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कोरोना वायरस से जुड़े 8 मिथ जिन पर खुद विश्वास करने और दूसरों को बताने से बचें

जिस तरह से कोरोना वायरस के मामलों की संख्या दुनिया भर में बढ़ रही है, उसी प्रकार यह भी एक चिंता का विषय हो गया है कि लोगों में इंटरनेट के जरिए कोरोना से जुड़ी कई गलत जानकारी फैल रही हैं।  कौन सी जानकारी सही है और कौन सी गलत यह जानने के लिए यह लेख जरूर पढ़ें।

कोरोना वायरस से जुड़े कॉमन मिथ जिन पर आपको विश्वास नहीं करना चाहिए

इससे पहले कि आप किसी खबर को सुनने के बाद घबरा जाएं या व्हाट्सएप पर आए फोरवर्ड मैसेज को दूसरों को भेजें या फिर इंटरनेट के जरिए मिली जानकारी व कोरोना वायरस से बचने के अलग-अलग तरीकों पर अमल करें, हमारा सुझाव है कि उससे पहले आपको इस लेख को ध्यान से पढ़ना चाहिए। कोरोना वायरस से जुड़े वो कॉमन मिथ कौन से हैं जिन पर आपको विश्वास नहीं करना चाहिए, क्योंकि गलत जानकारी मिलना और उसे फैलाना वायरस से भी ज्यादा घातक साबित हो सकता है!

1. फेस मास्क कोरोना वायरस को रोकने के लिए 100% प्रभावी है

सबसे आम मिथ यह है कि कोरोना वायरस से खुद को बचाने के लिए फेस मास्क पहनना, इससे बचने का एक आसान तरीका है। ऐसा बिलकुल नहीं है और क्यों नहीं है, यहाँ आपको ये बताया गया है । पेपर-थिन मास्क जो आसानी से उपलब्ध होते हैं, वो छींकने या खांसने के दौरान निकलने वाले जर्म्स को ब्लाक करने में प्रभावी रूप से काम नहीं करते हैं। इसके अलावा, हममें से ज्यादातर लोग जिन्हें मास्क पहनने की आदत नहीं है, वो मास्क को ठीक करने के लिए अपने चेहरे को हाथों से छूते हैं। इससे हमारी आँखों और मुँह में जर्म्स जाने की संभावना बढ़ जाती है। हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि जब तक आपको कोई बीमारी न हो या फिर आप किसी बीमार व्यक्ति की देखभाल न कर रहे हों, तब तक आपको मास्क पहनने की कोई जरूरत नहीं। फेस मास्क के लिए केवल उन्ही लोगों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए जो दूसरों की देखभाल करते हों, जैसे कि आप जानते ही होंगे कि किस तरह से इस समय मास्क सप्लाई की कमी हो रही है।

2. कोरोना वायरस गर्म और ह्यूमिडिटी वाली जगहों पर ट्रांसमिट नहीं होता है

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्लूएचओ) के अनुसार, COVID-19 गर्म और ह्यूमिड क्षेत्रों में भी ट्रांसमिट हो सकता है। इसलिए, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस क्लाइमेट में रहते हैं, बेहतर होगा कि आप पहले से सावधानी बरतें और इसके लिए आपको अच्छे से हैंड वॉश करना चाहिए और जब भी आप खांसे या छींके तो अपना मुँह अच्छी तरह से कवर कर लें, ताकि वायरस को फैलने से रोका जा सके।

3. हॉट बाथ लेने से वायरस मर जाता है

एक बार जब कोई वायरस आपके शरीर में प्रवेश करता है, तो यह आपकी इम्युनिटी सिस्टम को कमजोर करने लगता है। तो,हॉट बाथ लेने से वायरस नहीं मरता है, क्योंकि वायरस आपके शरीर के अंदर मौजूद सेल्स के भीतर होता है। आपका शरीर अपने तापमान को खुद नियंत्रित करता है इसलिए उसे अधिक तापमान की जरूरत नहीं होती है और निश्चित रूप हॉट बाथ लेकर तो बिलकुल भी नहीं। वायरस से लड़ने का सबसे प्रभावी तरीका यह है कि आप अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह से धोएं।

4. हैंड ड्रायर्स से कोरोना वायरस मर जाते हैं

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, हैंड ड्रायर्स से कोरोना वायरस नहीं मर सकता। अपने आप को और दूसरों को सुरक्षित रखने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप अपने आसपास हाइजीन बनाए रखें और समय समय पर हैंड वॉश करते रहें या अल्कोहल-बेस्ड हैंड सेनिटाइजर से अपने हाथों को अच्छे से साफ करें। एक बार जब यह अच्छे से साफ हो जाए तो, अपने हाथों को सुखा लें।

5. शरीर पर अल्कोहल या क्लोरीन स्प्रे करने से कोरोना वायरस मर जाता है

नहीं। अल्कोहल या क्लोरीन को शरीर पर स्प्रे करने से कोरोना वायरस को दूर नहीं किया जा सकता है, जो पहले ही आपके शरीर में प्रवेश कर चुके हैं और आप ऐसा करने की कोशिश भी न करें! इन पदार्थों को स्प्रे करने से आपके कपड़ों और म्यूकस मेम्ब्रेन (यानी मुँह, आँख) को नुकसान पहुँच सकता है। क्या आप जानते हैं कि अल्कोहल और क्लोरीन दोनों चीजों को कीटाणुनाशक के रूप में फर्श साफ करने के लिए उपयोग किया जाता है, लेकिन इन्हें केवल आवश्यकतानुसार ही उपयोग करना चाहिए।

6. केवल बुजुर्ग लोगों को कोरोना वायरस हो सकता है

जबकि यह सच है कि कोरोना वायरस से बुजुर्ग लोग ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं, यह नौजवान, लोगों को उनकी इम्युनिटी मजबूत होने की वजह से कम प्रभावित करता है। फिर भी ज्यादातर बुजुर्ग लोगों को या जिन्हें पहले से स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या है और उनकी इम्युनिटी कमजोर है उन्हें कोरोना वायरस होने का खतरा अधिक होता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप इसके खतरे से बाहर हैं, आपको भी उतनी ही सावधानी बरतने की जरूरत है।

7. पालतू जानवर से भी कोरोना वायरस ट्रांसमिट हो सकता है

एक मिथ यह भी है कि पालतू जानवरों से भी कोरोना वायरस फैलता है। इसकी वजह से बहुत सारे परिवारों ने अपने घरों से उनके पालतू जानवरों को बाहर निकाल दिया। डब्ल्यूएचओ ने इस बात की पुष्टि की है कि वर्तमान में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे ये पता चल सके कि आपके पालतू जानवर को भी कोरोना वायरस हो सकता है और वो इसे आपके परिवार में भी फैला सकता है। हालांकि, आपको अपने पालतू जानवर के संपर्क में आने के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह से धोने की हमेशा सलाह दी जाती है।

8. जिन्हें कोरोना वायरस नहीं है उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग की आवश्यकता नहीं है

ऐसा सोचना बिलकुल गलत है! स्पोर्ट्स इवेंट, फेस्टिवल और कल्चरल सेलिब्रेशन को केवल इसलिए कैंसिल किया गया ताकि भीड़ को कम कर के इसे अधिक फैलने से रोका जा सके। जॉन्स हॉपकिन्स मेडिसिन के द्वारा की गई रिसर्च के मुताबिक लोगों के बीच कम से कम छह फीट की दूरी बनाए रखने से कोरोना वायरस से संक्रमित होने की संभावना कम हो जाती है। इसलिए अपने मित्रों और प्रियजनों के साथ मिलते समय सावधानी बरतें। इसके अलावा, डॉक्टर खासतौर पर इस समय सेल्फ क्वारंटीन की सलाह देते हैं, न केवल उन लोगों को जिनमें कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहे हों, बल्कि उनको भी जो अभी-अभी ऐसी जगह से यात्रा करके आए हैं, जहाँ इस वायरस का प्रकोप बहुत ज्यादा फैला हुआ है।

मौजूदा हालातों को देखते हुए, डब्ल्यूएचओ ने लोगों को सुरक्षित रखने के लिए एक मेसेजिंग सर्विस शुरू की है, जिसमें आपको कोरोना वायरस से जुड़ी जानकारी दी जाएगी। इस सर्विस के जरिए आप उन लोगों तक सही जानकारी पहुँचा सकते हैं जिन्हें इसकी आवश्यकता है। मेसेजिंग सर्विस के माध्यम से, आप कोरोना वायरस से जुड़ी हर नई जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, जिसमें कोरोना के लक्षण, सेफ्टी टिप्स और वायरस से ग्रसित लोगों की सही संख्या प्राप्त कर सकते हैं। आपको बस Hi टाइप करना होगा और फिर यह सर्विस एक्टिवेट हो जाएगी, आप मेनू ऑप्शन में जाकर COVID-19 से जुड़े अपने कोई भी सवाल वहाँ पूछ सकते हैं।

लोगों की किसी भी चीज के बारे में बताने और जानकारी देने से पहले इस बात की जांच कर लें कि आप जो भी बता रहे वो फैक्ट हैं भी या नहीं। इस समय कोरोना वायरस से जुड़ी किसी भी जानकारी को लोग बहुत आसानी से मान ले रहे हैं, इसलिए इस वक्त आप खुद को शांत करें और बिना रिसर्च और फैक्ट के किसी भी जानकारी को सच न मानें, न ही दूसरों को बताएं और कोशिश करें कि बाकी लोगों को भी ऐसा करने से रोकें।

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समर नक़वी

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