शिशु

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान ओट्स का सेवन

बेशक ओट्स एक हेल्दी फूड है। इसमें बहुत सारे जरूरी न्यूट्रिएंट मौजूद होते हैं, फिर चाहे प्रोटीन, फाइबर या अन्य न्यूट्रिएंट हो, इसके अलावा इसे कई तरह से पकाया जा सकता है। अक्सर, स्तनपान कराने वाली माँएं ये जानना चाहती हैं कि क्या ओट्स खाना उनके और उनके बच्चे के लिए फायदेमंद है। तो इसका जवाब है हाँ, और नहीं भी। हालांकि ओट्स खाने के अपने हेल्थ बेनिफिट हैं, फिर भी यह वास्तव में ब्रेस्ट मिल्क की क्वालिटी को प्रभावित नहीं करता है। इसके बारे में अधिक जानने के लिए पढ़ें।

क्या ओट्स ब्रेस्ट मिल्क की सप्लाई बढ़ाने में मदद करता है?

ओट्स किसी भी तरह से ब्रेस्ट मिल्क की सप्लाई बढ़ाने में मदद नहीं करता है। ब्रेस्ट मिल्क बच्चे की जरूरत के हिसाब से होता है। यहाँ तक कि माँ अगर सिर्फ दो वक्त का खाना खा रही है, तब भी वो बच्चे की जरूरत को पूरा कर सकती है। 

दूध की कम सप्लाई ज्यादातर उस समय देखी जाती है जब माँ को बच्चे को बहुत ज्यादा फीड कराना पड़ता है। इस तरह के केस में लैक्टेशन एक्सपर्ट की मदद लें, क्योंकि वह आपको इसे डील करने का बेहतर तरीका बताएंगे।

यदि आप ओट्स खाना शुरू करना या पहले से खाती हों तो इसे जारी रखना चाहती हैं, तो आप ऐसा खुद को हेल्दी रखने के लिए कर सकती हैं। आइए इसके हेल्थ बेनिफिट के बारे में जानते हैं जिसे आप भी ओट्स खाकर प्राप्त कर सकती हैं फिर चाहे आप ब्रेस्टफीडिंग करा रही हों या न करा रही हों।

ओट्स के स्वास्थ्य लाभ

यहाँ ओट्स का सेवन करने से होने वाले कुछ स्वास्थ्य लाभ इस प्रकार दिए गए हैं:

  • ओट्स ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता है और दिल के लिए अच्छा होता है। बीटा-ग्लूकन फाइबर कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है।
  • यह ब्लड शुगर लेवल को स्थिर करने में मदद करता है और ये आपके लिए फायदेमंद है अगर आप इसका बहुत ज्यादा मात्रा में सेवन नहीं करती हैं तो।
  • ये आपकी भूख को कम करता है और आपका पेट इससे भरा रहता है।
  • ओट्स में मौजूद विटामिन बी थकावट, क्रोध, तनाव और अन्य मानसिक बीमारियों से लड़ने में मदद करता है।

आपको कितनी मात्रा में ओटमील या ओट्स का सेवन करना चाहिए?

बड़ों के लिए एक छोटा बाउल ओट्स ज्यादातर पर्याप्त होता है।  जैसा कि कहा जाता है कि सीमित मात्रा में किसी भी चीज का सेवन करने से कोई परेशानी नहीं होती है। लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से ओवर सप्लाई, ब्रेस्ट भर जाना और मास्टाइटिस-संबंधी इशू पैदा होने लगते हैं। ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली माँओं के लिए ओट्स का सेवन किए जाने से ब्रेस्ट मिल्क की क्वालिटी और क्वांटिटी प्रभावित होती हो ऐसी कोई बात सामने नहीं आती है।

अपनी ब्रेस्टफीडिंग डाइट में ओट्स कैसे शामिल करें

अब, क्योंकि ओट्स का सेवन किसी भी तरह से आपके  ब्रेस्ट मिल्क को प्रभावित नहीं करता है, इसलिए आप इसे अलग-अलग तरीकों से इसे अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं। यहाँ आपको कुछ ऑप्शन दिए गए हैं।

1. पॉरिज

पॉरिज बनाने का सबसे सरल तरीका है कि ओट्स लें और इसे धीमी आँच पर दूध के साथ पकाएं। पकाने के दौरान इसे अच्छे से चलाती रहें और फिर बाउल में इसे सर्व करें।

2. ओटमील टी

ओटमील फ्लेक्स में एक कप उबला पानी डालें। इसमें अपने स्वाद के हिसाब से थोड़ी सी दालचीनी या शहद डालें, बस ये आपके खाने में लिए रेडी है।

3. ओट्स मफिन

ये डिश सिंपल और स्वादिष्ट है, बस मफिन बैटर में ओट्स डालकर इसे बेक करें। ओवन से बाहर निकाल कर आप इसका सेवन तुरंत कर सकती हैं।

4. ओट्स बार्स

ये एनर्जी बार आपको आसानी से बाजार में मिल जाएगा और आप इसे घर पर भी बना सकती हैं। इसे स्नैक के रूप खाएं इससे आपका पेट भरा हुआ भी महसूस होगा।

5. सूप में ओट्स

सूप में ओट्स डाल कर इसका सेवन करना भी एक तरीका है। आप इसे सूप में एक सप्लीमेंट के रूप में खा सकती हैं। बस इसे सूप में मिलाएं और इसका सेवन करें। 

6. ओटमील कुकीज

ओट्मील कुकीज आपके मीठा खाने की क्रेविंग को पूरा कर सकता है साथ ही ये आपके लिए हेल्दी डिजर्ट भी होगा।

7. ब्रेड के साथ बेक्ड ओट्स

अपने ब्रेड के आटे में थोड़ा ओट्स मिलाएं या साबुत अनाज वाली ओट्स की ब्रेड ले लें। आप इसे ब्रेड को टोस्ट कर लें या फिर सैंडविच बनाने के लिए इस ब्रेड का उपयोग करें और अपनी डेली डोज के अनुसार इसका सेवन करें।

क्या ब्रेस्टफीडिंग करते समय ओट्स का सेवन करने के कोई साइड इफेक्ट्स भी हैं?

जैसा कि पहले भी बताया गया है, ओट्स किसी भी तरह से स्तनपान कराने वाली माँओं के ब्रेस्ट मिल्क को प्रभावित नहीं करता है। हालांकि, अगर आपको ग्लूटेन से एलर्जी है, तो आपको अपनी हेल्थ का ध्यान रखते हुए इससे परहेज करना चाहिए।

जिन लोगों को सीलिएक रोग है वे भी कम मात्रा में ओट्स सेवन कर सकते हैं। आप इसके लिए अपने डॉक्टर से परामर्श कर सकती हैं और यह सुनिश्चित कर सकती हैं कि क्या आप रोजाना ओट्स का सेवन कर सकती हैं।

ज्यादातर लोगों के लिए ओट्स खाना एक हेल्दी ऑप्शन है। लेकिन, क्योंकि ये भोजन, सामान्य रूप से, दूध की क्वालिटी या मात्रा को प्रभावित नहीं करता है, इसलिए माँ के आहार से बच्चे को उसके दूध द्वारा प्राप्त होने वाले पोषण में कोई कमी नहीं आती है। हालांकि, आप अपनी रेगुलर डायट के माध्यम से ओट्स के फायदों को तब तक प्राप्त कर सकती हैं जब तक आपको ग्लूटेन से एलर्जी न हो।

डिस्क्लेमर – यदि ब्रेस्ट मिल्क की डिमांड और सप्लाई मैनेज नहीं हो रही है, तो किसी भी प्रकार का गैलेक्टागॉग काम नहीं करेगा।

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समर नक़वी

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