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बच्चे के जन्म के बाद, हर नई माँ मातृत्व की छोटी-छोटी खुशियों में सराबोर हो उठती है। बच्चे को गले लगाना और मीठी आवाज में उससे बातें करना, बच्चे के साथ अपने रिश्ते को मजबूत बनाने का एक बेहतरीन तरीका है और आप अपने बच्चे को बिल्कुल स्वस्थ और सुरक्षित देखना चाहती हैं। लेकिन जब आप बच्चे के मुँह के अंदर छोटे-छोटे सफेद धब्बे देखती हैं, तो आपको चिंता हो सकती है। रिलैक्स, यह बेबी माउथ थ्रश हो सकता है। यह एक फंगल इंफेक्शन होता है, जो कि दो महीने तक के बच्चों में बहुत आम होता है।
थ्रश मुँह का एक फंगल इंफेक्शन होता है, जो न्यूबॉर्न बच्चों में देखा जाता है और यह गालों के अंदरूनी हिस्सों, मुँह के ऊपर के हिस्से और जीभ को प्रभावित करता है। हालांकि, इसका इलाज करना बहुत आसान है, पर इससे इरिटेशन हो सकती है, जो कि नई माँओं में चिंता का एक कारण हो सकता है। आपको इसका पता तब चलता है, जब बच्चे के मुँह के अंदर, खासकर जीभ, होठों और मुँह के ऊपर के हिस्से में पीले या सफेद धब्बे दिखने लगते हैं। यह कभी-कभी टॉन्सिल, कंठ या ओशोफेगस तक भी फैल जाता है। बच्चे पर इस इन्फेक्शन के कोई विशेष प्रभाव दिखाई नहीं देते हैं, ना ही इसमें किसी तरह का दर्द या तकलीफ होती है।
बच्चे के मुँह के अंदर देखे जाने वाले विशेष सफेद या पीले धब्बे, बेबी थ्रश के प्रमुख लक्षण हैं। यहाँ पर शिशुओं में थ्रश के कुछ संकेत और लक्षण दिए गए हैं, जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए:
यह यीस्ट इन्फेक्शन कैंडिडा एलबिकंस नामक फंगी के कारण होता है, जिसे ओरल थ्रश के नाम से जानते हैं। शिशुओं में यह फंगस अत्यधिक मात्रा में बढ़ जाने पर, ओरल थ्रश हो जाता है। शिशुओं में इसके बढ़ोतरी में निम्नलिखित पहलू भी जिम्मेदार होते हैं:
इलाज शुरू करने से पहले आपको यह सुनिश्चित करना होगा, कि ये धब्बे ओरल थ्रश ही हैं। अगर आप बच्चे की जीभ पर ऐसा ही धब्बा देखें और आप उसे साफ कर पा रही हैं, तो वह दूध का धब्बा हो सकता है। लेकिन अगर ये धब्बे मुँह के अंदर दूसरी जगहों पर भी मौजूद हैं और आप उसे साफ नहीं कर पा रही हैं, तो वह थ्रश हो सकता है। दूध पीने के दौरान या पैसीफायर के इस्तेमाल के दौरान आपका बच्चा रो सकता है।
आपके बच्चे के डॉक्टर थ्रश के किसी वाजिब संकेत की जांच करेंगे। वह प्रभावित जगह को कॉटन स्वैब से रगड़कर लेबोरेटरी में उसकी जांच करेंगे। अगर डॉक्टर को कैंडिडा इनफेक्शन के सबूत मिल जाते हैं, तो इसके बाद इसकी पहचान को सुनिश्चित करने के लिए वह एक कल्चर टेस्ट करेंगे।
हालांकि, ओरल थ्रश दो हफ्तों के अंदर अपने आप ही ठीक हो जाता है, लेकिन अगर आपके बच्चे को तकलीफ हो रही है, तो डॉक्टर आपको निम्नलिखित दवाएं प्रिसक्राइब कर सकते हैं:
यह एक एंटीफंगल जेल है, जिसे कैंडिडा के जर्म्स को मारने के लिए बनाया गया है। इस जेल को दूध पिलाने के बाद लगाना होता है। डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों का सावधानीपूर्वक पालन करें।
ये एंटीफंगल मेडिसिनल ड्राप होते हैं, जिनका इस्तेमाल शिशुओं में थ्रश को ठीक करने के लिए किया जाता है। अगर आपका बच्चा माइकॉनेजॉल का इस्तेमाल करने में सक्षम नहीं है, तो आपके डॉक्टर इसे प्रिस्क्राइब कर सकते हैं।
अगर इन्फेक्शन दर्दनाक हो जाए, तो यह दवा प्रिसक्राइब की जाती है। एसिटामिनोफेन बड़े पैमाने पर दर्द और बच्चे के चिड़चिड़ेपन को कम करने में मदद करता है।
चूंकि ओरल थ्रश माँ से बच्चे में फैल सकता है, ऐसे में अगर प्रेगनेंसी के दौरान माँ को वजाइनल यीस्ट इनफेक्शन हो जाए, तो इसके बारे में उसे अपने डॉक्टर को बताना चाहिए। जिन माँओं को निप्पल में दर्द होता हो या डिस्चार्ज होता हो, उन्हें भी यीस्ट इंफेक्शन की जांच करानी चाहिए। इससे ब्रेस्टफीडिंग के दौरान इंफेक्शन के बच्चे तक पहुँचने से रोका जा सकता है। पैसीफायर और दूध की बोतलों को स्टेरलाइज करने से ओरल थ्रश से बचाव में मदद मिलती है।
शिशु का ओरल थ्रश संक्रामक नहीं होता है और एंटीफंगल दवाओं के इस्तेमाल से इसे आसानी से ठीक किया जा सकता है। हालांकि इससे बच्चा चिड़चिड़ा और परेशान हो सकता है। उचित देखभाल और दवाओं के इस्तेमाल से आपका बच्चा इस समस्या से आसानी से बाहर निकल सकता है।
शिशुओं में थ्रश आमतौर पर दर्दनाक नहीं होता है, लेकिन इससे उन्हें थोड़ी असुविधा हो सकती है। मुँह में थोड़ी तकलीफ के कारण वह दूध पीने से मना कर सकता है या दूध पीने के दौरान बार-बार रुक सकता है।
अगर बच्चे को ओरल थ्रश हो, तो फीडिंग के दौरान इन्फेक्शन आपके निप्पल तक पहुँच सकता है। हालांकि ओरल थ्रश नुकसान रहित होता है, पर अगर माँ भी संक्रमित हो, तो इससे बच्चे को वापस इन्फेक्शन हो सकता है। यह खासकर तब होता है, जब आपके निप्पल में दरारे हों या उनमें जख्म हों। इसलिए इस संक्रमण को दूर रखने के लिए बच्चे के साथ-साथ अपना भी इलाज कराएं।
वैसे तो शिशुओं में ओरल थ्रश एक आम इन्फेक्शन है, लेकिन अगर आपके बच्चे के मुँह में इसकी मौजूदगी सुनिश्चित हो चुकी है, तो अपने डॉक्टर से जरूर मिलें। आमतौर पर यह यीस्ट इन्फेक्शन दो सप्ताह के अंदर अपने आप ही ठीक हो जाता है, लेकिन अगर ऐसा न हो, तो निश्चित तौर पर आपको अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए। अपने बच्चे के मुँह में मौजूद संकेतों के ओरल थ्रश होने के बारे में अगर आपको दुविधा है, तो भी आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
अगर आपके बच्चे को ओरल थ्रश हो जाता है, तो उसका इलाज प्यार और सहलाकर करें। अगर आपको बच्चे के बारे में चिंता हो रही है, तो अपने डॉक्टर से बात करें। अगर डॉक्टर ने किसी तरह की दवा दी है, तो उनके निर्देशों का पूरी तरह से पालन करें। आखिरकार आपको याद रखना चाहिए, कि इस इन्फेक्शन का एहसास थोड़े समय के लिए ही होगा और यह अपने आप या फिर दवाओं के माध्यम से गायब हो जाएगा।
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