स्तनपान के दौरान मिल्क ब्लिस्टर – कारण और उपचार

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान दर्दनाक मिल्क ब्लिस्टर

क्या बच्चे को दूध पिलाते समय आपको दर्द और असुविधा का अनुभव होता है? क्या आपके निप्पल्स पर सफेद/पीले रंग का पस या ब्लिस्टर निकला है? यदि हाँ, तो हो सकता है कि आपको स्तनपान के दौरान होने वाली सबसे आम समस्या हो जिसे ‘मिल्क ब्लिस्टर’ कहा जाता है। यहाँ मिल्क ब्लिस्टर से संबंधित सभी जानकारियां दी गई हैं, जानने के लिए यह लेख पूरा पढ़ें। 

मिल्क ब्लिस्टर्स क्या होते हैं? 

यदि आपके लिए यह समस्या नई है तो आइए इसके बारे में शुरूआत से जानकारी लेते हैं। मिल्क या निप्पल ब्लिस्टर तब होता है जब महिलाओं के निप्पल या एरोला में अतिरिक्त त्वचा बढ़ जाती है। निप्पल में त्वचा के बढ़ने से यह छिद्रों को ब्लॉक कर देता है जिसके कारण स्तनपान के दौरान दूध के बहाव में बाधा आ सकती है। यदि आप सोच रही हैं कि मिल्क ब्लिस्टर कैसा दिखता है तो यह निप्पल्स के एरोला में एक डॉट, छाले या ब्लिस्टर की तरह ही दिखता है। यदि आप अपने ब्रेस्ट को दबाती हैं तो यह पस के रूप में बाहर भी आ सकता है। बच्चे को दूध पिलाने वाली महिलाओं को मिल्क ब्लिस्टर होने के कारण बहुत अधिक दर्द होता है। यह समस्या कुछ दिनों या कुछ सप्ताह तक भी रह सकती है। कई मामलों में यह ब्लिस्टर फूटने (इसकी ऊपरी त्वचा निकलने) के बाद ठीक हो जाते हैं। 

मिल्क ब्लिस्टर होने के कारण क्या हैं?

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान दर्दनाक मिल्क ब्लिस्टर होने के कई कारण हो सकते हैं जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं, आइए जानते हैं; 

  • बच्चे द्वारा गलत तरीके से निप्पल पकड़ने या गलत फीडिंग पोजीशन से 
  • मिल्क डक्ट्स में रुकावट होने से 
  • निप्पल में किसी भी प्रकार की चोट लगने से 
  • टाइट ब्रा या टाइट कपड़े पहनने से 
  • किसी भी प्रकार का यीस्ट इन्फेक्शन होने से 
  • स्तनों की त्वचा वसायुक्त या मोटी होने से 
  • पर्याप्त मात्रा में पानी न पीने से 
  • स्नान के दौरान निप्पल साफ न करने से 

मिल्क ब्लिस्टर होने के लक्षण 

यदि आप जानना चाहती हैं कि मिल्क ब्लिस्टर्स होने के क्या संकेत या लक्षण हो सकते हैं तो यह शरीर में छोटे छाले या ब्लिस्टर जैसे दिखाई देते हैं। ज्यादातर ब्लिस्टर्स में पस या द्रव भरा होता है जिसकी वजह से इसका आकार अस्थायी भी हो सकता है और यदि इसमें दबाव पड़ता है तो ब्लिस्टर का पस त्वचा के बाहर भी आ सकता है। बच्चे को दूध पिलाते समय कई महिलाओं को मिल्क ब्लिस्टर्स के कारण अधिक दर्द भी होता है। आमतौर पर मिल्क ब्लिस्टर सफेद या पीले रंग का होता है।

मिल्क ब्लिस्टर्स का उपचार कैसे किया जा सकता है 

मिल्क ब्लिस्टर्स का उपचार करने के लिए आप चाहें तो मेडिकल ट्रीटमेंट की मदद ले सकती हैं या फिर आप घरलू उपचारों से भी इसे ठीक कर सकती हैं। मिल्क ब्लिस्टर्स ठीक करने के लिए निम्नलिखित उपचारों की सलाह दी जाती है, आइए जानते हैं; 

1. मेडिकल ट्रीटमेंट या चिकित्सीय उपचार 

  • इस समस्या के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकती हैं। मिल्क डक्ट्स में अतिरिक्त त्वचा से निजात दिलाने के लिए डॉक्टर स्टरलाइज्ड सर्जिकल सुई का उपयोग कर सकते हैं। एक बार यदि डक्ट्स से अतिरिक्त त्वचा हट जाए तो स्तनों में दूध का प्रवाह शुरू हो सकता है। 
  • इसके अलावा ब्लिस्टर को खत्म करने के लिए डॉक्टर आपको कुछ टॉपिकल एंटीबायोटिक लेने की सलाह भी दे सकते हैं। यह दवाएं आपको लगभग 5 से 7 दिनों तक लगातार लेनी पड़ सकती हैं। आपको अपने डॉक्टर को यह जानकारी भी देनी पड़ सकती है कि आप एक नर्सिंग मदर हैं और आप अपने बच्चे को लगातार दूध पिलाना चाहती हैं। 
  • आप अपने निप्पल्स को मुलायम रखने के लिए इनमें ब्रेस्ट मिल्क भी लगा सकती हैं क्योंकि ब्रेस्ट मिल्क में भी कई एंटीबायोटिक गुण पाए जाते हैं।

2. मिल्क ब्लिस्टर्स के लिए घरेलू उपचार 

  • सुनिश्चित करें कि आप अपने स्तनों में दूध का प्रवाह बनाए रखने के लिए बच्चे को लगातार ब्रेस्टफीड करा रही हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि बच्चे के द्वारा निप्पल चूसने से दूध का प्रवाह उत्तेजित होता है जिसके परिणामस्वरूप ब्लिस्टर को ठीक होने में मदद मिल सकती है। 
  • इसे ठीक करने के लिए स्नान के बाद आप ब्लिस्टर में धीरे-धीरे मालिश भी कर सकती हैं। हालांकि यदि ब्लिस्टर ठीक नहीं होता है तो अतिरिक्त दबाव न डालें। 
  • बच्चे को दूध पिलाने की पोजीशन बदलने का प्रयास करें। पहले बच्चे को लिटाएं और फिर अपनी कोहनी और घुटनों के सहारे बच्चे की ओर थोड़ा सा झुकें। इस तरह से आपके स्तनों में दूध का प्रवाह बढ़ सकता है और इससे ब्लिस्टर को ठीक होने में भी मदद मिलती है। 
  • अपने स्तनों के पिछले क्षेत्र में धीरे से दबाव डालें और हल्की मालिश करें। 
  • सुनिश्चित करें कि आपके निप्पल्स में दिनभर नमी रहनी चाहिए। आप कॉटन में थोड़ा सा ऑलिव ऑयल लें और ब्रा पहनने से पहले उसे अपने निप्पल्स में लगाएं। 
  • आप गुनगुने पानी में थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाएं और दिनभर में 3-4 बार उससे अपने स्तनों को भिगोएं। 
  • इस दौरान अंडरवायर ब्रा न पहनना ही उचित है और यदि आपकी समस्या अधिक गंभीर हो जाती है तो इस समय ब्रा न पहनें। 

भविष्य में मिल्क ब्लिस्टर्स होने से कैसे रोकें

यदि एक बार आपको यह समस्या हो जाए तो आप भविष्य में इसे होने से रोकने के तरीके जरूर जानना चाहेंगी। यहाँ कुछ सुझाव निम्नलिखित हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं, आइए जानते हैं;

  • सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा सही पोजीशन में दूध पी रहा है। मिल्क ब्लिस्टर होने का एक मुख्य कारण है बच्चे की फीडिंग पोजीशन गलत होना। यदि कोई एक पोजीशन आपके लिए ठीक नहीं है तो आप अन्य विभिन्न पोजीशन में  अपने बच्चे को दूध पिला सकती हैं जो आपके और आपके बच्चे के लिए सुरक्षित है। 
  • यदि आपके स्तनों में किसी भी प्रकार की चोट लग जाती है तो उसे नजरअंदाज न करें। चोट को ठीक करने के लिए तुरंत उपचार करें। 
  • यदि आपके ब्रेस्ट में यीस्ट इन्फेक्शन हो जाता है तो उसे जल्दी से जल्दी ठीक करने का प्रयास करें। 
  • अपने आपको हाइड्रेटेड रखें और रोजाना लगभग 8-10 गिलास पानी पिएं। 
  • निप्पल्स से अतिरिक्त दूध को हटाने के लिए अपने स्तनों को मॉइस्ट वॉशक्लॉथ या कॉटन से साफ करें। 
  • सुनिश्चित करें कि आप सुविधाजनक ब्रा ही पहनें। सिंथेटिक ब्रा लेने के बजाय कॉटन की ब्रा खरीदें और सुनिश्चित करें कि उसकी फिटिंग भी अच्छी हो। खराब फिटिंग और सिंथेटिक ब्रा से स्तनों में दबाव पड़ सकता है और आपको असुविधाएं भी हो सकती हैं। 
  • यदि आपको लगता है कि बच्चे को दूध पीने करने में कठिनाई हो रही है तो आपको लैक्टेशन कंसलटेंट की मदद जरूर लेनी चाहिए। बच्चे को स्तनपान कराने की सही तकनीक सीखने से इस समस्या का समाधान हो सकता है। 

डॉक्टर से कब मिलें?

कभी-कभी मिल्क ब्लिस्टर्स होने के कारण आपको अपने बच्चे को दूध पिलाने में बहुत ज्यादा कठिनाई हो सकती है या घरेलू उपचार करने के बाद यह समस्या ठीक नहीं भी होती है। इसके अलावा मिल्क ब्लिस्टर होने से आपको बुखार, इन्फ्लेशन हो सकता है, ठंड लग सकती है या पस भी निकल सकता है। मिल्क ब्लिस्टर्स होने के कारण यदि आप इन में से किसी भी समस्या का अनुभव करती हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ब्लिस्टर को निकालने के लिए डॉक्टर एक छोटी सी सर्जरी भी कर सकते हैं या आपको कुछ एंटीबायोटिक दवाएं लेने की सलाह भी दे सकते हैं। कभी-कभी डॉक्टर लानौलिन ऑइंटमेंट लेने की सलाह भी देते हैं। यह ऑइंटमेंट आपके स्तनों को मुलायम रखता है और मिल्क ब्लिस्टर होने से रोकता है। यदि डॉक्टर इसके गंभीर कारण बताते हैं तो लक्षणों के अनुसार आपको अन्य स्क्रीनिंग टेस्ट करवाने की आवश्यकता भी पड़ सकती है। 

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

बच्चे के जन्म के बाद कई महिलाओं को विशेषकर अपने बच्चे से संबंधित अनेक चिंताएं होती हैं। ऊपर दी हुई जानकारी के अलावा भी कई महिलाएं मिल्क ब्लिस्टर के बारे में अक्सर कुछ सवाल करती हैं जिनके उत्तर निम्नलिखित हैं, आइए जानें;

1. मिल्क ब्लिस्टर और एक सामान्य छाले में क्या अंतर है?

आमतौर पर मिल्क ब्लिस्टर्स एक साथ कई सारे नहीं निकलते हैं और आप स्तनों में सिर्फ एक ब्लिस्टर देख सकती हैं। वहीं अगर सामान्य छालों की बात की जाए तो यह स्तनों में कई सारे भी दिखाई दे सकते हैं। थ्रश या सामान्य छाले एक यीस्ट इन्फेक्शन होता है जिसमें दर्द के साथ-साथ जलन भी हो सकती है। यदि आपको लगता है कि आपको छाले या थ्रश की समस्या हो रही है तो आप बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करें। 

2. क्या मिल्क ब्लिस्टर्स के कारण मैस्टाइटिस हो सकता है? 

मिल्क ब्लिस्टर्स होने से दर्द और सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं पर इसका यह मतलब नहीं है कि मिल्क ब्लिस्टर के कारण मैस्टाइटिस हो सकता है। हालांकि कुछ मामलों में यह प्रमाणित हुआ है कि यदि मिल्क ब्लिस्टर्स का उपचार न किया जाए तो इसके परिणामस्वरूप मैस्टाइटिस होने के लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं। 

ज्यादातर मामलों में मिल्क ब्लिस्टर अपने आप ही ठीक हो जाता है। यद्यपि अगर आपको कोई असामान्य लक्षण दिखाई देते हैं तो यह चिंता का विषय भी हो सकता है और ऐसे में आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।  

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