आज के कॉम्पिटिटिव समय में, माता-पिता अक्सर इस बात को लेकर चिंतित रहते हैं कि क्या उनका बच्चा इंटेलिजेंट है और क्या वे अपने बच्चे की इंटेलिजेंस को बढ़ाने में कुछ मदद कर सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि कम उम्र में बच्चे को सही तरीके में प्रोत्साहन मिलने से उसकी मानसिक क्षमता बढ़ती है। शुरुआती कुछ साल बच्चे के इंटेलेक्चुअल डेवलपमेंट के लिए बहुत जरूरी होते हैं। इसलिए यहाँ कुछ ऐसे टिप्स दिए गए हैं जो आपको अपने बच्चे को स्मार्ट और होशियार बनाने में मदद कर सकते हैं।
संचार यानि कम्युनिकेशन बहुत ही अहम स्किल है, जो बच्चे की इंटेलिजेंस को बढ़ाने के लिए बहुत आवश्यक है। यह आप और आपके बच्चे के बीच के बांड को मजबूत करता है साथ ही उसमें आत्मसम्मान और आत्मविश्वास भी विकसित होता है। अपने बच्चे की कम्युनिकेशन स्किल को बढ़ाने के लिए उसे वर्बल एक्टिविटीज में ज्यादा से ज्यादा शामिल करें। डिस्क्रिप्टिव लैंग्वेज में अपने बच्चे से बात करें कि आप क्या कर रही हैं, आपका दिन कैसा रहा, या और भी कुछ जो आप उनसे शेयर करना चाहें। इस प्रकार वो भी इस तरीके को अपनी बात बताने में भी इस्तेमाल करने की कोशिश करेगा। एक स्ट्रांग लैंग्वेज स्किल हमेशा हाई इंटेलिजेंस से जुड़ी होती है।
एक सिक्योर बच्चा कॉन्फिडेंस से ज्यादा भरा होता है, और इस प्रकार अपने जीवन में आने वाले चैलेंजेस के प्रति अधिक ग्रहणशील होता है। इसके लिए शुरुआत अपने घर में बेबी को एक खुशहाल और सुरक्षित माहौल देने से करें। त्वचा से त्वचा का संपर्क और बच्चे का मसाज करने से आप दोनों के बीच एक बांड बनता है। उसे गुदगुदी करें, उसे अपने ऊपर चढ़ने दें और खेलने दें, प्यार करें, उसे अपनी गोद में लें, या उसे एक बेबी स्लिंग में अपने साथ कैरी करें।
जब बच्चा सॉलिड फूड लेने के लिए तैयार हो जाता है, तो उसके कॉग्निटिव डेवलपमेंट में मदद करने के लिए न्यूट्रिएंट से भरपूर चीजों को शामिल किया जाना बहुत जरूरी है। अंडा, हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, नट्स, और बीज जैसे खाद्य पदार्थ आपके बच्चे के संपूर्ण हेल्दी डेवलपमेंट के लिए एसेंशियल विटामिन और मिनरल के बेहतरीन स्रोत हैं।
हालांकि कई टॉयज कंपनियां छोटे बच्चों के लिए खेले जा सकने वाले प्रोडक्ट पर फोकस करती हैं, पर उनमें से सभी, हर बच्चे की बौद्धिक क्षमता के अनुकूल नहीं होते हैं। इनमें से कुछ खिलौने आपके बच्चे के लिए कठिन हो सकते हैं और इससे उसे चिड़चिड़ाहट हो सकती है। इसलिए, बच्चे को कोई भी खिलौना देने से पहले, विश्लेषण करें कि क्या यह उसके सामर्थ्य के अनुसार सही होगा। सही खिलौने बेबी की बुद्धि और होशियारी को बढ़ावा देने में मदद करते हैं, उसे प्रोत्साहित करते हैं और एक बेहतरीन एजुकेशन टूल के रूप में उपयोग होते हैं।
अपने बच्चे के साथ गाइडेड प्ले खेलने से उसके अटेंशन को निर्देशित करने और नए मौकों को एक्सप्लोर करने व उसे समझने में मदद मिलती है। अपने बच्चे के साथ नियमित रूप से खेलने के लिए एक समय निर्धारित करें। आप खुद को बच्चे की अंडरस्टैंडिंग लेवल पर आएं और उसकी पसंद की एक्टिविटी में शामिल होने का प्रयास करें। धीरे-धीरे नए प्ले आइडियाज उसके सामने लाएं, जो बेबी को उन चीजों के बारे में सोचने के लिए प्रोत्साहित करेंगे जो वह नहीं जानता है। चूंकि बच्चे नकल करना पसंद करते हैं, इसलिए बेबी आपको देखकर जल्दी ही नई स्किल भी सीखने लगेगा।
किताबें बच्चों की कल्पना और सोचने की क्षमता को प्रोत्साहित करने के लिए एक बेहतरीन टूल होती हैं। हर दिन बच्चे के साथ उसकी पसंद की किताब पढ़ें। ऐसी किताब चुनें जो ब्राइट कलर की होने के साथ अलग-अलग टेक्सचर की हो, जिसमें मजेदार और रोचक चित्र बने हों, इस प्रकार बच्चे का इंटरेस्ट बना रहता है। शुरुआत में, आपका बच्चा उसी पुस्तक को पढ़ना पसंद कर सकता है, लेकिन वह धीरे-धीरे और ऑप्शन का पता लगाना भी सीख जाएगा। जितना ज्यादा आप अपने बच्चे को अक्षरों और चित्रों के साथ परिचित कराएंगी, उतना ही ज्यादा उसे बड़ा होने पर रीडिंग में इंटरेस्ट आएगा।
जब आप अपने बच्चे को किताबों और कहानियों से परिचित कराने जा रही हों, तो उसे उसकी पसंदीदा कहानियों का हीरो बनाएं। जैसे-जैसे बच्चा इन कहानियों को अपने से रिलेट करना सीखता है, वह अपने आसपास की चीजों से बेहतर तरीके से जुड़ने लगता है। इससे उसके अंदर स्टोरी या स्टोरीटेलिंग का भी इंटरेस्ट पैदा हो सकता है और जल्द ही वह आपको अपनी बनाई हुई कहानी सुनाने लगेगा।
अपने बच्चे को नए और अपरिचित वातावरण में लेकर जाएं और उसे वहाँ की दुनिया को एक्सप्लोर करने के लिए प्रोत्साहित करें। जो कुछ भी आप देखती हैं, उस चीज को बच्चे को समझाने का प्रयास करें और किसी भी नई चीज को देखकर उत्साह दिखाएं। यहाँ तक कि सुपरमार्केट जाना भी उसे एक्साइटेड कर सकता है। आप जितना ज्यादा एक्सपीरियंस अपने बच्चे को देंगी, उतना ही ज्यादा वह सीखेगा।
बच्चे को अक्षर और नंबर सिखाने के लिए उसके स्कूल जाने का इंतजार न करें। प्ले सेशन के दौरान घर पर ही बच्चे को गिनती करना सिखाएं और बोर्ड पर व साइनपोस्ट पर अक्षरों को पॉइंट करें। जितना ज्यादा बच्चा लिखित शब्दों को एक्सप्लोर करेगा, उसे उतनी ही अपनी पढ़ाई के दौरान इसे समझने में आसानी होगी। वर्बल और फिजिकल संकेत जैसे कि साइन लैंग्वेज उसे उसके आसपास की चीजों को समझने की क्षमता बढ़ाने में मदद करते है।
सोशल इंटरैक्शन से बच्चे को बड़े होकर चैलेंजेस का सामना करने में मदद मिलती है। पार्क में उसकी उम्र के दूसरों बच्चों के साथ एक प्ले डेट रखें। जब आप इस स्टेज पर उसका इंटरेक्शन सुपरवाइज करती हैं, तो आप उसे यह सिखा रही होती हैं कि कैसे अच्छे दोस्त बनाने चाहिए। जब वह दूसरों के साथ इंटरैक्ट करना सीख जाता है, तो बड़ा हो कर वह अप्रिय परिस्थितियों को प्रभावी ढंग से संभालने में भी सक्षम होता है।
बच्चे स्वाभाविक रूप से उत्सुक होते हैं, और जब उनकी इस जिज्ञासा को बढ़ावा दिया जाए, तो इससे उन्हें और ज्यादा सीखने में मदद मिलती है। नई चीजों को खोजने के लिए खूब अवसर प्रदान करें और उनका इंट्रेस्ट बनाए रखें। जब वह कुछ नया करता है, तो उसकी सराहना करें, ताकि वह अपनी इस जिज्ञासा को जारी रखने के लिए प्रेरित रहे। उसे रोजमर्रा के लिए चाइल्ड फ्रेंडली प्ले मटेरियल खेलने को दें और उसकी इमेजिनेशन को बढ़ने दें।
हालांकि छोटे बच्चों के लिए कई एजुकेशनल प्रोग्राम और शोज आते हैं, लेकिन जब आप बच्चे को इससे परिचित करें, तो सावधानी बरतें। बच्चे का स्क्रीन टाइम बिलकुल लिमिटेड रखें और हैंड एक्टिविटी पर ज्यादा ध्यान दें, क्योंकि ये उसे बेहतर तरीके से प्रोत्साहित करेंगे। अपने बेबी को टेबलेट और मोबाइल के साथ न खेलने दें, क्योंकि ये उसकी आँखों के लिए हानिकारक हो सकते हैं। टीवी के सामने भी बहुत ज्यादा समय बिताना बच्चे के लिए अच्छा नहीं है इससे उसकी लाइफस्टाइल प्रभावित हो सकती है, नजर कमजोर हो सकती और साथ ही सोचने की क्षमता भी कम हो सकती है।
हम एक कॉम्पिटिटिव दुनिया में रहते हैं, तो इसलिए हमें अपने आपको हमेशा अपडेट रखना चाहिए कि हमारे आसपास क्या हो रहा है। अपने बच्चे को स्मार्ट बनाना कोई मुश्किल काम नहीं है, लेकिन एक बात जो सबसे जरूरी है वो ये कि आपको उसे कुछ भी सिखाने के लिए स्मार्ट तरीकों को समझना होगा। आखिरकार, आपका बच्चा इन ट्रिक्स से अपनी आने वाली जिंदगी की कई चुनौतियों को डील करेगा।
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