बड़े बच्चे (5-8 वर्ष)

बच्चों में विटामिन डी की कमी

बच्चों के स्वस्थ विकास और वृद्धि के लिए विटामिन और मिनरल्स बेहद जरूरी होते हैं। लेकिन बच्चों को हेल्दी खाना खिलाना, जिसमें उनके बढ़ते शरीर की जरूरतों को पूरा करने के लिए सभी पोषक तत्व मौजूद हों, कोई आसान काम नहीं है। अगर आपका बच्चा खाने-पीने के मामले में बहुत ही नखैरल है और पौष्टिक खाना नहीं खाना चाहता है, तो ऐसे में उसे विटामिन और अन्य पोषक तत्वों की कमी से जूझना पड़ सकता है। बच्चों में विटामिन डी की कमी आम बात है और इससे रिकेट्स और अन्य समस्याएं हो सकती हैं। इस स्थिति के साथ आमतौर पर खून में कैल्शियम की कमी होती है और इसके कारण विकृति, दिल की गंभीर समस्याएं और अन्य दर्दनाक परेशानियां पैदा हो सकती हैं। 

बच्चों में इस कमी के बारे में जानकारी रखकर इससे बचा जा सकता है और समय पर इसका इलाज किया जा सकता है। 

बच्चों के लिए विटामिन डी जरूरी क्यों है?

बच्चों के विकास के लिए विटामिन डी बेहद जरूरी है। यह उनकी हड्डियों के विकास में मदद करता है और कैल्शियम के अब्जॉर्प्शन में भी मददगार होता है। प्राकृतिक रूप से सुबह की धूप में विटामिन डी मिलता है। 

यह एक जरूरी विटामिन है, क्योंकि विटामिन डी की कमी के कारण निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं –

  • रिकेट्स, इसे सॉफ्ट बोन डिजीज के नाम से भी जाना जाता है, और इसके कारण फ्रैक्चर और हड्डियों में विकृति जैसी स्थितियां हो सकती हैं।
  • अस्वस्थ इम्यून सिस्टम, इंफेक्शन
  • बचपन में आर्थराइटिस

बच्चों में विटामिन डी कम होने के कारण

बच्चों में विटामिन डी की कमी के कारण नीचे बताए गए हैं:

  • पौष्टिक आहार न लेने से विटामिन डी की कमी हो सकती है।
  • धूप की कमी से विटामिन डी की कमी हो सकती है, क्योंकि त्वचा ढकी होने से विटामिन डी सिंथेसाइज नहीं हो पाता है।
  • गहरे रंग के कपड़े पहनने से विटामिन डी की कमी हो सकती है।

बच्चों में विटामिन डी की कमी के संकेत और लक्षण

बच्चों में विटामिन डी डेफिशिएंसी के कुछ आम संकेत और लक्षण इस प्रकार हैं: 

  • मांसपेशियों में क्रैम्प, दौरे और सांस लेने में कठिनाई
  • दांत निकलने में देर
  • बच्चे का चिड़चिड़ा और फसी होना
  • विभिन्न प्रकार के रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन का बार-बार होना
  • रिब केज सॉफ्ट हो जाने के कारण सांस लेने में कठिनाई
  • धीमा विकास और कम वजन
  • हृदय की मांसपेशियों का कमजोर हो जाना
  • रिकेट्स के टिपिकल लक्षण जैसे खोपड़ी का मुलायम हो जाना, पैरों की हड्डियों का मुड़ा हुआ दिखना, पैरों में बार-बार और गंभीर दर्द उठना, मांसपेशियों में कमजोरी और आम कमजोरी

विटामिन डी से भरपूर भोजन

एक बढ़ते बच्चे के लिए खाना मिनरल्स, विटामिन, प्रोटीन और अन्य जरूरी पोषक तत्व का मुख्य स्रोत होता है। इसलिए पर्याप्त विटामिन और मिनरल से भरपूर एक संतुलित भोजन लेना बेहद जरूरी है, ताकि स्वास्थ्य संबंधी किसी भी खतरे से दूर रहा जा सके। अगर आप विटामिन डी से भरपूर कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों की तलाश कर रही हैं, जिन्हें आप बच्चे के आहार में शामिल कर सकें, तो यहां पर इसके कुछ विकल्प दिए गए हैं:

  • ऑयली फिश, जैसे मैकेरल, कॉड आदि
  • एग योक
  • फोर्टिफाइड सोया दूध
  • छोटे बच्चों के लिए फॉर्मूला दूध
  • फोर्टिफाइड सीरियल और बाजरा
  • दूध, बटर, दही आदि जैसे डेयरी प्रोडक्ट
  • फलों के रस, खासकर फोर्टिफाइड ऑरेंज जूस
  • कॉड लिवर ऑयल

बच्चों के लिए विटामिन डी की खुराक

बच्चों में विटामिन डी की कमी या तो हल्की हो सकती है या फिर गंभीर भी हो सकती है। इसका इलाज और इसकी खुराक बच्चे की स्थिति पर निर्भर करती है। दोनों ही मामलों में एक पीडियाट्रिशियन से परामर्श लेना सबसे अच्छा होता है। एक साल से अधिक के बच्चों के लिए विटामिन डी की खुराक 400 आईयू होती है। लेकिन अपने बच्चे के लिए इस पर विचार करने से पहले आपको अपने बच्चे के डॉक्टर से बात करना जरूरी है। 

बच्चों में विटामिन डी की कमी का इलाज कैसे किया जाता है?

बच्चों में विटामिन डी डेफिशिएंसी का इलाज इस समस्या की गंभीरता और एक पीडियाट्रिशियन की सलाह के आधार पर किया जाना चाहिए। लेकिन आप अपने बच्चे को विटामिन डी की कमी से निपटने में किस प्रकार मदद कर सकती हैं, इसकी कुछ जानकारी यहां पर दी गई है: 

  • इस बात का ध्यान रखें, कि आपके बच्चे को हर दिन पर्याप्त मात्रा में धूप मिले।
  • बच्चे को एक स्वस्थ और संतुलित डाइट लेना जरूरी है।
  • स्टॉस थेरेपी या हाई डोज विटामिन डी थेरेपी से गंभीर डेफिशिएंसी के मामले में मदद मिल सकती है, लेकिन इस थेरेपी को आजमाने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लेना अनिवार्य है।
  • इसका इलाज ओरल या इंट्रा मस्कुलर हो सकता है।
  • जो बच्चे खाने वाली दवाइयां नहीं लेना चाहते हैं, उन्हें विटामिन डी के इंजेक्शन दिए जा सकते हैं। इनका प्रभाव आमतौर पर छह महीनों तक रहता है।
  • हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद के लिए विटामिन डी के साथ-साथ कैल्शियम और फास्फोरस सप्लीमेंट लेने की सलाह भी दी जा सकती है।

बच्चों में विटामिन डी की कमी से कैसे बचा जा सकता है?

बचाव हमेशा से ही इलाज से बेहतर होता है। विटामिन डी की कमी से कैसे बचा जा सकता है, इसकी जानकारी से आपको मदद मिल सकती है। आपके बच्चे को विटामिन डी की कमी से ग्रस्त न होना पड़े और वह बिना किसी सप्लीमेंट या दवाओं के एक स्वस्थ और प्रसन्न बचपन को इंजॉय कर सके, यह सुनिश्चित करने के लिए यहां पर कुछ जानकारी दी गई है। 

  • हर दिन बच्चे को बाहर धूप में खेलने दें।
  • विशेषकर मां का दूध पीने वाले बच्चों में विटामिन डी की कमी से बचाव के लिए मां को गर्भावस्था और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान विटामिन डी की संतुलित खुराक लेनी चाहिए।
  • अगर बच्चे में विटामिन डी की कमी मौजूद हो, तो पीडियाट्रिशियन जीवन के पहले दिन से ही विटामिन डी सप्लीमेंट्स की सलाह दे सकते हैं।
  • इस बात का ध्यान रखें, कि बच्चे के बढ़ते वर्षों में आप ऐसा खाना तैयार करें, जिसमें हर तरह के विटामिन और मिनरल मौजूद हों।
  • आप बढ़ते बच्चे को नियमित रूप से विटामिन डी के सप्लीमेंट्स भी दे सकती हैं।
  • दुविधा होने पर अपने पीडियाट्रिशियन से बात करें और विटामिन डी की कमी के संदर्भ में बच्चे की जांच कराएं।

हड्डियों के स्वास्थ्य और बच्चे के संपूर्ण विकास के लिए विटामिन डी बेहद जरूरी है। अगर आप अपने बच्चे में विटामिन डी की कमी के कोई भी लक्षण या संकेत देखते हैं, तो यह जरूरी है कि डॉक्टर से परामर्श लें और समय पर इसका इलाज करने में मदद करें। 

यह भी पढ़ें:

बच्चों के लिए जिंक
बच्चों के लिए ओमेगा 3 फैटी एसिड
बच्चों के लिए आयरन युक्त सबसे अच्छे खाद्य पदार्थ

पूजा ठाकुर

Recent Posts

अ अक्षर से शुरू होने वाले शब्द | A Akshar Se Shuru Hone Wale Shabd

हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…

23 hours ago

6 का पहाड़ा – 6 Ka Table In Hindi

बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…

23 hours ago

गर्भावस्था में मिर्गी के दौरे – Pregnancy Mein Mirgi Ke Daure

गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…

23 hours ago

9 का पहाड़ा – 9 Ka Table In Hindi

गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…

3 days ago

2 से 10 का पहाड़ा – 2-10 Ka Table In Hindi

गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…

3 days ago

10 का पहाड़ा – 10 Ka Table In Hindi

10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…

3 days ago