गर्भावस्था

डिलीवरी के बाद होने वाले दर्द से कैसे छुटकारा पाएं

चाहे नॉर्मल डिलीवरी हो या सिजेरियन पर हम समझ सकते हैं कि बच्चे को जन्म देना आसान नहीं है। डिलीवरी के बाद रिकवर होने में समय लगता है और कुछ मामलों में महीने भी लग सकते हैं। प्रसव के बाद महिलाओं को होने वाले संकुचन को ठीक होने में कम से कम 2-3 दिन लगते हैं। यदि गर्भावस्था के दौरान महिला को इसका अनुभव हुआ है तो बाद में यह तकलीफ बढ़ जाती है। हॉर्मोन्स में उतार चढ़ाव के कारण भी इसे समझ पाना कठिन होता है। इसके लिए आप धीरे-धीरे अपना नया रूटीन बनाएं और अपने कपड़े धुलने व खाना बनाने में परिवार से किसी की मदद लें ताकि आप अपने बच्चे की अच्छी देखभाल कर सकें। इस दौरान आप सीढ़ियां न चढ़ें व उतरें और कोई कठिन कार्य भी न करें। यह सलाह दी जाती है कि डिलीवरी के बाद आप पर्याप्त आराम करें। 

डिलीवरी के बाद महिलाओं के शरीर में दर्द क्यों होता है?

माँ बनने के अपने ही अलग चैलेंजेस हैं। इस दौरान हर दिन स्ट्रेस, नए अनुभव और बहुत सारी चिंताओं से भरपूर रहता है। डिलीवरी के बाद शरीर में दर्द होना बहुत आम है। यद्यपि बच्चे के साथ आपके रोज के कार्य थोड़े कठिन हो सकते हैं पर शरीर में दर्द होना उतना गंभीर नहीं है कि आपको मेडिकल ट्रीटमेंट लेने की जरूरत पड़े। डिलीवरी के बाद शरीर में दर्द होने के कुछ कारण निम्नलिखित हैं, आइए जानें;

1. हॉर्मोन में बदलाव की वजह से

डिलीवरी के बाद ढीली मांसपेशियां और लिगामेंट्स अपनी पोजीशन में वापस आने लगते हैं। इसकी वजह से भी शरीर में दर्द व तकलीफें होती हैं। 

2. वजन बढ़ने की वजह से

गर्भावस्था के दौरान बच्चे का वजन बढ़ने के साथ महिला का वजन भी बढ़ता है। इसकी वजह से विशेषकर घुटनों के जोड़ों में दर्द होता है। 

3. आर्थराइटिस या गठिया रोग के कारण

कुछ गर्भवती महिलाओं को जोड़ों में अचानक से दर्द होने लगता है, यह अक्सर डिलीवरी के बाद अर्थराइटिस की वजह से होता है। 

4. रीढ़ की निचली हड्डी (टेलबोन) में दर्द होने की वजह से

यदि आपको जोड़ों में छोटी लगी है या रीढ़ की निचली हड्डी में दर्द रहता है तो डिलीवरी के बाद यह दर्द अधिक बढ़ सकता है। 

5. एक्सरसाइज कम करने से

गर्भावस्था के दौरान यदि आप एक्सरसाइज नहीं करती हैं या किसी पुरानी चोट की वजह से आप एक्सरसाइज नहीं कर पाती हैं तो डिलीवरी के बाद आपको जोड़ों में दर्द हो सकता है। 

6. नया रूटीन बनाने से

बच्चे को लगातार दूध पिलाने से सोने के नियम में प्रभाव पड़ता है और यह थकान महसूस करने का एक मुख्य कारण है। इसके परिणामस्वरूप गर्भावस्था के बाद शरीर में दर्द होता है। 

डिलीवरी के बाद होने वाले दर्द और उनके उपचार

1. डिलीवरी के बाद जोड़ों में दर्द

गर्भ में बच्चे को संभालते समय आपका वजन बढ़ने लगता है जिसकी वजह से भी जोड़ों में दर्द होता है। गर्भावस्था के दौरान बच्चे का वजन बढ़ने की वजह से महिलाओं की मांसपेशियां और लिगामेंट्स ढीले पड़ जाते हैं। डिलीवरी के बाद यह सभी लिगामेंट्स और मांसपेशियां ठीक होने व अपनी पोजीशन में वापिस आने में समय लेती हैं जिसके परिणामस्वरूप दर्द होता है। 

उपचार 

आप हल्की-हल्की एक्सरसाइज करती रहें ताकि आपकी मांसपेशियों को आराम मिले। हॉट वॉटर कंप्रेस या आइस पैक से भी आपके जोड़ों का दर्द काफी हद तक ठीक हो सकता है। 

2. शरीर में दर्द

बच्चे को दूध पिलाने के कारण रूटीन बदलने की वजह से जाहिर है आपकी नींद पूरी नहीं होती होगी जिसकी वजह से आपको अत्यधिक थकान हो सकती है। 

उपचार 

गुनगुने पानी से स्नान करने से आपके शरीर की थकान कम हो सकती है। आप चाहें तो अपने शरीर की मालिश करवाएं ताकि आपको दर्द से राहत मिल सके। 

3. पीठ में दर्द

डिलीवरी के बाद पीठ में दर्द होना बहुत आम है। गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ने से महिलाओं की पीठ पर काफी असर पड़ता है। 

उपचार 

आप रोजाना तेल से पीठ की मालिश करवाएं या हॉट कंप्रेस का उपयोग करें और आप चाहें तो नियमित रूप से कुछ देर के लिए हॉट वॉटर बाथ भी ले सकती हैं। 

4. गर्भाशय में क्रैम्प आना

डिलीवरी के बाद गर्भाशय सिकुड़ने लगता है जिसकी वजह से भी महिलाओं को असुविधाएं होती हैं। यह नेचुरल प्रक्रिया है क्योंकि इस समय गर्भाशय अपनी पोजीशन में वापिस जाता है। 

उपचार 

हॉट कंप्रेस से आपको गर्भाशय में कुछ देर के लिए आराम मिल सकता है। यह सुरक्षित है और आप इसका उपयोग कई बार भी कर सकती हैं। 

5. रीढ़ की निचली हड्डी में दर्द

गर्भावस्था के दौरान ज्यादा वजन की वजह से रीढ़ की हड्डी में अधिक दबाव पड़ता है। इससे रीढ़ की सबसे नीचे वाली हड्डी प्रभावित होती है और डिलीवरी के बाद महिलाओं को इसी हड्डी में दर्द होता है। 

उपचार 

आप बैठते समय सॉफ्ट तकियां और कुशन का उपयोग करें और सख्त सतह पर बैठने से बचें। आप सिट्ज बाथ भी ले सकती हैं। यह स्नान का एक ऐसा तरीका है जिसमें आपके हिप्स पूरी तरह से पानी में रहते हैं। इससे बवासीर के कारण हो रहे दर्द में काफी आराम मिलता है। 

6. लगातार सिर में दर्द

गर्भावस्था के दौरान यदि आपको सिर में दर्द होता है तो यह बाद में भी कुछ समय तक रहेगा। यह अक्सर आपके हॉर्मोनल स्तर में बदलाव, नींद के पैटर्न और एंग्जायटी के कारण होता है। 

उपचार 

खुद को आराम देने के लिए आप सिर में बाम लगाएं। शरीर में आराम के लिए आप लैवेंडर ऑयल का उपयोग करें। 

7. अर्थराइटिस

जिन महिलाओं को पहले कभी अर्थराइटिस नहीं हुआ है उन्हें डिलीवरी के बाद यह समस्या हो सकती है।  

उपचार 

आप प्रभावित जोड़ों में हॉट कंप्रेस या आइस पैक्स का उपयोग करें। यदि आपको गंभीर रूप से दर्द होता है तो आप उपचार के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। 

8. बवासीर

यह डिलीवरी के लिए जोर लगाने के कारण मांसपेशियों में खिंचाव आने से होता है। इसकी वजह से पॉटी करते समय बहुत असुविधा होती है और इससे ब्लीडिंग व दर्द भी होता है। 

उपचार 

विच हेजेल की मदद से आपको बवासीर जैसी समस्या में आराम मिल सकता है। इससे बवासीर के कारण शरीर में खुजली और सिकुड़न कम होती है। 

डिलीवरी के बाद दर्द को मैनेज करने के टिप्स

इस दौरान आपके शरीर और रूटीन में बहुत सारे बदलाव होते हैं जिसकी वजह से यह आपके लिए चैलेंजिंग हो सकता है। यद्यपि गर्भावस्था के बाद दर्द कम होने में थोड़ा समय लगता है पर यहाँ पर हमने कुछ टिप्स बताए हैं जिनकी मदद से आपका दर्द कम होता है और आप अपने मातृत्व के सफर को पूरी तरह से एन्जॉय कर सकती हैं। वे टिप्स कौन से हैं, आइए जानें;

1. स्वस्थ आहार लें

हेल्दी डायट का सेवन करने से डिलीवरी के बाद आराम पाने में बहुत मदद मिलती है। आप हमेशा न्युट्रिशियस और हल्का खाना खाएं। डिहाइड्रेशन की वजह से भी सिर में दर्द होता है। बच्चे को दूध पिलाने के दौरान आप ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। 

2. कब्ज को ठीक करने के लिए फाइबर लें

बवासीर में अत्यधिक दर्द होता है और बॉवल मूवमेंट के दौरान कब्ज की समस्या भी बढ़ती है। आप अपने आहार में फाइबर का सेवन करें और ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। आप स्टूल सॉफ्टनर (दवाएं) का उपयोग भी कर सकती हैं। 

3. हॉट बैग या आइस बैग से सिकाई करें

कई बार शरीर व जोड़ों के दर्द में आइस पैक्स या हॉट बैग्स का उपयोग करने से बहुत आराम मिलता है। आप इसे अपने साथ रखें और जरूरत पड़ने पर इसका उपयोग करें। इससे मांसपेशियों के तनाव में आराम मिलता है। 

4. हल्की मालिश करवाएं

आप रोजाना मालिश करवाएं और खुद को ठीक करें। इससे आपका स्ट्रेस कम होने में मदद मिलेगी और यह शारीरिक दर्द में भी काफी आराम मिलता है। 

डिलीवरी के बाद शरीर में दर्द होना सामान्य है। आपको पहले की तरह सामान्य होने में कुछ समय लग सकता है। इसमें साल का लगभग दो तिहाई समय लग सकता है इसलिए डिलीवरी के बाद आप अपने शरीर को ठीक होने के लिए थोड़ा समय दें। डिलीवरी के बाद दर्द को जल्दी से जल्दी ठीक करने के लिए आपको आराम करना चाहिए। स्वस्थ आहार और स्वस्थ लाइफस्टाइल की मदद से आप बेहतर तरीके से ठीक हो सकती हैं। यद्यपि डिलीवरी के बाद दर्द और तकलीफें आम हैं इसलिए आप अपने शरीर पर ध्यान दें और समस्याओं को समझने का प्रयास करें।  यदि आपको अपने शरीर में कोई भी बदलाव नजर आते हैं, जैसे सूजन, लालपन या बुखार तो आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। वैसे तो कुछ सप्ताह में यह दर्द ठीक हो जाता है पर कई बार इसे उपचार की जरूरत भी होती है। आप अपने स्वास्थ्य का खयाल रखें और अपनी मातृत्व को एन्जॉय करें। 

यह भी पढ़ें:

सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद पैर-दर्द के कारण
डिलीवरी के बाद हॉर्मोन में बदलाव
डिलीवरी के बाद होने वाले 20 कॉम्प्लिकेशन और उनके समाधान

सुरक्षा कटियार

Recent Posts

मदर्स डे पर 30 फनी व मजेदार लाइन्स जो ला दे आपकी माँ के चेहरे पर मुस्कान

माँ एक परिवार के दिल की धड़कन होती है। यह वो प्राकृतिक ताकत है जो…

2 hours ago

इस साल मदर्स डे सेलिब्रेट कैसे करें?

मदर्स डे पर हर बार वही ग्रीटिंग कार्ड और फूल गिफ्ट करना बहुत कॉमन हो…

16 hours ago

30 सबसे अलग माँ के लिए गिफ्ट आइडियाज

माएं हमेशा अपने बच्चों की इच्छाओं और जरूरतों को समझ जाती हैं, और इसलिए यह…

16 hours ago

मातृ दिवस पर 30 सबसे नई कविताएं

पूरी दुनिया में माँ की उस भूमिका को सेलिब्रेट करने के लिए मदर्स डे मनाया…

16 hours ago

मिट्टी के खिलौने की कहानी | Clay Toys Story In Hindi

इस कहानी में एक कुम्हार के बारे में बताया गया है, जो गांव में मिट्टी…

5 days ago

अकबर-बीरबल की कहानी: हरा घोड़ा | Akbar And Birbal Story: The Green Horse Story In Hindi

हमेशा की तरह बादशाह अकबर और बीरबल की यह कहानी भी मनोरंजन से भरी हुई…

5 days ago