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छत्रपति शिवाजी महाराज 17वीं शताब्दी के महान राजा थे जिन्हें एक पराक्रमी, दयालु और लोकप्रिय शासक के तौर पर याद किया जाता है। मात्र 16 वर्ष की आयु में शत्रु का किला जीतकर उन्होंने स्वराज्य का बिगुल फूंका और मराठा साम्राज्य की नींव रखी। इसके साथ ही उन्हें भारतीय नौसेना के जनक के रूप में जाना जाता है क्योंकि उन्होंने भारत के समुद्र तटों और व्यापार मार्गों की रक्षा के लिए एक मजबूत नौसेना की स्थापना की थी। जब ऐसे प्रतापी राजा के बारे में बच्चों को निबंध लिखने या भाषण देने के लिए कहा जाता है तो जरूरी है कि हर तथ्य को सटीकता के साथ और प्रभावी भाषा में प्रस्तुत किया जाए। इस लेख में शिवाजी महाराज पर हिंदी में निबंध और भाषण के सैंपल दिए गए हैं जो आपके बच्चे के लिए मददगार हो सकते हैं।
शिवाजी महाराज एक कुशल योद्धा और अद्वितीय रणनीतिकार थे। अपने पूरे शासनकाल में शिवाजी महाराज ने सह्याद्रि की दुर्गम पहाड़ियों पर बने सैकड़ों किलों को अपने अधिकार में किया था। ऐसे प्रभावशाली व्यक्तित्व पर निबंध लिखते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
एक छोटा व सटीक निबंध लिखने के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज पर कुछ पंक्तियों में उनके जीवन की महत्वपूर्ण बातों का उल्लेख करें। यह 10 लाइन का निबंध शिवाजी महाराज पर पैराग्राफ लिखने के लिए भी काम आता है।
यहां शिवाजी महाराज पर सीमित शब्दों में एक निबंध का सैंपल दिया गया है। यह छोटा निबंध बच्चों को कम शब्दों में छत्रपति के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं और उनके व्यक्तित्व का सार देने में मददगार होगा।
शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को महाराष्ट्र के शिवनेरी दुर्ग में हुआ था। उनके पिता शहाजी भोसले एक मराठा सरदार थे। शिवाजी की माता का नाम जीजाबाई था। जीजाबाई पुणे जागीर का प्रशासन संभालने के लिए शिवाजी के साथ वहां रहती थीं। बचपन से ही उन्होंने शिवाजी को देशभक्ति, निष्ठा, साहस और न्यायप्रियता की शिक्षा के साथ तलवारबाजी, घुड़सवारी और युद्ध कौशल की तालीम देना शुरू कर दिया था। इसी कारण शिवाजी ने केवल 16 वर्ष की आयु में बीजापुर की आदिलशाही सल्तनत के नियंत्रण वाले तोरणा किले पर हमला कर उसे सफलतापूर्वक जीत लिया। यहीं से उन्होंने पहले आदिलशाही और फिर मुगल साम्राज्य के विरुद्ध युद्ध का बिगुल फूंक दिया।
शिवाजी गुरिल्ला युद्ध नीति का उपयोग करते थे। उनकी सेना में विशेष शारीरिक यष्टि, घने जंगलों में युद्ध करने और पहाड़ियों पर चढ़ने में निपुण सैनिक जो ‘मावले’ कहलाते थे, जमीनी सेना के प्रमुख थे। वह एक अद्वितीय योद्धा होने के साथ दूरदर्शी व कुशल रणनीतिकार भी थे। प्रतापगढ़ में अपने से कहीं ताकतवर सरदार अफजल खान का वध और आगरा में औरंगजेब की कैद से छुपकर निकलना इसके बस कुछ उदाहरण हैं।
6 जून 1674 को रायगढ़ के किले में शिवाजी महाराज को छत्रपति की उपाधि देते हुए उनका राज्याभिषेक किया गया। वह एक दयालु, धर्म सहिष्णु और सुशासन को महत्व देने वाले राजा थे। 3 अप्रैल, 1680 को उनके निधन के समय तक उनके नियंत्रण में लगभग 300 किले व दुर्ग थे। इतना ही नहीं, उन्होंने तटीय क्षेत्रों की रक्षा के लिए एक मजबूत नौसैनिक बल की स्थापना भी की थी। इसलिए उन्हें ‘भारतीय नौसेना का जनक’ भी कहा जाता है। उन्हें आज भी एक वीर योद्धा, अतुलनीय नेतृत्व करने वाले लोकप्रिय राजा और मराठा साम्राज्य के संस्थापक के रूप में याद किया जाता है।
अगर निबंध विस्तार में लिखना है तो तथ्यों और घटनाओं को प्रभावशाली रूप में देना चाहिए। हमने यहां कुछ शीर्षकों के इस्तेमाल के साथ एक बड़े निबंध का प्रारूप दिया है। इसकी मदद लेकर बच्चे को हिंदी में छत्रपति शिवाजी महाराज पर निबंध लिखना सिखाएं।
महाराष्ट्र के शिवनेरी दुर्ग में मराठा सरदार शहाजी भोसले और उनकी पत्नी जीजाबाई के घर 19 फरवरी 1630 को एक पुत्र ने जन्म लिया जिसका नाम शिवाजी रखा गया। शहाजी बीजापुर सल्तनत में जागीरदार थे और अक्सर युद्ध पर रहते थे। उन्होंने पुणे जागीर का प्रशासन संभालने के लिए जीजाबाई को बालक शिवाजी के साथ वहां भेज दिया। जीजाबाई शिवाजी को बचपन से ही रामायण व महाभारत की कहानियां सुनाकर वीरता, निष्ठा और न्यायप्रियता की शिक्षा देती थीं जिसका उनके चरित्र पर गहरा प्रभाव पड़ा और छोटी उम्र से ही उनमें नेतृत्व के गुण दिखाई देने लगे।। इसके साथ ही उन्हें घुड़सवारी और युद्ध कौशल की भी तालीम दी जाती थी। उनकी सहायता के लिए वहां वफादार और नि:स्वार्थ प्रशासक के रूप में दादोजी कोंडदेव थे जिन्हें शिवाजी के पहले गुरु होने का सम्मान दिया जाता है। 1640 में उनका विवाह सईबाई के साथ हुआ। सई से उन्हें पुत्र संभाजी और दूसरी पत्नी सोयराबाई से पुत्र राजाराम हुए।
केवल 16 साल की आयु में शिवाजी ने बीजापुर सल्तनत के तोरणा किले पर हमला करके उसे जीत लिया। यहीं से उन्होंने स्वराज्य के लिए दक्षिण में आदिलशाही, निजामशाही और दिल्ली में मुगलों के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया। इसके बाद उन्होंने कोंढाणा, पुरंदर, रायगढ़ और समुद्र के बीचो बीच बने सिंधुदुर्ग जैसे कई किलों पर नियंत्रण कर लिया।
शिवाजी महाराज गुरिल्ला युद्ध नीति का उपयोग करते थे। उनकी जमीनी सेना के प्रमुख विशेष शारीरिक यष्टि, घने जंगलों में युद्ध करने और पहाड़ियों पर चढ़ने में निपुण ‘मावले’ कहलाने वाले सैनिक थे। वह एक दूरदर्शी नेतृत्व वाले कुशल योद्धा थे। उनकी सबसे प्रसिद्ध उपलब्धियों में 1659 में प्रतापगढ़ में अपने से शक्तिशाली अफजल खान का ‘बाघनख’ की मदद से किया गया वध और 1666 में आगरा में औरंगजेब की कैद से साहसिक पलायन था।
शिवाजी महाराज एक दयालु और न्यायप्रिय शासक थे। 6 जून 1674 को राज्याभिषेक करके उन्हें छत्रपति की उपाधि दी गई। उन्होंने रायगढ़ को अपनी राजधानी बनाया। उन्होंने राजनितिक और प्रशासनिक मामलों के लिए आठ मंत्रियों की परिषद स्थापित की थी जिसमें से एक पेशवा थे। शिवाजी महाराज ने स्थापित किया हुआ मराठा साम्राज्य बाद में भारत का सबसे शक्तिशाली राजघराना बन गया था। 3 अप्रैल, 1680 को बीमारी से निधन होने तक उनके नियंत्रण में लगभग 300 किले थे। साथ ही शिवाजी महाराज को ‘भारतीय नौसेना का जनक’ कहा जाता है क्योंकि तटीय क्षेत्रों की रक्षा के लिए उन्होंने एक मजबूत नौसैनिक बल की स्थापना भी की थी।
शिवाजी महाराज का जीवन नैतिकता को महत्व देने वाले शासक के रूप में याद किया जाता है। उन्होंने अपनी प्रजा को स्वयं के धर्म का पालन करते हुए दूसरों के धर्म का आदर करना व महिलाओं का सम्मान व रक्षा करना सिखाया। मुगल शासन के विरुद्ध लड़ते हुए भी उनकी सेना में कई मुस्लिम सैनिक, सेनापति और यहां तक कि अंगरक्षक भी शामिल थे।
शिवाजी महाराज एक निर्भीक और उदार राजा थे। उनकी मृत्यु के लगभग 350 सालों के बाद भी उनका व्यक्तित्व बच्चों को नेतृत्व, संकल्प और दूरदर्शिता का पाठ सिखाता है। उनके निबंध से बच्चों को देशभक्ति, निडरता की सीख के साथ हमारे देश का गौरवशाली इतिहास भी जानने को मिलेगा।
अगर बच्चे को स्कूल में हिंदी में छत्रपति शिवाजी महाराज पर भाषण देना है तो उसके लिए यहां हमने एक छोटा नमूना दिया है। स्पीच या भाषण बच्चों को शब्दों का सही इस्तेमाल और आत्मविश्वास बढ़ाने में काम आता है। शिवाजी महाराज पर प्रेरक भाषण कैसे दें, जानिए –
आदरणीय प्रधानाचार्य, समस्त शिक्षकगण और मेरे प्रिय मित्रों, नमस्कार!
आज मैं हमारे देश के एक पराक्रमी और महान राजा छत्रपति शिवाजी महाराज पर भाषण प्रस्तुत कर रहा/रही हूँ।
मराठा साम्राज्य के संस्थापक शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को महाराष्ट्र के शिवनेरी दुर्ग में हुआ था। उनके पिता का नाम शहाजी भोसले और माता का नाम जीजाबाई था। वह बचपन से ही प्रतापी और निर्भीक स्वभाव के थे। उन्होंने अपनी माँ से देशभक्ति और साहस की कहानियां सुनना और घुड़सवारी व युद्ध कौशल की सीख लेना शुरू कर दिया था। केवल 16 वर्ष की आयु में उन्होंने तोरणा किला जीत लिया था। इसके बाद वे एक-एक करके कई दुर्ग और किले जीतते गए। शिवाजी गुरिल्ला नीति से युद्ध करते थे। वह बेहद दूरदर्शी व कुशल शासक थे। उन्हें ‘भारतीय नौसेना का जनक’ भी कहा जाता है।
उन्होंने बाघनख का इस्तेमाल करके प्रतापगढ़ में अपने से कहीं ज्यादा शक्तिशाली अफजल खान का वध कर दिया था और आगरा में औरंगजेब की कैद से छुपकर निकल गए थे। 6 जून 1674 को रायगढ़ में उनका राज्याभिषेक हुआ और वह छत्रपति कहलाए जाने लगे। शिवाजी महाराज एक न्यायप्रिय, दूसरों के धर्मो का आदर करने वाले और लोकप्रिय राजा थे। उनका जीवन आदर्शों से भरा हुआ था और इसीलिए हम उन्हें आज भी एक न्यायप्रिय, दूसरों के धर्मो का आदर करने वाले और लोकप्रिय राजा रूप में याद करते हैं।
धन्यवाद!
शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी, 1630 में महाराष्ट्र में आधुनिक पुणे के पास शिवनेरी किले में हुआ था।
शिवाजी महाराज ने ‘अष्टप्रधान’ नामक मंत्रिपरिषद के साथ एक कुशल प्रशासनिक व्यवस्था बनाई थी जो न्याय, कल्याण और आर्थिक विकास के साथ निष्पक्षता और लोगों की सुरक्षा पर केंद्रित थी।
छत्रपति शिवाजी महाराज मराठा साम्राज्य की स्थापना, मुगल सम्राट औरंगजेब से सफलतापूर्वक लड़ने, हिंदू धर्म की रक्षा के साथ-साथ कुशल प्रशासक और सैन्य रणनीतिज्ञ होने के लिए प्रसिद्ध हैं।
छत्रपति शिवाजी महाराज को भारतीय नौसेना का जनक (पिता) कहा जाता है।
छत्रपति शिवाजी महाराज को भारतीय इतिहास में मराठा साम्राज्य के संस्थापक के तौर पर जाना…
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