बच्चों की कहानियां

बंदर और खरगोश की कहानी | Monkey And Rabbit Story In Hindi

यह कहानी एक बंदर और खरगोश की है, जिनकी दोस्ती के किस्से पूरे जंगल में मशहूर थे। दोनों एक दूसरे का बहुत ख्याल रखते थे और हर परिस्थिति में एक साथ खड़े रहते थे। इस कहानी का मकसद दोस्ती की महत्वता को समझाना है। यदि आपकी दोस्ती सच्ची है तो चाहे कोई भी स्थिति हो आपका दोस्त आपके साथ रहता है और खुद से ज्यादा अपने मित्र के लिए करने की कोशिश करता है। यह कहानी बच्चों को बहुत पसंद आएगी और उन्हें दोस्ती निभाने का तरीका भी सीखने को इससे मिलेगा। ऐसी पंचतंत्र की कहानियों का आनंद लेने के लिए हमसे जुड़े रहें और बच्चों को भी इन्हें पढ़ने के लिए प्रेरित करें।

कहानी के पात्र (Characters Of The Story)

  • बंदर
  • खरगोश
  • शिकारी, जो जंगल में जानवरों के शिकार के लिए आया था
  • लोमड़ी
  • हाथी

बंदर और खरगोश की कहानी | Monkey And Rabbit Story In Hindi

एक बहुत ही बड़ा जंगल था, जिसमे एक बंदर और खरगोश रहते थे। दोनों में आपस में बहुत गहरी दोस्ती थी और  दोनों साथ मिलकर एक दूसरे से अपनी खुशी और गम बांटते थे। एक दिन दोनों खेल रहे थे कि तभी बंदर ने कहा, “दोस्त खरगोश, आज कोई नया खेल खेलते हैं।” इस पर खरगोश ने पूछा, “बताओ कौन सा नया खेल खेलने का तुम्हारा मन है?”

बंदर ने कहा, “आज हम दोनों आँख-मिचोली खेलते हैं।” बंदर की बात सुनकर खरगोश हंसा और कहने लगा, “ठीक है, खेलते है। बहुत मजा आएगा।” जैसे ही ये दोनों इस खेल की शुरुआत करने वाले थे कि तभी उनकी नजर जंगल के अन्य जानवरों पर पड़ी, वह सभी इधर-उधर भाग रहे थे।

बंदर अपनी फुर्ती दिखते हुए पास में भाग रही लोमड़ी से पूछा, “अरे, क्या हो गया ऐसा, जंगल के सब लोग क्यों भाग रहे हैं?” लोमड़ी बोली, “एक शिकारी जंगल में जानवरों का शिकार करने आया है, इसलिए सब जान बचाने के लिए भाग रहे हैं। तुम लोग भी जल्दी भागो वरना पकड़े जाओगे।” यह बोलकर लोमड़ी वहां से जल्दी से भाग गई।

लोमड़ी की बात सुनकर खरगोश और बंदर भी घबरा गएं और तेजी से भागने लगे। दोनों भागते-भागते उस जंगल से दूर आ गए। खरगोश और बंदर दोनों ही बहुत थक गए और बंदर ने कहा, “दोस्त खरगोश हम दोनों सुबह से भाग रहे हैं। शाम हो चुकी है। चलो, थोड़ा आराम कर लेते हैं। मैं बहुत थक गया हूं।”

खरगोश ने कहा, “हां थकान के साथ प्यास भी बहुत लगी है। थोड़ा पानी पीते है और फिर आराम करेंगे।” बंदर ने कहा, “प्यास तो मुझे भी बहुत लगी है। चलो साथ में पानी ढूंढते हैं।” दोनों ने पानी ढूंढना शुरू कर दिया और थोड़ी दूर चलने पर उन्हें पानी का एक घड़ा मिला। उस मटके में पानी बहुत कम था। कम पानी देखकर दोनों बंदर और खरगोश के मन में ये विचार आया कि यदि मैंने पानी पी लिया, तो मेरा मित्र प्यासा रह जाएगा।

खरगोश ने कहा, “मित्र ये पानी तुम पी लो। मुझे बहुत प्यास नहीं लगी है। तुमने उछल-कूद की है, इसलिए तुम्हें अधिक प्यास लग रही होगी।”

ये सुनकर बंदर बोला, “दोस्त, मुझे प्यास नहीं लगी है, ये पानी तुम पी लो। मैं जानता हूं, तुम्हे ज्यादा प्यास लगी है।” ऐसे ही दोनों लोग एक दूसरे से बार-बार पानी पीने के लिए बोल रहे थे। तभी वहां पास से गुजर रहा हाथी रूककर उन दोनों की बात सुनने लगा।

इनकी बात सुनकर हाथी हंसने लगा और पूछा, “तुम दोनों पानी क्यों नहीं पी रहे हो?” तभी खरगोश हाथी से कहता है “हाथी भाई देखिए न, मेरे दोस्त बंदर को प्यास लगी है, लेकिन वो पानी पीने से मना कर रहा है।” तभी बंदर ने खरगोश की बात काटते हुए कहा, “नहीं भाई! खरगोश सच नहीं बोल रहा है। मुझे प्यास नहीं लगी है, खरगोश को ज्यादा प्यास लगी है। लेकिन ये मुझे जबरदस्ती पानी पीने ले लिए कह रहा है।”

ये सब देखकर हाथी दोनों से बोला, “तुम दोनों की मित्रता बहुत गहरी है। ये दोस्ती सभी के लिए एक मिसाल की तरह है। तुम दोनों क्यों न इस पानी को आधा-आधा बांट लो। “ये बात सुनकर खरगोश और बंदर को हाथी का सुझाव पसंद आया और दोनों ने आधा-आधा पानी पीकर अपनी प्यास बुझाई और फिर आराम करने लगे।

बंदर और खरगोश की कहानी से सीख (Moral of Monkey And Rabbit Hindi Story)

बंदर और खरगोश की इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि सच्ची दोस्ती हर समय आपका साथ देती है। यदि आपकी दोस्ती में स्वार्थ की भावना नहीं हो, तो वह जिंदगी भर आपका साथ निभाती है।

बंदर और खरगोश की कहानी का कहानी प्रकार (Story Type of Monkey And Rabbit Hindi Story)

बंदर और खरगोश की कहानी एक पंचतंत्र की  कहानी है और इससे हमें प्रेरणा और नैतिक शिक्षा मिलती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. बंदर और खरगोश की नैतिक कहानी क्या है?

बंदर और खरगोश की ये कहानी हमें दोस्ती की अहमियत का अहसास दिलाती है। इससे हमें खुद से ज्यादा दूसरे के बारे में सोचने की प्रेरणा मिलती है। साथ ही यदि मित्रता गहरी हो तो किसी भी मुसीबत का सामना साथ में किया जा सकता है।

2. हमें दोस्ती का महत्व क्यों समझना चाहिए?

दोस्ती बहुत कीमती होती है फिर चाहे वो इंसानों की हो या जानवरों की, यह आपको अपने से ज्यादा दूसरे का ख्याल रखना सिखाती है। जीवन में दोस्ती बहुत अहम भूमिका निभाती और कई बार तो मुसीबत में ये ढाल बनकर खड़ी रहती है।

निष्कर्ष (Conclusion)

इस कहानी का निष्कर्ष ये है कि हम सभी को दोस्ती हमेशा सच्चे दिल से निभानी चाहिए ताकि जीवन भर एक दूसरे का साथ बना रहे। यह कहानी दोस्ती की अहमियत समझाती है कि जीवन में सुख हो या दुख यदि एक सच्चा मित्र आपके साथ है तो जिंदगी आसान हो जाती है। बच्चे इस कहानी को पढ़कर अपना मनोरंजन तो करेंगे ही साथ में दोस्ती कैसे निभाई जाती है ये भी सीखेंगे।

समर नक़वी

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