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हर माता-पिता ने अपने बच्चों में परीक्षा को लेकर दिखाई देने वाले डर को महसूस जरूर किया होगा। आपका बच्चा जैसे-जैसे अपनी परीक्षाओं के लिए तैयारी करना शुरू करता है, उसके बर्ताव में अचानक से बदलाव आने लगता है। ऐसे में वह अधिक बार बाथरूम जाने लगता है, खाना खाने से मना करने लगता है और रात में ठीक से सोता नहीं है। बच्चों में दिखाई देने वाला ‘परीक्षा के भय’ को कुछ स्टडी और लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर कम किया जा सकता है। आज के समय में बच्चों के जीवन में हर चीज से इम्तिहान का प्रभाव उनके ऊपर देखने को मिलता है। आज कल के बच्चे परीक्षा को एक सकारात्मक चुनौती के बजाय तनाव के साथ जोड़कर देखते हैं। अगर आप माँ हैं और आपका बच्चा भी इसी तरह परीक्षा से डर रहा है या फिर परेशान है, तो आप उसके इस डर को खत्म करने का प्रयास करें और आत्मविश्वास बनाए रखते हुए उसकी मदद करें।
परीक्षा का डर क्या होता है?
परीक्षा का डर वह तनाव है जिसे कई बच्चे परीक्षा से पहले और परीक्षा के दौरान महसूस करते हैं। इस डर के दौरान बच्चा नीचे बताए गए निम्नलिखित लक्षण प्रदर्शित कर सकता है:
- नींद न आना
- हर समय थका महसूस करना
- इरिटेबल बॉवल सिंड्रोम
- प्रश्न पत्र पढ़ते समय कुछ समझ न आना
- पेट दर्द और सिरदर्द होना
- जी मिचलाना
बच्चों में परीक्षा के डर के क्या कारण होते हैं
अपने बच्चे को परीक्षा के डर से लड़ने में मदद करने के लिए आपको इन सवालों को सुलझाने की जरूरत पड़ेगी:
- क्या आपका बच्चा अच्छे ग्रेड लाने के लिए लगातार दबाव में है?
- क्या आप उससे बहुत ज्यादा उम्मीद कर रही हैं?
- क्या आपका बच्चा एक परफेक्शनिस्ट है और कुछ भी बिना परफेक्शन के नहीं करता है?
- क्या आपका बच्चा परीक्षा में खराब प्रदर्शन करने की वजह से साथियों द्वारा रिजेक्ट किए जाने से डरता है?
- क्या उसकी परीक्षा अच्छी नहीं होने पर वह आपकी डांट से डरता है?
बच्चों में परीक्षा के डर को कम करने के 4 तरीके
- घर में सकारात्मक माहौल बनाएं: आपके बच्चे को अपने विचारों को इकट्ठा करने और अपनी किताबों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए मौन और शांति की जरूरत है। टीवी बंद कर दें और अपने सारे काम खत्म कर के उसके साथ पढ़ाई करते वक्त बैठें।
- पढ़ाई करने की योजना बनाएं: एक स्टडी प्लान आपके बच्चे को अहम लक्ष्य प्रदान करती है। बच्चे के शिक्षक के परामर्श से पढ़ाई करने के लिए बैलेंस लेसन तैयार करें। लेकिन आराम करने और खेलने के लिए पर्याप्त समय जरूर निकालें ताकि बच्चा ज्यादा तनाव न ले।
- संतुलित, पोषक तत्वों से भरपूर खाना दें: इस बात का ध्यान रखें कि आपका बच्चा समय पर खाना खाता है। यह भी सुनिश्चित करें कि उसको पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन मिल रहे हैं। उसे तैलीय, चिकना स्नैक्स खिलाने से बचें और इसके बजाय नियमित अंतराल पर मेवे और फल खिलाएं।
- उसे घुमाने के लिए ले जाएं: लगतार पढ़ाई करने के बाद पार्क या बगीचे में टहलने से बच्चा फिर से तरोताजा महसूस करेगा। ध्यान रखें कि बच्चे को परीक्षाओं के दौरान एक स्पष्ट और स्थिर दिमाग रखने के लिए ताजी हवा की दैनिक खुराक मिले।
परीक्षा के डर को कम करने के लिए आपका अपने बच्चे को सहानुभूति देना और उसे समझाना बेहद जरूरी है कि परीक्षाएं उसकी क्षमताओं का अंतिम निर्णायक पैमाना नहीं हैं। उसे बताएं कि स्कूल में होने वाली परीक्षा का समय उसकी कड़ी मेहनत के परिणाम हासिल करने का एक शानदार अवसर है, आप अपने बच्चे को उतना ही प्यार करेंगी, चाहे उसके नंबर कम आएं या ज्यादा!