शिशु

बच्चे जूते पहनना कब शुरू कर सकते हैं

पेरेंट्स अपने बच्चों को उनके क्यूट, फैशनेबल और ट्रेंडी शूज के साथ चलते हुए देखना चाहते हैं और इसलिए वे यह जानने के लिए बहुत एक्साइटेड रहते हैं कि उनका बच्चा किस उम्र में शूज पहनकर चलना शुरू करेगा और आपको उनके लिए किस प्रकार के शूज लेने चाहिए, तो आपके सवाल का जवाब इस लेख में दिया गया है। बच्चे के लिए पहली जोड़ी शूज खरीदने का सही समय क्या है और इससे जुड़ी सारी जानकारी प्राप्त करने के लिए इस लेख का पढ़ना जारी रखें।

बच्चों के लिए पहली जोड़ी जूते कब खरीदें

तो, बच्चों को जूते की आवश्यकता कब होती है या आप बच्चे को जूते कब पहना सकती हैं? यदि आपके दिमाग में भी यह सवाल घूम रहा है, तो हमारा सुझाव ये है कि आप कम से कम तब तक इंतजार करें जब तक बच्चा बाहर चलने लायक न हो जाए। जब बच्चा चलना सीख रहा हो, तो आप उसे नंगे पैर ही चलने दें। ऐसा इसलिए है क्योंकि नंगे पैर चलने से बच्चा अपना बैलेंस बेहतर रूप से बनाना सीखता है।

क्या बच्चों का चलना शुरू होने से पहले उन्हें जूते पहनाने चाहिए?

कई माएँ ये जानना चाहती हैं क्या वे अपने बच्चे को शूज पहना सकती हैं, जबकि वे अभी चलना सीख रहे होते हैं। तो आपको ये बता दें कि छोटे बच्चे जो अभी चलना सीख रहे हैं उनको शूज पहनाने का सुझाव बहुत ज्यादा नहीं दिया जाता है। हालांकि, आप अपने बच्चे के पैरों को ठंड या चोट से बचाने के लिए जूते का उपयोग कर सकती हैं, लेकिन बेहतर होगा कि आप बच्चे को नंगे पैर घूमने दें। यदि आप बेबी को जूते पहनाने के लिए उत्सुक हैं जो अभी भी चलना सीख रहा है, तो आपको उसके लिए सॉफ्ट सोल का कम्फर्टेबल और फ्लेक्सिबल शूज लेना चाहिए।

क्या जूते पहनने से बच्चों के टखने मजबूत होते हैं?

इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि जूते पहनने से आपके बच्चे को टखने मजबूत होते हैं, यहाँ तक कि उसके टखने खुद ही काफी मजबूत होते हैं और इसे सपोर्ट की जरूरत नहीं होती है। हालांकि, जूते पहनने से बच्चे के पैरों को प्रोटेक्शन मिलता है और इससे उसे किसी भी तरह की चोट नहीं लगती है या ठंड के दौरान ठंडे फर्श पर चलने से सर्दी लगने से बचा जा सकता है। इसका मतलब यह नहीं है कि जैसे ही वह घर में चारों ओर घूमना शुरू करे आप उसे शूज पहना दें, आप हर समय उसे जूते पहनाकर नहीं रख सकती हैं, तो अब क्या करें; जब बेबी हर समय घर में इधर-उधर रेंगता रहता है, तो आप उसे मिटन्स पहनाकर भी नहीं रख सकती। दरअसल जब बच्चा चलना शुरू करता है तो उसे अपने पैरों के नीचे की सतह को महसूस करने दें।

जैसे कि हमने पहले ही आपको बताया है कि बच्चे के लिए सॉफ्ट शूज लेने चाहिए जो कम्फर्टेबल भी हों। लेकिन, आज के समय में मार्केट में बहुत सारे ऑप्शन मौजूद हैं, जिससे आप कंफ्यूज हो सकती हैं कि कौन से शूज खरीदना सही होगा। आपकी इस समस्या का हल भी हमारे पास है, यहाँ आपको कुछ आइडियाज दिए गए हैं जो बच्चों के लिए स्टाइलिश और सेफ शूज खरीदने में आपकी मदद कर सकते हैं।

छोटे लड़कों और छोटी लड़कियों के लिए पॉपुलर शूज स्टाइल

बेबी गर्ल्स और बेबी बॉयज के लिए अलग-अलग किस्म के बेबी शूज आते हैं। यहाँ आपको लड़के और लड़कियों के आधार पर कुछ पॉपलुर शूज स्टाइल दिए गए हैं जिन्हे आप चूज कर सकती हैं:

लड़कों के लिए शूज स्टाइल

यहाँ आपके लड़कों के लिए कुछ शूज स्टाइल दिए गए हैं: 

  • मोकासिन
  • बूट्स (खासकर सर्दियों के मौसम में)
  • स्नीकर्स (जो वेल्क्रो, लेस या स्नैप ऑप्शन के साथ उपलब्ध होते हैं)
  • स्लिप-ऑन शूज (प्री-वॉकर बच्चों के लिए)

लड़कियों के लिए शूज स्टाइल

यहाँ लड़कियों के लिए कुछ ऐसे शूज स्टाइल दिए गए हैं, जो आप अपनी प्रिंसेस के लिए चूज कर सकती हैं:

  • स्लिप-ऑन शूज (प्री-वॉकर बच्चों के लिए)
  • बूटी या बूट
  • मैरी जेंस
  • मोकासिन
  • स्नीकर्स (जो वेल्क्रो, लेस या स्नैप ऑप्शन के साथ उपलब्ध होते हैं)
  • एंकल स्ट्रैप वाली सैंडल

उम्र के अनुसार बच्चे का शू साइज

हर बच्चा अलग तरह से बढ़ता है और इस प्रकार उनके जूते का आकार भी अलग होता है। यहाँ, हमने आपको बच्चों के कुछ सामान्य यूएस शूज साइज बताए हैं जिन्हें आप उनकी उम्र के हिसाब से चूज कर सकती हैं:

  • 0 से 3 महीने के बच्चे को साइज 1 का शूज लगेगा, जो (लगभग 3.5 इंच) है।
  • 3 से 6 महीने के बच्चे को साइज 2 का शूज लगेगा, जो (लगभग 3.75 इंच) है।
  • 6 से 9 महीने के बच्चे को साइज 2.5 या 3 का शूज लगेगा, जो (लगभग 4 से 4.20 इंच) है।
  • 9 से 12 महीने के बच्चे को साइज 3.5 या 4 का शूज लगेगा, जो (लगभग 4.20 से 4.5 इंच) है।
  • 12 से 18 महीने के बच्चे को साइज 4.5 या 5 का शूज लगेगा, जो (लगभग 4.5 से 4.75 इंच) है।
  • 18 से 24 महीने के बच्चे को साइज 5.5 या 6 का शूज लगेगा, जो (लगभग 4.75 से 5.25 इंच) है।

ये साइज आपको मदद करेंगे ये समझने में कि आपके बच्चे को किस साइज के शूज की जरूरत है, लेकिन आपको अपने बेबी के लिए सही शूज खरीदने के लिए कुछ और बातों को ध्यान में रखना होगा।

बच्चों के लिए जूते खरीदने के टिप्स

यहाँ आपको कुछ टिप्स दिए गए हैं, जिन्हें बच्चे के जूते खरीदते समय ध्यान में रखना चाहिए:

  • जैसे ही बच्चा चलना शुरू करता है उसे जूते पहनाना मत शुरू कर दें, क्योंकि इससे उसे बैलेंस और कोआर्डिनेशन बनाने में रुकावट पैदा होती है। ये जरूरी है कि बच्चा अपने पैरों के नीचे आने वाली चीजों को महसूस करे, ताकि वह ज्यादा बेहतर रूप से बैलेंस बना सके।
  • उन संकेतों पर नजर रखें, जिससे ये पता चल सके कि बच्चा चलने के लिए तैयार है (जिसमें बच्चे की उम्र 7 से 18 महीने के बीच हो सकती है)। जैसे ही आप ये नोटिस करें कि बच्चा बिना सहारे के यहाँ-वहाँ मूव करने लगा है, तो आप बच्चे के लिए प्री वॉकिंग शूज से वॉकिंग शूज पर आ जाएं।
  • यह बहुत जरूरी  है कि आप सही प्रकार का जूता चुनें जो आपके बच्चे के पैरों को सही सपोर्ट प्रदान करे। अपने बच्चे के लिए एंटी-स्लिप, फ्लेक्सिबल सोल वाले लाइटवेट शूज खरीदें।
  • एक शूज लें, जो आरामदायक हील्स वाले हो और पैरों के बीच अच्छे से फिट बैठते हों। शूज न ही बहुत बड़े होने चाहिए और न बहुत छोटे। ऐसे शूज खरीदें जिसमें इतनी जगह हो कि जूते पहनने के बाद बच्चे का अंगूठा न दबे।
  • आपको ऐसे जूते खरीदने चाहिए जिसमें बच्चे के पैरों को सांस लेने को मिल सके और इसलिए, सिंथेटिक मटेरियल के शूज लेने से बचना चाहिए। इसके बजाय अच्छी क्वालिटी वाले जालीदार या लेदर के शूज बच्चे को पहनाएं।

  • आपको शूज की फिटिंग पर ध्यान देना चाहिए। जूते न तो ज्यादा टाइट होने चाहिए और न ही ढीले होने चाहिए, इसे पर्फेक्ट्ली फिट होना चाहिए ।
  • बच्चे बहुत तेजी से बढ़ते हैं, और उनके पैरों का साइज भी बदलता रहता है। इसलिए, आपको यह पता होना चाहिए कि कब आपके बच्चे के शूज साइज को बढ़ाने की जरूरत है।
  • बच्चे के लिए शू फास्टनर ठीक से चुनें। इसमें स्ट्रैप, वेल्क्रो और लेस के ऑप्शन आते हैं, जिसे आप चूज कर सकती हैं।
  • एक बात जो बेहद जरूरी है वह ये कि शूज अच्छा देखने से ज्यादा कंफर्टेबल होना चाहिए, तो आप बच्चे के लिए शूज लेते समय लुक के बजाय कम्फर्ट पर ध्यान दें।

जब बच्चा बिना किसी सहारे के आराम से चलने लगे, तो आप उसके लिए हार्ड सोल वाले शूज ले सकती हैं या जब आप बच्चे को बाहर वॉक पर ले जाने के लिए प्लान कर रही हों। 

सावधानियां

बच्चे नाजुक होते हैं और इसलिए उनके पैर भी नाजुक होते हैं। यद्यपि आप उन्हें शूज पहनाना शुरू कर सकती हैं जब वे चलना शुरू करते हैं, लेकिन आपको नीचे बताई गई कुछ चेतावनियों को ध्यान में रखना चाहिए, ताकि शूज के कारण बच्चे के पैरों को कोई नुकसान न पहुँचे।

  • अगर बच्चे के पैर अंदर या बाहर की ओर दिखाई देते हैं तो यह संभवतः एक खराब-फिटिंग वाले जूते के कारण है।
  • यदि आप नोटिस करें कि बच्चे का अंगूठा डिफॉर्म्ड है, जहाँ अंगूठा अंदर से मुड़ा हुआ होता है। ये छोटे साइज के शूज पहनाने के कारण होता है। हालांकि, इसे ठीक करने के लिए डॉक्टर से परामर्श करें।
  • यदि आपके बच्चे के नाखूनों में किसी प्रकार का डिस्कलरेशन या सूजन दिखाई देती है तो ये टाइट फिटिंग वाले शूज पहनाने से हो सकता है, जिससे बच्चे के पैरों और अंगूठे के नाखून में चोट लग जाती है।
  • गांठ पड़ना, रेडनेस होना, पैर की अंगुलियों, टखने या पैर के किसी अन्य हिस्से में दर्द होना भी इसका एक संकेत है कि अब आपको बच्चे के लिए नए शूज खरीद लेने चाहिए, जिसकी फिटिंग सही हो।

वैसे बेहतर यही है कि आप जब बच्चे के लिए शूज खरीदने जाएं तो उसे साथ लेकर जाएं ताकि जूते की फिटिंग सही से मिल सके, लेकिन आपको शूज खरीदते समय साइज चार्ट पर भी ध्यान देना चाहिए, ताकि बच्चे की एज के हिसाब से सही फुट साइज का अंदाजा मिल सके। हालांकि, अगर आपको बच्चे के शूज खरीदने के बारे में  कोई सवाल है, तो डॉक्टर से संपर्क करें, वो आपको बेहतर सलाह दे सकते हैं, कि बच्चे को शूज पहनाने का सही समय और सही फिटिंग क्या हो सकती है।

यह भी पढ़ें:

बच्चे को चलना कैसे सिखाएं
बच्चे का घुटनों के बल न चलना – कारण और टिप्स
शिशु का घुटनों के बल चलना – एक विकासात्मक उपलब्धि

समर नक़वी

Recent Posts

प्रिय शिक्षक पर निबंध (Essay On Favourite Teacher In Hindi)

शिक्षक हमारे जीवन में अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वह केवल किताबों से ज्ञान नहीं…

2 weeks ago

मेरा देश पर निबंध (Essay On My Country For Classes 1, 2 And 3 In Hindi)

मेरा देश भारत बहुत सुंदर और प्यारा है। मेरे देश का इतिहास बहुत पुराना है…

2 weeks ago

शिक्षा का महत्व पर निबंध (Essay On The Importance Of Education In Hindi)

शिक्षा यानी ज्ञान अर्जित करने और दिमाग को सोचने व तर्क लगाकर समस्याओं को हल…

2 weeks ago

अच्छी आदतों पर निबंध (Essay On Good Habits in Hindi)

छोटे बच्चों के लिए निबंध लिखना एक बहुत उपयोगी काम है। इससे बच्चों में सोचने…

3 weeks ago

कक्षा 1 के बच्चों के लिए मेरा प्रिय मित्र पर निबंध (My Best Friend Essay For Class 1 in Hindi)

बच्चों के लिए निबंध लिखना बहुत उपयोगी होता है क्योंकि इससे वे अपने विचारों को…

3 weeks ago

मेरा प्रिय खेल पर निबंध (Essay On My Favourite Game In Hindi)

खेल हमारे जीवन में बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। ये न सिर्फ मनोरंजन का साधन…

3 weeks ago