In this Article
- ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली माओं के लिए हाइड्रेटेड रहना क्यों जरूरी है?
- क्या ब्रेस्टफीडिंग कराने से आप डिहाइड्रेट हो सकती हैं?
- ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली मांओं को रोजाना कितना पानी पीना चाहिए?
- ब्रेस्टफीडिंग के दौरान डिहाइड्रेशन के अन्य कारण
- ब्रेस्टफीडिंग के दौरान डिहाइड्रेशन के संकेत और लक्षण
- क्या ब्रेस्टफीडिंग के कारण डिहाइड्रेशन होने से माँ और बच्चे की हेल्थ पर प्रभाव पड़ता है?
- ब्रेस्टफीडिंग के दौरान डिहाइड्रेशन का इलाज और बचाव कैसे करें
- डॉक्टर से कब परामर्श करें
बच्चे के लिए उसकी माँ का दूध सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है, जिसके जरिए उसे सभी जरूरी न्यूट्रिएंट्स प्राप्त होते हैं, ब्रेस्ट मिल्क में पाए जाने वाले एंटीबॉडी बच्चे के हेल्दी ग्रोथ और डेवलपमेंट के लिए जरूरी होते हैं। ब्रेस्ट मिल्क में ह्यूमन मिल्क ओलिगोसैकेराइड (एचएमओ) भी होता है जो बच्चे के पाचन में मदद करता है और पेट में अच्छे बैक्टीरिया बनाए रखता है एवं साथ ही इससे जुड़ी समस्याओं को दूर रखता है। एचएमओ इंफेक्शन के कारण होने वाली बीमारियों को भी दूर रखता है। इसलिए, डॉक्टर सलाह देते हैं कि बच्चे को शुरुआती छह महीनों के लिए विशेष रूप से ब्रेस्टफीडिंग करानी चाहिए। लेकिन इसका मतलब है कि आपको पौष्टिक आहार लेना होगा और खुद को हाइड्रेटेड भी रखना होगा, ताकि आप बच्चे को पर्याप्त रूप से ब्रेस्टफीडिंग करा सकें और आपके मिल्क प्रोडक्शन में कमी न आए। लेकिन क्या बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराने से आप डिहाइड्रेटेड हो सकती हैं? यह सवाल कई महिलाओं का है! ब्रेस्टफीडिंग के दौरान डिहाइड्रेशन के बारे में और जानने के लिए आगे पढ़ें।
ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली माओं के लिए हाइड्रेटेड रहना क्यों जरूरी है?
नर्सिंग कराने वाली माओं को हाइड्रेटेड रहने और लिक्विड चीजों का सेवन बढ़ाने की जरूरत होती है, क्योंकि ब्रेस्ट मिल्क में 88% से ज्यादा पानी होता है। फीडिंग के दौरान माँ के शरीर से तरल पदार्थ समाप्त होने लगता हैं। इसलिए, स्तनपान कराने वाली मांओं को यह सलाह दी जाती है कि वो पानी और लिक्विड चीजों का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें। इतना ही नहीं, बल्कि ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली मांओं को एक्स्ट्रा फ्लूइड का सेवन करना चाहिए क्योंकि यह ब्रेस्ट मिल्क प्रोड्यूस करने के लिए जरूरी होता है।
एक डिहाइड्रेटेड माँ पर्याप्त मात्रा में ब्रेस्ट मिल्क नहीं बना पाती है। इसके अलावा, अगर एक महिला डिहाइड्रेटेड होती है, तो उसके ब्रेस्ट मिल्क का कम्पोजीशन भी बदल जाता है, जिससे बच्चे के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। इसलिए, ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली मांओं के लिए हाइड्रेटेड रहना जरूरी है।
क्या ब्रेस्टफीडिंग कराने से आप डिहाइड्रेट हो सकती हैं?
पहली बार माँ बनने वाली कई महिलाएं यह सवाल करती हैं कई क्या ब्रेस्टफीडिंग कराने से वो डिहाइड्रेटेड हो सकती हैं? इसका जवाब आप कितना लिक्विड पदार्थ लेती हैं, इस बात पर निर्भर करता है। यदि आप सही मात्रा में फ्लूइड वाली चीजों का सेवन कर रही हैं, तो आपको बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराने के बाद डिहाइड्रेशन का शिकार नहीं होना पड़ेगा। लेकिन अगर आप अपने नवजात शिशु के साथ इतना व्यस्त हैं कि आप पानी पीना भूल जाती हैं या अगर आप बीमार हो जाती हैं तो आपको डिहाइड्रेटेड होने का खतरा है।
ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली मांओं को रोजाना कितना पानी पीना चाहिए?
ज्यादातर हेल्थ एक्सपर्ट का यही सुझाव होता है कि एक नॉर्मल महिला को प्रतिदिन 2 से 2.5 लीटर तक पानी पीना चाहिए। वहीं ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिला प्रतिदिन लगभग 700 से 750 मिलीलीटर ब्रेस्ट मिल्क बनाती है। इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि अगर आप बेबी को ब्रेस्टफीडिंग कराती हैं, तो आपको डिहाइड्रेशन से बचने के लिए एक दिन में 2 से 2.5 लीटर और इसके अलावा 700 मिलीलीटर एक्स्ट्रा फ्लूइड लेना चाहिए।
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान डिहाइड्रेशन के अन्य कारण
यदि आप ब्रेस्टफीडिंग करा रही हैं और पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन नहीं रही हैं, तो आप डिहाइड्रेट हो सकती हैं। हालांकि, ऐसे कुछ अन्य संभावित कारण भी हैं जो ब्रेस्टफीडिंग के दौरान आपको डिहाइड्रेट कर सकते हैं, जिनके बारे में आपको नीचे बताया गया है।
1. डायरिया और उल्टी
यदि आप डायरिया से पीड़ित हैं या फूड पॉइजनिंग या किसी अन्य बीमारी के कारण आपको उल्टी हो रही है, तो शरीर से फ्लूइड की मात्रा तेजी से कम होने लगती है। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान डिहाइड्रेशन को रोकने के लिए, आपको सबसे पहले अनहेल्दी स्ट्रीट फूड का सेवन बंद करना चाहिए, जो ज्यादातर दूषित होते हैं।
2. तरल पदार्थों का अपर्याप्त सेवन
जब आप पहली बार माँ बनती हैं, तो बच्चे की जिम्मेदारी निभाते-निभाते आप खुद का ध्यान रखना भूल जाती हैं। यदि आप अपनी शारीरिक जरूरतों का ध्यान रखना भूल जाती हैं और पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीती हैं, तो आप डिहाइड्रेट हो सकती हैं।
3. डाइटिंग करना या उपवास रखना
अगर आप अपने बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराती हैं, तो आपके लिए डाइटिंग करना या फास्ट यानी उपवास करना अच्छा नहीं है, क्योंकि इससे शरीर में तरल पदार्थों की कमी होने का खतरा रहता है। अपने शरीर को डिहाइड्रेट होने से बचाने के लिए पौष्टिक आहार लें और खूब पानी पिएं।
4. कैफीन
चाय, कॉफी और कोला के रूप में बहुत अधिक कैफीन का सेवन करना भी डिहाइड्रेशन का कारण बन सकता है। इसलिए, कैफीनयुक्त किसी भी ड्रिंक को पीने से बचें, इसके बजाय पानी या फ्रेश फ्रूट जूस पिएं।
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान डिहाइड्रेशन के संकेत और लक्षण
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान डिहाइड्रेशन के संकेत और लक्षण कुछ इस प्रकार हैं:
- थकान
- मांसपेशियों में ऐंठन
- चक्कर आना
- मिल्क प्रोडक्शन में कमी आना
- सिर दर्द
- ब्रेस्ट हल्के महसूस होना
- होठों के आसपास और आपके मुंह में सूखापन होना
- मतली
क्या ब्रेस्टफीडिंग के कारण डिहाइड्रेशन होने से माँ और बच्चे की हेल्थ पर प्रभाव पड़ता है?
ब्रेस्टफीडिंग के कारण डिहाइड्रेशन होने से माँ और उसके बच्चे को गंभीर रूप से हेल्थ प्रॉब्लम हो सकती हैं। यदि माँ दो दिनों से अधिक समय तक डिहाइड्रेटेड रहती है, तो उसके ब्रेस्ट मिल्क कम्पोजीशन में बदलाव आ सकते हैं और इसके कारण शिशु की हेल्थ पर भी बुरा असर पड़ता है। यहाँ तक कि जब आप अपने बेबी को फीड कराने के लिए पकड़ती हैं, तो आपको मसल्स क्रैम्प का भी अनुभव हो सकता है।
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान डिहाइड्रेशन का इलाज और बचाव कैसे करें
हेल्दी फूड, एक्सरसाइज और बहुत सारा पानी पीने से आप खुद को डिहाइड्रेशन से बचा सकती हैं। ब्रेस्टफीडिंग कराने के दौरान डिहाइड्रेशन का इलाज करने के कुछ तरीके यहाँ आपको दिए गए हैं:
1. खूब सारे तरल पदार्थ पिएं
खूब सारे तरल पदार्थ पिएं जैसे पानी, ताजे फलों का जूस, नारियल पानी, होल मिल्क और फ्रूट स्मूदी।
2. हाइड्रेटिंग फल और सब्जियां खाएं
आप खीरा, सलाद, तरबूज, टमाटर, तोरी, मूली, पालक, गोभी, स्ट्रॉबेरी, अनानास, गाजर, हनीड्यू मेलन, खरबूजा, संतरा, आड़ू, रसभरी, खुबानी और ब्लू बेरी जैसे फल और सब्जियां खाकर भी अपने शरीर में फ्लूइड की कमी को पूरा कर सकती हैं। हाइड्रेटिंग फल और सब्जियां खाने से आपको बिस्फेनॉल-ए जैसे टॉक्सिक केमिकल से बचने में मदद मिलेगी जो पानी की बॉटल के प्लास्टिक में पाए जाते हैं।
3. ओआरएस ट्राई करें
अगर आपको उल्टी या दस्त हो रहा है, तो डॉक्टर के पास जाएं। वो आपको डिहाइड्रेशन से बचने के लिए ओआरएस लेने का सुझाव दे सकते हैं। ओआरएस लेने के साथ-साथ फूड पॉइजनिंग से होने वाले डिहाइड्रेशन के खतरे से बचने के लिए आपको घर का बना भोजन ही खाना चाहिए। साथ ही जल जनित बीमारियों से बचाव के लिए हमेशा साफ पानी पिएं।
डॉक्टर से कब परामर्श करें
यदि आप लंबे समय तक बीमारियों से पीड़ित रहती हैं और डिहाइड्रेशन के लक्षण जैसे सिरदर्द, चक्कर आना, थकान या मांसपेशियों में ऐंठन को नोटिस करती हैं, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। आपके शरीर में कम हुए फ्लूइड को वापस पाने के लिए इंट्रावेनस फ्लूइड तुरंत दिया जा सकता है। अपने डॉक्टर से बात किए बिना कोई भी दवा, इलेक्ट्रोलाइट या रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन न लें। अगर आप पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पिएंगी तो आपको चक्कर भी आ सकता है या मांसपेशियों में ऐंठन और होंठ फटने जैसे समस्या भी हो सकती है, जो इस बात का संकेत है कि आप डिहाइड्रेटेड हैं। इसलिए इस तरह की कोई भी चीज नोटिस करने पर डॉक्टर के पास तुरंत जाएं।
ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली माँ और बच्चे दोनों के लिए डिहाइड्रेशन खतरनाक हो सकता है। इसके कारण ब्रेस्ट मिल्क प्रोडक्शन पर बुरा असर पड़ सकता है, जिससे बच्चा कुपोषित और डिहाइड्रेटेड हो सकता है। इसलिए आपका एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना बहुत जरूरी है, जिसमें आप न्यूट्रिशियस फूड खाएं, रेगुलर एक्सरसाइज करें और ज्यादा से ज्यादा फ्लूइड लेने का प्रयास करें, ताकि आपको डिहाइड्रेशन की कोई समस्या न हो और न ही आपके कारण बच्चे को किसी प्रकार कोई परेशानी हो। बेबी को दूध पिलाते समय डिहाइड्रेटेड होने से बचने के लिए इस लेख में दी गई टिप्स पर गौर करें।
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