In this Article
बच्चों और एल्टीट्यूड सिकनेस का साथ काफी पुराना है। लेकिन, इनके बीच के संबंध को हाल ही में समझा गया है। आपने कई बार ऐसा सुना होगा, कि हिल स्टेशन पर जाने के बाद बच्चों को काफी परेशानी होती है या फिर हो सकता है, कि आपका खुद का बच्चा भी इससे जूझ रहा हो। जहाँ एक ओर हिल स्टेशन की ऊंचाई छुट्टियां बिताने के लिए सबसे अच्छी जगह लगती है, वहीं अगर आपके बच्चे को एल्टीट्यूड सिकनेस की समस्या हो, तो आपको यह प्लान टालना या बदलना भी पड़ सकता है। लेकिन, अच्छी बात यह है, कि कुछ टिप्स और ट्रिक्स का इस्तेमाल करके, एल्टीट्यूड सिकनेस से बचा जा सकता है और प्रभावी रूप से इसका इलाज भी किया जा सकता है।
एल्टीट्यूड सिकनेस एक मेडिकल कंडीशन है, जो कि लोगों को और बच्चों को तब परेशान करता है, जब वे समुद्र के स्तर से काफी ऊंचाई पर होते हैं। मतली, सिरदर्द और उल्टियों से लेकर भूख की कमी जैसे, इसके ऐसे कई लक्षण हैं, जो कि एल्टीट्यूड सिकनेस के कारण होने वाली तकलीफ की ओर इशारा करते हैं। आमतौर पर यह समुद्र के स्तर से 2.4 किलोमीटर से ज्यादा की ऊंचाई की स्थिति में होती है। जहाँ कुछ मामलों में, सौम्य लक्षण दिखते हैं, वहीं कभी-कभी कुछ ऐसे लक्षण दिखने की संभावना भी होती है, जो कि व्यक्ति के लिए जानलेवा हो सकता है।
ऊंची जगह पर जाने के बाद दिखने वाले विभिन्न प्रकार के लक्षणों के अनुसार, एल्टीट्यूड सिकनेस को आमतौर पर तीन मुख्य श्रेणियों में बांटा गया है:
संक्षेप में इसे एएमएस कहा जाता है और मतली और उल्टी की मौजूदगी एक्यूट माउंटेन सिकनेस को दर्शाती है। इसके साथ ही तेज सिर दर्द और भूख की कमी भी देखी जाती है। इस स्थिति के कारण, ज्यादातर लोगों को थकावट की शिकायत भी होती है। ऊंची जगह पर अनुभव किए जाने वाले सिकनेस में यह सबसे आम है।
संक्षेप में इसे एचएसीई कहा जाता है। इस स्थिति में भी एक्यूट माउंटेन सिकनेस के सभी लक्षण देखे जाते हैं और इसके साथ ही अचानक होने वाली सुस्ती, सही तरह से चलने में असमर्थता और परिस्थिति के बारे में उलझन की स्थिति पैदा हो जाना शामिल है। अगर एचएसीई का इलाज न किया जाए, तो यह जानलेवा भी हो सकता है।
एचएसीई की तरह ही, इस स्थिति को एचएपीई कहा जाता है और इसमें भी मतली, उल्टी, सिरदर्द, थकावट जैसे सभी लक्षणों के साथ-साथ, रेस्पिरेट्री एक्टिविटी भी प्रभावित होती है। जिसके कारण लगातार सांस न ले पाना, खांसी, और अत्यधिक कमजोरी पैदा हो सकती है। हालांकि एचएपीई बहुत ही दुर्लभ है, लेकिन अगर इसका इलाज न किया जाए, तो यह भी एचएसीई की तरह ही जानलेवा हो सकता है।
एल्टीट्यूड सिकनेस कुछ बच्चों में होता है और कुछ में नहीं होता है। ऐसा क्यों है, इसे समझने के लिए कोई सटीक कारण उपलब्ध नहीं है। जमीनी स्तर पर मौजूद ऑक्सीजन की तुलना में ऊंची जगह पर ऑक्सीजन का गिरा हुआ स्तर, इस स्थिति का एक संभावित कारण हो सकता है। इसके कारण आमतौर पर शरीर को सभी फंक्शंस को ठीक से पूरा करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। जिससे पहले की तुलना में और भी अधिक ऑक्सीजन की खपत होती है। इसके अलावा हाइकिंग या ट्रैकिंग जैसी थकाने वाली एक्टिविटी ऑक्सीजन की मांग को बढ़ा सकती है, जिसके कारण सिकनेस और भी बिगड़ सकती है।
शिशुओं या बच्चों में एल्टीट्यूड सिकनेस के लक्षण काफी स्पष्ट होते हैं और इन्हें किसी व्यक्ति में आसानी से पहचाना जा सकता है। आमतौर पर इसमें निम्नलिखित लक्षण देखे जाते हैं:
ज्यादातर बच्चों में एल्टीट्यूड सिकनेस के सौम्य लक्षण ही देखे जाते हैं। कुछ आसान तरीकों से इसे कम किया जा सकता है या इसका इलाज किया जा सकता है। इनमें से ज्यादातर शरीर को बेहतर महसूस कराने और मानसिक शांति और स्थिरता देने के लिए काम करते हैं।
कुछ आसान बेसिक सावधानियां बरतकर शिशुओं और बच्चों को एल्टीट्यूड सिकनेस से बचाया जा सकता है:
बच्चों के साथ ऊंचे हिल स्टेशन की यात्रा मुश्किल हो सकती है, खासकर अगर बच्चे बहुत छोटे हों तो। एल्टीट्यूड के ज्यादातर लक्षण, बच्चों के बड़े होने के बाद अपने आप ही चले जाते हैं। कुछ अन्य मामलों में किसी दुर्लभ स्थिति की पहचान के लिए डॉक्टर से जांच करवाई जा सकती है।
यह भी पढ़ें:
शिशुओं और बच्चों में सेरेब्रल पाल्सी
शिशुओं और बच्चों में सिस्टिक फाइब्रोसिस
छोटे बच्चों में होने वाले मोशन सिकनेस से कैसे डील करें
गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…
गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…
10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…
8 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित का एक अहम हिस्सा है, जो उनकी गणना…
गणित में पहाड़े याद करना बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण और उपयोगी अभ्यास है, क्योंकि…
3 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के मूलभूत पाठों में से एक है। यह…