शिशु

शिशु के लिए एक अच्छा डॉक्टर कैसे चुनें

हाल ही में बने पेरेंट्स के लिए एक अच्छा पेडिअट्रिशन खोजना कठिन है। यदि आप अपने न्यूबॉर्न बेबी के लिए एक अच्छा डॉक्टर खोज रही हैं तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें। 

न्यूबॉर्न बेबी के लिए एक अच्छा डॉक्टर खोजना पेरेंट्स का सबसे पहला काम है। शुरुआती महीनों में पेरेंट्स को हर पहलू से संबंधित गाइडलाइन्स लेनी चाहिए, जैसे वैक्सीनेशन, डेवलपमेंट माइलस्टोन, पूर्ण स्वास्थ्य और किसी इमरजेंसी के दौरान भी। एक अनुभवी और अच्छा डॉक्टर सिर्फ आपकी मदद ही नहीं करेगा बल्कि जरूरत के अनुसार बच्चे के स्वास्थ्य को ठीक रखने में मदद भी करेगा। 

ज्यादातर पेरेंट्स फ्रेंड्स, फैमिली और पड़ोसियों से किसी अच्छे डॉक्टर की सलाह लेते हैं। वे अपने फिजिशियन या गाइनेकोलॉजिस्ट से भी बच्चों के अच्छे और जाने-माने डॉक्टर के बारे में जानकारी लेते हैं। पर इस बात का ध्यान रखें कि जो चीजें अन्य लोगों के लिए काम कर गई वो आपके लिए भी कर जाएं, ऐसा जरूरी नहीं हैं। यह सलाह दी जाती है कि बच्चों के मामले में आप डॉक्टर के पास जाने से पहले हर चीज की पूरी जानकारी लें। 

पेडियाट्रिक्स में जनरल पेडियाट्रिक्स और पेडियाट्रिक्स सब स्पेशलिस्ट शामिल होते हैं। जनरल पेडियाट्रिक्स छोटे व बड़े बच्चों की आम बीमारियों को ठीक करते हैं और स्पेशलिस्ट अन्य समस्याओं की दवा का अभ्यास करते हैं। पेडियाट्रिक का स्पेशलाइजेशन एंडोक्राइनोलॉजी, गॅस्ट्रोएन्टेरोलॉजी, इम्यूनोलॉजी और इन्फेक्शन के रोग, ऑन्कोलॉजी, क्लीनिकल फार्माकोलॉजी, रेस्पिरेटरी से संबंधित दवा, रह्यूमेटोलॉजी में होता है। बच्चों के रूटीन में वैक्सीनेशन और आम बीमारियों के लिए आपको पेडिअट्रिशन से सलाह लेने की जरूरत होती है। हालांकि बहुत ज्यादा विशेष समस्याओं के लिए स्पेशलिस्ट से संपर्क करें। इसके बारे में ज्यादातर पेडिअट्रिशन ही बता देते हैं। 

बच्चे के लिए एक अच्छा पेडिअट्रिशन चुनने के लिए आप निम्नलिखित टिप्स को जरूर फॉलो करें, आइए जानें;

1. डॉक्टर का मेडिकल सर्टिफिकेट

ज्यादातर डॉक्टर अपना सर्टिफिकेट फ्रेम करवाके क्लीनिक में लगाते हैं। आप आवश्यकता के अनुसार डॉक्टर की डिग्री (एमबीबीएस, एमडी/एमएस) जरूर चेक करें। 

2. हॉस्पिटल/क्लीनिक की लोकेशन

पेडिअट्रिशन आपके एरिया का ही होना चाहिए। डॉक्टर का क्लीनिक आपके घर से इतना पास होना चाहिए कि आप इमरजेंसी पड़ने पर तुरंत वहां पहुंच सकें। क्लीनिक ऐसी जगह पर होना चाहिए जहां प्राइवेट या पब्लिक ट्रांसपोर्ट से पहुंचना आसान हो। 

3. अस्पताल में भर्ती होने की सुविधा

कुछ डॉक्टर के यहां क्लीनिक के साथ ही नर्सिंग होम की सुविधा भी होती है। यदि नहीं है तो आप हॉस्पिटल में डॉक्टर का अपॉइंटमेंट ले सकती हैं ताकि आवश्यकता होने पर वहां बच्चे को एडमिट भी कराया जा सकता है। 

4. डॉक्टर के उपलब्ध रहने का समय

डॉक्टर के उपलब्ध होने का समय आपकी सुविधाओं के अनुसार ही होना चाहिए। यदि आप ऑफिस में काम करती हैं तो यह जरूरी है कि डॉक्टर शाम के समय या छुट्टी के दिन भी क्लीनिक में बैठते हों।

5. मिलने के समय के बाद का कंसल्टेशन

क्या डॉक्टर आपको अपना प्राइवेट नंबर भी देते हैं ताकि इमरजेंसी के दौरान उनसे संपर्क किया जा सके। आप यह भी चेक करें कि क्या डॉक्टर रात के समय, छुट्टी के दिन भी उपलब्ध रहते हैं या नहीं। 

6. अन्य डॉक्टर से संपर्क करें

देखें कि यदि डॉक्टर छुट्टी पर हैं या क्लीनिक बंद है तो क्या आपने किसी अन्य फिजिशियन से संपर्क किया है जो डॉक्टर के न रहने पर बच्चे का इलाज कर सकता है?

7. अपॉइंटमेंट लेने में आसानी होनी चाहिए

ऐसी चीजों पर भी आपका ध्यान जाना जरूरी है कि यदि बच्चा आसानी से बीमार हो जाता है और उसे पेडिअट्रिशन की जरूरत पड़ती है तो क्या आपका डॉक्टर तुरंत अपॉइंटमेंट देने के लिए तैयार होगा? 

8. फ्रेंडली एनवायरमेंट

देखें कि क्या क्लीनिक का स्टाफ आपके व बच्चे के साथ विनम्र और मैत्रीपूर्ण व्यवहार करता है? कुछ क्लीनिक में बच्चों के खेलने की जगह भी होती है और वे वेटिंग पीरियड के दौरान बच्चे को व्यस्त रखने के लिए कुछ आकर्षक टॉयज भी प्रदान करते हैं। किसी भी पेडिअट्रिशन के कमरे में पर्याप्त टॉयज रहते हैं ताकि जांच के दौरान या इंजेक्शन लगते समय बच्चे को व्यस्त रखा जा सके। यद्यपि शुरुआत में इसकी जरूरत महसूस नहीं होती है पर आवश्यकता पड़ने पर यह बहुत काम आता है। 

9. पेडिअट्रिशन का व्यवहार

पेडिअट्रिशन आपके व बच्चे के साथ कैसे व्यवहार करते हैं, इस पर ध्यान देना भी बहुत जरूरी है, जैसे;

  • डॉक्टर का व्यवहार मैत्रीपूर्ण होना चाहिए और उसे बच्चे की समस्याओं में वास्तव में दिलचस्पी लेने वाला व्यक्ति होना चाहिए।
  • आप बच्चे के लिए ऐसा डॉक्टर चुनें जो आपकी चिंताओं को सुने, आपकी बेहतर तरीके से गाइड करे और अगले मरीज के लिए जल्दबाजी न करे।
  • वो कम्यूनिकेट करने और सरल भाषा का उपयोग करने में सक्षम होना चाहिए।
  • ज्यादातर डॉक्टर छोटी से छोटी बीमारी के लिए बहुत सारी दवा देने में विश्वास रखते हैं। आप ऐसा डॉक्टर चुनें जो दवा देने से पहले समस्या जानने में पूरा समय दे और उचित दवा देकर उस समय को जड़ से खत्म करने का प्रयास करे।
  • चेक करें कि क्या आपके डॉक्टर ने बच्चे की वैक्सीनेशन का शेड्यूल शेयर किया है।

10. डॉक्टर की फीस

चेक करें कि डॉक्टर की फीस कितनी है? क्या वो एक जैसी बीमारी के लिए बार-बार फीस लेते हैं। 

11. स्पेशल ट्रीटमेंट

इस बात पर भी ध्यान दें कि यदि बच्चे को कोई गंभीर समस्या हो जाती है तो क्या डॉक्टर उसका इलाज करने में सक्षम है? यदि नहीं, तो क्या वह बच्चे का ट्रीटमेंट करने के लिए किसी अन्य स्पेशलिस्ट से संपर्क करते हैं। 

12. आयु के अनुसार संपर्क करें

कुछ डॉक्टर हर उम्र के मरीजों का इलाज करने में सक्षम होते हैं। फैमिली डॉक्टर घर के सभी सदस्यों का इलाज बहुत सरलता से कर सकते हैं। आप अपने बच्चे के लिए पेडिअट्रिशन चुनते समय इस बात पर भी ध्यान दें कि वह किस उम्र तक बच्चे के लिए काम आ सकेंगे 

छोटे बच्चे के लिए अच्छा डॉक्टर चुनना बहुत जरूरी है क्योंकि वो सिर्फ बीमारी का इलाज ही नहीं करेंगे बल्कि गंभीर स्थितियों में भी मदद करेंगे। इसलिए डॉक्टर चुनने से पहले ऊपर बताए हुए टिप्स को ध्यान में रखें। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि कुछ समय के बाद आपको डॉक्टर के साथ कंफर्टेबल महसूस न हो या उनके द्वारा किए हुए डायग्नोसिस पर आपको विश्वास न हो। ऐसी स्थिति में किसी अन्य डॉक्टर के पास जाने से बिलकुल भी न झिझकें। इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि बच्चे का स्वास्थ्य अन्य सभी चीजों से ज्यादा जरूरी है। 

यह भी पढ़ें: उम्र के अनुसार बच्चे का चेकअप – महत्व और शेड्यूल

सुरक्षा कटियार

Recent Posts

अ अक्षर से शुरू होने वाले शब्द | A Akshar Se Shuru Hone Wale Shabd

हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…

1 day ago

6 का पहाड़ा – 6 Ka Table In Hindi

बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…

1 day ago

गर्भावस्था में मिर्गी के दौरे – Pregnancy Mein Mirgi Ke Daure

गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…

1 day ago

9 का पहाड़ा – 9 Ka Table In Hindi

गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…

3 days ago

2 से 10 का पहाड़ा – 2-10 Ka Table In Hindi

गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…

3 days ago

10 का पहाड़ा – 10 Ka Table In Hindi

10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…

3 days ago