शारदीय नवरात्रि 2023 – तिथि, मुहूर्त और महत्व

शारदीय नवरात्रि 2023 - तिथि, मुहूर्त और महत्व

हिन्दू धर्म में नवरात्रि के त्योहार का एक विशेष स्थान है। वैसे तो नवरात्रि साल में 4 बार होती है लेकिन यहाँ हम बात कर रहे हैं हिंदू कैलेंडर के अनुसार अश्विन महीने में पड़ने वाली शारदीय नवरात्रि की। इसे कुछ जगहों पर शरद नवरात्रि या अश्विन नवरात्रि भी कहा जाता है। शारदीय नवरात्रि हिन्दू पंचांग के अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक मनाई जाती है। जिस तरह हर उत्सव के पीछे कोई न कोई कथा जुड़ी हुई है उसी तरह नवरात्रि का संबंध भी माँ दुर्गा द्वारा महिषासुर राक्षस का वध करने से है। शास्त्रों और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि के 9 दिनों तक शारदीय नवरात्रि में माँ दुर्गा की उपासना करने से बहुत पुण्य मिलता है।

शारदीय नवरात्रि 2023 घटस्थापना की तिथि और महत्व

इस साल 2023 में शारदीय नवरात्रि का उत्सव 15 अक्टूबर से शुरू होगा। यानी इस प्रतिपदा तिथि होगी और इसी दिन नवरात्रि की घटस्थापना की जाती है। घटस्थापना का अर्थ होता है घट यानी मिट्टी के कलश की स्थापना करना। इसके पीछे का उद्देश्य है ब्रह्मांड में उपस्थित शक्ति का आह्वान करके उसे सक्रिय करना। इससे घर में उपस्थित पीड़ादायक तरंगें नष्ट हो जाती हैं घर में सुख-शांति तथा समृद्धि आती है। घटस्थापना में घट में मिट्टी भरकर उसमें जौ, गेहूं या पांच अथवा सात प्रकार के धान्य बोए जाते हैं।

घटस्थापना के दिन से 9 दिनों तक नवरात्रि की पूजा होती है। इस प्रकार इस साल नवरात्रि 15 से 23 अक्टूबर तक मनाई जाने वाली है और 24 अक्टूबर को विजयादशमी यानी दशहरा होगा। नवरात्रि के किस दिन कौन सी देवी की पूजा करनी है इसकी जानकारी नीचे दी गई है:

  • प्रतिपदा – 15 अक्टूबर – देवी शैलपुत्री
  • द्वितीया  – 16 अक्टूबर – देवी ब्रह्मचारिणी
  • तृतीया – 17 अक्टूबर – देवी चंद्रघंटा
  • चतुर्थी – 18 अक्टूबर – देवी कूष्मांडा
  • पंचमी – 19 अक्टूबर – देवी स्कंदमाता
  • षष्ठी – 20 अक्टूबर – देवी कात्यायनी
  • सप्तमी – 21 अक्टूबर – देवी कालरात्रि
  • अष्टमी – 22 अक्टूबर – देवी महागौरी
  • नवमी – 23 अक्टूबर – देवी सिद्धिदात्री

शारदीय नवरात्रि 2023 घटस्थापना का मुहूर्त

घटस्थापना के लिए मुहूर्त और नक्षत्र का विचार करना आवश्यक होता है। प्रतिपदा तिथि 15 अक्टूबर को सूर्योदय से पहले ही लग रही है शास्त्रों के अनुसार प्रातःकाल में कलश की स्थापना और देवी की पूजा करना सर्वोत्तम होता है। लेकिन इस वर्ष सूर्योदय से लेकर देर शाम तक चित्रा नक्षत्र है और सुबह 11:56 तक वैधृति योग बन रहा है। ऐसी स्थिति में शुभ कार्य करना वर्ज्य होता है। ऐसे में अभिजीत मुहूर्त में घटस्थापना करना सबसे उत्तम माना जाता है। अभिजीत मुहूर्त में सभी शुभ कार्य करना बहुत अच्छा कहा जाता है। यह सुबह 11:36 से दोपहर 12:24 तक रहेगा। इसलिए आप इस समय के दौरान घटस्थापना करें। हालांकि, विशेष परिस्थितियों में जब वैधृति योग और चित्रा नक्षत्र के दो चरण व्यतीत हो चुके होंगे तो भी घटस्थापना की जा सकती है।

घटस्थापना के लिए ध्यान रखने योग्य बातें

देवी माँ का आह्वान करते समय सभी बातों का पूरा ध्यान रखें और 9 दिनों तक भक्ति-भाव से उनकी उपासना करें। नीचे की लिस्ट में घटस्थापना के लिए लगने वाली आवश्यक चीजों की लिस्ट दी गई है:

  • मिट्टी, तांबा, पीतल, चांदी या अष्टधातु का कलश
  • स्वच्छ मिट्टी
  • जौ या गेहूं, बोने के लिए
  • लाल कपड़ा
  • कलावा
  • नारियल
  • आम या अशोक के पत्ते
  • कुमकुम
  • अक्षत
  • सुपारी
  • दूर्वा (दूब घास)
  • लाल पुष्प
  • सिक्का

घटस्थापना से पहले घर को स्वच्छ करना चाहिए। घर के सभी सदस्यों को नहाकर नए कपड़े पहनने चाहिए। नवरात्रि के 9 दिनों में काले रंग के कपड़े न पहनें। कलश की स्थापना करने से पहले श्रीगणेश जी की पूजा और आव्हान जरूर करें। इसे बाद विधिपूर्वक घटस्थापना करके देवी की पूजा, आरती करें और प्रसाद बांटें।

अब आप 2023 के शारदीय नवरात्रि की घटस्थापना से संबंधित सभी जरूरी बातें जानते हैं। मुहूर्त का ध्यान रखकर अपने घर में देवी माँ के उत्सव की शुरुआत करें। माँ भगवती आप पर अपनी कृपा और आशीर्वाद जरूर बरसाएंगी।

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