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हर माता-पिता की हमेशा से अपने बच्चों को पोषण से भरपूर आहार देने की कोशिश होती है। लेकिन, आजकल के फास्ट फूड और प्रोसेस्ड फूड के जमाने में बच्चों को सेहतमंद खाना खिलाना हमेशा आसान नहीं होता है। ऐसे में, प्रोबायोटिक अब तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। कई शोध इस बात को साबित करते हैं कि प्रोबायोटिक बच्चों के लिए फायदेमंद होते हैं। जब बच्चे प्रोबायोटिक का सेवन करते हैं, चाहे वह सप्लीमेंट के जरिए हो या खाने से, तो यह उनकी आंतों पर सकारात्मक असर डालता है, जिससे उनका स्वास्थ्य बेहतर होता है। इसलिए कई माता-पिता अब अपने बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए प्रोबायोटिक सप्लीमेंट का इस्तेमाल कर रहे हैं।
प्रोबायोटिक वे जीवित सूक्ष्मजीव जैसे यीस्ट या बैक्टीरिया होते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। सरल शब्दों में कहें तो, ये ‘अच्छे’ बैक्टीरिया होते हैं। ये हमारे पेट को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं क्योंकि यह शरीर में स्वस्थ बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं। यह इसलिए जरूरी है क्योंकि हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा पेट में होता है। दिलचस्प बात यह है कि हमारे पाचन तंत्र में प्रोबायोटिक की संख्या हमारे शरीर की कुल कोशिकाओं से दस गुना ज्यादा होती है। प्रोबायोटिक को दही जैसे खाद्य पदार्थों से प्राप्त किया जा सकता है या फिर सप्लीमेंट के रूप में खाया जा सकता है, जो चबाने वाली गोलियों, ड्रॉप्स और खास प्रोबायोटिक कोटेड स्ट्रॉ के रूप में उपलब्ध होते हैं। यह ध्यान देने की बात है कि विभिन्न प्रोबायोटिक कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को ठीक करने में मदद करते हैं, इसलिए सही प्रोबायोटिक का चयन करना बहुत जरूरी है।
बच्चों का पाचन तंत्र कई बैक्टीरिया से भरा होता है। इनमें से कुछ ‘अच्छे’ बैक्टीरिया होते हैं, जबकि कुछ ‘खराब’ बैक्टीरिया होते हैं। कई स्वास्थ्य समस्याएं, जैसे एलर्जी, अस्थमा और ऑटोइम्यून बीमारियां, अच्छे और बुरे बैक्टीरिया के बीच का संतुलन बिगाड़ सकती हैं। प्रोबायोटिक अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देने में मदद करते हैं, जिससे यह संतुलन सही रहता है और बच्चे का पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है।
प्रोसेस्ड फूड और फ्लोरिन वाले पानी का सेवन भी बच्चों के पेट में बैक्टीरिया का संतुलन बिगाड़ सकता है। प्रोबायोटिक अच्छे बैक्टीरिया को बच्चों के पेट में बढ़ाने में मदद करते हैं, जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। एक मजबूत प्रतिरक्षा बच्चे को विभिन्न बीमारियों और संक्रमणों से बचाती है। लेकिन, हो सकता है कि बच्चा अपने नियमित आहार से प्रोबायोटिक की रोजाना की खुराक न प्राप्त कर पा रहा हो। ऐसे में, प्रोबायोटिक सप्लीमेंट देना जरूरी हो सकता है। हालांकि, इसे शुरू करने से पहले हमेशा अपने बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह लेना अच्छा रहता है। बच्चों के लिए प्रोबायोटिक के फायदे इस प्रकार हैं:
एक शोध से यह साबित हुआ है कि प्रोबायोटिक बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। कुछ ऐसी बीमारियां हैं जिन्हें प्रोबायोटिक के जरिए रोका या ठीक किया जा सकता है:
हर बच्चे का पाचन तंत्र अलग होता है और उसमें अलग-अलग बैक्टीरिया होते हैं। कोई भी दो बच्चों में एक जैसे बैक्टीरिया मिश्रण नहीं होते हैं। लेकिन शरीर में दो आम और फायदेमंद बैक्टीरिया होते हैं, जिनका नाम है बिफिडोबैक्टीरियम और लैक्टोबैसिलस। ज्यादातर प्रोबायोटिक सप्लीमेंट में इन्हीं बैक्टीरिया का उपयोग किया जाता है। जब आप अपने बच्चे के लिए प्रोबायोटिक सप्लीमेंट चुनें, तो यह अच्छा होगा कि बच्चों के लिए खास तौर पर तैयार किए गए प्रोबायोटिक का चयन करें। एक अच्छा प्रोबायोटिक वह है जिसमें एक से अधिक लाभकारी बैक्टीरिया हों, ताकि बच्चे को ज्यादा फायदा हो।
यह भी जरूरी है कि आप प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले प्रोबायोटिक को प्राथमिकता दें, जो बच्चों के लिए सुरक्षित होते हैं और उनके पाचन तंत्र से जल्दी समायोजित हो जाते हैं। आप डॉक्टर से सलाह लेकर यह जान सकती हैं कि आपके बच्चे के लिए सबसे उपयुक्त प्रोबायोटिक कौन सा है।
आमतौर पर, बच्चे को खाने के बाद प्रोबायोटिक देना चाहिए, क्योंकि खाली पेट इसे देने पर पेट के एसिड से माइक्रोऑर्गेनिजम नष्ट हो सकते हैं। कुछ विकल्पों में शामिल हैं:
दूध से बने उत्पादों को प्रोबायोटिक का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है। जब आप इन उत्पादों का चुनें, तो यह ध्यान रखना जरूरी है कि इनमें प्राकृतिक रूप से सक्रिय बैक्टीरिया हों, क्योंकि कई उत्पादों में प्रोसेसिंग के दौरान जीवित बैक्टीरिया मर जाते हैं। प्रोबायोटिक से भरपूर खाने की चीजों की सूची नीचे दी गई हैं:
प्रीबायोटिक और सिंबायोटिक भी हमारे पाचन तंत्र के स्वस्थ रूप से काम करने के लिए फायदेमंद होते हैं, लेकिन इनके प्रभाव और फायदों को लेकर विशेषज्ञ अभी भी अध्ययन कर रहे हैं।
अपने बच्चे को प्रोबायोटिक से भरपूर आहार देना उसके स्वास्थ्य के लिए एक समझदार कदम है। हालांकि, यह याद रखना जरूरी है कि प्रोबायोटिक के प्रभाव अस्थायी होते हैं। अगर इनका सेवन बंद कर दिया जाए, तो ये आंत से खत्म हो जाते हैं। प्रोबायोटिक पर किए जा रहे शोध अभी शुरुआती दौर में हैं, और इस पर ठोस प्रमाण मिलने में समय लगेगा कि ये मानव स्वास्थ्य के लिए कितने फायदेमंद हैं।
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