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गर्भावस्था और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान एक महिला अपने बच्चे के लिए अतिरिक्त सावधानियां बरतती है, ताकि उसे ग्रोथ और डेवलपमेंट के लिए पर्याप्त पोषण मिल सके। लेकिन अंडे जैसे कुछ खास फूड आइटम्स, जो कि आम तौर पर काफी पोषक और सुरक्षित माने जाते हैं, बच्चे की सेहत की सुरक्षा को लेकर कुछ सवाल खड़े कर सकते हैं। क्या आपको ब्रेस्टफीडिंग के दौरान अंडे खाना चाहिए? जानने के लिए आगे पढ़ें।
क्या ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली माँएं अंडे खा सकती हैं?
जैसा कि हम सब जानते हैं, अंडे प्रोटीन से भरपूर होते हैं और इन्हें हर दिन खाया जा सकता है। चूंकि, कच्चे अंडे साल्मोनेला इन्फेक्शन पैदा कर सकते हैं, इसलिए अंडों को पकाकर खाने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, ब्रेस्टफीडिंग के दौरान आपको इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए, कि अन्य महिलाओं की तुलना में आपको एक्स्ट्रा 500 कैलोरी की जरूरत होती है, ताकि आपकी न्यूट्रिएंट्स की जरूरतें पूरी हो सकें और यह कैलोरी आपको पौष्टिक भोजन से मिलनी चाहिए।
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान अंडे खाने के फायदे
बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराने के दौरान अंडे का सेवन एक हेल्दी विकल्प है, क्योंकि अंडे स्वास्थ्यवर्धक फायदों से भरपूर होते हैं। इनमें से कुछ नीचे दिए गए हैं:
- ब्रेस्टफीडिंग के दौरान अंडे खाने से शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ता है, जो कि न केवल ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली माँओं में, बल्कि अधिकतर लोगों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी दिल की बीमारियों और दूसरी हेल्थ प्रॉब्लम्स के खतरे को कम करने में मदद करता है।
- अंडे विटामिन ‘ए’, विटामिन ‘बी2’, विटामिन ‘बी12’, फास्फोरस, सेलेनियम, कैल्शियम, जिंक आदि जैसे विटामिन, न्यूट्रिएंट और मिनरल से भरपूर होते हैं, जो कि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान आपके स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होते हैं।
- अंडे में कोलाइन नामक जरूरी कंपाउंड भी पाया जाता है, जो कि शरीर के कई फंक्शन के लिए जरूरी होता है।
- अंडे आँखों के लिए भी फायदेमंद होते हैं। अंडे खाने से मैकुलर डिजनरेशन और कैटरेक्ट से बचाव में मदद मिलती है।
- अंडे अमीनो एसिड का भी एक स्टोर हाउस होता है, जो कि शरीर के जरूरी फंक्शनिंग के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
क्या आप कच्चे अंडे खा सकते हैं?
मिल्क शेक, एगनोग्स, घर के बने सॉस, सलाद की ड्रेसिंग, तिरामिसू, फ्रॉस्टिंग आदि में कच्चे या आधे पके अंडे डाले जाते हैं, इसलिए इन्हें आपके भोजन में शामिल किया जा सकता है। पर आपको इस बात की भी जानकारी होनी चाहिए, कि कच्चे या अधपके अंडे खाने से साल्मोनेला इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। साल्मोनेला इन्फेक्शन में बुखार, डायरिया, उल्टी, पेट में दर्द और मतली की समस्या होती है। अगर दुर्भाग्य से आपको साल्मोनेला का इन्फेक्शन हो जाता है, तो यह आपकी आंतों में रहता है और आपके ब्रेस्टमिल्क में प्रवेश नहीं करता है। इस तरह यह सीधे-सीधे ब्रेस्टफीडिंग पर प्रभाव नहीं डालता है, लेकिन इससे आपको डिहाइड्रेशन, थकान और कमजोरी हो सकती है। खानपान में थोड़े बदलाव करके इससे निपटा जा सकता है। लेकिन बहुत ज्यादा थकान के कारण आप ब्रेस्टफीडिंग के लिए खुद को असमर्थ महसूस कर सकती हैं। उचित इलाज और निर्देश के लिए ऐसे समय में एक डॉक्टर से परामर्श लेने की सलाह दी जाती है।
एग एलर्जी – ध्यान रखने वाली बातें
जहाँ ब्रेस्टफीडिंग के दौरान अंडों का सेवन सुरक्षित समझा जाता है, वहीं आपको नीचे दिए गए बिंदुओं पर विचार करने की जरूरत भी है:
- अगर परिवार में एलर्जी का कोई इतिहास रहा है, तो आपको यह सलाह दी जाती है कि बच्चे को दूध पिलाने के दौरान अपने भोजन में एलर्जी पैदा करने वाले संभावित फूड आइटम्स को शामिल करने से पहले एलर्जी के लिए बच्चे की जांच करा लें।
- अगर आप ब्रेस्टफीडिंग के दौरान अंडे का सेवन करती हैं और अपने बच्चे में मतली, पेट में दर्द, रैश, सांस लेने में तकलीफ, हाइव्स या अस्थमा के लक्षण देखते हैं, तो ये बेबी को अंडे से एलर्जी होने का संकेत हो सकते हैं। इनमें से कोई भी लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करें, अंडे का सेवन बंद कर दें और स्थिति में सुधार होने तक इंतजार करें।
- अगर आपके बच्चे को गंभीर एलर्जी है, तो आप जो कुछ भी खाती हैं, उन सब को एक अच्छे फूड-एंड-सिंप्टम डायरी में नोट करें।
- कई पैक्ड फूड और कैंडीज में अंडे होते हैं, जो कि बच्चे में एलर्जी पैदा कर सकते हैं।
- मेयोनीज, सलाद की ड्रेसिंग, बैटर फ्राइड आइटम और दूसरे अंडे युक्त खाने की चीजों को पूरी तरह से अवॉइड करें।
अगर आप ब्रेस्टफीडिंग करवा रही हैं, और अगर आपके बच्चे को अंडे से एलर्जी नहीं है, तो निश्चित रूप से आप पके हुए अंडे का सेवन कर सकती हैं। पर हम आपको अपने भोजन में इन्हें शामिल करने को लेकर अपने डॉक्टर से परामर्श लेने की सलाह देंगे। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान एक हेल्दी डाइट लें और आपका बच्चा बिल्कुल ठीक रहेगा।
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