क्या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान सर्दी-जुकाम की दवा लेना सही है?

क्या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान सर्दी-जुकाम की दवा लेना सही है?

यदि आपको जुकाम है तो इससे आपको कोई भी काम करने में कठिनाई हो सकती है। इसलिए इसके लक्षण शुरू होते ही आप मेडिकल से जुकाम दवा जरूर ले लेती होंगी। हालांकि यदि आपका बच्चा खुद के न्यूट्रिशन के लिए आप पर निर्भर है तो यह करने की सलाह नहीं दी जाती है। यदि आप बच्चे को दूध पिलाती हैं तो आपको जुकाम के लिए दवा लेने से पहले कुछ सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए। यद्यपि इसका यह मतलब नहीं है कि आप कोई भी दवा नहीं ले सकती हैं पर लेने से पहले आप यह जरूर जान लें कि कौन सी दवा आपके लिए सुरक्षित है और कौन सी नहीं है। 

क्या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान महिलाओं को जुकाम के लिए दवा लेनी चाहिए?

क्या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान महिलाओं को जुकाम के लिए दवा लेनी चाहिए

क्या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान महिलाओं को जुकाम या फ्लू के लिए दवा लेनी चाहिए? हाँ, हालांकि इन दवाओं में मौजूद इंग्रेडिएंट्स के बारे में जरूर जानें क्योंकि यह ब्रेस्टमिल्क के माध्यम से बच्चे तक पहुँच जाती है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि दवा खाने से पहले आप इसमें मौजूद इंग्रेडिएंट्स चेक कर लें या डॉक्टर को पूरी समस्या बताने के बाद उनके द्वारा प्रिस्क्राइब की हुई दवा ही लें। 

कुछ सुरक्षित सर्दी-जुकाम की दवाइयां ब्रेस्टफीडिंग के दौरान महिलाओं के लिए 

बच्चे को दूध पिलाने वाली माँ सर्दी जुकाम के लिए कौन सी दवा ले सकती है इसकी लिस्ट यहाँ पर दी गई है, आइए जानें;

1. पेरासिटामोल 

जिन दवाओं में एक्टिव कंपाउंड जैसे, टाइलेनोल, क्रोसिन आदि होते हैं उन्हें ब्रेस्फीडिंग के दौरान भी लिया जा सकता है। इसमें मौजूद एनाल्जेसिक और एसिटामिनोफेन जैसी चीजें बुखार, सूजन व दर्द को कम करने में मदद करती हैं। यद्यपि एसिटामिनोफेन ब्रेस्टमिल्क के माध्यम से बच्चे तक पहुँच सकता है पर इससे उसे कोई भी हानि नहीं होगी। 

2. इबूप्रोफेन 

इबूप्रोफेन बच्चों के लिए सुरक्षित होती है और यह बच्चे में बहुत कम मात्रा में पहुँचती है जिसकी वजह से उसे कोई हानि नहीं होती है। इबूप्रोफेन जैसे एडविल नॉन-स्टेरॉइडल, एंटी-इंफ्लेमटरी या एनएसएआईडी’स होती हैं जिससे बुखार, दर्द और सूजन कम हो जाती है। इसे फ्लू, सिर में दर्द और साइनस के कारण हुए जुकाम के लिए भी लिया जाता है। इसे आप डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही लें क्योंकि जिन महिलाओं को अस्थमा या पेट में अल्सर होता है उन्हें यह लेने की सलाह नहीं दी जाती है। 

3. डेक्स्ट्रोमिथोर्फन 

यह ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं के लिए पूरी तरह से सेफ है और अक्सर सर्दी जुकाम को करने के लिए ली जाती है। हालांकि जिन महिलाओं को अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, डायबिटीज और लिवर से संबंधित समस्याएं हैं उन्हें यह दवा नहीं लेनी चाहिए क्योंकि इससे उनकी समस्याएं अधिक बढ़ सकती हैं। 

4. ब्रोमहेक्सिन और गुइफेनेसिन

यह दवा डॉक्टर भी प्रिस्क्राइब करते हैं और इसका उपयोग खांसी में रिफ्लेक्स से सीने में जकड़न को ठीक करने के लिए किया जाता है। यह बच्चे व माँ दोनों के लिए सुरक्षित है। 

5. एमोक्सिसिलिन

यह एक एंटीबायोटिक है जिसका उपयोग सर्दी जुकाम और साइनस के इन्फेक्शन को ठीक करने के लिए किया जाता है। यद्यपि इससे बच्चे में कुछ संभावित साइड-इफेक्ट्स होने के छिपे हुए मानते हैं पर यह अपने आप ही ठीक हो जाते हैं और इसलिए यह दवा ब्रेस्फीडिंग कराने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित है। 

6. जिंक ग्लूकोनेट

यह दवा सर्दी जुकाम को ठीक कर देती है और इसे सीधे मेडिकल से भी लिया जा सकता है पर इसे लेने से पहले डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी जाती है। इसमें एक जेल होता है जिसे नाक में लगाते हैं। यदि इसे दिन में लगभग 12 एमजी तक लगाया जाता है तो यह बच्चे व माँ के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है। 

7. क्लोरफेनिरामाइन और हाइड्रोक्सीजिन

यह दवाएं एंटी-हिस्टेमाइन होती हैं और इन्हें एलर्जी की वजह से नाक बंद या नाक बहने जैसी समस्याओं को ठीक करने के लिए लिया जाता है। डॉक्टर आपको बुखार के लिए भी यह दवा दे सकते हैं। यह दवा बच्चे को दूध पिलाने वाली महिलाओं व उनके बच्चे के लिए भी सुरक्षित है क्योंकि यह दूध के माध्यम से बच्चे तक बहुत कम मात्रा में पहुँचती है। यद्यपि इसके कुछ छिपे हुए मामले भी हैं जिनमें बच्चे को चक्कर आने, कोलिक, चिड़चिड़ाने जैसी समस्याएं भी देखी गई हैं पर यह समस्याएं इलाज के बिना ही अपने आप ही ठीक भी हो गई हैं। 

कुछ असुरक्षित सर्दी-जुकाम की दवाइयां ब्रेस्टफीडिंग के दौरान महिलाओं के लिए 

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान महिलाओं को सर्दी जुकाम के लिए निम्नलिखित दवा नहीं लेनी चाहिए, आइए जानते हैं; 

1. एस्पिरिन

एस्पिरिन से बच्चे में एसिडोसीन होता है जिससे खून में पीएच को बनाए रखने के लिए उसकी किडनी की क्षमता कम हो जाती है और खून ज्यादा एसिडिक हो जाता है। इससे बच्चे को रेये’स सिंड्रोम हो सकता है जिससे उसका खून पतला हो जाता है और लिवर व मस्तिष्क में सूजन आ जाती है। 

2. कोडीन और डायहाइड्रोकोडीन

यह दवा एनलजेसिक्स हैं जो खाने के बाद लिवर के अंदर मॉर्फिन में बदल जाती है। यह नर्वस सिस्टम के मध्य को प्रभावित करती है और इससे बच्चे में डायरिया, चक्कर आना और कमजोरी होने जैसी समस्याएं होती हैं क्योंकि अभी बच्चे लिवर विकसित हो रहा होता है। 

3. स्यूडोएफेड्रिन 

इसे साइनस और नाक की नली में भरे म्यूकस को निकालने के लिए एक डिकंजेस्टेन्ट की तरह उपयोग किया जाता है जिससे महिलाओं में प्रोलैक्टिन की आपूर्ति कम हो जाती है। यह दवा महिलाओं में 24% तक ब्रेस्टमिल्क की आपूर्ति कम कर सकती है और इस वजह से बच्चे को पूरा दूध नहीं मिल पाता है। 

4. फेनिलेफ्रीन 

यह एक डिकंजेस्टेन्ट भी है इसलिए इसके दवा के साइड-इफेक्ट्स स्यूडोएफेड्रिन जैसे ही होते हैं। ऐसा माना जाता है कि इसके सेवन से बच्चे को चक्कर आ सकते हैं। 

5. जाइलोमेटाजोलिन और ऑक्सीमेटाजोलिन

यह दवाइयां नेजल स्प्रे में आमतौर पर उपयोग की जाती हैं। चूंकि इस पर कोई भी रिसर्च नहीं की गई है कि यह दवा ब्रेस्टफीडिंग महिलाओं और बच्चे के लिए सुरक्षित है या नहीं इसलिए इसे लेने से बचें। 

सर्दी-जुकाम की मेडिसिन लेते समय बरतने योग्य सावधानियां

जुकाम के लिए किसी भी प्रकार की दवा लेते समय आप निम्नलिखित सावधानियां जरूर बरतें, जैसे;

  • आप वो दवा न लें जिसमें अल्कोहल की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। 
  • एक ही इंग्रेडिएंट की दवा लें ताकि बच्चे पर ओटीसी दवाओं का प्रभाव न पड़े। 
  • आप ब्रेस्टफीडिंग कराने के बाद दवा लें और दवा लेने के 2 से 3 घंटे बाद तक बच्चे को दूध न पिलाएं ताकि उस पर दवा का असर न हो। 
  • बहुत ज्यादा प्रभावी दवा न लें क्योंकि यह आपके शरीर में ही बना रहेगा और इससे दूध की आपूर्ति काफी समय तक बंद हो सकती है। 
  • लोजेजेस लेने से पहले आप इसमें मौजूद इंग्रेडिएंट्स को जरूर जान लें। आप कोई भी ऐसी चीज न लें जिसमें पोवीडन आयोडीन मौजूद हो क्योंकि इससे ब्रेस्टमिल्क में आयोडीन की मात्रा बढ़ जाती है और इससे बच्चे में हाइपरथाइरॉडिज्म होने का खतरा हो सकता है। 

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान दवा लेने से महिला और बच्चे में साइड-इफेक्ट्स 

जुकाम के लिए कुछ दवाइयां लेने से आपको थोड़े-बहुत साइड-इफेक्ट्स हो सकते हैं, जैसे चक्कर आना, चिड़चिड़ाना और बच्चे को बेचैनी होना। यह अक्सर खुद ही ठीक हो जाते हैं। कुछ अन्य लक्षण भी हैं जो सुरक्षित नहीं माने जाते हैं और यह काफी गंभीर भी होते हैं, जैसे माँ में ब्रेस्टमिल्क की आपूर्ति कम होना, खून एसिडिक होना, अंगों में प्रभाव पड़ना, जैसे मस्तिष्क और लिवर में सूजन, आदि। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान यह दवा बिलकुल भी नहीं लेनी चाहिए। 

डॉक्टर से कब मिलें 

कई बार हल्का-फुल्का जुकाम होता है जो कुछ दिनों में ठीक भी हो जाता है। हालांकि यदि यह रहता है और आपको गले में खराश, चेहरे पर दर्द, कान में दर्द या गंभीर रूप से खांसी होती है तो आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। यह लक्षण जुकाम से ज्यादा भी किसी अन्य समस्या के हो सकते हैं, जैसे कान में इन्फेक्शन, गला खराब होना, निमोनिया, फ्लू, सायनसायटिस और ब्रोंकाइटिस। 

यद्यपि सिर्फ जुकाम के लिए मेडिकल से दवाई लेना बहुत आम है पर गर्भावस्था या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान दवा लेने से पहले डॉक्टर से इसके बारे में चर्चा करने की सलाह दी जाती है ताकि महिला व बच्चे को कोई भी हानि न हो। 

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