डिलीवरी के बाद स्तनों में होने वाले आम बदलाव

डिलीवरी के बाद स्तनों में होने वाले 10 सामान्य बदलाव

गर्भावस्था के दौरान और डिलीवरी के बाद महिलाओं को जो एक महत्वपूर्ण एडवांटेज मिलता है, वह है उनके स्तनों के आकार में वृद्धि। हालांकि, ब्रेस्ट का साइज बढ़ने से वे महिलाएं ज्यादा खुश हो जाती हैं जिनका साइज पहले से छोटा था। वहीं दूसरी ओर वैसी महिलाएं जिनका आकर पहले से ही बड़ा था वह और ज्यादा बड़ा हो जाता है और वह उसे करने की उपयों में जुट जाती हैं। कुछ मामलों में एक्सरसाइज और योग काम करते हैं। स्तनों में होने वाले सभी प्रकार के बदलाव साइज से संबंधित नहीं होते हैं।

डिलीवरी के बाद स्तनों में कैसे बदलाव आते हैं?

गर्भावस्था के दौरान ही स्तनों के आकार और उसके रूप में कई तरह के बदलाव आना शुरू हो जाते हैं, फिर बच्चे के जन्म के बाद स्तनों में होने वाले बदलावों का अगला चरण शुरू हो जाता है। स्तनों में होने वाले कुछ परिवर्तन समय के साथ फिर नॉर्मल हो जाते हैं, जबकि दूसरे मामलों में उनके लिए कोई उपाय खोजने की जरूरत हो सकती है।

1. स्तनों का बढ़ता आकार

गर्भावस्था के दौरान स्तनों का आकार बढ़ता रहता है ताकि, बच्चे को जन्म के बाद उसे स्तनपान कराने में मदद मिल सके, इनका आकार डिलीवरी के बाद भी थोड़ा बढ़ता रहता है।

ऐसा क्यों होता है

गर्भावस्था के दौरान माँ के द्वारा लिया जाने वाला भोजन उनके वजन बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है, जिसका असर स्तनों के आकार पर भी होना शुरू हो जाता है। उसी प्रकार, हार्मोन के कारण भी शरीर में काफी बदलाव आते हैं।

आपको क्या करना चाहिए

उन खाद्य पदार्थों का सेवन करने का प्रयास करें जो पौष्टिक हो और साथ ही आपके वजन को मेन्टेन करने में आपकी मदद करे। ऐसी ब्रा खरीदें जो आरामदायक हो और बिना किसी परेशानी के आपके बड़े स्तनों को सहारा दे सके।

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2. बम्पी निपल्स

गर्भधारण करते ही, कुछ समय के बाद ब्रेस्ट के एरीओला के आसपास का हिस्सा गहरा काला होने लगता है। और इस समय पर निप्पल भी उभरने लगते हैं। कुछ समय बाद आपको निप्पल के आसपास छोटे बम्प भी नजर आने लगेंगे।

ऐसा क्यों होता है

स्तनों और निप्पल में होने वाले कई प्रकार के बदलाव बच्चे को जन्म के बाद उसे आसानी से निप्पल मुँह में पकड़ने और लैच करने में मदद करते हैं। इस समय बच्चों की दृष्टि और सेंसरी परसेप्शन विकसित हो रही होती है, इसमें ये बम्पी निप्पल्स उन्हें मदद करते हैं।

आपको क्या करना चाहिए

केवल समय के साथ ही यह बदलाव वापस ठीक होते हैं। बच्चे के जन्म के बाद, आपके निपल्स कुछ महीनों के बाद पहले जैसे हो जाएंगे, इसके बाद धीरे धीरे करके स्तनों के अन्य क्षेत्र भी ठीक होने लगेंगे।

3. ब्रेस्ट पर स्ट्रेच मार्क 

गर्भावस्था के दौरान शरीर और पेट काफी बढ़ जाते हैं। ज्यादातर गर्भवती महिलाओं को पेट पर होने वाले स्ट्रेच मार्क्स के बारे में पता होता है। लेकिन यह स्ट्रेच मार्क्स स्तनों पर देखना आपको चिंतित कर सकता है। 

ऐसा क्यों होता है

सभी माओं के स्तनों पर स्ट्रेच मार्क्स हो ऐसा जरूरी नहीं है, यह हेरेडिटरी की वजह से भी होता है। आपकी त्वचा लोचदार हो सकती है, जिसकी वजह से यह दूसरों की तुलना में ज्यादा फैलती है और रिलैक्स करती है और इसकी वजह से जब वजन बढ़ता है तो तो स्ट्रेच मार्क और स्पष्ट हो जाते हैं।

आपको क्या करना चाहिए

इस तरह की स्थिति में सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप अपने वजन को ध्यान में रखें और हेल्दी खाना खाएं। ज्यादातर स्ट्रेच मार्क्स एक साल के अंदर हल्के हो जाते हैं या चले जाते हैं। आप चाहें तो बाद में स्किन ट्रीटमेंट भी ले सकती हैं ।

Stretch Marks On Breasts

4. असंतुलित स्तन 

स्तन हमेशा परफेक्ट नहीं होते हैं। हो सकता है कि आप खुद अपने स्तन में होने वाले बदलाव को महसूस करें, लेकिन संभव है कि यह बदलाव आपको तुरंत नजर न आए या स्पष्ट न हो। हालांकि, गर्भावस्था के बाद, आपको यह साफ तौर असंतुलित और लटका हुआ नजर आने लगेगा।

ऐसा क्यों होता है

स्तनों का असंतुलित आकार का कारण दोनों तरफ के ब्रैस्ट टिश्यू का एक सामान अनुपात में बटे न होने की वजह से होता है। इसके लिए हार्मोन भी जिम्मेदार होते हैं। इसलिए, बड़ा स्तन पहले से कहीं ज्यादा बड़ा लगने लगता है और यह बदलाव साफ तौर से नजर आने लगता है।

आपको क्या करना चाहिए

गर्भावस्था के दौरान स्तनों में होने वाली वृद्धि सामान्य है और ऐसा कोई तरीका नहीं है जो इस दौरान स्तनों के विकास को रोकने में सहायक हो। सही ब्रा पहनने से शुरूआती हफ्तों में स्तनों का आकार दिखने में बेहतर होता है। आने वाले महीनों में आपके स्तन अपनी सामान्य स्थिति में वापस लौटने लगते हैं।

5. सैगी ब्रैस्ट 

गर्भावस्था के बाद के स्तनों में आने वाले सबसे बड़े परिवर्तनों में से एक है उनका सैगी हो जाना या लटक जाना। गर्भावस्था के दौरान स्तनों का बढ़ता आकार कई महिलाओं के लिए बहुत अच्छा होता है। लेकिन सैगी ब्रैस्ट के कारण यह आपके शरीर को काफी प्रभावित कर सकता है। 

ऐसा क्यों होता है

वजन में वृद्धि, ब्रैस्ट टिश्यू का विकास, लोचदार त्वचा आदि सैगी ब्रैस्ट के लिए जिम्मेदार होते हैं। जिन महिलाओं के स्तन पहले से बड़े होते हैं उन्हें सैगी ब्रैस्ट का अनुभव होने की अधिक संभावना होती है। हेरेडीटरी के कारण भी ऐसा हो सकता है।

आपको क्या करना चाहिए

यदि आप चाहती हैं कि सैगी ब्रैस्ट खराब न दिखें तो इसके लिए आपको सही ब्रा पहनना होगा और साथ ही साथ आपको अपनी डाइट भी कंट्रोल में रखना होगा, ताकि यह और खराब न दिखें । कुछ क्रीम या तकनीक से आप त्वचा को टाइट कर सकती हैं, लेकिन यह उपाय कुछ ही समय के लिए काम करते हैं।

Sagging Breasts

6. बड़े और दर्द वाले स्तन 

गर्भावस्था के दौरान तो स्तनों के आकार में वृद्धि होती ही है। हालांकि, डिलीवरी के बाद भी कई महिलाओं के स्तन बढ़ते रहते हैं जो एक समय के बाद काफी तकलीफदेह हो जाते हैं और आपको इससे काफी दर्द महसूस होता है।

ऐसा क्यों होता है

बच्चे के जन्म के बाद स्तनपान की प्रक्रिया शुरू हो जाती है और कई बार स्तनों में बहुत ज्यादा दूध भर जाने की वजह से स्तनों पर बहुत ज्यादा स्ट्रेस पड़ने लगता है और बहुत ज्यादा फ्लो के कारण आपको दर्द का अनुभव होता है। आप यह रिसाव कई बार देख सकती हैं।

आपको क्या करना चाहिए

दूध को पंप कर के निकालना और उसे स्टोर करना आपके बढ़ते स्तनों के दर्द से कुछ राहत दिलाने में मदद कर सकता है। यदि यह संभव न हो, तो आप ब्रा में आइस पैक या फ्रोजन पत्तागोभी का प्रयोग कर के दर्द को कम करने में मदद कर सकती हैं। 

7. ब्लॉक्ड मिल्क डक्ट

दूध का उत्पादन काफी रोचक प्रक्रिया है। इसकी वजह से कुछ महिलाएं यह नहीं समझ पाती हैं कि उनके ठीक से स्तनपान कराने के बावजूद भी दूध नलिकाएं (मिल्क डक्ट) क्यों ब्लाक हो जाता है ।

ऐसा क्यों होता है

ऐसे मामले ज्यादातर गलत ब्रा पहनने की वजह से सामने आते हैं। जो महिलाएं डिलीवरी के बाद वायर वाली ब्रा पहनती हैं उनमें मिल्क डक्ट होने का खतरा अधिक होता है जो ब्रेस्ट के अंदर स्थित होता है। इसकी वजह से दूध का फ्लो भी रुक जाता है। 

आपको क्या करना चाहिए

कॉटन की ब्रा खरीदें ताकि इससे आपकी त्वचा को कोई नुकसान न हो। बाजार में विशेष रूप से फीडिंग ब्रा उपलब्ध होती है जो आपके स्तनों को अच्छी तरह से सपोर्ट करती है।

Blocked Milk Ducts

8. निपल्स में घाव और क्रैक 

गर्भावस्था के दौरान और बच्चे के जन्म के बाद भी निपल्स को कई बदलाव से गुजरना पड़ता है। अन्य परिवर्तनों से गुजरने के कारण आपके निपल्स में क्रैक (दरार) पड़ने लगती है और घाव हो जाता है जिसकी वजह से आपको बहुत ज्यादा दर्द महसूस होता है।

ऐसा क्यों होता है

आपको थोड़े बहुत दर्द का अनुभव होना सामान्य है जब आपके स्तन बड़े पैमाने पर बदलावों का सामना कर रहे होते हैं। हालांकि, यदि यह घाव या क्रैकिंग गंभीर हो जाती है तो यह इस बात का संकेत है कि आपका बच्चा ठीक से स्तनपान नहीं कर पा रहा होगा या निपल को आसानी से लैच नहीं कर पा रहा होगा।

आपको क्या करना चाहिए

निपल्स में होने वाली जलन को रोकने के लिए इस बात का ख्याल रखें कि आपका बच्चा स्तनपान करते समय सही तरीके से दूध पिए। कुछ ऐसी क्रीम और मलहम हैं जिनका उपयोग करके आप निपल्स में होने वाली जलन और दर्द को शांत कर सकती हैं, जो बच्चे के लिए भी सुरक्षित होता है।

9. मैस्टाइटिस

निपल्स बाहर की ओर निकालने लगते है और एरीओला का रंग गहरा होने लगता है, बच्चे के जन्म के बाद यह स्तन पर कई बम्प्स आने लगते हैं। इन सभी परिवर्तनों के बीच, आप अपने स्तनों पर एक गहरे लाल रंग का धब्बा देख सकती हैं, जिससे आपको काफी दर्द होता और तुरंत सूजन आने लगती है।

ऐसा क्यों होता है

स्तनपान कराने की वजह से आपके स्तन लगातार दूध और लार के संपर्क में आ रहे होते हैं। यदि गलत तरीके से स्तनपान करने के कारण आपके निप्पल में घाव हो जाता है या क्रैक हो जाता है, तो इससे उस पूरे क्षेत्र में बैक्टीरिया फैलने की संभावना बढ़ जाती है, जिसकी वजह से मैस्टाइटिस नामक इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।

आपको क्या करना चाहिए

मैस्टाइटिस होने का मुख्य कारण ब्लॉक्ड मिल्क डक्ट है। सुनिश्चित करें कि आप अपने स्तनों को नियमित रूप से पंप करके दूध को स्टोर करती रहें, ताकि इसको किसी एक जगह पर जमने से रोका जा सके ।

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10. एब्सेस

आमतौर पर इसे मैस्टाइटिस होने के बाद देखा जाता है, ऐसे मामले हो सकती हैं जहाँ शुरुआत में दिखने वाला लाल धब्बे पीले में बदल जाते हैं और इसमें घाव हो जाता है या यह मवाद से भरी गांठ का भी रूप ले सकता है।

ऐसा क्यों होता है

अगर आप मैस्टाइटिस की समस्या को नजरंदाज करती हैं और तुरंत इसका इलाज नही कराती हैं तो हालात और भी खराब हो सकते हैं। यह आपके लिए काफी पीड़ादायक हो सकता है और बच्चे के लिए भी हाइजीनिक नहीं होता है, क्योंकि उसका मुँह मवाद से भरे क्षेत्र की ओर भी जा सकता है। 

आपको क्या करना चाहिए

डॉक्टरों सूजन को कम करने के लिए और इन्फेक्शन का इलाज करने के लिए सर्जरी कर सकते हैं। कई बार, मवाद को निकालने के लिए सुई का उपयोग भी किया जाता है।

क्या डिलीवरी के बाद होने वाले स्तनों में परिवर्तन परमानेंट होते हैं?

डिलीवरी के बाद अपने स्तन के आकार को कम करने के लिए आप एक्सरसाइज करना शुरू कर सकती हैं, जो आपके लिए एक अच्छा विकल्प है। ज्यादातर होने वाले स्तनों में परिवर्तन कुछ महीनों के बाद दूर हो जाते हैं, जबकि उनमें से कुछ बदलाव हमेशा के लिए रह जाते हैं। लेकिन ऐसे कई तरीके हैं जिनसे आपके ब्रेस्ट का आकार जिनता ज्यादा हो सके बेहतर किया जा सकता है।

गर्भावस्था के बाद स्तन का आकार कैसे मेन्टेन रखें?

अपने स्तनों की देखभाल करना और यह सुनिश्चित करना कि वे गर्भावस्था के बाद भी पहले जैसे आकर्षक दिखें तो, उसके लिए आपको कुछ टिप्स बताई गई जिसे आप आसानी से अजमा सकती हैं।

  • एक्सरसाइज करना शुरू करें और उन क्षेत्रों पर विशेष रूप ध्यान दें जो आपके स्तन की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करते हैं। ये आपके स्तनों को अच्छा आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  • जब आप गर्भावस्था के बाद जल्दी अपना वजन कम करना चाहती हैं, तो आपको बहुत ज्यादा आहार का सेवन नहीं करना चाहिए। अचानक से वजन कम होने के कारण भी आपके स्तनों पर इसका असर पड़ सकता है। बेहतर होगा कि आप इसके बजाय स्वस्थ भोजन का विकल्प चुनें।
  • स्तन के आसपास के क्षेत्र का ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होने से यह उन्हें फिर से जीवंत करने में मदद करता है। अपने शरीर के माध्यम से ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने के लिए अपने स्नान के दौरान वैकल्पिक रूप से गर्म और ठंडे पानी का प्रयोग करें।
  • कई बार, स्तन भी कठोर हो जाते हैं और उनमें दर्द होता है। ऐसे मामलों में स्तनों की हलकी मालिश कर के इसे ठीक किया जा सकता है।
  • हार्डवायर वाली ब्रा न पहने। इसके बजाए खासतौर स्तनपान कराने वाली ब्रा या फिर कॉटन ब्रा पहने, ताकि आपके स्तनों का आकार बना रह सके।

अलग-अलग एक्सरसाइज और उपायों के बाद अक्सर महिलाएं यह जानना चाहती हैं कि उनके स्तनों का आकार डिलीवरी के बाद कम हुआ या नहीं, खासकर अगर उनके स्तनों का आकार पहले से ही बड़ा रहा हो। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि गर्भावस्था के दौरान आपका शरीर बहुत सारे बदलाव से गुजरता है और इसलिए यह बहुत जरूरी है कि सबसे पहले इस बात पर ध्यान दिया जाए कि आपका शरीर फिट और स्वस्थ्य रहे ।

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