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किसी भी इंसान के व्यक्तित्व में उसके दाँत बहुत अहम भूमिका निभाते हैं और सभी पेरेंट्स अपने बच्चे के चेहरे पर एक खूबसूरत मुस्कुराहट देखना चाहते हैं। जिस विषय पर हम बात करने जा रहे हैं वो है बच्चों के दूध के दाँत टेढ़े-मेढ़े निकलना, हालांकि ज्यादातर मामलों में बच्चे के टेढ़े दाँत तभी निकलते हैं जब उनके परमानेंट दाँत आने लगते हैं और लेकिन ऐसा हो सकता है कि आपके बेबी के पहले दाँत ही टेढ़े आएं, जिसकी वजह आप यह सोचकर चिंतित हो सकती हैं कि उसके परमानेंट दाँत भी टेढ़े निकलेंगे। इस मामले में कुछ बच्चों के साथ ऐसा होता है, जबकि बाकी बच्चों के दाँत ठीक से निकलते हैं।
अगर आप ये जानना चाहती हैं कि आपके बच्चे के दाँत टेढ़े-मेढ़े क्यों निकल रहे हैं तो अब आपको और विचार करने की जरूरत नहीं है। यहाँ हम आपको ऐसा होने के कुछ कारण बताने वाले हैं, जो आपको ये समझने में मदद करेंगे कि आखिर आपके बेबी के टेढ़े दाँत क्यों निकल रहे हैं।
बच्चे जो भी चीज पाते हैं उसे मुँह में रख लेते हैं, क्योंकि अभी वह हर चीज को एक्सप्लोर कर रहे होते हैं और दुर्भाग्य से, बच्चे की ये आदत उसके टेढ़े-मेढ़े दाँतों के निकलने का कारण बनती है। कुछ और भी गलत डेंटल हैबिट हैं जो बच्चे के टेढ़े-मेढ़े दाँतों के निकलने का कारण बनती हैं, जैसे पैसिफायर, अंगूठा चूसना और लंबे समय तक बोतल से दूध पीना।
बच्चे का जबड़ा अभी भी डेवलप कर रहा होता है, साइज छोटा होने की वजह से इसे सभी दाँतों की पकड़ को मजबूत रखने में परेशानी होती है जिसकी वजह से बच्चे के दाँत थोड़े से टेढ़े हो जाते हैं।
अगर आपके या आपके पार्टनर के दाँत टेढ़े-मेढ़े हैं, तो बच्चे के भी टेढ़े दाँत निकलने की संभावना बढ़ जाती है। मुख्य रूप से ये बच्चों में आता है, अगर माँ का जबड़ा छोटा हो और पिता के दाँत बड़े हों। जो बच्चे अपने पेरेंट्स से छोटे दाँत पाते हैं पहले उनके दाँतों के बीच में गैप देखने को मिल सकता है, लेकिन जब और दाँत निकलने लगते हैं, तो ये दाँत एक दूसरे के करीब आ जाते हैं, जिससे वे पहले की तुलना में थोड़े भरे हुए और सीधे दिखते हैं।
अपने बच्चे को उसके पेट के बल सोने देना, ये कई कारणों से एक अच्छा विचार नहीं है, जिसमें से एक यह है कि यह बच्चे में टेढ़े-मेढ़े दाँतों के निकलने का कारण बनता है, क्योंकि ऐसे लेटने से उसके गाल और मुँह पर दबाव पड़ता है। हालांकि आप ये बदलाव तुरंत नोटिस नहीं कर पाएंगे, लेकिन समय के साथ टेढ़े-मेढ़े दाँत आपको साफ तौर पर नजर आने लगेंगे। इसलिए, यदि आप देखें कि आपका बच्चा पेट के बल सो रहा है, तो उसे पीठ के बल लिटा दें।
रेयर केस में, आपके बच्चे के मुँह के अंदर ट्यूमर या सिस्ट हो सकता है, जिसके कारण सामने वाले दाँत फैले हुए नजर सकते हैं। आप ऐसे केस में अपने डेंटिस्ट से सलाह लें, ताकि बच्चे का इलाज करवा सकें।
बच्चों के दाँत टेढ़े-मेढ़े निकलना, क्या यह असामान्य है? ये ज्यादातर बच्चों में कॉमन होता है, क्योंकि उनका जबड़ा बहुत छोटा होता है। यहाँ तक कि नार्मल साइज के दाँत भी कभी-कभी मुँह को भरा-भरा बना देते हैं। यदि आप अपने बच्चे के दाँतों को सही ढंग से निकलने के लिए कुछ करना चाहते हैं, तो यहाँ इसके कुछ तरीके दिए गए हैं जिनकी मदद से आप ऐसा कर सकते हैं:
ये वह समय है कि जब आप बच्चे को मुँह से जुड़ी अच्छी आदतें सिखाना शुरू कर दें और जब बच्चे के दाँत निकलना शुरू हों उसके दाँतों को ब्रश करने की आदत डालें। सुनिश्चित करें कि सभी कैविटी अच्छे से साफ हो जाए और सभी फूड पार्टिकल दाँतों से निकल जाएं। अगर बच्चा खुद से ब्रश करता है तो, आप रोजाना चेक करे कि उसने ठीक से दाँतों को साफ किया है या नहीं । हालांकि, आप उसे पहले से ही इस प्रोसेस से परिचित करा दें। अपनी इंडेक्स फिंगर में मॉइस्टेंड गॉज़ रैप करें और धीरे से बच्चे का मुँह अंदर से साफ करें।
अगर आप बच्चे को शांत कराने के लिए पैसिफायर का इस्तेमाल करती हैं, तो ठीक है लेकिन, बच्चे के दाँतों को खराब ढंग से बढ़ने से रोकने के लिए दो साल की उम्र तक इसकी आदत छुड़ा दें। अगर बच्चे को अंगूठा चूसना पसंद है, तो इस बुरी आदत को भी छुड़ाएं क्योंकि कभी-कभी पैसिफायर से ज्यादा इसे छुड़ाना मुश्किल हो जाता है।
अगर आपको लगता है कि बच्चे के इन टेढ़े मेढ़े दाँतों के लिए आपको ट्रीटमेंट की जरूरत है या फिर आपको लगता है कि ऐसा बच्चे के छोटे जबड़े के कारण है, तो ऐसे मामले में आप किसी प्रोफेशनल से मिलकर बात कर सकती हैं। कई बार यह खुद ही ठीक हो जाता है जब बच्चे बड़े हो जाते हैं।
अगर आप बच्चे में अच्छी आदतें शुरू से बनाए रखेंगी तो ऐसा होने से रोका जा सकता है। टेढ़े-मेढ़े दाँतों को निकलने से रोकने के लिए आप नीचे दी गई टिप्स का पालन कर सकती हैं:
जैसा कि कहा जाता है कि ‘सावधानी बरतना इलाज करने से बेहतर है’ तो शुरू से ही अपने बच्चे की डेंटल हेल्थ को सीरियसली लें, अगर आप चाहती हैं कि बच्चे को टेढ़े-मेढ़े दाँत निकलने की समस्या न हो तो आपको शुरुआत से ही इस बात का खास खयाल रखना होगा। हालांकि ‘बच्चे के दाँत टेढ़े-मेढ़े निकलना नॉर्मल है’ लेकिन फिर भी अगर आप अपने सवालों के जवाब पाना चाहती हैं तो डेंटिस्ट से बात करें, क्योंकि हर बच्चा अलग है और आपको पता होना चाहिए कि उसके साथ जो भी चीजें हो रही हैं वह नॉर्मल है या नहीं ।
डेंटिस्ट से मिलने के लिए उनकी अपॉइंटमेंट लें, भले ही बच्चे को कोई दाँतों से जुड़ी कोई समस्या न भी हो। डेंटिस्ट बच्चे के मुँह को अच्छी तरह से चेक करेंगे और आपको बताएंगे कि कैसे आप बेहतर तरीके से बच्चे की ओरल हेल्थ को मेंटेन कर सकते हैं।
डेंटिस्ट ये भी बता पाएंगे कि शिशु के दाँतों के टेढ़े निकलने के पीछे कोई मेडिकल कारण तो नहीं है, जैसे कि सिस्ट या ट्यूमर। इससे आप प्लान कर सकती हैं कि आगे आपको क्या करना चाहिए और कैसे आप इस प्रॉब्लम को हल करें।
याद रखें, जिन बच्चों के दाँत टेढ़े-मेढ़े हैं, उनके दाँत भविष्य में खूबसूरत बनाए जा सकते हैं, इसलिए उनकी डेंटल अपॉइंटमेंट लें, ताकि डेंटिस्ट बच्चे की ओरल हेल्थ और डेवलपमेंट के बारे में आपको एक्सपर्ट एडवाइस दे सकें। इससे पहले की मामला बिगड़ जाए, बेहतर यही है कि समय रहते बेबी की डेंटल हेल्थ को डेवलप किया जाए ताकि आने वाले समय में किसी बड़ी प्रॉब्लम को होने से रोका जा सके और बाद में ब्रेसेस लगने से बचा जा सके।
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