In this Article
मानसून वो समय होता है जब पृथ्वी जैसे खिल उठती है, हर तरफ हरियाली हो जाती है और बहुत सारे नए जीव जन्म लेते हैं। बारिश के बाद की मिट्टी महक बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी को पसंद होती है और शायद ही कोई ऐसा हो जिसे बारिश में भीगना पसंद न हो, खासकर बच्चों को। हालांकि, इन सभी अच्छी चीजों के बावजूद, मानसून अपने साथ-साथ कीटाणु के कारण इंफेक्शन और बीमारियों को भी लाता है। यहां, हम आपके साथ कुछ ऐसी जानकारी साझा कर रहे हैं जो बारिश के मौसम में बच्चे को बीमार होने से बचाने में आपकी मदद करेगी। ध्यान रखें कि अपने बच्चों को खाने में पौष्टिक चीजें ही दें और उनकी इम्युनिटी को मजबूत रखें, क्योंकि वे बीमारी की चपेट में जल्दी आ सकते हैं।
मानसून के दौरान बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए कुछ बेहतरीन खाद्य पदार्थों की सूची यहां दी गई है। आप अपने बच्चों की डाइट में क्या शामिल कर सकती हैं, आइए जानें:
लहसुन एक एंटीऑक्सिडेंट हर्ब होता है जो इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करता है और शरीर की पाचन शक्ति को भी बेहतर बनाता है। लहसुन का उपयोग कई प्रकार (औषधि और भोजन) से किया जाता है, जैसे भोजन को स्वादिष्ट बनाने के लिए मसालों के साथ अलग-अलग खाद्य पदार्थों में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। भोजन के साथ एक चम्मच लहसुन की चटनी थाली में परोसना, लहसुन को रोजाना की डाइट में शामिल करने का एक सबसे अच्छा तरीका है। लहसुन की चटनी स्वादिष्ट और बनाने में आसान होती है और बच्चे भी इसे बहुत पसंद करते हैं। चटनी में मिर्च की मात्रा में अपने बच्चे की उम्र के अनुसार ही उपयोग करें क्योंकि बहुत ज्यादा तीखा या मसालेदार खाना छोटे बच्चों के लिए अच्छा नहीं होता है।
यह बहुत ही अद्भुत मसाला होता है, इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबायोटिक, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं, इसके साथ ही यह इम्युनिटी को मजबूत भी करती है, इसलिए इसे आपके बच्चे की रोजाना की डाइट में शामिल किया जाना बहुत जरूरी है। हल्दी में “करक्यूमिन” नामक बेहतरीन घटक पाया जाता है जो इसे अच्छा एंटीऑक्सीडेंट बनाता है। रत में सोने से पहले बच्चे को हल्दी वाला दूध दें, ताकि उसे अच्छी नींद आ सके और प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करने वाले किसी भी इंफेक्शन से उसे लड़ने में मदद मिल सके।
करेला एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-वायरल गुणों से भरपूर होता है। जो आपके बच्चे के स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। जाहिर है, बच्चों को करेले का सेवन करवाना काफी चुनौती भरा होता है, लेकिन उनके स्वास्थ्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, खासकर ऐसे समय में जब बीमार पड़ने की संभावना ज्यादा होती है। करेला विशेष रूप से सांस संबंधी समस्याओं में मदद के लिए जाना जाता है।
बरसात के मौसम में आने वाले फल एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं और बच्चों को किसी भी बीमारी से लड़ने में मदद करते हैं। जामुन, लीची, चेरी, आड़ू और आलूबुखारा कुछ ऐसे फल हैं, जिनका सेवन आपको और बच्चे को जरूर करना चाहिए। अनार, सेब, केला, नाशपाती और पपीता अन्य फल हैं जिन्हें आप उसके आहार में शामिल कर सकती हैं। ये विटामिन सी, एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन से भरपूर होते हैं और जिससे यह बच्चे के शरीर को किसी भी इंफेक्शन से बचाने में मदद करेगें।
दालें कई प्रकार की होती हैं। ये, बच्चों के संपूर्ण विकास और स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छी मानी जाती हैं। क्योंकि यह प्रोटीन और ऊर्जा का सबसे अच्छा स्रोत होती हैं। दाल उन खाद्य पदार्थों में से एक है जो आपके बच्चे को किसी भी तरह के मौसमी इंफेक्शन से लड़ने में मदद करती है। अगर बच्चा पहले से ही फ्लू से पीड़ित है, तो उसे दाल का सूप पिलाने की कोशिश करें क्योंकि इससे उसे तेजी से ठीक होने में मदद मिलेगी।
बारिश के दौरान गर्म सूप शरीर को गर्माहट देता है। सूप न केवल शरीर को ठंड लगने से बचाने के लिए अच्छा काम करता है, यह आपके बच्चे के बीमार होने पर उसे खिलाने के लिए सबसे अच्छे खाद्य पदार्थों में से एक भी है। आप सब्जियों के साथ चिकन सूप या सिर्फ सब्जियों वाला स्वादिष्ट सूप बना सकती है
बादाम, अखरोट और काजू को आपके बच्चे एक हेल्दी स्नैक की तरह सेवन कर सकते हैं । तिल और फ्लैक्स सीड्स को भी बच्चों की रोजाना की डाइट में शामिल कर सकते हैं। खजूर और किशमिश जैसे सूखे मेवे भी उनके लिए फायदेमंद होते हैं। मेवों और बीजों का अलग स्वाद पाने के लिए आप इसे भूनकर भी बच्चों को दे सकती हैं।
चुकंदर में विटामिन, मिनरल्स, पोटैशियम और फोलिक एसिड होता है। इसे एक बेहतरीन सब्जी माना जाता है जो शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है। भले ही आपके बच्चे को इससे थोड़ी सुस्ती महसूस सकती है लेकिन इस सब्जी को खाने के बाद उनके शरीर का स्टैमिना बढ़ जाता है।
टोफू कैल्शियम, आयरन और अमीनो एसिड से भरपूर होता है। यह एक हेल्दी डाइट का हिस्सा हो सकता है और आपके बच्चे के स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा होता है। मानसून के दौरान पनीर जैसे डेयरी प्रोडक्टस की जगह इसे अपने बच्चे के खाने में शामिल करें।
कुछ हर्ब को पानी में उबालकर और फिर बच्चे को देने से यह पक्का हो जाता है कि वह मानसून के मौसम के दौरान होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से लड़ने में सक्षम होगा। दालचीनी, मेथी, जीरा, काली मिर्च, अदरक और तुलसी जैसे मसाले डालें। आप मिश्रण को मीठा करने के लिए थोड़ा सा शहद मिला सकती हैं, लेकिन अगर आपका बच्चा एक साल से कम उम्र का है, तो शहद न डालें। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि कितना मसाला इस्तेमाल कर रही हैं, क्योंकि बच्चो को बहुत मसालेदार आहार नहीं देना चाहिए।
यहाँ कुछ खाद्य पदार्थ दिए गए हैं जिनका बच्चों को बारिश के मौसम में सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए:
तले हुए खाद्य पदार्थ और अन्य खाद्य पदार्थ जो बहुत अधिक तेल वाले (अचार, पापड़ आदि) होते हैं। बरसात में इनका सेवन करना सही नहीं होता है क्योंकि यह पाचन तंत्र को धीमा कर देता है। मानसून के दौरान डाइजेशन अच्छा होना बहुत जरूरी है। तले हुए खाद्य पदार्थों को पूरी तरह छोड़ना आपके लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन अगर आप इस मौसम में अपने बच्चे को स्वस्थ रखना चाहती हैं तो यह जरूर करें।
स्ट्रीट वेंडर बिना प्यूरीफाई किए गए पानी का उपयोग करके बर्फ के गोले और बर्फ की लॉली बनाते हैं। अगर आपका बच्चा आइस लॉली के बिना नहीं रह सकता है, तो आप उसे दूषित लॉली खाने की अनुमति देने के जगह उसके लिए घर पर आइस लॉली बनाकर खिला सकती हैं।
मानसून के मौसम में न केवल मछलियां जल्दी खराब हो जाती हैं, बल्कि मानसून वह समय होता है जब अधिकतर प्रकार की मछलियां प्रजनन करती हैं। इससे आपको मिलने वाली मछली के स्वाद और गुणवत्ता पर असर पड़ेगा। इस समय अधिक पोल्ट्री का सेवन करना बेहतर होता है।
मानसून के दौरान बहुत ज्यादा नमकीन खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए। इससे बच्चे में वाटर रिटेंशन और सुस्ती की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए नमक का कम मात्रा में सेवन करने की सलाह दी जाती है। हालांकि आपको कभी भी ज्यादा नमक का सेवन नहीं करना चाहिए, खासकर उमस वाले मौसम में विशेष ध्यान दें।
यह वह स्वादिष्ट फल है जिससे आपको मानसून में दूर रहना चाहिए क्योंकि इस मौसम में इसके सेवन से मुँहासे, त्वचा की समस्याओं और पाचन संबंधी समस्याओं उत्पन्न हो सकती हैं। अगर आपका बच्चा पहले से ही त्वचा और पाचन समस्याओं से परेशान है तो इसके सेवन से खतरा और ज्याद बढ़ सकता है।
दही में शीतल गुण होते हैं जो इसे मानसून के मौसम में सेवन करने के लिए उपयुक्त नहीं है, क्योंकि इस मौसम में बच्चों को सर्दी लगने की संभावना बहुत ज्यादा होती है। यह साइनस को भी बढ़ा सकता है। दही का उपयोग करने वाली लस्सी और अन्य उत्पादों से दूर रहें।
मानसून के दौरान दूध पीने की अनुमति होती है, लेकिन अन्य डेयरी उत्पाद इस मौसम में बहुत तेजी से खराब हो सकते हैं। इसलिए मानसून में हमेशा जांच करने के बाद ही डेयरी प्रोडक्ट का उपयोग करें, वह उपयोग करने के लिए सुरक्षित है या नहीं।
फिजी पेय हमारे शरीर में मिनरल की मात्रा को कम करते हैं, जिससे शरीर में एंजाइम एक्टिविटी में कमी आती है। इसका मतलब यह है कि यदि आपका बच्चा शीतल पेय का सेवन करता है, तो उसका पाचन तंत्र, जो पहले से ही मानसून के मौसम में पाचन संबंधी समस्याओं के खतरे से लड़ रहा है वो और ज्यादा कमजोर हो जाएगा और अंततः उसके बीमार पड़ने की संभावना बढ़ जाती है।
आप इसे सुनकर हैरान हो सकती हैं और शायद आप सोच रही होंगी कि फल और सब्जियां कब से खराब होने लगी हैं? वो सभी के लिए बहुत फायदेमंद होती हैं। हालांकि, मानसून के दौरान, फल और सब्जियां सामान्य से ज्यादा गंदे होते हैं, और ऐसे में सब कुछ अच्छी तरह से धो पाना बहुत कठिन होता है।
इसका मतलब यह नहीं है कि आपको उन्हें खाना बंद कर देना चाहिए, लेकिन ध्यान रखें कि उन्हें अच्छी तरह से धो लें और उन्हें कच्चे सलाद की जगह शेक, जूस या उबली हुई सब्जियों के रूप में ही परोसें। बाहर किसी दुकान से फलों का जूस लेने से बचें क्योंकि हो सकता है कि उन्होंने कुछ समय पहले फलों को काटा हो और इससे वे दूषित हो गए हों।
स्ट्रीट फूड मानसून के दौरान लोगों के बीमार होने का सबसे बड़ा कारण है। स्ट्रीट फूड में दूषित होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है क्योंकि वे जिस पानी का उपयोग करते हैं वह आसानी से दूषित हो जाता है। इसलिए इस मौसम में पानी पूरी, चाट जैसे खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए। साथ ही, जितना हो सके, बाहर के खाने से बचें, क्योंकि बहुत सारे रेस्तरां और स्ट्रीट फूड वेंडर सब्जियां काटते हैं और ग्राहकों को जल्दी से परोस पाने के लिए पहले से आटा तैयार करके रखते हैं। जब इन चीजों को पहले से तैयार कर लिया जाता है, तो ये बारिश के मौसम में पैदा होने वाले कीटाणुओं, वायरस और बैक्टीरिया के कारण दूषित हो जाते हैं, जिसका सेवन करना बहुत खतरनाक हो सकता है।
भारत मसालों का देश है, यह करें कि आप अपने बच्चे का भोजन बनाते समय उपलब्ध सभी मसालों का अच्छे से उपयोग करें क्योंकि उनमें से बहुत से मसाले खुद आप में उपचार काम करते हैं और उनमें इम्युनिटी को बढ़ाने वाले गुण होते हैं। फलों और सब्जियों के साथ भी ऐसा ही है, इसलिए सही समय पर सही फल का सेवन करने के बारे में जानना महत्वपूर्ण है। याद रखें कि बच्चों को बाहर का खाना खिलाने से बचें और उन्हें प्यार से घर पर बना खाना ही दें। इससे उन्हें सुकून और अपनेपन का अहसास होगा।
अपने बच्चों को हमेशा ताजे और साफ पानी से अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रखना बहुत जरूरी होता है। पानी मानव शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह अंगों को मजबूत करने में मदद करता है और संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर करता है। यह आपके बच्चे को मजबूत बनाता है और उसे कीटाणुओं, बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने में सक्षम बनता है, क्योंकि पानी में शरीर के लिए बहुत जरूरी मिनरल्स पाए जाते हैं।
यह भी पढ़ें:
बच्चों के लिए अंडे से बनी रेसिपीज
बच्चों के लिए हेल्दी और टेस्टी फ्रूट सलाद रेसिपी
बच्चों के लिए टेस्टी और हेल्दी सैंडविच रेसिपी
गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…
गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…
10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…
8 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित का एक अहम हिस्सा है, जो उनकी गणना…
गणित में पहाड़े याद करना बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण और उपयोगी अभ्यास है, क्योंकि…
3 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के मूलभूत पाठों में से एक है। यह…