वे यूरिनरी ट्रैक के अंदर चले जाते हैं और यूरिन के माध्यम से शरीर से बाहर निकल जाते हैं। और अगर यह शरीर से बाहर नहीं जाते हैं तो इनका आकार बढ़ने लगता जिसकी वजह से दर्द होता है और पेशाब करने में भी परेशानी होती है, अगर पथरी का आकार 0.2 इंच से कम का होता है तो ये यूरिन से जरिए आराम से शरीर से बाहर निकल जाती है।
बच्चों की तुलना में वयस्कों में पथरी की संभावना ज्यादा होती है, आमतौर पर गुर्दे की पथरी वाले अधिकांश बच्चों में पहले से ही कोई मेडिकल समस्या मौजूद होती है, जिससे उनमें गुर्दे की पथरी होने की संभावना बढ़ जाती है।
किडनी स्टोन चार प्रकार के होते हैं:
यह स्टोन चारों प्रकार में सबसे आम प्रकार है। कैल्शियम स्टोन के भी दो प्रकार के होते हैं:
ये पथरी दुर्लभ मामलों में ही देखी जाती है और ये जेनेटिक डिसऑर्डर के कारण होती हैं। सिस्टीन एक केमिकल है जिसे शरीर स्वाभाविक रूप से बनाता है। जेनेटिक डिसऑर्डर वाले लोगों में, सिस्टीन गुर्दे के माध्यम से यूरिन में सिस्टीन लीक होता है।
अगर यूरिन एसिडिक है, तो यूरिक एसिड स्टोन बनने की संभावना काफी होती है। ये स्टोन एसिड से ही बने होते हैं या फिर एसिड और कैल्शियम के कॉम्बिनेशन के साथ बनते हैं।
यह स्टोन उन लोगों में विकसित होता है जिन्हें बार-बार यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन होता है। कुछ यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (यूटीआई) में बैक्टीरिया अमोनिया बनाते हैं। यूरिन में अमोनिया पथरी बनने का कारण बन सकता है। ये स्टोन फॉस्फेट, अमोनियम और मैग्नीशियम से बने होते हैं।
नीचे आपको बच्चे के गुर्दे में पथरी बनने के कुछ कारण बताए गए हैं:
कुछ मामलों में, गुर्दे की पथरी के विकास के कारण अज्ञात हैं।
नीचे कुछ सामान्य लक्षण दिए गए हैं, जिससे आपको बच्चे की किडनी में स्टोन है ये पता चल सके:
जब आपको लगता है कि आपके बच्चे के किडनी में स्टोन है, तो आपको बेहतर इलाज के लिए इसका सही से निदान किया जाना बहुत जरूरी है और डॉक्टर भी यही सलाह देते हैं। आमतौर पर, एक पूर्ण निदान में नीचे बताई गई चीजें शामिल होती हैं:
आइए इनमें से प्रत्येक को थोड़ा विस्तार से समझें।
निदान के पहले चरण में आपके बच्चे की मेडिकल हिस्ट्री को ठीक से समझा जाएगा। इससे डॉक्टर को यह यह पता चलता है कि क्या गुर्दे की पथरी का कारण मेडिकल हिस्ट्री है या कोई अन्य जेनेटिक डिसऑर्डर है। पिछली बीमारी और उसके उपचार के तरीकों से डॉक्टर को बच्चे की स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में स्पष्ट रूप से जानकारी मिल सकेगी।
आमतौर पर, डॉक्टर या नेफ्रोलॉजिस्ट बच्चे की शारीरिक जांच करते हैं और बच्चे की सेहत और डाइट, विशेष रूप से तरल पदार्थों पर भी आपसे पूछताछ कर सकते हैं। यदि आप उस स्टोन को कलेक्ट करने में कामयाब रही हैं, जो पेशाब के दौरान बाहर निकल गया था, तो डॉक्टर इसकी जांच करते हैं और इसे आगे के परीक्षण के लिए प्रयोगशाला में भेज देते हैं।
गुर्दे की पथरी के बारे में विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए डॉक्टर कुछ लैब टेस्ट की सलाह देते हैं। आपको नीचे इन टेस्ट के बारे में बताया गया हैं:
निम्नलिखित कुछ कारक नीचे दिए गए हैं, जो बच्चों में गुर्दे की पथरी बनने के जोखिम को बढ़ाते हैं:
पथरी को खत्म करने के लिए नीचे दिए गए कुछ उपचारों का उपयोग किया जाता है:
नीचे कुछ घरेलू उपचार दिए गए हैं, जो माता-पिता बच्चों में किडनी स्टोन की परेशानी को कम करने के लिए अपना सकते हैं:
किडनी स्टोन का इलाज करने के बाद भी बच्चों को किडनी स्टोन की समस्या हो सकती है। जिन बच्चों में किडनी स्टोन की मेडिकल हिस्ट्री रह चुकी है उन्हें फिर से किडनी स्टोन होने का खतरा रहता है। हालांकि, आप इसके जोखिम को कम करने के लिए नीचे दी गई सावधानियां बरती जा सकती हैं:
किडनी शरीर का अहम हिस्सा होती है और किडनी स्टोन का बार-बार होना या इसका ठीक से इलाज न कराना नुकसान पहुंचा सकता है। हालांकि बच्चों में गुर्दे की पथरी के मामले आमतौर पर नहीं देखे जाते हैं, लेकिन सावधानी बरतना हमेशा बेहतर होता है। सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा पर्याप्त तरल पदार्थ पिए, विशेष रूप से पानी। अगर आपको किसी प्रकार का कोई संदेह है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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