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क्या आप अपने बच्चे को उसके लिए छोटे भाई या बहन लाने की खबर देकर उसे सरप्राइज करने की सोच रही हैं? एक तरह दूसरी प्रेगनेंसी के लिए प्लान करना आपको उत्साहित करता हैं वहीं दूसरी ओर इसकी फिर से लक्षणों से निपटना यह सोच कर आप घबरा सकती हैं। अगर आप दूसरी प्रेगनेंसी के लिए खुद को तैयार नहीं महसूस कर रही हैं तो आपको बता दें कि आप अकेली नहीं हैं जो दूसरी प्रेगनेंसी को लेकर ऐसा सोच रही हैं। कई महिलाएं दूसरा बच्चा चाहती हैं, लेकिन उन्हें नहीं मालूम होता है कि यह उनकी हेल्थ पर कैसा असर डालेगा, खासकर के उनका वजन। दूसरी प्रेगनेंसी, में बढ़ते वजन से निपटने और इसका कारण जाने के लिए यह लेख पढ़ना जारी रखें।
क्या दूसरी प्रेगनेंसी में पहली प्रेगनेंसी के मुकाबले वजन अलग बढ़ता है?
एक प्रेगनेंसी दूसरी प्रेगनेंसी से बहुत अलग होती है। हाँ यह जरूर है कि पहली प्रेगनेंसी के बाद आपको इसके लक्षणों के बारे में काफी कुछ पता चल जाता है, दूसरी प्रेगनेंसी में कई चीजें अलग होंगी और उनमें से एक है आपके वजन का बढ़ना। आपकी दूसरी प्रेगनेंसी में, पहली प्रेगनेंसी की तुलना में आपका अधिक वजन बढ़ सकता है। दोनों प्रेगनेंसी के बीच वजन का फर्क आपके वर्तमान आहार और फिटनेस पर निर्भर करता है। इसके अलावा, क्योंकि आपका शरीर दूसरे बच्चे को जन्म देने के लिए दूसरे तरह के परिवर्तन गुजर रहा होगा, इसलिए आपका वजन पहली प्रेगनेंसी की तुलना में भिन्न होगा।
आइए इस बात पर ध्यान देते हैं कि दूसरी प्रेगनेंसी के दौरान वजन कैसे बढ़ता है, यह पहली प्रेगनेंसी से कैसे अलग होती है और इसका क्या कारण है।
दूसरी प्रेगनेंसी में वजन पहली प्रेगनेंसी से अलग कैसे होता है?
आपकी पहली प्रेगनेंसी के दौरान, वजन बढ़ने की प्रक्रिया धीमी हो सकती है और आपका शरीर फिट रहेगा, लेकिन दूसरी प्रेगनेंसी में आपका वजन तेजी से बढ़ सकता है। आपकी डाइट और फिटनेस के आधार पर वजन की मात्रा कम या ज्यादा हो सकती है, जैसा कि पहले भी बताया गया है, लेकिन यह इस बात पर ज्यादा निर्भर करता है की आपका बॉडी टाइप कैसा है।
अमेरिकन जर्नल ऑफ ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, कुछ महिलाओं में उसी मात्रा में वजन बढ़ने की संभावना होती है जो उन्होंने अपनी पहली प्रेगनेंसी के दौरान प्राप्त की थी। लेकिन वो महिलाएं, जो पहली डिलीवरी के बाद ज्यादा वजन कम नहीं कर पाई हैं, वो अपनी दूसरी प्रेगनेंसी में और ज्यादा वजन प्राप्त कर सकती हैं, क्योंकि शुरुआत से ही उनका वजन ज्यादा था।
दूसरी प्रेगनेंसी के दौरान वजन बढ़ने का क्या कारण होता है?
यहाँ कुछ कारण दिए गए हैं जो आपको यह समझने में मदद करेंगे कि दूसरी प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं का वजन क्यों बढ़ता है:
1. पहली प्रेगनेंसी में अधिक वजन बढ़ना
बहुत कम महिलाएं फिट बॉडी के साथ दूसरी बार गर्भधारण कर पाती हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि पहली प्रेगनेंसी के दौरान बढ़े हुए वजन को कम कर पाना मुश्किल होता है। फिट रहने के लिए आपको ठीक से एक्सरसाइज और एक अच्छी डाइट का पालन करने की जरूरत होती है और इसमें आपको काफी समय लगता है, जो जिम्मेदारियों के चलते और बच्चे की देखभाल के कारण शायद यह संभव नहीं हो पाता है। इसलिए, अपनी पहली प्रेगनेंसी जो महिलाएं दोबारा गर्भधारण करती हैं उनके शरीर का फिट होना मुश्किल होता है, जिससे वो ओवरवेट हो जाती हैं। तो यह समझिए कि दूसरी प्रेगनेंसी के दौरान पहली प्रेगनेंसी की तुलना में आपका वजन और ज्यादा बढ़ जाता है।
2. बेबी बंप शुरुआत में ही नजर आने लगना
आपकी पहली प्रेगनेंसी के दौरान, आपके दोस्तों या परिवार को एहसास नहीं हुआ होगा कि आप प्रेग्नेंट हैं जब तक कि आपका बेबी बंप न नजर आना न शुरू हो गया हो जो कि (15 सप्ताह और उससे ज्यादा का समय) होगा। लेकिन, आपकी दूसरी प्रेगनेंसी के मामले में, आपका पेट बहुत जल्दी (12-15 सप्ताह के बीच) दिखाई देने लगेगा। इसका कारण यह हो सकता है कि पहले बच्चे को जन्म देने के बाद गर्भाशय अपने सामान्य आकार में वापस नहीं जाता है, जिसके वजह से, जब आप दूसरी बार गर्भवती होती हैं तो यह तेजी से फैल जाता है।
3. बच्चे की पोजीशन का नीचे होना
पहली प्रेगनेंसी में पेट की मांसपेशियों और पेट की त्वचा को खिचती है। पहला बच्चा पैदा होने के बाद भी ये मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। जिसकी वजह से, दूसरी प्रेगनेंसी के दौरान, पेट की मांसपेशियां आपके बच्चे को सपोर्ट करने में असमर्थ होती हैं, जिससे आपके अंदर पल रहे फीटस की पोजीशन नीचे की ओर हो जाती है। हालांकि इससे आपके बच्चे को किसी भी तरह से कोई नुकसान नहीं पहुँचता है, लेकिन यह आपके लिए फायदेमंद और नुकसानदेह दोनों हो सकता है। इसका फायदा यह है कि आपके लिए अपनी पहली प्रेगनेंसी की तुलना में दूसरी प्रेगनेंसी के दौरान सांस लेना और खाना खाना व पचाना आसान होगा, और नुकसान यह है कि पेल्विक क्षेत्र और मूत्राशय पर लगातार दबाव पड़ेगा जिससे आपको बार बार पेशाब आने की समस्या बढ़ जाएगी।
4. हार्मोनल और मेटाबोलिक चेंजेस में परिवर्तन होना
आपकी पहली प्रेगनेंसी के दौरान, शरीर कई परिवर्तनों से गुजरता है, लेकिन ये परिवर्तन धीरे-धीरे होते हैं। इसमें वजन बढ़ना, गर्भाशय के आकार में वृद्धि होना, त्वचा की टोन में बदलाव, त्वचा पर पिगमेंटेशन का बढ़ना आदि जैसे सभी शारीरिक परिवर्तन शामिल हैं। लेकिन, आपकी दूसरी प्रेगनेंसी के दौरान, क्योंकि आपके शरीर का मेटाबोलिज्म कम हो गया है, इसलिए हार्मोनल चेंजेस पहली प्रेगनेंसी के मुकाबले दूसरी प्रेगनेंसी में और ज्यादा तेजी से होंगे।
क्योंकि, चेंजेस तेजी से दिखाई देंगे, आपको अपनी दूसरी प्रेगनेंसी के दौरान अपनी हेल्थ को लेकर और भी ज्यादा सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी। यहाँ कुछ टिप्स दिए गए हैं जो आपको ऐसा करने में मदद कर सकते हैं।
दूसरी प्रेगनेंसी के दौरान अपनी हेल्थ को बनाए रखने के लिए टिप्स
दूसरी प्रेगनेंसी के दौरान अपनी हेल्थ पर ध्यान देने के लिए इन सुझावों का पालन करें:
- अपनी दूसरी प्रेगनेंसी के दौरान हेल्दी फूड खाएं।
- ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थ पिएं, विशेष रूप से पानी और ताजे फलों के जूस का सेवन करें। प्रिजर्वेटिव जूस का सेवन न करें।
- अपनी डाइट में फाइबर युक्त भोजन और फल शामिल करें।
- ओवरईटिंग बिलकुल न करें, एक सीमित मात्रा में भोजन करें। दिन भर एनर्जी बनाए रखने के लिए मील / स्नैक शेड्यूल का पालन करें।
- अपने डॉक्टर से पूछ कर अपने रूटीन में एक्सरसाइज शामिल करें, वरना कम से कम खुद को एक्टिव और हेल्दी रखने के लिए ब्रिस्क वाक एक्सरसाइज करें।
- जब आप गर्भवती हों तो झुकने की कोशिश न करें, भारी वस्तुओं को भी न उठाएं; प्रेगनेंसी के दौरान आपके शरीर में जो बदलाव होते हैं, उनमें वज़न बढ़ने के कारण आपके पीठ दर्द की समस्या को बढ़ा सकता है।
यदि आप दूसरी प्रेगनेंसी के बारे में विचार कर रही हैं, तो आपको पहले से थोड़ी योजना बनानी पड़ सकती है क्योंकि आपका शरीर अब पहली प्रेगनेंसी की तरह रियेक्ट नहीं करेगा। इसमें कोई संदेह नहीं है कि दूसरा बच्चा आपके परिवार में फिर से बहुत सारा प्यार और खुशी लाएगा, लेकिन आपके वजन से संबंधित चिंताएं आपको स्ट्रेस दे सकती हैं। वैसे, अगर आप रोजाना वर्कआउट करती हैं और एक डाइट प्लान फॉलो करती हैं तो फिर आपको स्ट्रेस लेने की कोई जरूरत नही है। जल्द से जल्द इन चीजों का पालन करना शुरू करें और आप देखेंगी कि दूसरी प्रेगनेंसी में आपका वजन बहुत ज्यादा नहीं बढ़ेगा। यहाँ तक कि आप खुद को एक बेहतर पोजीशन में पाएंगी जहाँ आपको अपनी हेल्थ मैनेज करने में और दूसरी डिलीवरी में ज्यादा परेशानी नहीं होगी।
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