जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है उसकी भोजन की आवश्यकताएं बदलने लगती हैं इसलिए बच्चों के ईटिंग माइलस्टोन पर ध्यान देना भी बहुत जरूरी है। न्यूबॉर्न बच्चे के लिए विशेषकर शुरूआती दिनों में सिर्फ माँ का दूध या बोतल से दूध पीना बिलकुल सही है। जैसे-जैसे वो बड़ा होगा उसकी जरूरतें भी बढ़ेंगी। आप उसे पानी पिलाने से शुरू करें और फिर वह धीरे-धीरे सूप व सेमी सॉलिड फूड का सेवन भी करने लगेगा। एक साल का होने तक बच्चा थोड़ा अजीब तरीके से ही पर खुद से खाने लगेगा।
इस आर्टिकल में बच्चे के ईटिंग माइलस्टोन या भोजन करने के माइलस्टोन के बारे में विस्तार से बताया गया है। इसके अलावा बच्चे के वीनिंग के सही समय की भी चर्चा की गई है क्योंकि बच्चे के बढ़ने के साथ वह ब्रेस्टफीडिंग या बोतल फीडिंग से सेमि सॉलिड और फिर सॉलिड फूड खाना शुरू करेगा। बच्चे के खाने के माइलस्टोन के बारे में जानने के लिए यह आर्टिकल पूरा पढ़ें।
6 महीने का होने के बाद शिशु को पानी पिलाना शुरू करना चाहिए। इससे पहले बच्चों का पेट बहुत छोटा होता है और इस समय उसे आवश्यक न्यूट्रिएंट्स की ज्यादा जरूरत है जो ब्रेस्टफीडिंग या बोतल फीडिंग से मिल जाती है। 6 से 8 महीने के बीच में बच्चा कप से, जिसे कोई और पकड़ कर रखता हो, पानी पीना शुरू कर देगा।
बच्चों को 4 – 7 महीने की उम्र में सॉलिड फूड खिलाना शुरू कर देना चाहिए। यह वो समय है जब बच्चा ‘टंग थ्रस्ट रिफ्लेक्स‘ छोड़ना शुरू करता है। इस रिफ्लेक्स के कारण बच्चे को कुछ भी खाने में कठिनाई होती है पर यह चूसने में उसकी मदद करता है। हालांकि यदि आप बच्चे को सिर्फ ब्रेस्टफीडिंग ही कराती है तो बच्चे को सॉलिड फूड खिलाना शुरू करने से पहले 3 महीने तक प्रतीक्षा करें।
बच्चे को सॉलिड फूड खिलाना शुरू करने के लिए सबसे पहले प्यूरी व मैश किया हुआ फूड ही खिलाना चाहिए। बच्चे इससे आगे बढ़ने के लिए थोड़ा समय लेते हैं और यह प्रोसेस धीरे-धीरे शुरू होना चाहिए, सूप से लेकर कुरकुरे सॉलिड फूड तक। आपको बच्चे के दांत आने का इंतजार करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, वह मसूड़ों की मदद से कुछ प्रकार के सॉलिड फूड को अच्छी तरह से चबा सकता है, जैसे चावल और दाल। 8 महीने की उम्र तक बच्चा मुंह में जीभ से खाना मूव करके चबाने लगेगा।
जब बच्चा अपनी गर्दन व सिर संभालना शुरू करेगा और सपोर्ट के साथ बैठने लगेगा तब वह एक हाई चेयर पर बैठ सकता है। बच्चा जब तक खुद से खाना शुरू न कर दे तब तक वह लंबे समय तक ऊंची कुर्सी पर बैठना पसंद कर सकता है।
7 से 11 महीने के बीच में बच्चा फिंगर फूड खाने का प्रयास करने लगता है। बच्चा हर प्रकार का फिंगर फूड खाने के लिए तैयार रहेगा। बच्चा सॉफ्ट फूड को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर खाने का प्रयास करेगा, जैसे गाजर, पास्ता और चिकन। 11 महीने का होने तक बच्चा अपनी उंगली से फूड को उठाकर खाने का प्रयास करेगा।
कुछ डॉक्टरों का मानना है कि बच्चा जब बेबी से टॉडलर की उम्र का हो जाए तब उसे हाई एलर्जेनिक फूड खिलाना शुरू करना चाहिए। यद्यपि अगर आपके परिवार में पहले से किसी को भी भोजन से एलर्जी नहीं है तो आप उसे कुछ प्रकार के खाद्य पदार्थ खिलाने का प्रयास कर सकती हैं, जैसे उबले अंडे या मछली।
यदि बच्चा निम्नलिखित चीजें करता है तो डॉक्टर से मिलें, जैसे;
आप धीरे-धीरे ही बच्चे को सॉलिड फूड खिलाना शुरू करें। उसे नए प्रकार के खाद्य पदार्थ खिलाने के लिए ज्यादा जल्दबाजी न करें। बच्चे को भोजन एंजॉय करने दें व नए टेक्सचर या फ्लेवर का स्वाद लेने दें।
यह भी पढ़ें:
बच्चों के लिए 10 सर्वश्रेष्ठ आहार
शिशु का आहार और न्यूट्रिशन: स्टार्टर गाइड
बेबी फूड के चरण – बच्चे का पहला, दूसरा और तीसरा आहार
ऐसे कई माता-पिता होते हैं जो अपने बच्चे का नाम इतिहास के वीर महापुरुषों के…
भारत में कई समाज सुधारकों ने जन्म लिया है, लेकिन उन सभी में डॉ. भीमराव…
राम नवमी हिंदू धर्म का एक अहम त्योहार है, जिसे भगवान श्रीराम के जन्मदिन के…
आज के समय में माता-पिता अपने बच्चों के लिए कुछ अलग और दूसरों से बेहतर…
लगभग हर माता-पिता की ख्वाहिश होती है कि उनके बच्चे का नाम सबसे अलग और…
एक अच्छा और सच्चा साथी जिसे मिल जाए उसका जीवन आसान हो जाता है। कहते…