कोरोना के नए वैरिएंट जेएन.1 से कैसे बचें? (Covid 19 New Variant JN.1)

Covid 19 New Variant JN 1

पिछले 3-4 सालों से पूरा विश्व कोरोना जैसी भयंकर बीमारी के प्रक्रोप से जूझ रहा है। साल 2019-20 में आए कोविड 19 से दुनिया भर के लोगों में इस नई और जानलेवा बीमारी के प्रति डर का माहौल पैदा कर दिया था। लाखों लोग इसकी चपेट में आए, तो कई लोगों ने इसकी वजह से अपनी जान गवाई। जिसे फैलने से रोकने के लिए पूरे विश्व में लॉकडाउन लगा दिया गया था। लेकिन समय के साथ स्थिति में सुधार आया और इसको नियंत्रित करने के लिए अलग-अलग देशों ने वैक्सीन निकाली और इसका इलाज शुरू कर दिया गया। कुछ समय तक इसपर नियंत्रण भी बनाया गया लेकिन कोरोना का संकट पूरी तरह से अभी टला नहीं है। हर साल कोविड का कोई न कोई नया वैरिएंट जैसे ओमीक्रॉन, डेल्टा आदि सामने आते रहे हैं। लेकिन इन सब वैरिएंट का प्रकोप भारत पर इतना नहीं पड़ा है, जितना अन्य देशों में देखने को मिला है। हाल ही में कोविड का नया वैरिएंट जेएन1 (JN.1) सामने आया है। इसकी शुरुआत पहले दूसरे देशों में हुई लेकिन अब यह भारत में भी आ गया है और इसके मरीजों के आकड़े बढ़ते जा रहे हैं। वैसे तो नए वैरिएंट को ओमीक्रॉन का एक सब-वेरिएंट माना जा रहा, इसीलिए उम्मीद जताई जा रही है कि यह ओमीक्रॉन की तरह ही होगा, जो अन्य वेरिएंट की तुलना में ज्यादा खतरनाक नहीं है। लेकिन इसके मामले बढ़ने की वजह से देशभर में चिंता का माहौल बन गया है। अगर आकड़े देखे जाए तो भारत में वर्तमान में कोरोना के लगभग 3000 सक्रीय मामले पाए गए है, जिसमें से केरल के 300 मामले 24 घंटे में देखने को मिले हैं। लेकिन बात करे जेएन1 वैरिएंट की तो भारत में इसके कुल 26 मामले सामने आए हैं। आइए सबसे पहले यह जानते हैं कि आखिर कोरोना का यह नया वैरिएंट कहा से और कैसे आया, साथ ही इसके कौन-कौन से लक्षण है जिनपर ध्यान देना जरूरी है और इससे बचाव कैसे करें। 

कोरोना का नया वैरिएंट जेएन.1 क्या है? 

डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेन्शन सेंटर (सीडीसी) के मुताबिक, कोरोना का नया वैरिएंट जेएन1 ओमिक्रॉन का सब-वैरिएंट है जो की बीए.2.86 का हिस्सा माना जा रहा है, जिसे “पिरोला” भी कहा जाता है। डब्लूएचओ के वैज्ञानिकों के अनुसार, जेएन.1 और बीए.2.86 में सिर्फ एक स्पाइक प्रोटीन का बदलाव है। स्पाइक प्रोटीन को स्पाइक भी कहा जाता है। यह आपको किसी भी सतह पर छोटे-छोटे रूप में दिखाई देगा और इसी की वजह से यह ज्यादा तेजी और आसानी से फैलता है।

जेएन.1 कोरोना का नया वैरिएंट भारत में कहां से आया? 

कोविड के सब-वैरिएंट जेएन.1 का पहला मामला पहली बार यूरोपीय देश लक्जमबर्ग में सामने आया था। इसके बाद यह कई देशों में बढ़ने लगा और अब यह भारत में आ गया है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल के अनुसार भारत में जेएन वैरिएंट का पहला मामला 8 दिसंबर को केरल के तिरुवनंतपुरम से सामने आया था। जिसमे 79 साल की एक महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। महिला में इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी के हल्के लक्षण थे। हालांकि, बाद में वह ठीक हो गई। यह वैरिएंट अब तक कुल 41 देशों में फैल चुका है। डब्लूएचओ के अनुसार जेएन.1 मामलों के सबसे बड़े अनुपात वाले देश फ्रांस, अमेरिका, सिंगापुर, कनाडा, ब्रिटेन आदि है।

यह वैरिएंट कितना खतरनाक है? 

कोविड के नए वैरिएंट जेएन 1 एक बार फिर से देश में चिंता की स्थिति उत्पन्न कर दी है। बताया जा रहा है कि यह नया सब-वेरिएंट इम्यून सिस्टम को प्रभावित कर सकता है। इस वैरिएंट के लक्षण पुराने लक्षणों की तरह ही हैं जैसे बुखार, नाक बहना, गले में खराश, सिरदर्द और पेट दर्द व दस्त आदि शामिल हैं। लेकिन यह भी बताया गया है कि इस वैरिएंट की वजह से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की समस्याएं अधिक हो सकती हैं। वहीं रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के अनुसार ऐसा बताया गया है कि इस वैरिएंट के खतरनाक होने के कोई अभी ठोस सबूत नहीं है। साथ ही यह भी कहा गया है कि भले यह बीमारी आपके इम्यून सिस्टम पर असर डालती है लेकिन इससे कोई गंभीर बीमारी होने के मामले काफी कम सामने आए हैं। लेकिन आपको सावधानी बरतनी पड़ेगी और किसी भी तरह की लापरवाही से बचकर रहना पड़ेगा, इसलिए मास्क जरूर पहने, हाथों को साबुन से धोएं और समय-समय पर सैनिटाइज करते रहें।

जेएन.1 वैरिएंट के लक्षण 

पहले की तरह ही कोरोना के इस नए वैरिएंट के लक्षण भी एक समान हैं, यदि आपको इनका सामना करना पड़े तो तुरंत अपने नजदीकी डॉक्टर को दिखाए –

  • तेज बुखार आना 
  • लगातार बहती नाक
  • गला खराब होना
  • सिर दर्द होना 
  • कुछ मामलों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं
  • अत्यधिक थकान
  • थकावट और मांसपेशियों में कमजोरी

जेएन.1 वैरिएंट से बचने के कुछ उपाय 

  • बाहर निकलते समय मास्क जरूर पहनें  
  • बाहर से आने के बाद साबुन से हाथ धोएं 
  • खांसते और छींकते समय मुंह और नाक ढके  
  • फल-सब्जियां सब धोकर खाएं 
  • साफ कपड़े पहनें 
  • संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें 
  • सर्दी के लक्षण को नजरअंदाज न करें 
  • सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें 
  • कोविड वैक्सीन जरूर लगवाएं 

कोरोना के नए सब वैरिएंट जेएन1 के मामले बढ़ते जा रहे हैं इसलिए आपको इसके प्रति सावधानी बरतनी चाहिए और अपने परिवार को भी इससे बचाकर रखना चाहिए। इस दौरान बच्चों का खास ध्यान रखें क्योंकि सर्दी के मौसम में बच्चों की तबियत खराब होने के मामले अधिक होते हैं और उनका इम्युनिटी सिस्टम भी बड़ों के मुकाबले कमजोर होता है। यदि आपके घर में कोई छोटा बच्चा है और उसमें ऊपर दिए गए कोई भी लक्षण नजर आए तो तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाए और कोविड टेस्ट जरूर करवाएं ताकि जल्द इलाज किया जा सके। साथ ही परिवार के हर सदस्य का ध्यान रखें और एहतियात बरते। यदि अपने वैक्सीन नहीं लगवाई है तो उसे जरूर लगवाएं क्योंकि वैक्सीनेटेड लोग इसकी चपेट में कम आए हैं और उनपर इस वैरिएंट का असर कम हो रहा है।