एक बच्चे के बाद बर्थ कंट्रोल – गर्भनिरोध के तरीके

एक बच्चे के बाद बर्थ कंट्रोल - गर्भनिरोध के तरीके

एक बच्चे के जन्म के तुरंत बाद दूसरे बच्चे के जन्म का विचार शायद ही किसी माता-पिता के मन में आता होगा। ऐसे में आपको गर्भनिरोध के विकल्पों के बारे में जानकारी हासिल करनी चाहिए और बर्थ कंट्रोल की प्लानिंग पहले से ही करनी चाहिए। डिलीवरी के तुरंत बाद गर्भवती होने की संभावना होती है और ऐसे में गर्भनिरोधक का इस्तेमाल करना सबसे अच्छा होता है, ताकि आपका शरीर बच्चे के जन्म की पूरी प्रक्रिया के दौरान आने वाले बदलावों और तकलीफों से पूरी तरह से ठीक हो सके। 

बच्चे के जन्म के कितने समय बाद एक महिला गर्भवती हो सकती है?

डिलीवरी के कितने समय बाद आप दोबारा प्रेग्नेंट हो सकती हैं, इस सवाल का जवाब कुछ बातों पर निर्भर करता है। हालांकि आम मान्यता के विपरीत, आप अपने पहले पीरियड से भी पहले गर्भधारण कर सकती हैं, क्योंकि पीरियड शुरू होने से पहले ही आपकी ओवरी से अंडा बाहर आ जाता है। 

ज्यादातर डॉक्टर आपको यह बताएंगे, कि आपकी डिलीवरी के 4 से 6 सप्ताह के बाद आपके पीरियड शुरू हो सकते हैं। पीरियड की शुरुआत से 2 सप्ताह पहले अंडा रिलीज हो जाता है। अंडे के बाहर आने के तुरंत बाद ही गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है। इन कैलकुलेशन के आधार पर आपको डिलीवरी के 21 दिनों के बाद बर्थ कंट्रोल के शुरुआत करने की सलाह दी जाएगी। 

आपमें होने वाले शारीरिक और बायोलॉजिकल बदलावों के कारण, आपको डिलीवरी के बाद अपने बर्थ कंट्रोल प्लान में परिवर्तन करना पड़ सकता है। इस कारण, ऐसी स्थिति के लिए समय से पहले ही योजना की तैयारी कर लेना सबसे अच्छा होता है। 

बच्चे के जन्म के बाद बर्थ कंट्रोल कब शुरू किया जा सकता है?

ज्यादातर महिलाओं में डिलीवरी के बाद 4 से 6 सप्ताह के अंदर पीरियड की शुरुआत हो जाती है और जो बात ज्यादातर लोग भूल जाते हैं, वो यह है, कि पीरियड केवल तब ही शुरू होता है, जब एक बिना फर्टिलाइज हुआ अंडा गर्भाशय से बाहर आता है। जिसका मतलब यह है, कि आप अपने पहले पीरियड से पहले भी गर्भवती हो सकती हैं।  एक अंडा आपके पीरियड की शुरुआत से 2 सप्ताह पहले फर्टिलाइजेशन के लिए ओवरी से बाहर आता है। इस समय सीमा के इस्तेमाल से आपके डॉक्टर आपको आपकी डिलीवरी के 21 दिनों के बाद बर्थ कंट्रोल की शुरुआत करने की सलाह देंगे। 

गर्भनिरोध के कुछ तरीके ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली मांओं के लिए रेकमेंड नहीं किए जाते हैं। अन्य तरीकों में इस्तेमाल से पहले आपके शरीर को ठीक होने के लिए पर्याप्त समय की जरूरत होती है। इस बारे में आपको अपने ओबी/गायनेकोलॉजिस्ट से सलाह लेनी चाहिए और आपकी जरूरतों के अनुसार उचित विकल्पों के बारे में पूछना चाहिए। 

गर्भावस्था के बाद गर्भनिरोधक के विकल्प

आपके ब्रेस्टफीडिंग के पैटर्न, पीरियड्स की शुरुआत या फिर आपके हॉर्मोनल स्तर जैसे कुछ तत्वों के विश्लेषण के आधार पर, डिलीवरी के बाद आपके लिए उचित गर्भनिरोधक का निर्णय लिया जा सकता है। कुछ कॉन्ट्रासेप्टिव स्तनपान कराने वाली मांओं के लिए उचित नहीं होते हैं। वहीं कुछ गर्भनिरोधक सभी मांओं के लिए बिल्कुल सुरक्षित होते हैं और वे अपने बच्चे को कैसे स्तनपान कराती हैं, इस बात से उनका कोई लेना देना नहीं होता है। यहां पर बर्थ कंट्रोल के लिए कुछ गर्भनिरोध के कुछ तरीके दिए गए हैं, जो कि आमतौर पर इस्तेमाल किए जाते हैं। 

1. अवरोध के तरीके 

बैरियर तरीकों में बाहरी ऑब्जेक्ट का इस्तेमाल किया जाता है, जो कि स्पर्म और अंडे को मिलने से रोक सके। ऐसे कई बैरियर मेथड हैं, जिन्हें आप गर्भनिरोधक के तरीके के रूप में इस्तेमाल कर सकती हैं। 

  • कंडोम: पुरुष और स्त्री दोनों ही कंडोम एक बेहतरीन गर्भनिरोधक होते हैं। जैसे ही आप दोबारा यौन संबंध बनाने के लिए तैयार होती हैं, वैसे ही इनका इस्तेमाल किया जा सकता है। इनमें कोई हॉर्मोन नहीं होते हैं और ये ब्रेस्टफीडिंग पर भी कोई असर नहीं डालते हैं। हालांकि कंडोम 100% प्रभावी नहीं होते हैं। 
  • डायफ्राम, सर्वाइकल कैप: इन उपकरणों को आपकी डिलीवरी के कुछ सप्ताहों के बाद फिट करने की जरूरत होती है। अगर आप इन्हें अपनी प्रेगनेंसी के पहले भी इस्तेमाल कर रही थीं, तो भी आपको इन्हें दोबारा फिट कराने की जरूरत होती है, क्योंकि डिलीवरी के बाद आपके सर्विक्स, वेजाइना और यूट्रस बदल जाते हैं। ये स्पर्मिसाइड से भरे होते हैं, जो कि स्पर्म के सर्विक्स तक पहुंचने से पहले ही उन्हें मार डालते हैं। साथ ही, ये प्रिसक्रिप्शन द्वारा उपलब्ध होते हैं। इन उपकरणों के नाकाम होने की दर ऊंची होती है। 

बैरियर मेथड ऐसे एकमात्र बर्थ कंट्रोल के तरीके हैं, जो स्तनपान में रुकावट पैदा नहीं करते हैं या इनमें आपके मौजूदा स्तर को बदलने की क्षमता रखने वाले हॉर्मोन नहीं होते हैं। ये सुरक्षित होते हैं, लेकिन 100% प्रभावी नहीं होते हैं। 

2. हॉर्मोनल तरीके 

हॉर्मोनल तरीके

ओरल कांट्रासेप्टिव गर्भनिरोध के हॉर्मोनल तरीके का एक रूप है। इन गोलियों को आमतौर पर बर्थ कंट्रोल पिल्स (गर्भनिरोधक गोलियों) के रूप में जाना जाता है और इनमें सिंथेटिक हॉर्मोन्स होते हैं, जो कि ओवुलेशन को दबाते हैं और प्रतिकूल स्थितियां पैदा करते हैं, जैसे गर्भाशय की परत को पतला करना ताकि एग इंप्लांटेशन न हो सके। ज्यादातर डॉक्टर डिलीवरी के बाद 4 से 6 सप्ताह के लिए ही ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव का इस्तेमाल करने को कहेंगे, क्योंकि ब्लड क्लॉट बनने के खतरे को कम करने के लिए इतना समय पर्याप्त होता है। ज्यादातर ओरल कांट्रेसेप्टिव एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन (सिंथेटिक प्रोजेस्ट्रोन) का एक कॉन्बिनेशन होते हैं। एस्ट्रोजन आपके दूध के उत्पादन को सीमित कर सकता है, साथ ही साथ दूध में मिनरल की मात्रा को कम भी कर सकता है। यही मुख्य कारण है, कि ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली मांओं को ओरल कंबाइंड गोलियां नहीं दी जाती हैं। लेकिन उन्हें ओरल प्रोजेस्टेरोन ओन्ली पिल्स दी जा सकती हैं। कुछ स्टडीज से भी यह पता चला है, कि ये हॉर्मोन आपके दूध में जा सकते हैं और बच्चे तक पहुंच सकते हैं। हालांकि, आपके बच्चे के स्वास्थ्य पर इसका कोई प्रभाव पड़ने के संकेत नहीं मिलते हैं, लेकिन आपको इसे लेकर कोई जोखिम न उठाने की सलाह दी जाती है। अन्य हॉर्मोनल तरीके, ओरल कॉन्ट्रासेप्शन (पिल्स या मिनी पिल्स) के रूप में उपलब्ध हो सकते हैं या फिर उन्हें बर्थ कंट्रोल पैच या फिर बर्थ कंट्रोल इंजेक्शन जैसे अन्य उपकरणों के द्वारा आपके शरीर में सीधे डाला जा सकता है। 

3. इंट्रायूटरिन उपकरण या आईयूडी 

ये ‘टी’ के आकार वाले उपकरण होते हैं, जिन्हें गर्भनिरोध के लिए वेजाइना में डाला जाता है। ये गर्भनिरोध के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक हैं और डॉक्टरों का मानना है, कि सभी महिलाएं आईयूडी का इस्तेमाल कर सकती हैं।  हालांकि, इन उपकरणों का इस्तेमाल ज्यादातर वैसी महिलाएं करती हैं, जो कम से कम एक बार बच्चे को जन्म दे चुकी हैं। आईयूडी आपको एसटीडी यानी यौन रोगों से सुरक्षा नहीं देता है। आईयूडी कई प्रकार के होते हैं। इनमें से कुछ प्रकारों को शरीर के अंदर 3 से 5 वर्षों के लिए या फिर 8 वर्षों के लिए भी रखा जा सकता है। इनके प्रकार के आधार पर डॉक्टर इनके बदलने का समय आपको बता सकते हैं। 

4. प्राकृतिक तरीके

अगर आप गर्भनिरोध के लिए हॉर्मोनल या मैकेनिकल तरीकों का इस्तेमाल नहीं करना चाहती हैं, तो यह तरीका आपके लिए सबसे अच्छा है। इसमें शरीर के फर्टिलिटी के संकेतों के रूप में आने वाले बदलावों को समझना शामिल है, जैसे सर्वाइकल म्यूकस और बेसल बॉडी टेंपरेचर। यह तरीका यथार्थ नहीं होता है और हर महिला में उनके मेंस्ट्रुअल साइकिल के आधार पर यह अलग हो सकता है। साथ ही डिलीवरी के बाद शुरुआती छह महीनों के लिए इस तरीके का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है, क्योंकि सर्वाइकल म्यूकस को सामान्य होने में समय लगता है। जब तक मां 6 घंटे की लगातार नींद नहीं लेती है, तब तक बेसल बॉडी टेंपरेचर भी सही नहीं होता है, जो कि एक नई मां के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती होती है। 

जब तक मासिक धर्म नियमित नहीं हो जाता, तब तक इस तरीके का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। तब तक के लिए गर्भनिरोध के अन्य तरीकों का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। आप विड्रॉल (इजैक्यूलेशन के ठीक पहले पेनिस को वेजाइना से बाहर निकाल लेना) या पुल आउट मेथड का इस्तेमाल भी कर सकती हैं, हालांकि यह भी बहुत कम प्रभावी होता है। 

5. स्टरलाइजेशन (नसबंदी)

अगर आप और आपके पति इस बात को लेकर निर्णय ले चुके हैं, कि आपको और बच्चे नहीं चाहिए, तो आप स्टरलाइजेशन यानी नसबंदी का चुनाव कर सकती हैं। आप या फिर आपके साथी स्टरलाइजेशन करवा सकते हैं। अगर मां स्टरलाइजेशन का चुनाव कर रही है, तो सी-सेक्शन या वेजाइनल बर्थ के अंत में ट्यूब लिगेशन या ट्यूबेक्टोमी प्रक्रिया की जाती है। हालांकि आप चाहें, तो गर्भाशय के सामान्य आकार में वापस आने के बाद भी इस प्रक्रिया को करवा सकती हैं, आमतौर पर डिलीवरी के 2 से 3 महीनों के बाद। यह प्रक्रिया आपके बच्चे को स्तनपान कराने की प्रक्रिया में कोई रुकावट पैदा नहीं करती है। 

आपके साथी के लिए वैसेक्टोमी एक बहुत ही अच्छा विकल्प है। यह फटाफट होने वाली एक प्रक्रिया है, जिसे यूरोलॉजिस्ट के क्लिनिक में किया जाता है। लोकल एनेस्थीसिया देकर इस प्रक्रिया को करने में 20 मिनट तक का समय लगता है। यह महिला नसबंदी की तुलना में काफी सस्ता, तेज और सुरक्षित होता है। इस प्रक्रिया में स्पर्म को ले जाने करने वाले दो ट्यूब डॉक्टर द्वारा काट दिए जाते हैं। इस प्रक्रिया के बाद कम से कम 15 से 20 इजैक्युलेशन जरूरी होते हैं, ताकि सीमेन स्पर्म रहित हो सके, क्योंकि पेनिस के ट्यूब में अभी भी थोड़े स्पर्म मौजूद होते हैं। एक पुरुष की नसबंदी की पुष्टि के लिए एक टेस्ट किया जाता है। बहुत ही दुर्लभ मामलों में वैसेक्टोमी को हटाया जा सकता है। 

6. आपातकालीन गर्भनिरोधक 

कॉन्ट्रासेप्शन के सामन्य तरीकों के असफल होने पर या असुरक्षित सेक्स के मामलों में इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्शन यानी आपातकालीन गर्भनिरोधकों का इस्तेमाल किया जा सकता है। इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव दो प्रकार के होते हैं – आईयूसीडी (इंट्रायूटरिन कॉपर डिवाइस) और इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स। 

असुरक्षित यौन संबंध बनाने के 5 दिनों के अंदर, एक डॉक्टर या नर्स के द्वारा आईयूसीडी लगाना जरूरी है। इस तरीके का इस्तेमाल डिलीवरी के 4 सप्ताह के बाद ही किया जा सकता है। इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव गोली का इस्तेमाल डिलीवरी के 21 दिनों बाद भी किया जा सकता है, लेकिन इनके इस्तेमाल से पहले अपने गायनेकोलॉजिस्ट से परामर्श जरूर लें। 

7. गर्भनिरोधक के रूप में स्तनपान

लेक्टेशनल आमीनॉरिया मेथड या एलएएम आपके शरीर का एक प्राकृतिक तरीका होता है, जिसके माध्यम से वह यह संकेत देता है, कि आप अब तक ओवुलेशन के लिए तैयार नहीं हैं। इस तरीके में आपको नियमित रूप से अपने बच्चे को ब्रेस्टफीड कराने की जरूरत होती है। यह आपका पहला पीरियड आने तक ही प्रभावी होता है। लेकिन आपको एलएएम के काम करने के लिए सभी पूर्व आवश्यक स्थितियों की भरपाई करना जरूरी है। आपको कम से कम, दिन के समय में हर 4 घंटों में और रात के समय हर 6 घंटे में बच्चे को केवल अपना दूध पिलाना जरूरी है। इसका मतलब है, कि आपका बच्चा केवल आपके दूध के द्वारा ही अपना पूरा पोषण ले रहा है। जब आपका बच्चा लगभग 6 महीने की आयु में ठोस आहार लेना शुरू कर देता है, तब इस प्रक्रिया का प्रभाव खत्म हो जाता है। इसके तुरंत बाद आपको गर्भनिरोध का दूसरा तरीका अपनाने की जरूरत होती है। इस तरीके को डब्ल्यूएचओ द्वारा मान्यता प्राप्त है। 

क्या सामान्य डिलीवरी की तुलना में सी-सेक्शन के मामलों में बर्थ कंट्रोल अलग होता है?

सी-सेक्शन में नॉर्मल डिलीवरी की तुलना में ठीक होने में लंबा समय लगता है। हालांकि सर्विक्स और वेजाइना इस प्रक्रिया के दौरान किसी ट्रामा से नहीं गुजरते हैं, इसलिए सी-सेक्शन के बाद ट्यूब लिगेशन जो कि एक स्टरलाइजेशन प्रक्रिया है, उस का चुनाव किया जा सकता है। जिसका मतलब है, कि मल्टीपल सर्जरी की कोई जरूरत नहीं होती है। चूंकि सर्विक्स और वेजाइना किसी तरह के ट्रामा से नहीं गुजरते हैं, ऐसे में आईयूडी इन्सर्शन भी जल्दी किया जा सकता है। आईयूडी को सिजेरियन के दौरान भी लगाया जा सकता है, लेकिन इसे सिजेरियन के चीरे के द्वारा सीधे गर्भाशय में लगाया जाएगा ना कि वेजाइना के द्वारा। 

इन सबके अलावा, महिला की डिलीवरी चाहे सी-सेक्शन से हुई हो या वेजाइनल, कॉन्ट्रासेप्टिव के तरीकों में कोई अंतर नहीं होता है। हालांकि, डिलीवरी का तरीका चाहे जो भी हो, अपने विकल्पों के बारे में अपने डॉक्टर से बात जरूर करें। 

डिलीवरी के बाद बर्थ कंट्रोल रेकमेंड क्यों किया जाता है?

डिलीवरी के तुरंत बाद गर्भधारण करना आसान होता है। बल्कि ज्यादातर डॉक्टर ऐसा मानते हैं कि आप अपनी डिलीवरी के एक महीने के बाद भी गर्भवती हो सकती हैं। एक अच्छा पोस्टपार्टम बर्थ कंट्रोल प्लान यह सुनिश्चित करता है, कि अनचाहे गर्भ की घटनाएं न हों। डिलीवरी के तुरंत बाद गर्भवती होना न केवल आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि यह बच्चे की देखभाल की आपकी क्षमता को भी प्रभावित करता है। 

डिलीवरी के तुरंत बाद प्रेग्नेंट होने से शारीरिक के साथ-साथ आपके मानसिक स्वास्थ्य को भी नुकसान होता है। थकावट, कमर का दर्द और दो छोटे बच्चों की देखभाल करने की चिंता आपकी रातों की नींद उड़ा सकती है। आपकी दूसरी प्रेगनेंसी में गर्भावस्था के दौरान की देखभाल सबसे अधिक महत्व रखती है, क्योंकि आपके शरीर को एक्स्ट्रा मदद और केयर की जरूरत होती है। 

गर्भनिरोध के एक तरीके को कैसे चुनें?

बच्चे के जन्म के बाद गर्भनिरोध कई बातों पर निर्भर करता है, जो कि डिलीवरी के बाद आपको प्रभावित करते हैं। ये बातें आपकी डिलीवरी के प्रकार और आपकी जीवन शैली पर निर्भर करती हैं। 

नीचे दी गई बातों पर विचार करने के बाद ही डिलीवरी के बाद कॉन्ट्रासेप्शन मेथड के चुनाव का निर्णय करना चाहिए:

  • समय: कंडोम जैसे कुछ गर्भनिरोध के तरीकों को तुरंत शुरू किया जा सकता है। वहीं आईयूडी जैसे अन्य तरीकों का इस्तेमाल आप डिलीवरी के कुछ सप्ताहों के बाद ही शुरू कर सकती हैं। आपकी जरूरतों और आपके शरीर की स्थिति के आधार पर अपने डॉक्टर से परामर्श लेने के बाद आप अपने लिए सबसे बेहतर विकल्प का चुनाव कर सकती हैं। 
  • ब्रेस्टफीडिंग: गर्भनिरोध के ज्यादातर तरीके आपके बच्चे को स्तनपान कराने की क्षमता को प्रभावित नहीं करते हैं। लेकिन हॉर्मोन इंटरफेरेंस का इस्तेमाल करने वाले कुछ तरीके आपके ब्रेस्टमिल्क में जा सकते हैं और बच्चे तक पहुंच सकते हैं। इसलिए इनकी सलाह नहीं दी जाती है। आपके लिए कौन सा बर्थ कंट्रोल प्लान सबसे बेहतर है, इसे समझने के लिए अपने डॉक्टर से बात करें। 
  • प्रभावशीलता: गर्भनिरोध के कुछ तरीके दूसरों से अधिक प्रभावी होते हैं। नसबंदी, विशेषकर पुरुष नसबंदी, गर्भनिरोध के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है। वहीं प्राकृतिक तरीकों में शत-प्रतिशत नतीजे मिलना हमेशा संभव नहीं होता है। 

डिलीवरी के बाद गर्भनिरोध के तरीके को चुनने का सबसे अच्छा तरीका है, अपने साथी के साथ अपने डॉक्टर से इस बारे में एक ईमानदार चर्चा करना। अपने परिवार के लिए एक कोर्स बनाएं और तय करें, कि आपको दूसरा बच्चा चाहिए या नहीं और अगर चाहिए तो कितने समय के बाद चाहिए। अपने डॉक्टर से ब्रेस्टफीडिंग के फायदे और नुकसान के बारे में बात करें। आपके और आपके परिवार के इन चुनावों के आधार पर, आप एक ऐसे गर्भनिरोध का चुनाव कर सकती हैं, जो आपके स्वास्थ्य और परिवार की देखभाल की आपकी क्षमता का ध्यान रखे। 

नोट: हम आपको पुरजोर सलाह देंगे कि मेडिकेटेड या नेचुरल कॉन्ट्रासेप्टिव का इस्तेमाल करने से पहले एक विशेषज्ञ से परामर्श लें। कॉन्ट्रासेप्शन के दौरान साइड इफेक्ट के प्रति सावधान रहें। अगर आपके शरीर को कोई खास गर्भनिरोध केमिकल के कॉन्बिनेशन सूट ना करें, तो डॉक्टर आपको वैकल्पिक खुराक और केमिकल कॉम्बिनेशन सुझा सकते हैं। 

यह समझना जरूरी है, कि हर शरीर अलग होता है और गर्भनिरोधक की प्रतिक्रिया आपके इम्यून सिस्टम पर अलग हो सकती है। किसी को भी आप अपना गर्भनिरोधक न दें या उसकी सलाह न दें। इसके बजाय उन्हें फिजीशियन से बात करने को कहें। अपने गर्भनिरोधक के साथ अन्य दवाओं को शामिल करने को लेकर सतर्क रहें। अगर आपको कोई नई दवा दी गई है, तो अपने डॉक्टर से गर्भनिरोधक के इस्तेमाल और उन दवाओं के बारे में बात करें। अगर आपके घर में थोड़े बड़े बच्चे हैं, तो अपने गर्भनिरोधक को उनकी पहुंच से दूर रखें। 

निष्कर्ष

एक पोस्टपार्टम बर्थ कंट्रोल प्लान बहुत महत्वपूर्ण होता है और आपकी डिलीवरी से कुछ महीनों पहले इन पर विचार करना सबसे अच्छा होता है। इस बारे में सभी उपलब्ध विकल्पों के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें। अगर आपकी डिलीवरी का तरीका पहले से ही तय हो चुका है, तो आप अपने गर्भनिरोध का प्लान भी उसी अनुसार बना सकते हैं। अन्यथा किन्हीं दो विकल्पों को चुना जा सकता है और डिलीवरी के बाद जो विकल्प आपके लिए सही हो उसे चुना जा सकता है। 

याद रखें, जब गर्भनिरोधक का इस्तेमाल करने की बात आए, तो अपने साथी से खुलकर बात करें। पोस्टपार्टम डिप्रेशन के मामलों में एक थेरेपिस्ट के साथ-साथ अपने ओबी/गाइनेकोलॉजिस्ट से भी बात करें, क्योंकि कुछ गर्भनिरोधक एंटीडिप्रेसेंट के रूप में काम करते हैं और आपके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।  आपके पोस्टपार्टम हॉर्मोनल और केमिकल असंतुलन के कारण कुछ प्रकार के गर्भनिरोधक आपके लिए हानिकारक भी हो सकते हैं। कुछ महीनों के बाद, आपके डॉक्टर आपके गर्भनिरोधक के प्रकार को बदल सकती हैं और आपके शरीर के केमिकल और हॉर्मोनल कंपोजीशन आपके गर्भवती होने से पहले के स्तर पर वापस आने के कारण यह बिल्कुल सामान्य है।

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