नवरात्रि के शुभ अवसर पर हर भक्त माँ दुर्गा की श्रद्धा और भक्ति में लीन होकर बस माँ का नाम ले रहा है, नवरात्रि का पर्व केवल किसी धर्म विशेष को संबोधित नहीं करता है बल्कि देवी के यह नौ रूप समस्त संसार के लिए प्रेरणा है और जब जब दुनिया में अत्याचार और अधर्म बढ़ेगा तब तब माँ धरती पर दुष्टों का सर्वनाश करने के लिए किसी न किसी अवतार में आती हैं। इस लेख में दुर्गा पूजा के लिए विशेष रूप से कई बेहतरीन भजन दिए गए हैं, लेकिन क्योंकि श्री गणेश की आरती से पूजा का आरंभ होता है इसलिए आपके लिए सबसे पहले प्रस्तुत किया जाने वाला भजन गणेश जी से संबंधित है, उसके बाद दुर्गा माँ की आरती से शुरू करते हुए कई भजन इस लेख में दिए गए हैं, आप माँ को अपने घर में आमंत्रित करने के लिए कोई कसर न छोडें, इन भजन के माध्यम से भक्त माँ के दर्शन की गुहार लगाते हैं, अपने दुखों का निवारण करने के लिए माँ से प्रार्थना करते हैं, एक ओर जहाँ कीर्तन में माँ के कोमल मन और उनकी महानता का उल्लेख किया गया है तो दूसरी ओर वो कैसे माँ काली का भी रूप ले कर पापीयों का नाश करती हैं यह भी वर्णन किया गया है। इस प्रकार आप खुद को माँ से अलग-अलग भाव के साथ जोड़ सकते हैं। इस नवरात्रि हम सब माँ दुर्गा से वादा करें कि जब जब अधर्म बढ़ेगा हम उसके विरुद्ध खड़े होंगे व बुराई का अंत करेंगे और इसकी शुरुआत हम अपने अंदर की बुराइयों का नाश करने से शुरू करेंगे। एक सच्चा भक्त वही है जिसके कर्मों में भक्ति दिखाई दें। तो आइए अपनी आवाजों को बुलंद करते हुए दुर्गा माँ के लिए भजन मिलकर गाएं।
यहाँ आयोजित होने वाली दुर्गा पूजा के लिए 10 बेहतरीन भजन की लिस्ट दी गई, आप इन भजनों के साथ इस नवरात्रि अपने घर की रौनक को और भी ज्यादा बढ़ा सकते हैं, इस लिस्ट में सबसे पहले गणेश जी की आरती बताई जा रही है जो कुछ इस प्रकार हैं:
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी,
माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी,
पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा।
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया,
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी,
कामना को पूर्ण करो जय बलिहारी।
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी,
तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिव री, जय अम्बे गौरी।
मांग सिंदूर बिराजत, टीको मृगमद को,
उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रबदन नीको, जय अम्बे गौरी।
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै,
रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै, जय अम्बे गौरी।
केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी,
सुर-नर मुनिजन सेवत, तिनके दुःखहारी, जय अम्बे गौरी।
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती,
कोटिक चंद्र दिवाकर, राजत समज्योति, जय अम्बे गौरी।
शुम्भ निशुम्भ बिडारे, महिषासुर घाती,
धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती, जय अम्बे गौरी।
चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे,
मधु कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे, जय अम्बे गौरी।
ब्रह्माणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी,
आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी, जय अम्बे गौरी।
चौंसठ योगिनि मंगल गावैं, नृत्य करत भैरू,
बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू, जय अम्बे गौरी।
तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता,
भक्तन की दुःख हरता, सुख संपत्ति करता, जय अम्बे गौरी।
भुजा चार अति शोभित, खड्ग खप्परधारी,
मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी, जय अम्बे गौरी।
कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती,
श्री मालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति, जय अम्बे गौरी।
या अम्बे जी की आरती जो कोई नर गावै।
कहत शिवानंद स्वामी, सुख-सम्पत्ति पावै, जय अम्बे गौरी।
भोर भई दिन चढ़ गया, मेरी अम्बे,
हो रही जय जय कार मंदिर विच,
आरती जय माँ,
हे दरबारा वाली, आरती जय माँ,
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ।
काहे दी मैया तेरी आरती बनावा, X2
काहे दी पावां विच बाती मंदिर विच,
आरती जय माँ,
सुहे चोलेयाँवाली आरती जय माँ,
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ।
सर्व सोने दी तेरी आरती बनावा, X2
अगर कपूर पावां बाती मंदिर विच,
आरती जय माँ,
हे माँ पिंडी रानी आरती जय माँ,
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ।
कौन सुहागन दिवा बालेया, मेरी मैया, X2
कौन जागेगा सारी रात मंदिर विच,
आरती जय माँ,
सच्चियां ज्योतां वाली आरती जय माँ,
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ।
सर्व सुहागिन दिवा बलिया मेरी मैया, X2
ज्योत जागेगी सारी रात मंदिर विच,
आरती जय माँ,
हे माँ दुर्गा रानी आरती जय माँ,
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ।
जुग जुग जीवे तेरा जम्मुए दा राजा, X2
जिस तेरा भवन बनाया,
मंदिर विच आरती जय माँ,
हे मेरी अम्बे रानी आरती जय माँ,
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ।
सिमर चरण तेरा ध्यानु यश गावे,
जो ध्यावे सो, यो फल पावे,
रख बाणे दी लाज मंदिर विच,
आरती जय माँ,
सोहनेया मंदिरां वाली आरती जय माँ।
भोर भई दिन चढ़ गया, मेरी अम्बे, X2
हो रही जय जय कार मंदिर विच,
आरती जय माँ,
हे दरबारा वाली, आरती जय माँ,
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ।
माँ मेरी माँ, माँ मेरी माँ….
ओ मेरे नैनों की प्यास बुझादे,अब तो मैया जी दरस करादे।
तेरे दर आएंगे, झोली फैलाएंगे,
ओ मेरे नैनों की प्यास बुझादे,अब तो मैया जी दरस करादे।
तड़प रहा है मेरा मनवा, सुना मेरे घर का अंगना,
अब तो आजाओ माँ, कर दो अहसान माँ,
ओ मेरे नैनों की प्यास बुझादे, अब तो मैया जी दरस करादे।
माँ मेरी माँ, माँ मेरी माँ…
मेरी अर्जी न ठुकराना, मुझको मैया गले लगाना,
होके सिंघ पे सवार, करदो माँ बेड़ापार,
ओ मेरे नैनों की प्यास बुझादे, अब तो मैया जी दरस करादे।
मेरी मुरादें पूरी करदो, अब तो मैया झोली भरदो,
तेरे दर आएंगे, झोली फैलाएंगे,
ओ मेरे नैनों की प्यास बुझादे, अब तो मैया जी दरस करादे।
तेरे दर आएंगे, झोली फैलाएंगे,
ओ मेरे नैनों की प्यास बुझादे,अब तो मैया जी दरस करादे।
माँ मेरी माँ, माँ मेरी माँ…
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
तेरे भक्तजनो पर माता, भीड़ पड़ी है भारी, भीड़ पड़ी है भारी,
दानव दल पर टूट पड़ो, माँ करके सिंह सवारी, करके सिंह सवारी,
सौ-सौ सिहों से भी बलशाली, हे दस भुजाओं वाली।
दुखियों के दुखड़े निवारती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
माँ-बेटे का है इस जग मे, बड़ा ही निर्मल नाता, बड़ा ही निर्मल नाता,
पूत-कपूत सुने है, पर ना माता सुनी कुमाता, माता सुनी कुमाता,
सब पे करूणा दर्शाने वाली, अमृत बरसाने वाली,
दुखियों के दुखडे निवारती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
नहीं माँगते धन और दौलत, न चाँदी न सोना, न चाँदी न सोना,
हम तो माँगें माँ तेरे चरणों में, छोटा सा कोना, इक छोटा सा कोना,
सबकी बिगड़ी बनाने वाली, लाज बचाने वाली, सतियों के सत को सवांरती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती,
ओ अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती। X4
तेरे दर का मैं बनके सवाली मैया जी तेरे द्वार आ गया,
मेरी अर्ज सुनो माँ झंदेवाली मैया जी तेरे द्वार आ गया,
तेरे मंदिरों की मैया शोभा नयारी,
दर पे जो आया कभी दीन भिखारी,
गया दर से कभी न कोई खाली,
मैया जी तेरे दवार आ गया।
तेरे पुजारियों को मिले तेरा प्यार माँ,
रहमतो के खोल दे अब तो भण्डार माँ,
तूने पल में ही झोली भर डाली,
मैया जी तेरे दवार आ गया।
चंचल ने नीरज को रस्ता ये बता दिया,
झंदेवाली मैया का पता समजा दिया,
तेरे घर आएगी खुशहाली,
मैया जी तेरे द्वार आ गया।
कभी दुर्गा बनके कभी काली बनके चली आना मैया जी चली आना,
तुम दुर्गा रूप मैं आना तुम दुर्गा रूप मैं आना।
सिंह साथ ले के चक्कर हाथ लेके चली आना मैया जी चली आना,
कभी दुर्गा बनके कभी काली बनके चली आना मैया जी चली आना।
तुम काली रूप मैं आना तुम काली रूप मैं आना,
तुम काली रूप मैं आना तुम काली रूप मैं आना।
खप्पर हाथ लेके योगी साथ लेके चली आना मैया जी चली आना,
कभी दुर्गा बनके कभी काली बनके चली आना मैया जी चली आना।
तुम शीतला रूप मैं आना तुम शीतला रूप मैं आना,
तुम शीतला रूप मैं आना तुम शीतला रूप मैं आना।
झाड़ू हाथ ले के गदा साथ ले चली आना मैया जी चली आना,
कभी दुर्गा बनके कभी काली बनके चली आना मैया जी चली आना।
तुम गौरा रूप मैं आना तुम गौरा रूप मैं आना,
तुम गौरा रूप मैं आना तुम गौरा रूप मैं आना।
माला हाथ लेके गणपति साथ लेके चली आना मैया जी चली आना,
कभी दुर्गा बनके कभी काली बनके चली आना मैया जी चली आना।
तुम ब्रह्मचारिणी रूप मैं आना तुम ब्रह्मचारिणी रूप मैं आना,
तुम ब्रह्मचारिणी रूप मैं आना तुम ब्रह्मचारिणी रूप मैं आना।
भक्ति हाथ लेके शक्ति साथ लेके चली आना मैया जी चली आना,
कभी दुर्गा बनके कभी काली बनके चली आना मैया जी चली आना।
कभी दुर्गा बनके कभी काली बनके चली आना मैया जी चली आना,
तुम दुर्गा रूप मैं आना तुम दुर्गा रूप मैं आना।
तेरी गोद में सर है मैया,
अब मुझको क्या डर है मैया। X2
दुनिया नजरें फेरे तो फेरे,
दुनिया नजरें फेरे तो फेरे,
मुझपे तेरी नजर है मैया,
तेरी गोद में सर है मैया,
अब मुझको क्या डर है मैया।
मैया तेरी जय जयकार। X4
तेरा दरस यहाँ भी है,
तेरा दरस वहाँ भी है,
तेरा दरस यहाँ भी है,
तेरा दरस वहाँ भी है,
हर दुःख से लड़ने को मैया,
तेरा एक जय कारा काफी है, काफी है।
मैया तेरी जय जयकार,
मैया तेरी जय जयकार।
दिल में लगा तेरा दरबार,
मैया तेरी जय जयकार।
मैं संतान तू माता,
तू मेरी जीवन दाता। X2
जग में सबसे गहरा मैया,
तेरा और मेरा है नाता, है नाता।
मैया तेरी जय जयकार। X4
हो तेरी गोद में सर है मैया,
अब मुझको क्या डर है मैया।
दुनिया नजरें फेरे तो फेरे,
दुनिया नजरें फेरे तो फेरे,
मुझपे तेरी नज़र है मैया,
तेरी गोद में सर है मैया,
अब मुझको क्या डर है मैया।
मैया तेरी जय जयकार। X8
जय माता दी प्यारे जय कार लगाएगा,
माता रानी को तू तेरे पास पाएगा,
जय माता दी प्यारे जय कार लगाएगा।
जयकारे से भक्तों शक्ति मिल जाती है,
माता के चरणों की भक्ति मिल जाती है।
जितनी ऊंचे प्यारे जय कार लगाएगा,
माता रानी को तू तेरे पास पाएगा।
ये मेहरावाली माँ भक्तों की सुनती है,
जो दिल से याद करे दुखड़ो को हरती है।
सांचे मन से प्यारे माता को बुलाएगा,
माता रानी को तू तेरे पास पाएगा।
जयकारे से मेरी माँ खुश हो जाती है,
भक्तों की गूंज सुने माँ दौड़ी आती है।
जयकारे से माँ का आसन हिल जाएगा,
जय माता दी प्यारे जय कार लगाएगा।
मेरी झोली छोटी पड़ गई रे इतना दिया मेरी माता,
मेरी बिगड़ी माँ ने बनाई सोई तकदीर जगाई,
ये बात ना सुनी सुनाई मैं खुद बीती बतलाता रे इतना दिया मेरी माता,
मेरी झोली छोटी पड़ गई रे इतना दिया मेरी माता।
मान मिला सम्मान मिला, गुणवान मुझे संतान मिली,
धन धान मिला, नित ध्यान मिला, माँ से ही मुझे पहचान मिली,
घरबार दिया मुझे माँ ने, बेशुमार दिया मुझे माँ ने,
हर बार दिया मुझे माँ ने, जब जब मैं मागने जाता, मुझे इतना दिया मेरी माता,
मेरी झोली छोटी पड़ गई रे इतना दिया मेरी माता।
मेरा रोग कटा मेरा कष्ट मिटा, हर संकट माँ ने दूर किया,
भूले से जो कभी गुरुर किया, मेरे अभिमान को चूर किया,
मेरे अंग संग हुई सहाई, भटके को राह दिखाई,
क्या लीला माँ ने रचाई, मैं कुछ भी समझ ना पाता, मुझे इतना दिया मेरी माता,
मेरी झोली छोटी पड़ गई रे इतना दिया मेरी माता।
उपकार करे भव पार करे, सपने सब के साकार करे,
ना देर करे माँ मेहर करे, भक्तो के सदा भंडार भरे,
महिमा निराली माँ की, दुनिया है सवाली माँ की,
जो लगन लगा ले माँ की, मुश्किल में नहीं घबराता रे,
मेरी झोली छोटी पड़ गई रे इतना दिया मेरी माता।
कर कोई यतन ऐ चंचल मन, तूँ होके मगन चल माँ के भवन,
पा जाए नैयन पावन दर्शन, हो जाए सफल फिर ये जीवन,
तू थाम ले माँ का दामन, ना चिंता रहे ना उलझन,
दिन रात मनन कर सुमिरन जा कर माँ कहलाता मुझे इतना दिया मेरी माता,
मेरी झोली छोटी पड़ गई, रे इतना दिया मेरी।
तेरे मंदिरों की शान निराली,
हे माँ, तेरे मंदिरों की…
तेरे मंदिरों की शान निराली,
द्वार तेरे रंग बरसे, महारानीये..
द्वार तेरे रंग बरसे, महारानीये…
शेरावालिये, ज्योतावालिये..
जय माँ, जय माँ!
मैया मन की मुरादें, पूरी करती,
हे माँ!
मैया मन की मुरादें, पूरी करती…
सबकी माँ भरे झोलियाँ, महारानिये…
शेरोवालिये, मेहरावालिये…
शेरावालिये, ज्योतावालिये…
जय माँ, जय माँ!
लाल चनुरी, लाल चूड़ियां,
हे माँ लाल चुनरी..
लाल चनुरी चढाउ, लाल चूड़ियां,
मेहंदी लगाऊं हाथों पे,
शेरावालिये,
शेरोवालिये, मेहरावालिये,
शेरावालिये, ज्योतावालिये।
जय माँ, जय माँ।
बाजे ढोल नगाड़े, शहनाइयां,
हे माँ, बाजे ढोल ,
बाजे ढोल नगाड़े, शहनाइयां,
मैया तेरे मंदिरों में लाटावालिये,
शेरावालिये,
शेरोवालिये, मेहरावालिये,
शेरावालिये, ज्योतावालिये।
जय माँ, जय माँ।
चाँद धरती सितारों में तू है,
बास तेरा कण कण में, अम्बे रानिये,
अम्बे रानिये, ज्योता वालिये।
रघुवंशी ने अर्जी लगाईं, हे माँ,
सरजीवन ने अर्जी लगाईं,
मैया फ़रियाद सुनों जी, महारानिये,
चरणों का प्यार दे दो, महारानिये,
शेरावालिये,
शेरोवालिये, मेहरावालिये,
पहाडावालिये शेरावालिये,
जय माँ, जय माँ।
तेरी गोद में सर है मैया
अब मुझको क्या डर है मैया
तेरी गोद में सर है मैया
अब मुझको क्या डर है मैया
दुनियाँ नज़रें फेरे तो फेरे
दुनियाँ नज़रें फेरे तो फेरे
मुझपे तेरी नज़र है मैया
तेरी गोद में सर है मैया
अब मुझको क्या डर है मैया
मैया तेरी जय जयकार * 4
तेरा दरस यहाँ भी है
तेरा दरस वहाँ भी है * 2
हर दुःख से लड़ने को मैया
तेरा एक जय कारा काफी है, काफी है
मैया तेरी जय जयकार * 2
दिल में लगा तेरा दरबार
मैया तेरी जय जयकार
मैं सन्तान तू माता
तू मेरी जीवन दाता * 2
जग में सबसे गहरा मैया
तेरा और मेरा है नाता, है नाता
मैया तेरी जय जयकार * 4
हो तेरी गोद में सर है मैया
अब मुझको क्या डर है मैया
दुनियाँ नज़रें फेरे तो फेरे
दुनियाँ नज़रें फेरे तो फेरे
मुझपे तेरी नज़र है मैया
तेरी गोद में सर है मैया
अब मुझको क्या डर है मैया
मैया तेरी जय जयकार
ओ मैया तेरी जय जयकार * 4
तोह क्या जो ये पीड़ा का पर्वत
रस्ता रोक खड़ा है
तेरी ममता जिसका बल वो
कब दुनिया से डरा है
हिम्मत मैं क्यूँ हारू मैया
हिम्मत मैं क्यूँ हारू मैया
सर पे हात तेरा है
तेरी लगन मैं मगन मैं नाचूँ
गाऊँ तेरा जगराता
मैं बालक तू माता शेरवालिये,
है अटूट ये नाता शेरवालिये हो..
मैं बालक तू माता शेरवालिये,
है अटूट ये नाता शेरवालिये
शेरवालिये माँ, पहाड़ा वालिये माँ
जोता वालिये माँ, मेहरा वालिये माँ
मैं बालक तू माता शेरवालिये,
है अटूट ये नाता शेरवालिये
बिन बाती बिन
दियाँ तू कैसे काटे घोर अंधेरा
बिन सूरज तू
कैसे करदे अंतरमन में सवेरा
बिन धागों के कैसे जुड़ा है
बिन धागों के कैसे जुड़ा है
बंधन तेरा मेरा
तू समझे या मैं समझू
कोई और समझ नहीं पाता
मैं बालक तू माता शेरवालिये,
है अटूट ये नाता शेरवालिये
शेरवालिये माँ, जोता वालिये माँ
पहाड़ा वालिये माँ, मेहरा वालिये माँ
मैं बालक तू माता शेरवालिये,
है अटूट ये नाता शेरवालिये
अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते
गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते ।
भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते
सुरवरवर्षिणि दुर्धरधर्षिणि दुर्मुखमर्षिणि हर्षरते
त्रिभुवनपोषिणि शङ्करतोषिणि किल्बिषमोषिणि घोषरते
दनुजनिरोषिणि दितिसुतरोषिणि दुर्मदशोषिणि सिन्धुसुते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते
अयि जगदम्ब मदम्ब कदम्ब वनप्रियवासिनि हासरते
शिखरि शिरोमणि तुङ्गहिमलय शृङ्गनिजालय मध्यगते ।
मधुमधुरे मधुकैटभगञ्जिनि कैटभभञ्जिनि रासरते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते
अयि शतखण्ड विखण्डितरुण्ड वितुण्डितशुण्द गजाधिपते
रिपुगजगण्ड विदारणचण्ड पराक्रमशुण्ड मृगाधिपते ।
निजभुजदण्ड निपातितखण्ड विपातितमुण्ड भटाधिपते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते
अयि रणदुर्मद शत्रुवधोदित दुर्धरनिर्जर शक्तिभृते
चतुरविचार धुरीणमहाशिव दूतकृत प्रमथाधिपते ।
दुरितदुरीह दुराशयदुर्मति दानवदुत कृतान्तमते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते
अयि शरणागत वैरिवधुवर वीरवराभय दायकरे
त्रिभुवनमस्तक शुलविरोधि शिरोऽधिकृतामल शुलकरे ।
दुमिदुमितामर धुन्दुभिनादमहोमुखरीकृत दिङ्मकरे
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते
अयि निजहुङ्कृति मात्रनिराकृत धूम्रविलोचन धूम्रशते
समरविशोषित शोणितबीज समुद्भवशोणित बीजलते ।
शिवशिवशुम्भ निशुम्भमहाहव तर्पितभूत पिशाचरते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते
धनुरनुषङ्ग रणक्षणसङ्ग परिस्फुरदङ्ग नटत्कटके
कनकपिशङ्ग पृषत्कनिषङ्ग रसद्भटशृङ्ग हताबटुके ।
कृतचतुरङ्ग बलक्षितिरङ्ग घटद्बहुरङ्ग रटद्बटुके
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते
सुरललना ततथेयि तथेयि कृताभिनयोदर नृत्यरते
कृत कुकुथः कुकुथो गडदादिकताल कुतूहल गानरते ।
धुधुकुट धुक्कुट धिंधिमित ध्वनि धीर मृदंग निनादरते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते
जय जय जप्य जयेजयशब्द परस्तुति तत्परविश्वनुते
झणझणझिञ्झिमि झिङ्कृत नूपुरशिञ्जितमोहित भूतपते ।
नटित नटार्ध नटी नट नायक नाटितनाट्य सुगानरते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते
अयि सुमनःसुमनःसुमनः सुमनःसुमनोहरकान्तियुते
श्रितरजनी रजनीरजनी रजनीरजनी करवक्त्रवृते ।
सुनयनविभ्रमर भ्रमरभ्रमर भ्रमरभ्रमराधिपते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते
सहितमहाहव मल्लमतल्लिक मल्लितरल्लक मल्लरते
विरचितवल्लिक पल्लिकमल्लिक झिल्लिकभिल्लिक वर्गवृते ।
शितकृतफुल्ल समुल्लसितारुण तल्लजपल्लव सल्ललिते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते
अविरलगण्ड गलन्मदमेदुर मत्तमतङ्ग जराजपते
त्रिभुवनभुषण भूतकलानिधि रूपपयोनिधि राजसुते ।
अयि सुदतीजन लालसमानस मोहन मन्मथराजसुते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते
कमलदलामल कोमलकान्ति कलाकलितामल भाललते
सकलविलास कलानिलयक्रम केलिचलत्कल हंसकुले ।
अलिकुलसङ्कुल कुवलयमण्डल मौलिमिलद्बकुलालिकुले
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते
करमुरलीरव वीजितकूजित लज्जितकोकिल मञ्जुमते
मिलितपुलिन्द मनोहरगुञ्जित रञ्जितशैल निकुञ्जगते ।
निजगणभूत महाशबरीगण सद्गुणसम्भृत केलितले
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते
कटितटपीत दुकूलविचित्र मयुखतिरस्कृत चन्द्ररुचे
प्रणतसुरासुर मौलिमणिस्फुर दंशुलसन्नख चन्द्ररुचे
जितकनकाचल मौलिमदोर्जित निर्भरकुञ्जर कुम्भकुचे
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते
विजितसहस्रकरैक सहस्रकरैक सहस्रकरैकनुते
कृतसुरतारक सङ्गरतारक सङ्गरतारक सूनुसुते ।
सुरथसमाधि समानसमाधि समाधिसमाधि सुजातरते ।
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते
पदकमलं करुणानिलये वरिवस्यति योऽनुदिनं सुशिवे
अयि कमले कमलानिलये कमलानिलयः स कथं न भवेत् ।
तव पदमेव परम्पदमित्यनुशीलयतो मम किं न शिवे
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते
कनकलसत्कलसिन्धुजलैरनुषिञ्चति तेगुणरङ्गभुवम्
भजति स किं न शचीकुचकुम्भतटीपरिरम्भसुखानुभवम् ।
तव चरणं शरणं करवाणि नतामरवाणि निवासि शिवम्
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते
तव विमलेन्दुकुलं वदनेन्दुमलं सकलं ननु कूलयते
किमु पुरुहूतपुरीन्दु मुखी सुमुखीभिरसौ विमुखीक्रियते ।
मम तु मतं शिवनामधने भवती कृपया किमुत क्रियते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते
अयि मयि दीन दयालुतया कृपयैव त्वया भवितव्यमुमे
अयि जगतो जननी कृपयासि यथासि तथानुमितासिरते ।
यदुचितमत्र भवत्युररीकुरुतादुरुतापमपाकुरुते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते
ऊँचा है भवन, ऊँचा मंदिर
ऊँची है शान, मैया, तेरी
चरणों में झुकें बादल भी तेरे
पर्वत पे लगे शैया तेरी
हे कालरात्रि, हे कल्याणी
तेरा जोड़ धरा पर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
(मेरी माँ के बराबर कोई नहीं)
तेरी ममता से जो गहरा हो
ऐसा तो सागर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
(मेरी माँ के बराबर कोई नहीं)|
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
(मेरी माँ के बराबर कोई नहीं)
जैसे धारा और नदिया, जैसे फूल और बगिया
मेरे इतना ज़्यादा पास है तू
जब ना होगा तेरा आँचल, नैना मेरे होंगे जल–थल
जाएँगे कहाँ फिर मेरे आँसू?
दुख दूर हुआ मेरा सारा
अँधियारों में चमका तारा
नाम तेरा जब भी है पुकारा
सूरज भी, यहाँ है चंदा भी
तेरे जैसा उजागर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
(मेरी माँ के बराबर कोई नहीं)
हे कालरात्रि, हे कल्याणी
तेरा जोड़ धरा पर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
(मेरी माँ के बराबर कोई नहीं)
तेरे मंदिरों में, माई, मैंने ज्योत क्या जलाई
हो गया मेरे घर में उजाला
क्या बताऊँ तेरी माया, जब कभी मैं लड़खड़ाया
तूने दस भुजाओं से सँभाला
खिल जाती है सूखी डाली
भर जाती है झोली ख़ाली
तेरी ही मेहर है, मेहरावाली
ममता से तेरी बढ़ के, मैया
मेरी तो धरोहर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
(मेरी माँ के बराबर कोई नहीं)
हे कालरात्रि, हे कल्याणी
तेरा जोड़ धरा पर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
(मेरी माँ के बराबर कोई नहीं)
तेरी ममता से जो गहरा हो
ऐसा तो सागर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं * 3
माँ, मेरी माँ * 3
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
शम्भू की पियारी
गिरिराज की दुलारी
गिरिजग गबग गबग गबग
गरुड़ गौर वाली
तू घंटा घहराहके
घुमाके कूद घंटावाली
करत निहाल
खुशहाल फड़ वाली तू
दमक दमक दामिनी सी
चमक चला के चंडी
डपट के दरिद्रमार
दौड़–दौड़ आली तू
शान वाली शूल वाली
त्रिशूल वाली खड़ग वाली
काली तू मां काली तू मां काली
भवानी दयानी * 2
दैत्य दल विनाशनी जग उद्धारिणी
भवानी दयानी * 2
आदिविद्या हे स्वरूपिणी आदिविद्या हो तुम ही
आदिशक्ति हो तुम ही
महालक्ष्मी रूप तुम
तुम ही जग की माता
सारे जगत की तुम ही
कर्म फल प्रदाता
तुम तो महादेव की हो अर्धरूपिणी
भवानी दयानी * 4
ब्रह्मा जी करें वंदन
हरी नारायण शिव अर्चन
सुरनर मुनि गंधर्व
पूजत सब ज्ञानी
ऋषियों मनीषियों ने
महिमा बखानी
खड़ग भाल धारिणी
मां पाप तारिणी
भवानी दयानी * 2
हे तुम तो महादेव की हो अर्धरूपिणी
भवानी दयानी * 2
सिंह की सवारिणी त्रिशूल धारिणी
भवानी दयानी * 4
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