शिशु

न्यूबॉर्न बच्चों में होने वाले 8 रिफ्लेक्स

नवजात शिशुओं का खुद के शरीर पर कोई कंट्रोल नहीं होता है। इसलिए, प्रकृति की ओर से उनमें कुछ सर्वाइवल स्किल पैदाइश के समय से ही मौजूद होती है। इनमें से एक है रिफ्लेक्सेस। जन्म के समय बेबी रिफ्लेक्स को इन्वॉलन्टरी एक्शन और मोमेंट के तौर पर देखा जाता है, जो शिशुओं में या तो आम एक्टिविटी का हिस्सा हो सकता है या फिर बाहरी उत्तेजनाओं के कारण उनका रिस्पांस हो सकता है। इन अहम रिफ्लेक्स के चलते बच्चा चिकोटी, किक और झटका दे सकता है, बिना किसी वार्निंग या कारण के और कुछ को यह एब्नार्मल लग सकता है। हालांकि, ये चिंता का कोई कारण नहीं हैं, क्योंकि ये इस बात का संकेत देते हैं कि बच्चे का दिमाग और नर्वस सिस्टम नॉर्मल तरीके से डेवलप कर रहा है। ज्यादातर रिफ्लेक्सेस टेम्परेरी होते हैं और जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होने लगता है, यह खुद ही ठीक हो जाता है।

आपके न्यूबॉर्न बच्चे में कौन से रिफ्लेक्सेस मौजूद होने चाहिए?

नीचे आपको नवजात बच्चों में पाए जाने वाले रिफ्लेक्सेस की नाम समेत लिस्ट और उसकी डिटेल दी गई है, तो आइए जानते हैं।

1. रूट रिफ्लेक्स

रूट रिफ्लेक्स एक बेसिक सर्वाइवल इंस्टिंक्ट है जो बच्चे को माँ का दूध पीने के लिए लैचिंग में मदद करता है। यह रिफ्लेक्स नर्सिंग कराने वाली माओं के लिए बहुत मददगार है।

किस प्रकार जांच करें

बच्चे के गाल को किनारे से छूने पर, वह अपने सिर को टच के डायरेक्शन में मोड़ देगा और फीडिंग के लिए अपना मुँह खोल देगा।

यह कब जाता है?

यह रिफ्लेक्स केवल पहले चार महीनों के लिए रहता है।

2. मोरो रिफ्लेक्स

मोरो रिफ्लेक्स को स्टार्टल रिफ्लेक्स के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह तब होता है जब बच्चा चौंक जाता है।

किस प्रकार जांच करें

तेज आवाज या डिस्टर्बेंस के रिस्पांस में, बच्चा अपना सिर पीछे की ओर उलट देता है, अपने हाथों और पैरों को फैला कर, रोता है और फिर अपनी बाहों और पैरों को वापस समेट लेता है।

यह कब जाता है?

यह रिफ्लेक्स केवल पहले दो महीनों के लिए रहता है।

3. टॉनिक नेक रिफ्लेक्स

टॉनिक नेक रिफ्लेक्स वह होता है जब बच्चे की गर्दन एक डायरेक्शन में मुड़ जाती है और वो अपने हाथों को स्ट्रेच करके रिस्पांस देता है, इस रिफ्लेक्स के लिए कोई ज्ञात स्पष्टीकरण नहीं मौजूद है।

किस प्रकार जांच करें

धीरे से बच्चे के सिर को एक तरफ कर दें और देखें कि वे अपने हाथों को उसी तरफ स्ट्रेच करेगा और विपरीत दिशा वाले हाथ को कोहनी से मोड़ेगा।

यह कब जाता है?

यह रिफ्लेक्स केवल पहले चार से पाँच महीनों तक रहता है।

4. राइटिंग रिफ्लेक्स

राइटिंग रिफ्लेक्स एक सावधानी बरतने वाला रिफ्लेक्स है और यह एक नेचुरल तरीका है जिससे बच्चा खुद को ही प्रोटेक्ट करता है।

किस प्रकार जांच करें

सोते समय बच्चे के सिर पर एक कंबल ढक दें। आप देखेंगे कि बच्चा अपने सिर, हाथों और पैरों को हिला कर अपने ऊपर से कंबल हटा देगा।

यह कब जाता है?

यह रिफ्लेक्स केवल पहले एक वर्ष तक रहता है जब तक उसकी मांसपेशियां इतनी स्ट्रॉंग नहीं हुई होती हैं कि वो अपने शरीर पर खुद का कोई कंट्रोल रख सके।

5. विड्रॉल रिफ्लेक्स

विड्रॉल रिफ्लेक्स एक अन्य सावधानी बरतने वाला रिफ्लेक्स है जो बच्चे के लिए किसी भी वस्तु से टकराने से बचने का एक नेचुरल तरीका है।

 

किस प्रकार जांच करें

जब आपका बच्चा बैठा हो और अचानक आप अपना चेहरा उसके करीब ले जाएं, तो आप देखेंगे कि बच्चा अपना सिर पीछे कर लेता है। यदि कोई चीज अचानक उसके करीब जाती है तो वह ऐसा ही रिएक्ट करता है।

यह कब जाता है?

यह रिफ्लेक्स जीवन भर रहेगा।

6. टंग थ्रस्ट रिफ्लेक्स

यह भी सावधानी बरतने वाला रिफ्लेक्स है, यह बच्चे में खाने से होने वाली चोकिंग या किसी छोटी चीज को निगलने से नेचुरली बचाता है।

किस प्रकार जांच करें

धीरे से एक छोटा चम्मच बच्चे की जीभ की नोक से स्पर्श करें। आप देखेंगे कि बच्चा इसे वापस बाहर धकेल देगा।

यह कब जाता है?

यह रिफ्लेक्स पहले चार से छह महीने तक रहेगा।

7. ग्रास्प रिफ्लेक्स

ग्रास्प रिफ्लेक्स एक ऐसा तरीका है जिससे बच्चा अपनी माँ को पकड़कर रखता है।

किस प्रकार जांच करें

धीरे से अपनी अंगुली से बच्चे की खुली हथेली को रगड़ें, आप देखेंगे कि बच्चा तुरंत आपकी अंगुली को पकड़ लेगा।

यह कब जाता है?

यह रिफ्लेक्स धीरे-धीरे तीसरे महीने के बाद खत्म होने लगता है।

8. स्टेपिंग रिफ्लेक्स

बच्चे जब खुद चलने का प्रयास करते हैं उसे स्टेपिंग रिफ्लेक्स के रूप में जाना जाता है।

किस प्रकार जांच करें

बच्चे को हवा में उठाएं और उसके पैरों को लटकने दें, फिर धीरे से उसके पैरों को जमीन से टच करें, आप देखेंगी की वो अपना पैर आगे बढ़ा कर चलने की कोशिश करेगा।

यह कब जाता है?

यह रिफ्लेक्स पहले दो महीने तक रहेगा।

जैसा कि इस लेख में पहले भी बताया किया गया है, नवजात शिशुओं में होने वाले ये रिफ्लेक्सेस नॉर्मल हैं और इस बात का संकेत हैं कि बच्चा सही दिशा में विकास कर रहा है, बच्चे में देखे जाने वाले ये रिफ्लेक्सेस कुछ समय बाद खुद ही गायब हो जाते हैं।

यह भी पढ़ें:

शिशुओं के शरीर से बाल निकालने के घरेलू उपचार
बच्चो में रूसी की समस्या से कैसे निजात पाएं
शिशुओं और बच्चों में त्वचा संबंधी एलर्जी

समर नक़वी

Recent Posts

अभय नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Abhay Name Meaning in Hindi

नाम हर व्यक्ति की पहली पहचान होता है, और इसलिए बच्चे के जन्म लेने से…

2 weeks ago

दृश्या नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Drishya Name Meaning in Hindi

क्या आपके घर में बेटी का जन्म हुआ है या आपके घर में छोटा मेहमान…

2 weeks ago

अरहम नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Arham Name Meaning in Hindi

हमारे देश में कई धर्मों के लोग रहते हैं और हर धर्म के अपने रीति-रिवाज…

2 weeks ago

ज्योत्सना नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Jyotsna Name Meaning in Hindi

हर किसी के लिए नाम बहुत मायने रखता है। जब आप अपनी बेटी का नाम…

2 weeks ago

सारा नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Sara Name Meaning in Hindi

इन दिनों लड़कियों के कई ऐसे नाम हैं, जो काफी ट्रेंड कर रहे हैं। अगर…

2 weeks ago

उर्मिला नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Urmila Name Meaning in Hindi

बच्चों के प्रति माता-पिता का प्यार और भावनाएं उनकी हर छोटी-छोटी बात से जुड़ी होती…

2 weeks ago