शिशु

ब्रेस्टफीडिंग के अलावा ब्रेस्टमिल्क के सरप्राइज कर देने वाले 10 उपयोग

ब्रेस्टमिल्क में बच्चों के लिए कई न्यूट्रिशनल और माँ के लिए हेल्थ से संबंधित कई फायदे होते हैं। इससे बच्चों में फ्लू और जुकाम से बचाव, कान में इन्फेक्शन से बचाव, सडेन इन्फेंट डेथ सिंड्रोम (बच्चे की अचानक मृत्यु होने का खतरा) से बचाव, कुशाग्र बुद्धि होने के साथ-साथ ल्यूकेमिया, डायबिटीज, ओबेसिटी, अस्थमा और एक्जिमा जैसी समस्याएं होने का खतरा कम होता है। बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराने से माँओं में डिलीवरी के बाद होने वाली ब्लीडिंग कम हो जाती है और यह ब्रेस्ट कैंसर व डायबिटीज जैसे जोखिमों को भी कम करता है। 

ब्रेस्टमिल्क में बहुत सारे न्यूट्रिशनल फायदे होते हैं। हालांकि कई सारी समस्याओं के लिए भी ब्रेस्टमिल्क को घरेलू उपचार की तरह उपयोग किया जा सकता है, जैसे एक्ने, डायपर रैशेज, छोटे-छोटे कट या चोट, कीड़े के काटने पर और यहाँ तक कि टियर डक्ट के बंद होने पर भी। 

ब्रेस्टफीडिंग के अलावा ब्रेस्टमिल्क के 10 अविश्वसनीय फायदे

ब्रेस्टमिल्क कई समस्याओं के लिए घरेलू उपायों की तरह काम करता है जिसमें सनबर्न, आँख व कान का इन्फेक्शन भी शामिल है और साथ ही इसका उपयोग कॉस्मेटिक्स के लिए भी किया जाता है। ब्रेस्टफीडिंग के अलावा ब्रेस्टमिकल के अन्य क्या उपयोग हैं, आइए जानें;

1. डायपर रैश के लिए

यदि आपके बच्चे को डायपर रैश हुआ है और इसमें कोई भी रेमेडी काम नहीं आ रही है तो आप थोड़ा सा ब्रेस्टमिल्क लें और इसे प्रभावी जगह पर लगाएं। इससे बच्चे की स्किन से डायपर रैश जल्दी ठीक होगा। ब्रेस्टमिल्क को बच्चे की त्वचा में लोशन की तरह भी लगाया जा सकता है ताकि भले ही डायपर रैश न हुआ हो फिर भी बच्चे की स्किन का खयाल रखा जा सके। ब्रेस्टमिल्क में माँ के एंटीबॉडीज होते हैं जो बैक्टीरिया से लड़कर डायपर रैश को खत्म कर देते हैं। 

2. एक्ने के लिए

ब्रेस्टमिल्क का उपयोग एक्ने को ठीक करने के लिए भी किया जाता है। कई महिलाओं के अनुसार एक्ने में ब्रेस्टमिल्क लगाने से यह ठीक होने लगते हैं। यद्यपि लोगों ने इसके एक्सपेरिमेंट किए हैं लेकिन साइंस में इसका कोई भी प्रमाण नहीं है। ब्रेस्टमिल्क का उपयोग बच्चे के एक्ने के लिए भी किया जाता है। बच्चे के शरीर में माँ के थोड़े बहुत हॉर्मोन्स होते हैं जिससे एक्ने होते हैं। कॉटन बॉल से एक्ने पर ब्रेस्टमिल्क लगाने से बिना किसी हानिकारक दवा का इस्तेमाल किए बच्चे के एक्ने कम हो जाते हैं।

3. कीड़े के काटने पर

ब्रेस्टमिल्क में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो बच्चे की इम्यून प्रतिक्रिया को नियंत्रित करते हैं। इसलिए ही ब्रेस्टमिल्क का उपयोग कीड़े, मच्छर, चीटियों आदि के काटने पर किया जाता है। आप दूध को इन्सेक्ट बाइट पर लगाएं और इसे सूखने दें ताकि खुजली होना कम हो जाए। इस बात का ध्यान रखें कि गाय का दूध इसमें काम नहीं आएगा क्योंकि उसमें ब्रेस्टमिल्क से अलग तत्व होते हैं जो इस समस्या को और गंभीर कर सकते हैं ,

4. ब्लॉक्ड टियर डक्ट के लिए

बच्चों की आँखों पर ब्लॉक्ड टियर डक्ट का प्रभाव पड़ता है। इसके लक्षण हैं, बहुत ज्यादा आंसू निकलना, क्रस्टिंग, आँखों के आंतरिक हिस्से में दर्द व सूजन होना, धुंधला दिखाई देना और पलकों या आँखों के किनारे से पस निकलना। इन सभी समस्याओं से बच्चे को दर्द होता है। इन समस्याओं में डॉक्टर अक्सर एंटीबायोटिक्स लेने की सलाह देते हैं या सर्जिकल प्रोसीजर भी किया जा सकता है जिसमें अश्रु नलिका को वायर से प्रोब किया जाता है। ऐसे इनवेसिव प्रोसीजर करने के बजाय आप होम रेमेडी के रूप में ब्रेस्टमिल्क का उपयोग कर सकती हैं। बच्चे की आँखों में सिर्फ दो बूंद ब्रेस्टमिल्क डालें जिससे बच्चे की आँखें पानी के साथ साफ हो जाएंगी। इससे टियर डक्ट 1-2 दिन में अनब्लॉक हो जाएंगे। यदि यह करने के बाद भी ये साफ नहीं होते हैं तो आप डॉक्टर से मिलें। 

5. साबुन के रूप में

कॉस्मेटिक उपयोग के रूप में ब्रेस्टमिल्क का उपयोग साबुन की तरह भी किया जाता है। ब्रेस्टमिल्क से त्वचा अच्छी हो जाती है। यह स्किन को सॉफ्ट करता है, रैशेज खत्म करता है और एक्ने के लिए भी फायदेमंद है व साथ ही इससे स्किन का ऑयल भी कम हो जाता है। कई स्टोर में ब्रेस्टमिल्क से बना हुआ साबुन उपलब्ध है। इसके अलावा आप इसे घर में भी बना सकती हैं। 

6. कान के इन्फेक्शन के लिए

कान में इन्फेक्शन के लिए भी ब्रेस्टमिल्क का उपयोग होम रेमेडी की तरह किया जाता है। ब्रेस्टमिल्क में इम्यूनोग्लोबुलिन-ए जैसे एंटीबॉडीज का स्तर बहुत ज्यादा होता है जो बच्चे को इन्फेक्शन से बचाता है। प्रभावित कान में हर कुछ घंटों के अंतराल पर ब्रेस्टमिल्क की कुछ बूंदें डालने से इन्फेक्शन ठीक होने में मदद मिलती है। इस बात का ध्यान रखें कि दूध का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। 

7. निप्पल्स का दर्द दूर करने के लिए

नई माँ को ब्रेस्टफीडिंग से सूजन व दर्द होता है और साथ ही निप्पल्स क्रैक हो जाते व ब्लीडिंग भी होती है। थोड़ा सा ब्रेस्टमिल्क निकालकर प्रभावी जगह पर लगाने से सूजन व क्रैक निप्पल्स ठीक होने में मदद मिलती है। हालांकि यदि आपको यीस्ट या फंगल इन्फेक्शन की वजह से सूजन व दर्द हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर से मिलें क्योंकि ब्रेस्टमिल्क का उपयोग करने से समस्या बढ़ सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ब्रेस्टमिल्क लगाने से यीस्ट या फंगस ज्यादा बढ़ सकता है।

8. कंजंक्टिवाइटिस को ठीक करने के लिए

ब्रेस्टमिल्क का उपयोग आँखों के इन्फेक्शन को ठीक करने के लिए भी किया जाता है, जैसे कंजंक्टिवाइटिस जिसे पिंक आई भी कहते हैं। आप आई ड्रॉप से सिर्फ दो बूंद ब्रेस्टमिल्क प्रभावित आँख में डालें ताकि एंटीबॉडीज का बिना उपयोग किए ही इन्फेक्शन को साफ करने में मदद मिल सके। ब्रेस्टमिल्क में मौजूद एंटीबॉडीज आँख में इन्फेक्शन करने वाले वायरस और बैक्टीरिया से लड़ते हैं और बिना दवा के ठीक होने में बच्चे की मदद करते हैं।

9. बच्चों के दाँत आने के समय

ब्रेस्टमिल्क को आइस स्टिक में जमा कर आइस लॉलीज बनाई जा सकती हैं। यदि बच्चे के दाँत निकल रहे हैं तो यह आइस लॉलीज बहुत मदद करती हैं। ब्रेस्टमिल्क का स्वाद बच्चे को जाना पहचाना लगेगा जिससे उसे सुविधा होगी और दर्द कम हो जाएगा। यह उन बच्चों के लिए बहुत आसान रेसिपी है जिन्हें दाँत के दर्द की वजह से इरिटेशन होती है और वे रोते हैं। 

10. नॉन एलर्जेनिक डेयरी प्रोडक्ट बनाने के लिए

डेयरी प्रोडक्ट्स, जैसे दही, चीज़ और बटर बनाने के लिए ब्रेस्टमिल्क का उपयोग करना नेचुरल, सुरक्षित और नॉन एलर्जेनिक है। इसके लिए आपको लगभग 6 कप ब्रेस्टमिल्क एक्सप्रेस करना होगा जिससे घर में ही डेयरी प्रोडक्ट्स बनाए जा सकते हैं। चीज़ बनाना थोड़ा सा कठिन है क्योंकि अन्य दूध की तुलना में ब्रेस्टमिल्क में कम प्रोटीन होता है। बटर बनाने के लिए ब्रेस्टमिल्क को ब्लेंडर में तब तक ब्लेंड करें जब तक फैट अलग न हो जाए। ब्रेस्टमिल्क से बने दही से बच्चे को कोलिक में आराम मिलता है। ब्रेस्टमिल्क से बने दही में प्रोबायोटिक बैक्टीरिया होते हैं जो आंतों को ठीक रखते हैं और कोलिक में आराम देते हैं। 

इन उपयोगों के अलावा ब्रेस्टमिल्क का इस्तेमाल कई चीजों में किया जाता है। ब्रेस्टमिल्क पीने से पेट का दर्द ठीक हो जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसमें लैक्टोबैसिलस नामक प्रोबायोटिक होता है जो पेट को ठीक रखता है और आंतों में दर्द व मरोड़ को कम करता है। इसके अलावा इसका उपयोग स्वास्थ्य संबंधी फायदों व होम रेमेडीज और अन्य चीजों के लिए भी किया जाता है। ब्रेस्टमिल्क में कैसीन इलोन्गेट्स नामक प्रोटीन होता है जिससे इसे गर्म करने के बाद प्लास्टिक की तरह मोल्ड किया जा सकता है। इसमें एक मोती की तरह चमक होती है जो ज्वेलरी के रूप में दिखाई देती है। ब्रेस्टमिल्क का उपयोग मेकअप रिमूवर के रूप में भी किया जाता है। ब्रेस्टमिल्क में मौजूद लॉरिक एसिड मेकअप को डिसॉल्व करने में मदद करता है और इसमें मौजूद विटामिन्स और मिनरल्स त्वचा को मुलायम व कोमल बनाते हैं। 

याद रखें कि अपने बच्चे के लिए इन्फेक्शन के घरेलू उपचार के रूप में ब्रेस्टमिल्क का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। 

यह भी पढ़ें:

ब्रेस्टफीडिंग के बारे में 15 भ्रांतियां और सच्चाई
बेबी लैचिंग और सही तरीके से ब्रेस्टफीडिंग कराना
बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराने के फायदे और टिप्स

सुरक्षा कटियार

Recent Posts

मेरी पसंदीदा जगह पर निबंध (Essay On My Favourite Place In Hindi)

हर किसी के जीवन में एक ऐसी जगह होती है जो शांति, खुशी और अपनापन…

6 hours ago

मुझे अपने परिवार से प्यार है पर निबंध ( Essay On I Love My Family In Hindi)

परिवार किसी के लिए भी सबसे अनमोल होता है। यही वह पहली जगह है जहाँ…

7 hours ago

बस की यात्रा पर निबंध (Essay On Journey By Bus In Hindi)

बच्चों के लिए निबंध लिखना बहुत मजेदार और सीखने वाला काम है। यह उन्हें अपनी…

8 hours ago

एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (APJ Abdul Kalam Essay In Hindi)

ऐसी शख्सियत बहुत कम होती है जिनके होने से देश को उन पर गर्व हो,…

2 days ago

गाय पर निबंध (Essay On Cow In Hindi)

निबंध लेखन किसी भी भाषा को सीखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। इससे…

2 days ago

मेरे पिता पर निबंध (Essay on My Father in Hindi)

माँ अगर परिवार का दिल है तो पिता उस दिल की धड़कन होते हैं। पिता…

2 days ago