बड़े बच्चे (5-8 वर्ष)

बच्चों के लिए प्रोबायोटिक्स क्यों जरूरी है? l Bacchon Ke Liye Probiotics Kyo Jaruri Hain?

हर माता-पिता की हमेशा से अपने बच्चों को पोषण से भरपूर आहार देने की कोशिश होती है। लेकिन, आजकल के फास्ट फूड और प्रोसेस्ड फूड के जमाने में बच्चों को सेहतमंद खाना खिलाना हमेशा आसान नहीं होता है। ऐसे में, प्रोबायोटिक अब तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। कई शोध इस बात को साबित करते हैं कि प्रोबायोटिक बच्चों के लिए फायदेमंद होते हैं। जब बच्चे प्रोबायोटिक का सेवन करते हैं, चाहे वह सप्लीमेंट के जरिए हो या खाने से, तो यह उनकी आंतों पर सकारात्मक असर डालता है, जिससे उनका स्वास्थ्य बेहतर होता है। इसलिए कई माता-पिता अब अपने बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए प्रोबायोटिक सप्लीमेंट का इस्तेमाल कर रहे हैं।

प्रोबायोटिक क्या हैं?

प्रोबायोटिक वे जीवित सूक्ष्मजीव जैसे यीस्ट या बैक्टीरिया होते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। सरल शब्दों में कहें तो, ये ‘अच्छे’ बैक्टीरिया होते हैं। ये हमारे पेट को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं क्योंकि यह शरीर में स्वस्थ बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं। यह इसलिए जरूरी है क्योंकि हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा पेट में होता है। दिलचस्प बात यह है कि हमारे पाचन तंत्र में प्रोबायोटिक की संख्या हमारे शरीर की कुल कोशिकाओं से दस गुना ज्यादा होती है। प्रोबायोटिक को दही जैसे खाद्य पदार्थों से प्राप्त किया जा सकता है या फिर सप्लीमेंट के रूप में खाया जा सकता है, जो चबाने वाली गोलियों, ड्रॉप्स और खास प्रोबायोटिक कोटेड स्ट्रॉ के रूप में उपलब्ध होते हैं। यह ध्यान देने की बात है कि विभिन्न प्रोबायोटिक कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को ठीक करने में मदद करते हैं, इसलिए सही प्रोबायोटिक का चयन करना बहुत जरूरी है।

बच्चों को प्रोबायोटिक की जरूरत क्यों होती है?

बच्चों का पाचन तंत्र कई बैक्टीरिया से भरा होता है। इनमें से कुछ ‘अच्छे’ बैक्टीरिया होते हैं, जबकि कुछ ‘खराब’ बैक्टीरिया होते हैं। कई स्वास्थ्य समस्याएं, जैसे एलर्जी, अस्थमा और ऑटोइम्यून बीमारियां, अच्छे और बुरे बैक्टीरिया के बीच का संतुलन बिगाड़ सकती हैं। प्रोबायोटिक अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देने में मदद करते हैं, जिससे यह संतुलन सही रहता है और बच्चे का पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है।

प्रोसेस्ड फूड और फ्लोरिन वाले पानी का सेवन भी बच्चों के पेट में बैक्टीरिया का संतुलन बिगाड़ सकता है। प्रोबायोटिक अच्छे बैक्टीरिया को बच्चों के पेट में बढ़ाने में मदद करते हैं, जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। एक मजबूत प्रतिरक्षा बच्चे को विभिन्न बीमारियों और संक्रमणों से बचाती है। लेकिन, हो सकता है कि बच्चा अपने नियमित आहार से प्रोबायोटिक की रोजाना की खुराक न प्राप्त कर पा रहा हो। ऐसे में, प्रोबायोटिक सप्लीमेंट देना जरूरी हो सकता है। हालांकि, इसे शुरू करने से पहले हमेशा अपने बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह लेना अच्छा रहता है। बच्चों के लिए प्रोबायोटिक के फायदे इस प्रकार हैं:

  • प्रोबायोटिक बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में मदद कर सकते हैं क्योंकि ये उनके पेट में बैक्टीरिया का सही संतुलन बनाए रखते हैं।
  • जब बच्चे एंटीबायोटिक लेते हैं, तो ये दवाईयां अच्छे और बुरे दोनों बैक्टीरिया को नष्ट कर देती हैं, जिससे पाचन तंत्र में समस्या हो सकती है। इस कारण, डॉक्टर अक्सर बच्चों को एंटीबायोटिक देने से पहले और बाद में प्रोबायोटिक लेने की सलाह देते हैं ताकि अच्छे बैक्टीरिया को बचाया जा सके।
  • कई बीमारियां भी पेट में अच्छे और बुरे बैक्टीरिया के बीच संतुलन को बिगाड़ सकती हैं। प्रोबायोटिक का सेवन इस संतुलन को फिर से सही कर सकता है।
  • प्रोबायोटिक बच्चों में कई बीमारियों और एलर्जी के खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं।
  • ये आंतों की सेहत बढ़ाने वाले सूक्ष्मजीवों को बढ़ावा देते हैं, जो न केवल पाचन तंत्र को सुधारते हैं, बल्कि खाने को बेहतर तरीके से पचाने में भी मदद करते हैं।
  • शोध के अनुसार, प्रोबायोटिक जीन की गति को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं।
  • प्रोबायोटिक जीवन भर बच्चे के वजन और मेटाबोलिज्म (उपापचय) को सही रखने में मदद करते हैं।
  • ये बच्चों के दिमागी विकास में भी मदद करते हैं, क्योंकि पेट और दिमाग आपस में जुड़े होते हैं।
  • शोध में यह भी पाया गया है कि प्रोबायोटिक बच्चों को वैक्सीनेशन के दुष्प्रभावों से बचा सकते हैं।
  • प्रोबायोटिक बच्चों के पेशाब के मार्ग के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं।
  • प्रोबायोटिक विटामिन बी12, विटामिन के2 और ब्यूटायरेट का उत्पादन करते हैं, जो एनर्जी बढ़ाने में मदद करते हैं।

प्रोबायोटिक की मदद से ठीक की जाने या रोकी जाने वाली बीमारियां

एक शोध से यह साबित हुआ है कि प्रोबायोटिक बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। कुछ ऐसी बीमारियां हैं जिन्हें प्रोबायोटिक के जरिए रोका या ठीक किया जा सकता है:

  • प्रोबायोटिक, एंटीबायोटिक लेने के कारण होने वाले दस्त को ठीक करने में मदद करते हैं।
  • शोध से पता चलता है कि प्रोबायोटिक पेट दर्द, गैस और एसिड रिफ्लक्स को कम करने में मदद करते हैं।
  • डॉक्टर बच्चों की कब्ज को ठीक करने के लिए प्रोबायोटिक लेने का सुझाव देते हैं।
  • प्रोबायोटिक को एक्जिमा (त्वचा की सूजन) को ठीक करने में भी मददगार माना जाता है।
  • कुछ शोधों के अनुसार, प्रोबायोटिक आईबीडी (आंत की सूजन का रोग) ठीक करने में मदद कर सकते हैं।
  • नियमित रूप से प्रोबायोटिक का सेवन करने से बच्चों में दूध और दूध से बने पदार्थों को पचाने की क्षमता बढ़ सकती है।
  • प्रोबायोटिक दांतों की सड़न को रोकने में भी प्रभावी होते हैं।

बच्चों के लिए सबसे अच्छे प्रोबायोटिक कौन से हैं?

हर बच्चे का पाचन तंत्र अलग होता है और उसमें अलग-अलग बैक्टीरिया होते हैं। कोई भी दो बच्चों में एक जैसे बैक्टीरिया मिश्रण नहीं होते हैं। लेकिन शरीर में दो आम और फायदेमंद बैक्टीरिया होते हैं, जिनका नाम है बिफिडोबैक्टीरियम और लैक्टोबैसिलस। ज्यादातर प्रोबायोटिक सप्लीमेंट में इन्हीं बैक्टीरिया का उपयोग किया जाता है। जब आप अपने बच्चे के लिए प्रोबायोटिक सप्लीमेंट चुनें, तो यह अच्छा होगा कि बच्चों के लिए खास तौर पर तैयार किए गए प्रोबायोटिक का चयन करें। एक अच्छा प्रोबायोटिक वह है जिसमें एक से अधिक लाभकारी बैक्टीरिया हों, ताकि बच्चे को ज्यादा फायदा हो।

यह भी जरूरी है कि आप प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले प्रोबायोटिक को प्राथमिकता दें, जो बच्चों के लिए सुरक्षित होते हैं और उनके पाचन तंत्र से जल्दी समायोजित हो जाते हैं। आप डॉक्टर से सलाह लेकर यह जान सकती हैं कि आपके बच्चे के लिए सबसे उपयुक्त प्रोबायोटिक कौन सा है।

आमतौर पर, बच्चे को खाने के बाद प्रोबायोटिक देना चाहिए, क्योंकि खाली पेट इसे देने पर पेट के एसिड से माइक्रोऑर्गेनिजम नष्ट हो सकते हैं। कुछ विकल्पों में शामिल हैं:

  • बिफिडोबैक्टीरियम स्ट्रेन वाला प्रोबायोटिक।
  • लैक्टोबैसिलस जीजी बैक्टीरिया स्ट्रेन।
  • प्रोबायोटिक जो पित्त और एसिड प्रतिरोधकता वाले होते हैं।
  • सैकरोमाइस बौलार्डी, एक प्रकार का यीस्ट, जो उपयोगी साबित हुआ है।

खाद्य पदार्थ जिनमें प्रोबायोटिक होता है

दूध से बने उत्पादों को प्रोबायोटिक का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है। जब आप इन उत्पादों का चुनें, तो यह ध्यान रखना जरूरी है कि इनमें प्राकृतिक रूप से सक्रिय बैक्टीरिया हों, क्योंकि कई उत्पादों में प्रोसेसिंग के दौरान जीवित बैक्टीरिया मर जाते हैं। प्रोबायोटिक से भरपूर खाने की चीजों की सूची नीचे दी गई हैं:

  • दही
  • केफिर (एक प्रकार का दही पेय)
  • छाछ
  • गॉडा और चेडर चीज
  • पनीर
  • सॉकरक्राट
  • किमची (खमीर वाली पत्ता गोभी)
  • मिसो सूप
  • टेम्पेह (सोया उत्पाद)
  • कोम्बुचा चाय

प्रीबायोटिक और सिंबायोटिक क्या हैं?

प्रीबायोटिक और सिंबायोटिक भी हमारे पाचन तंत्र के स्वस्थ रूप से काम करने के लिए फायदेमंद होते हैं, लेकिन इनके प्रभाव और फायदों को लेकर विशेषज्ञ अभी भी अध्ययन कर रहे हैं।

  • प्रीबायोटिक विशेष प्रकार के फाइबर होते हैं जो हमारी आंतों में पहले से मौजूद अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं।
  • प्रीबायोटिक, प्रोबायोटिक के लिए पोषण होते हैं। जितना अधिक प्रीबायोटिक, प्रोबायोटिक खाएंगे, वे आंत को स्वस्थ रखने में उतना ही बेहतर काम करते हैं।
  • प्रीबायोटिक में फ्रुक्टोज-ओलिगो सैकेराइड और फाइबर होते हैं।
  • फल, साबुत अनाज और सब्जियां फाइबर प्रदान करती हैं।
  • प्याज, केला, शहद, शतावरी, मेपल सिरप, राई और ओट्स जैसे पदार्थ फ्रुक्टोज-ओलिगो सैकराइड्स देते हैं।
  • जिन उत्पादों में प्रीबायोटिक और प्रोबायोटिक एक साथ होते हैं, तो उन्हें सिंबायोटिक कहा जाता है।
  • जब इन दोनों, प्रीबायोटिक और प्रोबायोटिक को मिलाया जाता है, तो एक संयोजन बनता है जो इन खाद्य पदार्थों के स्वास्थ्य फायदों को बढ़ा देता है।
  • उदाहरण के लिए, दही में शहद मिलाने से प्रीबायोटिक और प्रोबायोटिक का सही संतुलन बनता है।

अपने बच्चे को प्रोबायोटिक से भरपूर आहार देना उसके स्वास्थ्य के लिए एक समझदार कदम है। हालांकि, यह याद रखना जरूरी है कि प्रोबायोटिक के प्रभाव अस्थायी होते हैं। अगर इनका सेवन बंद कर दिया जाए, तो ये आंत से खत्म हो जाते हैं। प्रोबायोटिक पर किए जा रहे शोध अभी शुरुआती दौर में हैं, और इस पर ठोस प्रमाण मिलने में समय लगेगा कि ये मानव स्वास्थ्य के लिए कितने फायदेमंद हैं।

समर नक़वी

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