शिशु

शिशुओं के गले पर रैशेज को कैसे ठीक करें?

छोटे बच्चों के गले पर रैशेज होना बहुत आम है क्योंकि उनकी त्वचा सॉफ्ट और नाजुक होती है। बच्चे के गले और गर्दन की त्वचा थोड़ी मोटी होती है और स्किन में फोल्ड भी होते हैं जिस वजह से जब तक बच्चा गर्दन को होल्ड करना न सीख जाए तब तक वहाँ पर रैशेज होने की संभावना अधिक होती है। ज्यादातर रैशेज चिंता का कारण नहीं हैं क्योंकि जब बच्चा गर्दन को बिना सपोर्ट के होल्ड करने लगता है तब ये अपने आप ही गायब हो जाते हैं। बच्चों के गले पर रैशेज होने के कारण, लक्षण, ट्रीटमेंट और होम रेमेडीज जानने के लिए आगे पढ़ें। 

छोटे बच्चों के गले पर रैशेज का मतलब है

बच्चों के गले पर रैशेज होने से त्वचा लाल पड़ जाती है और इसमें खुजली होती है। प्रभावित त्वचा उभरी हुई या पपड़ीदार दिखाई देती है। यह आमतौर पर गर्दन की त्वचा में होता है। लगभग 4 से 6 महीने के बच्चे के गले और गर्दन के हिस्से में विभिन्न कारणों, जैसे फंगल इंफेक्शन, गर्मी, त्वचा में इरिटेशन आदि से रैशेज होते हैं। 

छोटे बच्चों के गले पर रैशेज होने के कारण क्या हैं?

बच्चों के गले पर रैशेज होने के प्रभावी ट्रीटमेंट के लिए बहुत जरूरी है कि पहले आपको इसके कारण पता होने चाहिए। गले पर रैशेज होने के कुछ निम्नलिखित कारण हो सकते हैं, जैसे;

1. गर्मी के कारण

बहुत ज्यादा गर्मी पड़ने से बच्चे के गले पर रैशेज हो सकते हैं। त्वचा के नीचे पसीना जमने के कारण पसीने के डक्ट्स ब्लॉक होते हैं जिसके परिणामस्वरूप रैशेज होने लगते हैं। बच्चे के गले पर लाल रंग के धब्बे या बंप्स भी होने लगते हैं जिनमें बहुत ज्यादा खुजली होती है। ऐसे रैशेज को हीट रैश या स्वेट रैश भी कहते हैं। 

2. स्टोर्क बाईट

यदि गले पर त्वचा के नीचे के ब्लड वेसल बढ़ जाते हैं या स्ट्रेच हो जाते हैं तो कभी कभी लाल/पिंक पैचेज या बर्थमार्क भी दिखता है। जब बच्चा रोता है या कमरे का तापमान बदलता है तो बर्थमार्क ज्यादा साफ दिखने लगता है। स्टोर्क बाईट अक्सर कुछ समय के लिए होते हैं और समय के साथ खत्म भी हो जाते हैं। 

3. दूध बहने के कारण

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान कभी-कभी बच्चों के गले पर दूध बहकर गिरता है जो त्वचा के फोल्ड में जमने लगता है। यदि इसे साफ नहीं किया जाता है तो त्वचा में हमेशा नमी रहती है और इससे रैशेज बढ़ने लगते हैं। 

4. फंगल इंफेक्शन होने से

फंगल इंफेक्शन की वजह से भी बच्चे के गले पर रैशेज होने लगते हैं। फंगाई, जैसे कैंडिडा अक्सर गर्मी में गीलेपन की वजह से होता है। यह समस्या बच्चे के गले और गर्दन की त्वचा के फोल्ड में जल्दी हो सकती है क्योंकि यहाँ पर नमी और पसीना जमा रहता है। 

5. त्वचा में इरिटेशन होने से

गले की त्वचा में लकीरे होने से ये लगातार एक दूसरे या कपड़े से टकराती हैं। इस फ्रिक्शन की वजह से भी गले पर इरिटेशन होती है और रैशेज होने लगते हैं। 

छोटे बच्चों के गले पर रैशेज होने के लक्षण

बच्चों के गले पर रैशेज साधारण रूप से लाल रंग के धब्बों की तरह दिखाई देते हैं जिनमें खुजली और दर्द भी होता है। कुछ बच्चों को बुखार आ सकता है। कुछ मामलों में बच्चे की भूख कम हो जाती है। इन सभी चीजों की वजह से बच्चा इरिटेट हो सकता है। 

छोटे बच्चों के गले पर रैशेज का उपचार

बच्चों के गले पर रैशेज बहुत आसानी से ठीक हो सकते हैं, जानें कैसे;

1. त्वचा को साफ करके सौम्य बनाएं

यह सलाह दी जाती है कि बच्चे के गले और गर्दन के हिस्से को सुगंध से मुक्त बेबी वॉश से अच्छी तरह से साफ करें ताकि कोई इरिटेशन न हो। धोने के बाद सॉफ्ट कॉटन के तौलिए से गले को रगड़ने के बजाय थपथपा कर सुखाएं। इसके अलावा त्वचा के फोल्ड को भी अच्छी तरह से सुखाएं ताकि उसमें नमी न रहे। धोने के बाद बच्चे के गले पर सौम्य मॉइश्चराइजर या ऑइंटमेंट लगाएं ताकि त्वचा को मुलायम रहने में मदद मिले। 

2. गले पर हुए साधारण रैशेज को ठीक करने का उपाय

बच्चे के गले को ठंडे पानी से धोएं जिससे उसकी इरिटेशन और दर्द में आराम मिल सकता है। गले पर आम रैशेज अपने आप ही ठीक हो जाते हैं और इसमें मेडिकल हेल्प की जरूरत नहीं पड़ती है। यदि फंगल इंफेक्शन की वजह से गले पर रैशेज हो जाते हैं तो डॉक्टर यीस्ट क्रीम या एंटी-फंगल क्रीम लगाने की सलाह देते हैं ताकि रैशेज को ठीक किया जा सके। टोपिकल 1% हाइड्रोकोटीसोन क्रीम लगाने से काफी मदद मिल सकती है। हालांकि इसका लंबे समय तक उपयोग करने की सलाह नहीं दी जाती है। 

3. गर्मी से संबंधित रैशेज को ठीक करने का उपाय

बच्चे की त्वचा में हवा का आदान प्रदान होता रहे और ठंडक मिलती रहे इसलिए उसे कम कपड़े पहनाएं। पूरी तरह कॉटन से बने कपड़ों का उपयोग करें। बच्चे को एयर कंडीशन वाले कमरे या ठंडी जगह पर रखने से उसकी इरिटेशन और असुविधाएं कम हो सकती हैं। गले के रैशेज में कैलामाइन लोशन लगाने से त्वचा को शांति व आराम मिलता है। 

छोटे बच्चों के गले पर रैशेज को ठीक करने के लिए घरेलू उपाय

बच्चे के गले पर हुए रैशेज को ठीक करने के लिए निम्नलिखित होम रेमेडीज का उपयोग किया जा सकता है, आइए जानें;

1. कॉटन के हल्के कपड़े

बच्चे को सिंथेटिक कपड़ों के बजाय सॉफ्ट कॉटन के कपड़े पहनाएं ताकि उसकी नाजुक त्वचा पर कोई भी प्रभाव न पड़े। बच्चे को बहुत ज्यादा कपड़े न पहनाएं क्योंकि इससे शरीर में पसीना जमता है और त्वचा में हवा का आदान प्रदान नहीं होता है। 

2. माइल्ड डिटर्जेंट का उपयोग

हानिकारक केमिकल्स से बचने के लिए बच्चे के कपड़े, तौलिया और चादर आदि को सौम्य डिटर्जेंट से धोएं। साथ ही इसके लिए बिना खुशबू वाले डिटर्जेंट का उपयोग करें। 

3. कॉर्न स्टार्च का उपयोग

बच्चे को नहलाने के बाद उसके गले के रैशेज में कॉर्न स्टार्च रखने से वहाँ की नमी खत्म हो जाती है। इससे आगे चलकर रैशेज नहीं होते हैं।

4. ठंडी सिकाई

गले पर ठंडी सिकाई का उपयोग करने से बच्चे को दर्द व खुजली नहीं होती है। इससे त्वचा में सूजन कम रहती है और यह मुलायम भी रहती है। बच्चे के गले और गर्दन पर दिन में कई बार ठंडी सिकाई करें। हमेशा ध्यान रखें कि इसके बाद आप त्वचा को थपथपा कर सुखा लें। 

5. हाइजीन

बच्चे के लिए स्वच्छता बनाए रखने की आदत डालने से रैशेज होने की संभावना नहीं होती है। बच्चे को नियमित रूप से नहलाएं, उसकी त्वचा के फोल्ड पर ध्यान दें और साफ रखें। बच्चे के पूरे शरीर को अच्छी तरह से साफ रखें। इस बात का ध्यान रखें कि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान गले पर फैले दूध को भी अच्छी तरह से साफ करें।

6. नारियल तेल का उपयोग

कोकोनट ऑयल में एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं जिससे बच्चे के गले के रैशेज जल्दी ही ठीक हो सकते हैं। नारियल तेल लगाने से रैशेज में सूजन व खुजली ठीक होने में मदद मिलती है। 

7. उबले व ठंडे पानी का उपयोग

बच्चे को नहलाने के लिए नियमित पानी का उपयोग न करें क्योंकि इसमें कठोर तत्व या माइक्रोब्स मिले होते हैं जिससे गले पर रैशेज बढ़ भी सकते हैं। बच्चे को नहलाने के लिए उबले हुए पानी को ठंडा करके उपयोग करें। गर्म पानी के बजाय गुनगुने पानी से बच्चे को नहलाएं। 

8. बेबी टैलकम पाउडर का उपयोग करें

नहलाने के बाद बच्चे के गले की त्वचा पर टैलकम पाउडर लगाएं जिससे रैशेज खत्म हो जाएंगे और ज्यादा नहीं बढ़ेंगे। 

गले पर रैशेज से संबंधित बचाव के टिप्स

बच्चों में गले के रैशेज को ठीक करते समय आप निम्नलिखित कुछ बातों पर जरूर ध्यान दें, जैसे;

  • यह जरूरी है कि बच्चे के गले और गर्दन की त्वचा साफ और सूखी रहे ताकि रैशेज न बढ़ें।
  • बच्चे को बहुत ज्यादा न नहलाएं क्योंकि इससे उसकी त्वचा ड्राई हो सकती है। गंदा होने पर आप गीले कपड़े से बच्चे को साफ कर सकती हैं।
  • विशेषकर गर्मी में बच्चे को सही हवा या ठंडे टेम्परेचर वाले कमरे में रखने से मदद मिलेगी। गर्मी और ह्यूमिडिटी से बच्चे के गले पर रैशेज नहीं होंगे।
  • बच्चे को बहुत सारे कपड़े न पहनाएं और उसे ब्लैंकेट भी न उढ़ाएं।
  • बच्चे के गले के फोल्ड में जमे हुए दूध को रुई से साफ करें ताकि वहाँ पर रैशेज न हो सकें।

डॉक्टर से कब मिलें

कभी-कभी होम रेमेडीज से भी गले के रैशेज ठीक नहीं होते हैं। यदि ऐसा है तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। कुछ मामलों में आप डॉक्टर से संपर्क कर सकती हैं, जैसे;

  • यदि गले के रैशेज में ठीक होने या गायब होने के लक्षण नहीं दिख रहे हैं।
  • यदि ये रैशेज शरीर के अन्य भागों में भी फैल रहे हैं।
  • यदि बच्चे को रैशेज होने के साथ बुखार भी आता है।
  • यदि गले के रैशेज फोड़े में बदल जाते हैं।

जन्म के बाद ही बच्चों के गले पर रैशेज जल्दी होते हैं। इसलिए पेरेंट्स के लिए जरूरी है कि वे इसकी विशेष रूप से देखभाल करें। वैसे तो गले पर हुए रैशेज को घरेलू उपायों से जल्दी ही ठीक किया जा सकता है पर यदि बच्चे को रैशेज के साथ बुखार भी आता है और यह फोड़े में बदलने लगते हैं तो बेहतर यही है कि आप डॉक्टर से संपर्क करें। 

यह भी पढ़ें:

बच्चों में यीस्ट इन्फेक्शन डायपर रैश
बच्चों के चेहरे पर रैशेज के लिए 8 घरेलू इलाज
बच्चे के चेहरे पर होने वाले रैश – प्रकार, कारण और इलाज

सुरक्षा कटियार

Recent Posts

गौरैया और घमंडी हाथी की कहानी | The Story Of Sparrow And Proud Elephant In Hindi

यह कहानी एक गौरैया चिड़िया और उसके पति की है, जो शांति से अपना जीवन…

1 week ago

गर्मी के मौसम पर निबंध (Essay On Summer Season In Hindi)

गर्मी का मौसम साल का सबसे गर्म मौसम होता है। बच्चों को ये मौसम बेहद…

1 week ago

दो लालची बिल्ली और बंदर की कहानी | The Two Cats And A Monkey Story In Hindi

दो लालची बिल्ली और एक बंदर की कहानी इस बारे में है कि दो लोगों…

2 weeks ago

रामायण की कहानी: क्या सीता मंदोदरी की बेटी थी? Ramayan Story: Was Sita Mandodari’s Daughter In Hindi

रामायण की अनेक कथाओं में से एक सीता जी के जन्म से जुड़ी हुई भी…

2 weeks ago

बदसूरत बत्तख की कहानी | Ugly Duckling Story In Hindi

यह कहानी एक ऐसे बत्तख के बारे में हैं, जिसकी बदसूरती की वजह से कोई…

2 weeks ago

रामायण की कहानी: रावण के दस सिर का रहस्य | Story of Ramayana: The Mystery of Ravana’s Ten Heads

यह प्रसिद्द कहानी लंका के राजा रावण की है, जो राक्षस वंश का था लेकिन…

2 weeks ago