शिशु

शिशुओं के लिए होममेड ग्राइप वॉटर

पेट की समस्याओं के कारण बच्चों का अक्सर रोना कोई नई बात नहीं है। हर बच्चे को कभी न कभी पेट की समस्याएं होती हैं। यह महत्वपूर्ण है कि पेरेंट्स इसे कैसे ठीक करते हैं। यदि आप पहली बार पेरेंट्स बने हैं तो आपको इसका कोई भी अनुमान नहीं होगा। 

क्या ग्राइप वॉटर के फायदों के बारे में बात करते हुए आप अपनी माँ या दादी माँ को याद करती हैं और यह सोचती हैं कि यह बच्चे को कैसे शांत करता है? ग्राइप वॉटर अक्सर उन बच्चों के लिए होता है जिन्हें पेट से संबंधित समस्याएं हों। हालांकि यह 6 महीने से कम उम्र के बच्चे को नहीं देना चाहिए और 6 महीने तक उसे सिर्फ ब्रेस्टमिल्क ही पिलाना चाहिए। यद्यपि ग्राइप वॉटर कई मेडिकल स्टोर में मिल जाता है पर ऐसा हमेशा जरूरी नहीं होता है कि यह बच्चे के लिए फायदेमंद हो। इसलिए आपको होममेड ग्राइप वॉटर का ही उपयोग करना चाहिए जो बच्चे के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है। 

ग्राइप वॉटर में उपयोग किए जाने वाले इंग्रेडिएंट्स के फायदे

कुछ विशेष सामग्रियों से ग्राइप वॉटर बनाया जाता है। इन्हें किसी आवश्यक कारणों से ही चुना गया है क्योंकि हर सामग्री ग्राइप वॉटर को महत्वपूर्ण रूप से फायदेमंद बनाती है। ये सभी फायदे बच्चे की गैस और पाचन से संबंधित समस्याओं को प्रभावी रूप से खत्म करने के लिए होते हैं।  

1. लौंग

लौंग कई नेचुरल रेमेडीज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और इसे रेस्पिरेटरी से जुड़ी समस्याओं के लिए भी लेने की सलाह दी जाती है। 

यह कैसे मदद करती है 

लौंग में बहुत सारे गुण होते हैं जो सीधे डाइजेस्टिव सिस्टम पर प्रभाव डालते हैं। यह पाचन क्रियाओं में किसी भी प्रकार की सूजन को ठीक करने में मदद करती है और साथ ही आंतरिक अंगों में शांति पहुँचाती है क्योंकि इसमें दर्द कम करने के भी गुण होते हैं। 

2. नेचुरल स्वीटनर

बच्चा ग्राइप वॉटर तभी पिएगा जब इसका स्वाद बहुत अच्छा होगा इसलिए इसमें नेचुरल स्वीटनर मिलाना बहुत जरूरी है। 

यह कैसे मदद करता है 

आप नेचुरल शुगर के बजाय इसमें कोकोनट शुगर मिलाएं। ऐसा माना जाता है कि इसे बच्चा आसानी से पचा सकता है। आप इसमें कोई भी आर्टिफिशियल शुगर या शहद न मिलाएं। 

3. दालचीनी

पानी में चुटकी भर दालचीनी मिलाने से पेट का दर्द ठीक हो जाता है। ग्राइप वॉटर के लिए दालचीनी बहुत जरूरी है क्योंकि इससे बच्चे को बहुत सारे फायदे मिलते हैं। 

यह कैसे मदद करती है 

दालचीनी गैस को कम करने और अपच की समस्याओं को ठीक करने में बहुत मदद करती है। इसलिए इसे ग्राइप वॉटर में मिलाया जाता है। 

4. कैमोमाइल

कैमोमाइल टी से दर्द कम और मन शांत होता है। इसलिए ग्राइप वॉटर में कैमोमाइल टी मिलाने से बच्चे को किसी भी प्रकार के दर्द में मदद मिलती है। 

यह कैसे मदद करती है 

ग्राइप वॉटर को बनाने के लिए कैमोमाइल फूलों का उपयोग किया जाता है जो बच्चे में सूजन को कम करती है और उसे आराम व अच्छी नींद मिलती है। 

5. सौंफ

ज्यादातर लोग जानते हैं कि सौंफ पेट की समस्याओं व स्वास्थ्य में सुधार के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद है। इसलिए इसे ग्राइप वॉटर में मिलाने से बच्चे को बहुत सारे फायदे होंगे। 

यह कैसे मदद करती है 

सौंफ में लैक्सेटिव गुण व इसमें वह आवश्यक तत्व होता है जो गैस की समस्या को ठीक करता है और इसलिए इसे ग्राइप वॉटर में जरूर मिलाना चाहिए। 

6. अदरक

अदरक एक महत्वपूर्ण सामग्री है जिसका उपयोग कई नेचुरल रेमेडीज में किया जाता है और यह पाचन तंत्र को बहुत सारे फायदे पहुँचाता है। 

यह कैसे मदद करता है 

यदि बच्चे को डायरिया, कोलिक इन्फेक्शन, अपच या पेट की अन्य समस्याएं हैं तो आप उसे अदरक-युक्त ग्राइप वॉटर दें। 

शिशुओं के लिए घर पर ग्राइप वॉटर कैसे बनाएं

घर में ही ग्राइप वॉटर बनाने के लिए आपको सिर्फ कुछ विशेष चीजों की जरूरत पड़ेगी। यह जानना बहुत जरूरी है कि रखे हुए ग्राइप वॉटर से सिर्फ एक सप्ताह या थोड़े अधिक दिनों के लिए ही फायदा होता है। इसलिए बचे हुए पानी को आप फ्रिज में रखें ताकि इसका प्रभाव कम न हो। 

सामग्री

ग्राइप वॉटर बनाने के लिए जिन चीजों की जरूरत पड़ती हैं वे इस प्रकार हैं:

  • पिसी हुई लौंग
  • पिसी हुई दालचीनी
  • कोकोनट शुगर या नेचुरल स्वीटनर
  • सूखी और कुटी हुई इलायची
  • सुखी और कुटी हुई सौंफ
  • सूखे कैमोमाइल फूल
  • ताजा अदरक, कटी हुई
  • साफ पानी

विधि 

ऊपर बताई हुई सामग्रियों से ग्राइप वॉटर बनाना कठिन नहीं है। इसकी रेसिपी यहाँ बताई गई है, आइए जानें;

  • आप एक बड़े पैन में साफ पानी लें और इसे उबालें।
  • एक कपड़े के टी बैग में इलायची, सौंफ, कैमोमाइल और अदरक रखें और इसकी पोटली बना लें।
  • पानी उबलने के बाद आप आंच बंद करें और इस पोटली को पैन में लगभग 30 मिनट के लिए डाल दें।
  • आधे घंटे के बाद पानी से पोटली निकालें और इसमें कोकोनट शुगर या अन्य नेचुरल स्वीटनर, पिसी हुई लौंग और दालचीनी डालें। इस मिश्रण को अच्छी तरह से मिलाएं व ठंडा करके बच्चे को पिला दें। आप इसे एक एयरटाइट काँच की बोतल में भर के फ्रिज में स्टोर कर सकती हैं।

होममेड ग्राइप वॉटर मार्केट में मिलने वाले ग्राइप वॉटर से बहुत बेहतर होता है क्योंकि आप जानती हैं कि इसे कैसे बनाया गया है और इसमें किसी भी प्रकार की गंदगी नहीं रहती है। यह आसान सी रेसिपी बच्चे के पेट की सभी समस्याओं को ठीक कर सकती है। 

यह भी पढ़ें:

क्या बच्चों को ग्राइप वाटर देना चाहिए?
बच्चों के लिए आसान होममेड कफ सिरप
बच्चे के लिए होममेड साबुन, शैम्पू और बॉडी वॉश

सुरक्षा कटियार

Recent Posts

मिट्टी के खिलौने की कहानी | Clay Toys Story In Hindi

इस कहानी में एक कुम्हार के बारे में बताया गया है, जो गांव में मिट्टी…

2 days ago

अकबर-बीरबल की कहानी: हरा घोड़ा | Akbar And Birbal Story: The Green Horse Story In Hindi

हमेशा की तरह बादशाह अकबर और बीरबल की यह कहानी भी मनोरंजन से भरी हुई…

2 days ago

ब्यूटी और बीस्ट की कहानी l The Story Of Beauty And The Beast In Hindi

ब्यूटी और बीस्ट एक फ्रेंच परी कथा है जो 18वीं शताब्दी में गैब्रिएल-सुजैन बारबोट डी…

2 days ago

गौरैया और घमंडी हाथी की कहानी | The Story Of Sparrow And Proud Elephant In Hindi

यह कहानी एक गौरैया चिड़िया और उसके पति की है, जो शांति से अपना जीवन…

1 week ago

गर्मी के मौसम पर निबंध (Essay On Summer Season In Hindi)

गर्मी का मौसम साल का सबसे गर्म मौसम होता है। बच्चों को ये मौसम बेहद…

1 week ago

दो लालची बिल्ली और बंदर की कहानी | The Two Cats And A Monkey Story In Hindi

दो लालची बिल्ली और एक बंदर की कहानी इस बारे में है कि दो लोगों…

2 weeks ago