In this Article
- क्या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान अदरक और अदरक की चाय का सेवन सुरक्षित है?
- क्या अदरक ब्रेस्ट मिल्क के स्वाद को बदल देता है?
- ब्रेस्टफीडिंग के दौरान अदरक और अदरक की चाय के सेवन के फायदे
- ब्रेस्टफीडिंग के दौरान अदरक के सेवन के साइड इफेक्ट
- अदरक के सेवन के तरीके
- ब्रेस्टफीडिंग के दौरान अदरक की चाय के सेवन से पहले याद रखने वाली कुछ बातें
- अदरक और शहद की चाय कैसे बनाएं?
बच्चे को जन्म देने के बाद, उसकी अच्छी सेहत और विकास के लिए जरूरी पोषक तत्व की प्राप्ति को सुनिश्चित करने के लिए, आप जो कुछ भी खाती-पीती हैं, उसे लेकर आपके मन में कई तरह के सवाल हो सकते हैं। खाने की एक चीज जिसके बारे में नई मांओं के मन में अक्सर दुविधा होती है, वह है – अदरक। हालांकि, अदरक स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है, लेकिन क्या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान ताजा अदरक या अदरक की चाय का सेवन वास्तव में सुरक्षित है? आइए देखते हैं।
क्या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान अदरक और अदरक की चाय का सेवन सुरक्षित है?
यदि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान अदरक या अदरक की चाय का सेवन उचित मात्रा में किया जाता है, तो इसे सुरक्षित माना जाता है। एक दिन में अदरक की चाय की मात्रा 75 मिलीलीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए और यदि डिलीवरी के दौरान महिला का ब्लड लॉस अधिक हुआ हो, तो उसे अदरक का सेवन पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए।
क्या अदरक ब्रेस्ट मिल्क के स्वाद को बदल देता है?
आप जो कुछ भी खाती-पीती हैं, उसका स्वाद आपके दूध में जाता है और उसके स्वाद को बदल देता है। हर फीड के साथ ब्रेस्ट मिल्क का स्वाद बदलता है। इसलिए किसी भी अन्य खाने की तरह अदरक भी ब्रेस्ट मिल्क के स्वाद को बदल सकता है। अदरक का फ्लेवर तेज होता है और जहां ज्यादातर बच्चे स्वाद में होने वाले बदलाव को अधिक महत्व नहीं देते हैं, वहीं अगर आपका बेबी स्वाद में बदलाव को लेकर सेंसिटिव है और आपके अदरक खाने के बाद वह ब्रेस्टफीड करने से मना कर देता है, तो आपको इसका सेवन रोक देना चाहिए और यह देखना चाहिए, कि इस समस्या का कारण अदरक ही है या कुछ और।
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान अदरक और अदरक की चाय के सेवन के फायदे
अदरक और अदरक की चाय से ब्रेस्ट मिल्क की महक बदल जाती है, पर इसके कुछ फायदे भी होते हैं। यहां पर ब्रेस्टफीडिंग के दौरान अदरक की चाय के सेवन के कुछ फायदे दिए गए हैं:
1. स्तनपान कराने वाली मां में पाचन की समस्याओं के इलाज में मददगार
हजारों सालों से अदरक का प्रयोग मेडिसिनल हर्ब के रूप में होता आ रहा है। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान, यह कब्ज एवं पाचन संबंधी कई समस्याओं से आराम दिला सकता है। अदरक या अदरक की चाय के सेवन से ब्रेस्टफीडिंग के दौरान उल्टी और मतली में भी मदद मिलती है।
2. इम्युनिटी को बढ़ाने में मददगार
यह मेडिसिनल हर्ब इम्युनिटी को मजबूत बनाने और खांसी और जुकाम पैदा करने वाले संक्रमण से लड़ने के लिए जानी जाती है। महिला का शरीर डिलीवरी के बाद कमजोर हो जाता है। लेकिन अदरक खाने से उसे मदद मिल सकती है। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान नियमित रूप से (सीमित मात्रा में) अदरक खाने से इम्युनिटी बढ़ती है। इसके एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण, इंफेक्शन और इन्फ्लेमेशन को दूर रखने में भी मदद करते हैं।
3. शरीर को गर्म रखना
अदरक खाने से शरीर को गर्माहट मिलती है। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान अदरक या अदरक की चाय के सेवन से, सर्दी और जुकाम जैसी बीमारियों से मां का बचाव होता है।
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान अदरक के सेवन के साइड इफेक्ट
जैसा कि आप जानती हैं, हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। निश्चित रूप से, अदरक के बहुत फायदे होते हैं, लेकिन इसके कुछ साइड इफेक्ट भी होते हैं। अदरक के सेवन से हार्टबर्न, डायरिया और माउथ इरिटेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यदि स्तनपान कराने वाली मां अधिक मात्रा में अदरक का सेवन करती है, तो उसे पेट में ब्लोटिंग की समस्या हो सकती है और इसके नतीजे के रूप में बच्चे को गैस और इरिटेशन हो सकता है।
अदरक के सेवन के तरीके
ऐसे कई तरीके हैं, जिनके माध्यम से अदरक का सेवन किया जा सकता है, जैसे:
1. अदरक की चाय
यह गर्म पेय पदार्थ बहुत लोगों का पसंदीदा होता है। जब कोई व्यक्ति खांसी, जुकाम या फ्लू से ग्रस्त हो, तो अदरक की चाय (दूध के साथ या दूध के बिना) के सेवन से बहुत आराम महसूस होता है। अदरक की चाय आपके शरीर को गर्म करती है, जुकाम को कम करती है और बंद नाक से राहत देती है।
2. अदरक का अचार
अदरक का अचार स्वादिष्ट होता है और यह मोशन सिकनेस से आराम दिलाता है। इसे डाइजेस्टिव समस्याओं के इलाज के लिए भी जाना जाता है। लेकिन, स्तनपान कराने वाली मांओं को इसकी सलाह नहीं दी जाती है। लेकिन, यदि आप ब्रेस्टफीडिंग के दौरान इसे खाना चाहती हैं, तो आपको पहले अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
3. अदरक का रस
हल्के गर्म पानी में एक चम्मच अदरक का रस और शहद मिलाकर पीने से आपका इम्यून सिस्टम स्वस्थ रहता है। यह गले के दर्द से भी आराम दिलाता है। लेकिन, ब्रेस्टफीडिंग के दौरान इसे लेने से पहले आपको अपने डॉक्टर से परामर्श लेने की जरूरत है।
4. कसा हुआ अदरक
आप सूप में कसे हुए अदरक का इस्तेमाल कर सकती हैं। लेकिन इसका सेवन दिन में केवल एक बार, और बहुत ही कम मात्रा में किया जाना चाहिए।
5. पिसा हुआ अदरक
लगभग सभी भारतीय सब्जियों में यह एक आम इनग्रेडिएंट है। इससे खाने का स्वाद बढ़ता है और यह भूख को भी बढ़ाता है।
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान अदरक की चाय के सेवन से पहले याद रखने वाली कुछ बातें
निश्चित रूप से अदरक की चाय एक आम पेय पदार्थ है, लेकिन ब्रेस्टफीडिंग के दौरान इसके सेवन से पहले आपको कुछ विशेष बातों पर विचार करना चाहिए:
- हमेशा याद रखें, कि चाय में कैफीन होती है। इसलिए भले ही यह अदरक वाली चाय हो, इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करें।
- हर दिन एक कप या 120 मिलीलीटर तक इसे सीमित रखें। अधिक मात्रा में अदरक की चाय लेने से आपको या आपके बच्चे को गैस और ब्लोटिंग की समस्या हो सकती है।
- बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराने के तुरंत पहले अदरक की चाय न पिएं। कैफीन आपके दूध में जा सकता है, जिससे बच्चा चिड़चिड़ा हो सकता है और उसमें नींद की कमी हो सकती है।
- जिन महिलाओं को डिलीवरी के समय कॉम्प्लिकेशंस हुए हों, उन्हें अदरक के सेवन से बचना चाहिए।
अदरक और शहद की चाय कैसे बनाएं?
अदरक और शहद की चाय एक स्वादिष्ट काढा है, जो कि गले को आराम दिलाने और बलगम को साफ करने में मदद करती है। जिंजर एले का स्वाद भी इससे मिलता-जुलता ही होता है। अदरक-शहद की चाय और जिंजर एले दोनों ही ब्रेस्टफीडिंग के दौरान लेने के लिए बिल्कुल सुरक्षित हैं। लेकिन इनकी मात्रा सीमित ही होनी चाहिए। इस चाय को बनाने की विधि नीचे दी गई है।
आवश्यक सामग्री
- ताजा कसा अदरक – एक बड़ा चम्मच
- शहद (पाश्चुरीकृत, यदि संभव हो) – एक बड़ा चम्मच
- ताजे नींबू का रस – एक बड़ा चम्मच
- उबला हुआ गर्म पानी – एक कप
बनाने की विधि
- एक कप में थोड़ा कसा हुआ अदरक लें।
- उसमें गर्म पानी डालें।
- कप को ढक्कन से बंद कर दें और 5 मिनट ऐसे ही रहने दें।
- इसे छानकर दूसरे कप में डालें।
- शहद मिलाएं और अच्छी तरह से मिक्स करें। आप इसमें शहद की जगह पाम कैंडी या गुड़ भी डाल सकती हैं।
- अंत में नींबू का रस डालें।
- आपके अदरक और शहद की चाय तैयार है।
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान अदरक के सेवन के फायदे और साइड इफेक्ट के बारे में अधिक लोगों को जानकारी नहीं है। हालांकि, खाना पकाने में मसाले के रूप में और एक दवा के रूप में इसका इस्तेमाल लंबे समय से किया जाता रहा है। फिर भी इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए, विशेषकर ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिला को।
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