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मानसून की शुरुआत के साथ जल्द ही ठंड का मौसम शुरू हो जाता है, मौसम के बदलने के कारण बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है। इसका सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ता है, इस दौरान बच्चों में सूखी खांसी की समस्या काफी पाई जाती, जिस पर तब तक ध्यान नहीं जाता है, जब तक कि यह कुछ दिनों तक लगातार नहीं बनी रहती है। खांसी निश्चित रूप से एक संकेत है कि शरीर असहज महसूस कर रहा है। इसलिए, यह समझना बहुत जरूरी है कि खांसी होने के पीछे क्या कारण है और इसे ठीक करने के लिए क्या किया जा सकता है।
खांसी शरीर की एक नेचुरल टेंडनसी हैं जो आपके गले के रास्ते में आने वाली किसी भी रुकावट को बाहर करती है। यही कारण है कि खांसी के जरिए कई विभिन्न पदार्थ बाहर निकलते हैं जैसे कि इन्फेक्टेड म्यूकस या लंग इन्फेक्शन, जो बाहर आ जाते हैं और उन्हें शरीर से हटाने की आवश्यकता होती है। कुछ मामलों में, खांसी ठीक से सांस न ले पाने के कारण भी होती है।
कभी कभार होने वाली खांसी आमतौर सभी बच्चों में होती है। लेकिन जब यह बार-बार होने लगे, सांस लेने में परेशानी होने लगे, या खांसी के साथ चिपचिपा पदार्थ निकालना, यहाँ तक कि खून भी आने लगता है, तो यह खतरे का संकेत है।
हर तरह की खांसी जो बच्चे में होती है, उसकी एक अलग आवाज होती है और एक अलग कारण होता है।
यह खांसी आमतौर पर वायुमार्ग के ऊपरी हिस्से में सूजन के कारण होती है। लैरिंक्स या ट्रेकिआ के बढ़ने के कारण खांसी आती है जो भौंकने जैसा साउंड करता है । यह आमतौर 3 साल से कम उम्र वाले बच्चों में देखी जाती है। जब बच्चा सांस लेता है तो यह हार्श साउंड करता है।
बच्चे में काली खांसी आमतौर पर एक बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण होती है। बोर्डेटेला पर्टुसिस एक बैक्टीरिया है जो वायुमार्ग को संक्रमित करता है जिसके कारण लगातार खांसी आने लगती। हर बार जब यह खांसी आती है तो इसे रोकने के लिए एक गहरी सांस लेनी पड़ती है, जो ‘वूप हू हू’ जैसा सुनाई देता है। इसमें बच्चों की नाक बंद हो जाती है और उन्हें बुखार भी हो जाता है। यह खांसी काफी संक्रामक होती है और अगर यह एक वर्ष से कम उम्र के बच्चे को हो जाए तो इसका उन पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है, खासकर यदि उन्हें टीका नहीं लगाया गया हो।
कभी-कभी, आप नोटिस करेंगी कि जब आपका बच्चा सांस लेता है तो उस दौरान घरघराहट की आवाज सुनाई देती हैं। यह आवाज फेफड़ों में सूजन का एक संकेत है और वायरल इन्फेक्शन के होने का भी संकेत है, जैसे कि ब्रोंकाइटिस या यहाँ तक कि अस्थमा आदि। यदि यह अभी हुआ है, तो जांच करें कि कहीं बच्चे ने गलती से कुछ निगल तो नहीं लिया है, अगर इसकी आवाज खांसी के जैसे लग रही है तो।
रात के समय ऐसी कई तरह की खांसी होती जो बढ़ जाती है। इसमें आमतौर पर बलगम का फ्लो गले से होते हुए नीचे जाता है, जिससे खांसी आने लगती है। अन्य मामलों में, अस्थमा रात में ज्यादा स्ट्रॉन्ग हो जाता जिसकी वजह से इस समय गला ज्यादा सेंसेटिव हो जाता है।
कई कारणों से बच्चों को मुख्य रूप से दिन के समय खांसी आने की समस्या हो सकती है। ठंडी हवा या हवा में मौजूद इर्रिटेंट, जैसे कि सिगरेट का धुआं, एरोसोल, जानवरों के बाल आदि के कारण खांसी हो सकती है।
यदि आपका बच्चा खांसी से पीड़ित है और उसकी नाक बह रही और साथ में थोड़ा बुखार भी है, तो यह कॉमन कोल्ड की समस्या का संकेत हो सकता है। हालांकि, अगर बच्चा कमजोर है और उसकी सांसे तेजी से चल रही हैं, उसे 102 डिग्री या उससे ऊपर बुखार है, तो यह निमोनिया का संकेत भी हो सकता है।
कफ रिफ्लेक्स की समस्या बच्चों में गंभीर रूप से हो सकती है जिसे कंट्रोल करना मुश्किल हो सकता है। बिना सांस लिए लगातार खांसी आना, गैग रिफ्लेक्स पर प्रभाव डालता है और इसके कारण बच्चे को उल्टी भी हो सकती है। कुछ बीमारियों में, यदि बच्चा बहुत सारे बलगम को निगल लेता है, तो उससे भी बच्चे को मतली आ सकती है।
कई बार, कुछ इन्फेक्शन के कारण खांसी एक सप्ताह से ज्यादा समय तक जारी रह सकती है। यह आमतौर पर वायरल इन्फेक्शन के मामले में होता है, खासकर सर्दी-जुकाम के बाद। किसी भी अन्य एलर्जी या अस्थमा की स्थिति में भी खांसी की समस्या हो सकती है। अगर बच्चे को एक महीने तक खांसी रहती है, तो डॉक्टर के पास जाएं।
जिस प्रकार विभिन्न तरह की खांसी होती है, वैसे ही उनके होने के भी कई अलग-अलग कारण होते हैं।
यह आमतौर पर बैक्टीरिया के कारण होता है, जिसके परिणामस्वरूप ब्रोन्किइक्टेसिस की समस्या हो जाती है। यह बीमारी एक बच्चे से दूसरे बच्चे में फैलती है, इसकी वजह से बच्चे को गीली खांसी हो जाती है, जो कुछ दिनों तक रहती है। ऐसी खांसी बच्चों में अक्सर देखी जाती है, जो करीब एक से दो महीने में एक बार होती है।
यह ज्यादातर रात में या बिलकुल सुबह के समय देखा जाता है या फिर जब आपका बच्चा खेलकर लौटता है, तो यह खांसी इस बात बड़ा संकेत है कि आपके बच्चे को अस्थमा है। घरघराहट होना या एलर्जी का रिएक्शन भी देखा जा सकता है, यह इस बात का संकेत भी है कि बच्चे को एलर्जी भी हो सकती है।
किसी भी खांसी का एक महीने से अधिक समय तक रहना काफी खतरनाक हो सकता है। बच्चे में गीली खांसी (वेट कफ) होना जिसके कारण उन्हें लगातार खांसी आ रही हो, ऐसे में यह ब्रोन्किइक्टेसिस जैसी समस्या का कारण बन सकता है, जिसकी वजह से फेफड़े खराब हो सकते हैं।
हैरानी की बात यह है कि, किसी और के स्मोकिंग करने से भी आपके बच्चे में खांसी की समस्या हो सकती है। यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो बेहतर होगा कि आप अपनी इस आदत को कम करें या यह सब घर के बाहर बच्चों की मौजूदगी में न करें। सुनिश्चित करें कि आपके घर आने वाले मेहमान भी ऐसा न करें।
यह आमतौर पर एक आम सर्दी या इन्फ्लूएंजा जैसी दिखाई देती है, लेकिन समय के साथ, खांसी लगातार बढ़ने लगती है और यहाँ तक कि लगातार खांसी आने लगती है। ये कई हफ्तों तक जारी रह सकता है।
यह एक गंभीर वायरल बीमारी है जिसके कारण वायुमार्ग का ऊपरी क्षेत्र संकीर्ण होने लगता है, इसमें खांसी की आवाज अक्सर भौंकने जैसी होती है, इसके अलावा सांस लेने में भी परेशानी होती है। वायुमार्ग में सूजन और लैरिंक्स के कारण ज्यादा बलगम बनने लगता है, जिससे वायुमार्ग संकुचित हो जाता है।
खांसी के पीछे की सही वजह जानने और उसका निदान करने के लिए मेडिकल टेस्ट और फिजिकल टेस्ट की जरूरत होती है। लैब में सैंपल भेजना, छाती की विसंगतियों के लिए एक्स-रे निकालना आदि सभी मापदंडों के साथ इसकी जांच की जाती है:
खांसी दूर करने के लिए बच्चों को कौन सी दवा देना है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि खांसी क्यों हो रही है।
कॉमन कोल्ड के कारण होने वाले किसी भी इन्फेक्शन के लिए दी जाने वाली दवाएं शायद ही बहुत प्रभावी होती हों। दूसरी ओर, यह बच्चे के लिए काफी हानिकारक भी हो सकता है। इसके लिए घरेलू उपचार लेना ही सबसे बेहतर तरीका है।
यदि गले में सूजन है, विशेष रूप से लैरिंक्स, तो एक ह्यूमिडिफायर-आधारित दवा सूजन को दूर करने में मदद कर सकती है। खांसी को डेक्सामेथासोन नामक दवा का उपयोग करके ठीक किया जाता है और इसे काफी फायदेमंद माना जाता है।
गले से संबंधित इन्फेक्शन, जो बैक्टीरिया के कारण होता है, उनमें साइनस ट्रैक्ट का इन्फेक्शन और निमोनिया शामिल है, डॉक्टर इसके लिए आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाएं लिखते हैं, जो इन्फेक्शन से जल्द से जल्द ठीक करने में मदद करते हैं।
घरघराहट की आवाज वायुमार्ग में होने वाली असुविधा का संकेत होती है। तो इसे आमतौर पर दवा देकर ठीक किया जाता है, जिससे सांस लेना आसान हो पाता है। हालांकि, यदि घरघराहट किसी बाहरी चीज की उपस्थिति के कारण होती है, तो आपका डॉक्टर इसे बाहर निकालने के लिए ब्रोंकोस्कोपी करने की सलाह दे सकता है।
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रिफ्लक्स या जीईआरडी के कारण होने वाली खांसी के लिए एक थिक फोर्मुले के साथ ओरल मेडिकेशन की जरूरत होती है, जो एसोफैगस में मौजूद एसिड रिफ्लक्स का इलाज में मदद करता है। दुर्लभ स्थितियों में, बच्चा इसकी वजह से सिस्टिक फाइब्रोसिस से पीड़ित हो सकता है, डॉक्टर इसका उपचार धीरे-धीरे करने की सलाह दे सकता है, जो उचित तरीके से बीमारी के प्रभाव को कम करता है।
बच्चों के लिए कुछ घरेलू उपचार बताए गए हैं, जो रात में आने वाली खांसी या किसी भीअन्य प्रकार की खांसी को जल्दी ठीक करने में मदद करता है, आप बताए गए इन बहुत सारे घरलू उपचार के जरिए अपने बच्चे की खांसी को जल्दी ठीक होने में मदद कर सकती हैं और यह उपचार आपको आसानी से अपने घर में उपलब्ध हो जाएंगे।
अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें यदि:
अपने बच्चे के खांसी की आवाज से माता-पिता काफी परेशान हो सकते हैं, क्योंकि इससे बच्चे को बहुत असुविधा हो सकती है। बच्चों में सूखी खांसी के लिए कुछ घरेलू उपचार इस लेख में बताए गए हैं जो उसे सूखी खांसी से तुरंत राहत दिलाने और जल्दी ठीक होने में मदद करेंगे। किसी भी तरह के कॉम्प्लीकेशन्स के मामले में या बच्चे को कौन सी दवा देना है इसके लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क करने में संकोच न करें।
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