शिशु

भारत में स्तनपान प्रोत्साहन हेतु 5 विचारशील पहल

9 महीनों की गर्भावस्था की लंबी अवधि के बाद जब आप अपने शिशु को गोद में उठाती हैं तो मातृत्व का एक नया और अधिक महत्वपूर्ण पड़ाव आता है – स्तनपान। यद्यपि शिशु के संपूर्ण विकास और आपके साथ उसके संबंध को मजबूत करने के लिए यह अत्यंत लाभदायक है, तथापि कई महिलाओं को यह एक बंधन की तरह लगता है क्योंकि इसके कारण सार्वजनिक स्थानों पर जाना और सामान्य जीवन बिताना थोड़ा कठिन हो जाता है। हालांकि समय के साथ भारत में माँ और शिशु दोनों के लिए लाभदायक स्तनपान के प्रति जागरूकता बढ़ी है। स्तनपान के संबंध में वातावरण अब पहले की तुलना में अधिक सहज हो गया है। इसमें स्तनपान को प्रोत्साहित करने वाले उपायों की बड़ी भूमिका रही है।

जब आप माँ बनती हैं तो अपने शिशु की देखभाल के लिए आप सभी तरह की सहायता लेती हैं। बच्चे को फीडिंग कराने के लिए फार्मूला दूध का विकल्प भी इसी श्रेणी में आता है लेकिन स्तनपान के अपने फायदे होते हैं। यहाँ माँ की सुविधा का विशेष ध्यान रखते हुए स्तनपान को प्रोत्साहन देने के लिए शुरू किए गए उपक्रमों की संक्षिप्त जानकारी दी गई है।

भारत में स्तनपान कराने वाली महिलाओं को कैसे सहयोग दिया जाता है

1. सार्वजनिक स्थानों पर स्तनपान कक्ष

तमिलनाडु में कुछ समय पहले चेन्नई मोफुसिल बस टर्मिनस (सीएमबीटी) जैसे सार्वजनिक स्थानों पर 300 से अधिक स्तनपान कमरों का उद्घाटन किया गया है। एक बार में आठ स्तनपान कराने वाली माताओं द्वारा इन वातानुकूलित कमरों का उपयोग किया जा सकता है। इससे भी अधिक, किसी भी प्रकार की मदद प्रदान करने के लिए सरकार ने नर्सों की भी व्यवस्था की है। यात्रा के दौरान नर्सिंग के बारे में चिंतित माताओं के लिए यह वास्तव में राहत की बात है!

2. कार्यस्थल पर स्तनपान कक्ष

बिहार में, पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ने (पीएमसीएच) भारत में स्तनपान जैसे विषय की आवश्यकता के लिए उचित कदम उठाए हैं। चूंकि महिला कर्मचारियों को काम पर स्तनपान कराने में मुश्किल होती है, इसलिए अस्पताल ने इस उद्देश्य के लिए एक विशेष कमरा बनाया है। स्तनपान पर जागरूकता फैलाने के लिए इस प्रकार का कदम उठाने वाला यह बिहार का पहला संस्थान है। इसके अलावा अब देश की कई आईटी कंपनियों और निजी संस्थानों में भी ऐसे कमरों की व्यवस्था रखने की शुरुआत हो चुकी है।

3. महिलाओं और बच्चों के लिए डिजिटल शिक्षा

अधिकांश बार, कुपोषण और बीमारी के पीछे शिक्षा की कमी ही अपराधी होती है। वर्ष 2015 में भारत सरकार के महिला और बाल विकास मंत्रालय ने स्तनपान के बारे में जागरूकता फैलाने और संतुलित आहार का महत्व समझाने के उद्देश्य से ‘आईएपी हेल्थ फोन’ कार्यक्रम शुरू किया। इसके द्वारा 13 से 35 वर्ष के बीच की लगभग 60 लाख महिलाओं को स्वास्थ्य और पोषण के विषय में शिक्षित किए जाने का उद्देश्य है।

4. माँ – राष्ट्रीय स्तनपान कार्यक्रम

भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 2016 में यूनिसेफ के साथ मिलकर माँ (मदर्स एब्सोल्यूट अफेक्शन) नामक कार्यक्रम शुरू किया। यह कार्यक्रम बच्चे के पिता और परिवार के अन्य लोगों को स्तनपान के बारे में पर्याप्त जानकारी और माँ को आवश्यक सहयोग देने के उद्देश्य से आरंभ किया गया है।

5. मातृत्व अवकाश लाभ

भारत सरकार ने मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 में संशोधन करते हुए 2017 में नए नियम लागू किए । इसके अंतर्गत सभी संस्थाओं में माँ बनने वाली महिला कर्मचारियों को 26 सप्ताह का सवेतन मातृत्व अवकाश सुनिश्चित किया गया है । जैसा कि हम जानते हैं, पहले 6 माह तक शिशु को कोई ठोस आहार नहीं दिया जाता, ऐसे में स्तनपान उसकी प्राथमिक आवश्यकता होती है। माँ को लंबी अवधि का सवेतन अवकाश स्तनपान को प्रोत्साहन के तौर पर देखा जाता है।

भारत का लक्ष्य भविष्य की पीढ़ी को स्वस्थ और खुशहाल बनाना है। भारत में स्तनपान कराने वाली माताओं की मदद करने के लिए ये कुछ कार्यक्रम हैं, जो यह सुनिश्चित करते हैं कि स्तनपान कराने वाली माँ और उसका शिशु, दोनों स्वस्थ और सुरक्षित रहें । स्तनपान शिशु की आवश्यकता है, इससे हिचकिचाएं नहीं, बल्कि सरकारी सहयोग और प्रोत्साहन के साथ अपने अलावा दूसरों को भी इसके बारे में जागरूक करें।

यह भी पढ़ें:

दत्तक ग्रहण: भारत में संतान गोद लेने के 6 विकल्प
प्रसूति के बाद के पारंपरिक भारतीय रिवाज

श्रेयसी चाफेकर

Recent Posts

मिट्टी के खिलौने की कहानी | Clay Toys Story In Hindi

इस कहानी में एक कुम्हार के बारे में बताया गया है, जो गांव में मिट्टी…

2 days ago

अकबर-बीरबल की कहानी: हरा घोड़ा | Akbar And Birbal Story: The Green Horse Story In Hindi

हमेशा की तरह बादशाह अकबर और बीरबल की यह कहानी भी मनोरंजन से भरी हुई…

2 days ago

ब्यूटी और बीस्ट की कहानी l The Story Of Beauty And The Beast In Hindi

ब्यूटी और बीस्ट एक फ्रेंच परी कथा है जो 18वीं शताब्दी में गैब्रिएल-सुजैन बारबोट डी…

2 days ago

गौरैया और घमंडी हाथी की कहानी | The Story Of Sparrow And Proud Elephant In Hindi

यह कहानी एक गौरैया चिड़िया और उसके पति की है, जो शांति से अपना जीवन…

1 week ago

गर्मी के मौसम पर निबंध (Essay On Summer Season In Hindi)

गर्मी का मौसम साल का सबसे गर्म मौसम होता है। बच्चों को ये मौसम बेहद…

1 week ago

दो लालची बिल्ली और बंदर की कहानी | The Two Cats And A Monkey Story In Hindi

दो लालची बिल्ली और एक बंदर की कहानी इस बारे में है कि दो लोगों…

2 weeks ago