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शिशु में स्ट्रेस होने के 5 स्पष्ट लक्षण

स्ट्रेस यानी तनाव इस धरती की सबसे आखिरी चीज है जिसका अनुभव आपके बेबी को होना चाहिए। लेकिन चौंकिए मत स्ट्रेस शिशुओं को भी हो सकता है। बड़ों में स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं सिर्फ स्ट्रेस होने से ही होती हैं। यही बच्चों के साथ भी हो सकता है। जन्म के बाद बच्चों को 4 से 6 महीने के बीच में कभी भी स्ट्रेस हो सकता है जिसमें 5वां महीना बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है।  

जन्म के बाद से ही बच्चे में तेजी से विकास होता है और इसके चलते कई बदलाव भी होते हैं। लगातार डेवलपमेंट व बदलाव होने से बढ़ते शिशु में काफी स्ट्रेस होता है पर इसे आप नेचुरल तरीकों से ठीक भी कर सकती हैं। हालांकि एक बच्चा स्ट्रेस को मैनेज करने में सक्षम नहीं होता है और इसलिए इसके कुछ लक्षण दिखाई दे सकते हैं। 

बच्चों में स्ट्रेस होने के सबसे स्पष्ट लक्षण कौन से हैं, यह जानने के लिए आगे पढ़ें; 

1. बेबी के मूवमेंट पर ध्यान दें

आप बच्चे के मूवमेंट्स पर ध्यान दें। यदि बच्चा आपकी तरफ हाथ स्ट्रेच करता है या वह अपने सिर पर हाथ रखता है तो यह इस बात का प्रमाण है कि उसे स्ट्रेस हो रहा है। ऐसी स्थिति में अक्सर पेरेंट्स सोचते हैं कि बच्चा कडल करना चाहता है या सलामी दे रहा है। इन मूवमेंट्स से पता लगता है कि बच्चे को शांत रहने में कठिनाई हो रही है और उसे मदद की जरूरत है। यदि बच्चा ज्यादातर पीठ और गर्दन को मोड़ता है तो यह पेट में दर्द के लक्षण हैं। लगातार उबासी लेना या हिचकी आना स्ट्रेस का संकेत है। इसके लिए बच्चे पर ध्यान देने की जरूरत है। 

2. बेबी आई कॉन्टैक्ट कम करेगा

आप इस मामले को भी अपने लिए सोचकर देखें। यदि बात करते समय आप आई कॉन्टैक्ट नहीं बनाती हैं या नजर नहीं मिला पाती हैं तो इसका यही मतलब होता है कि आपको असुविधा हो रही है। यही बच्चे के साथ भी होता है जिसमें एक बार नजर मिलाने के बाद वह मुंह दूसरी तरफ घुमा सकता है। इसका यही अर्थ है कि बच्चा बदलाव चाहता है और इस समय शायद आपको उससे थोड़ा दूर जाना चाहिए। बच्चे पर बहुत ज्यादा ध्यान देने से भी उसे स्ट्रेस हो सकता है। 

3. बहुत ज्यादा और तेज रोना

यदि बच्चा लगातार और तेज रोता है तो आपको इस पर ध्यान देना चाहिए। यदि बच्चा स्ट्रेस में है तो वह लगातार बहुत तेज रोना शुरू कर सकता है। लाइट, आवाज या लोगों के कारण भी बच्चे को स्ट्रेस हो सकता है और इसके लिए आप उसके साथ ही रहें। बच्चे का ध्यान हटाने व शांत करने के लिए आप उसे रैटल टॉयज, बेबी जिम और म्यूजिकल टॉयज देकर व्यस्त रखें। बच्चे के लिए विशेष रूप से बेबी जिम खरीदें क्योंकि इससे बच्चा सिर्फ शांत ही नहीं होगा बल्कि उसमें कई विकास भी होंगे। 

4. डाइट में बहुत ज्यादा बदलाव होना

हो सकता है कि आप बच्चे को ब्रेस्ट मिल्क के अलावा फॉर्मूला फूड भी दे रही होंगी। अचानक से हुए इस बदलाव से बच्चे के बॉवल मूवमेंट पर जोर पड़ सकता है। इसकी वजह से बच्चे को उल्टी, कब्ज या बहुत ज्यादा लूज मोशन हो सकता है जिसे ठीक करने में आप उसकी मदद करें। यदि यह लगातार होता है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। 

5. नींद कम आना

कभी-कभी बच्चे को नींद आने में दिक्कत हो सकती है और वह बार-बार जाग सकता है। हो सकता है बच्चे को डरावने सपने आते हों इसलिए आप उसके पास तुरंत जाएं। बेबी के लिए एक उचित क्रिब खरीदें जिसमें रंग-बिरंगे टॉयज और कोजी मैट्रेस लगे हों। इससे बच्चे की नींद में सुधार होगा। इसमें व्हाइट नॉइज की मशीन भी काफी मदद कर सकती है। 

बच्चे में स्ट्रेस के लक्षणों को समझें और इन्हें जल्दी से जल्दी कम करने की कोशिश करें। बच्चे को स्ट्रेस मैनेज करने के बारे में पता नहीं होगा। उसे थोड़ा प्यार व कंफर्ट देने से काफी आराम मिल सकता है। हालांकि इसके लिए एक्सपर्ट्स की सलाह भी बहुत मदद करती है। 

यह भी पढ़ें:

शिशुओं में ग्रोथ स्पर्ट्स
शिशुओं में रोसियोला (सिक्स्थ डिजीज)
शिशुओं की 15 आम स्वास्थ्य समस्याएं और बीमारियां

सुरक्षा कटियार

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