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वैसे तो गर्भावस्था के दौरान अक्सर महिलाओं को बच्चे के स्वास्थ्य से संबंधित कई चिंताएं होती हैं पर यह जन्म के बाद भी खत्म नहीं होती हैं। नवजात शिशु को कई परेशानियां हो सकती हैं जिससे पेरेंट्स काफी चिंतित हो जाते हैं और इनमें से एक बच्चे को पसीना आना भी है। वैसे तो ब्रेस्टफीडिंग के दौरान बच्चे को पसीना आना बहुत आम है। हालांकि यदि उसे बहुत ज्यादा पसीना आता है तो यह समस्या का संकेत भी हो सकता है। यदि आपके बच्चे को भी ऐसी कोई समस्या होती है तो आप उसकी डॉक्टर से जांच जरूर कराएं पर साथ ही पसीना निकलने के इस फिनॉमिना को जानने के लिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान बच्चे को पसीना आने के कारण
अक्सर शरीर में गर्माहट रिलीज होने के नेचुरल प्रोसेस से बच्चे को पसीना आता है। बच्चे को प्राकृतिक रूप से ठंडक की जरूरत है क्योंकि:
- नजदीकी संपर्क में रहने से: दूध पीते समय बच्चा माँ के बहुत नजदीक रहता है जिसकी वजह से उसका तापमान बढ़ता है।
- बहुत ज्यादा एनर्जी लगने से: ब्रेस्टफीडिंग में बच्चे की बहुत ज्यादा एनर्जी लगती है। इस दौरान मुँह का मूवमेंट बच्चे के लिए एक एक्सरसाइज की तरह होता है और इसकी वजह से उसे पसीना निकलता है।
- सिर गर्म होने से: क्या आपने ब्रेस्फीडिंग के दौरान बच्चे के सिर में पसीना निकलता हुआ देखा है? कई मांएं दूध पिलाते समय बच्चे को क्रैडल पोजीशन में रखती हैं। इस पोजीशन में वह अपने हाथ से बच्चे के सिर लंबे समय तक पकड़ती है। इसमें हाथ से सिर को गर्माहट मिलती है और बच्चे के सिर से पसीना निकलता है।
- बहुत ज्यादा कपड़े पहनाने से: कभी कभी बहुत ज्यादा कपड़े पहनाने से भी बच्चे को काफी पसीना आता है।
- फ्रेश हवा की जरूरत: आप अपने बच्चे को जहाँ पर दूध पिला रही हैं वह कमरा सामान से भरा हुआ, बंद और बिना वेंटिलेशन के भी हो सकता है। इस गर्म वातावरण में भी बच्चे को दूध पीते समय काफी पसीना आ सकता है।
बच्चे के सिर में पसीना क्यों आता है?
बच्चे के सिर से पसीना निकलने के दो मुख्य कारण होते हैं, आइए जानें;
- यदि बच्चे के सिर पर पसीना निकलने के ग्लैंड्स एक्टिव हैं और बाकी पूरे शरीर के नहीं है। इसलिए विशेषकर दूध पीते समय जब बच्चे को गर्मी लगती है तो पूरे शरीर से ज्यादा उसके सिर से पसीना निकलता है।
- बच्चे के सिर का तापमान पूरे शरीर के तापमान से ज्यादा रहता है।
क्या यह बीमारी का संकेत है?
पेरेंट्स होने के नाते आपको इस बात की चिंता होती होगी कि बच्चे को बहुत ज्यादा पसीना किसी समस्या की वजह से आता है। यद्यपि बच्चे को थोड़ा-बहुत पसीना आना चिंता का कारण नहीं है पर यदि बच्चे के सिर में बहुत ज्यादा और अब्नॉर्मल तरीके से पसीना निकलता है तो यह स्वास्थ्य से संबंधित समस्या का संकेत हो सकता है। यह निम्नलिखित में से कुछ भी हो सकता है, आइए जानें;
- पल्मोनरी एट्रेसिया: यह जन्म से ही दिल के रोग का एक रूप है जिसमें हार्ट से लंग्स तक खून का प्रवाह ब्लॉक हो जाता है और बच्चे को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती है। यह पल्मोनरी वॉल्व की वजह से होता है जो दिल से लंग्स तक खून के बहाव को नियंत्रित करता है, जिसमें समस्या हो जाती है और यह खुलता नहीं है। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान बहुत ज्यादा पसीना आना समस्या का मुख्य संकेत भी हो सकता है।
- हाइपरथाइरॉडिज्म: यदि बच्चे के थाइरॉइड ग्लैंड्स बहुत ज्यादा एक्टिव हो जाते हैं या उसे हाइपरथाइरॉडिज्म हो जाता है तो भी बहुत ज्यादा पसीना आने लगता है।
- इन्फेक्शन के साथ बुखार: यदि बच्चे को बुखार के साथ इन्फेक्शन हो जाता है तो उसे बहुत ज्यादा पसीना आ सकता है।
- सडन इन्फेंट डेथ सिंड्रोम: बहुत गंभीर मामलों में बच्चे को सडन इन्फेंट डेथ सिंड्रोम (एसआईडीएस) होने का खतरा होता है। इसमें भी बच्चे को बहुत ज्यादा पसीना आने के लक्षण दिखाई देते हैं। यद्यपि इससे संबंधित कोई भी प्रमाण नहीं है पर जिन महिलाओं के बच्चे को एसआईडीएस हुआ है उनमें बहुत ज्यादा पसीना आने के लक्षण देखे गए हैं।
- कंजेस्टिव हार्ट फेलियर: यह समस्या स्ट्रक्चरल समस्याओं की वजह से या हार्ट की मसल्स कमजोर होने की वजह से हो सकती है। इसलिए बच्चे का दिल शरीर में पर्याप्त खून की आपूर्ति नहीं कर पाता है। इससे भी बच्चे को बहुत ज्यादा पसीना आता है।
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान बच्चे में पसीना आने को कम करने के टिप्स
अब आपको इसके पीछे के कारण पता हैं तो आप बच्चे को पसीना आने से बचाने के लिए कुछ तरीकों का उपयोग कर सकती हैं। इससे संबंधित यहाँ कुछ टिप्स बताए गए हैं, आइए जानें;
- आप अपने बच्चे को वेन्टीलेटेड कमरे में दूध पिलाएं जहाँ का तापमान सामान्य होना चाहिए और साथ ही हवा आती रहे। यह कमरा बहुत ज्यादा गर्म या बहुत ज्यादा ठंडा नहीं होना चाहिए।
- गर्मियों में ब्रेस्टफीडिंग के दौरान आपको और बच्चे को सॉफ्ट, कॉटन के कपड़े पहनने चाहिए। यहाँ तक कि सर्दियों में भी बहुत ज्यादा, भारी ऊन या मटेरियल से बने हुए कपड़े न पहनें जिससे त्वचा में इरिटेशन होती है और पसीना भी आता है। लाइट, सॉफ्ट और गर्म ऊनी कपड़े पहनने का प्रयास करें।
- ब्रेस्टफीडिंग के दौरान बच्चे का सिर थोड़ा खुला रखें ताकि हवा लगती रहे। फीडिंग के दौरान उसके सिर से टोपी या स्कार्फ हटा दें। सर्दियों में आप बच्चे को कॉटन की कैप लगा सकती हैं।
- यदि आप पब्लिक में बच्चे को दूध पिला रही हैं तो आपको कॉटन का एक नर्सिंग क्लोक का उपयोग करना चाहिए। इसमें हवा का आदान-प्रदान आसानी से होता है।
- बच्चे को पॉलीस्टर के कपड़े न पहनाएं और खुद भी न पहनें।
- बच्चे को दोनों ब्रेस्ट से दूध पिलाएं। इससे दूध पीते समय बच्चा सिर्फ एक ही पोजीशन में नहीं रहेगा और इस मूवमेंट से गर्माहट कम होगी।
- आप यह अंदाजा न लगाएं कि इस प्रोसेस के दौरान बच्चे को हर समय ठंड लग रही है। दूध पीते समय बच्चे की एनर्जी खत्म होती है और इससे उसके शरीर का तापमान बढ़ता है। बच्चा दूध पीते समय माँ के शरीर के संपर्क में भी रहता है जिसकी वजह से भी गर्माहट होती है। बच्चे को बहुत ज्यादा कपड़े पहनाने से तकलीफ बढ़ सकती है।
- ब्रेस्टफीडिंग के दौरान आप खुद टाइट कपड़े न पहनें और बच्चे को भी न पहनाएं। इससे दोनों को पसीना आ सकता है और परेशानी होती है।
डॉक्टर से कब मिलें
यदि आपको निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत पेडिअट्रिशन से संपर्क करें;
- सांस लेने में समस्या: यदि बच्चे की सांसें बहुत तेज, बहुत धीमे चल रही हैं या वह हांफ रहा है।
- थकान: ब्रेस्टफीडिंग के दौरान यदि बच्चे को लगातार नींद आ रही है या वह सुस्त है।
- दूध न पीना: यदि बच्चा दूध पीने के लिए उत्साहित नहीं है।
- त्वचा नीली पड़ना: कुछ दुर्लभ मामलों में यदि बच्चे की त्वचा नीली पड़ जाती है।
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान पसीना निकलना आमतौर पर कोई समस्या नहीं है पर कुछ मामलों इसकी वजह से समस्याएं हो सकती हैं। यदि बच्चे का पसीना निकलना बंद नहीं होता है या ऊपर बताई हुई समस्याओं में सुधार नहीं होता है तो आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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