In this Article
- दशहरा पर 5 लाइन (5 Lines On Dussehra in Hindi)
- दशहरा पर 10 लाइन (10 Lines On Dussehra In Hindi)
- दशहरा पर निबंध 200-300 शब्दों में (Short Essay On Dussehra In Hindi in 200-300 Words)
- दशहरा पर निबंध 400-600 शब्दों में (Essay on Dussehra in Hindi in 400-600 Words)
- दशहरा के बारे में रोचक तथ्य (Interesting Facts About Dussehra In Hindi)
- दशहरा के इस निबंध से हमें क्या सीख मिलती है? (What Will Your Child Learn from a Dussehra Essay?)
- अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
जब त्योहार की बात आती है तो भारत का नाम सबसे आगे आता हैं, क्योंकि यह देश संस्कृति और परंपराओं का देश है। हर त्योहार के पीछे हम मनुष्यों के लिए कोई कोई न सीख होती है। होली, दिवाली की तरह दशहरा को भी बड़े धूम धाम से मनाया जाता है। इस त्योहार को दसरा, विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है। यह त्योहार हर साल अश्विन महीने के शुक्ल पक्ष में दशमी को मनाया जाता है। दशहरा भारत का काफी लोकप्रिय पर्व है और देश के कई भागों में मनाया जाता है। इसकी शुरुआत नवरात्रि से होती है और दशमी तिथी को इसे मनाते हैं।ऐसा माना जाता है कि यह पर्व भगवान राम और रावण के बीच हुई अच्छाई और बुराई के युद्ध में प्रभु राम की विजयी होकर घर लौटने की खुशी में इसे बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। दशहरा के नौ दिन पहले से ही जगह-जगह पर रामलीला शुरू हो जाती है और दशमी वाले दिन रावण का पुतला जलाया जाता है। रावण का विशाल पुतला जगह-जगह स्थापित किया जाता है शहरों में मेले लगते हैं चारों तरफ रौनक जमी रहती है। लोग घूमने और खरीदारी करने अपने परिवार और बच्चों के साथ मेले में आते हैं। बच्चों को इन मेलों में घूमने का अलग उत्साह होता है, क्योंकि यहाँ उन्हें उनके पसंद की हर चीज जैसे खिलौने, मिट्टी के बर्तन, कपड़ें आदि मौजूद होती है। आइए इस हिंदी एस्से के लेख में आपको दशहरा पर एक अच्छा निबंध कैसे तैयार करना है उसके अलग-अलग सैंपल आपको नीचे दिए गए हैं।
दशहरा पर 5 लाइन (5 Lines On Dussehra in Hindi)
यहां आपको 5 आसान लाइन में दशहरा के बारे में बताया गया है, आइए नीचे दिए गए दशहरा पर हिंदी में 5 वाक्य का निबंध पढ़ते हैं।
- दशहरा हिन्दू धर्म का एक मुख्य त्योहार है।
- यह पर्व भगवान राम के विजयी होने की खुशी में मनाया जाता है।
- इस त्योहार को ‘विजयादशमी’ के रूप में भी जाना जाता है।
- यह साल के सितंबर या अक्टूबर महीने में आता है।
- दशहरा में रामलीला का आयोजन होता है और रावण का पुतला जलाया जाता है।
दशहरा पर 10 लाइन (10 Lines On Dussehra In Hindi)
भारत में दशहरा महोत्सव को बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इस पर्व से जुड़ी दिलचस्प बातों को जानने के लिए नीचे बताई गई 10 पंक्तियों को ध्यान से पढ़े।
- दशहरा भारत के लोकप्रिय त्योहारों में से एक है।
- इसे अश्विन महीने के शारदीय नवरात्रि के नौ दिन बाद दशमी को मनाते हैं।
- इस दिन भगवान राम ने रावण का वध कर के विजय प्राप्त की थी।
- यह त्योहार दिवाली के 20 दिन पहले आता है।
- इस दौरान शहरों में रामलीला का आयोजन होता है और मेलें लगाए जाते हैं।
- दशहरा वाले दिन रावण के पुतलों को जलाया जाता है।
- इस त्योहार को बुराई और अच्छाई की जीत के लिए मनाया जाता है।
- बच्चें घरों में कागज से रावण का पुतला बनाते और उसे जलाते हैं।
- यह त्योहार महिषासुर पर देवी दुर्गा की जीत का भी प्रतीक माना जाता है।
- यह पर्व हमें क्रोध, अहंकार, लालच आदि बुरी आदतों से बचने के लिए प्रेरित करता है।
दशहरा पर निबंध 200-300 शब्दों में (Short Essay On Dussehra In Hindi in 200-300 Words)
यदि आप अपने बच्चे को दशहरा पर एक अच्छा हिंदी एस्से लिखवाना चाहते हैं या आपको एक शार्ट पैराग्राफ में दशहरा पर अनुच्छेद चाहिए तो आपको नीचे दिए गया दशहरा पर हिंदी निबंध पढ़ना चाहिए।
दशहरा भारत के लोकप्रिय त्योहारों में से एक है। हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। दशहरा को लोग विजयदशमी के नाम से भी जानते हैं। इसे अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाते हैं। इसकी शुरुआत नवरात्री के नौ दिन से होती है और आखिरी दिन यानी की दशमी को इसे मनाते हैं। ऐतिहासिक और धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन भगवान राम ने रावण जैसे शक्तिशाली राक्षस का वध किया था। इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि इस दिन माँ दुर्गा ने महिषासुर जैसे राक्षस का वध कर के बुराई पर अच्छाई की जीत प्राप्त की थी, इन दोनों घटनाओं की वजह से हर साल इस दिन को बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। यह त्योहार ज्यादातर सितंबर या अक्टूबर महीने में आता है और यह लगभग दिवाली के 20 दिन पहले मनाया जाता है। नवरात्रों के नौ दिन शहरों और गांवों में भी रौनक लगी रहती है। जगह-जगह पर माँ दुर्गा का पंडाल सजाया जाता है और कई जगहों पर रामलीला का आयोजन होता है। दशहरे वाले दिन शाम को शहरों और गांव में मेलें लगते हैं। मेलों में बेहद रौनक रहती है खासकर बच्चे मेले में जाने के लिए बच्चे बहुत उत्साहित रहते हैं। मेले में बच्चों और बड़ों के लिए झूलें, कपड़े और अन्य कई आकर्षक वस्तुएं मौजूद होती हैं। इतना ही नहीं यहाँ तरह-तरह के स्वादिष्ट खानों के भी स्टॉल लगते हैं। लोग इस मेले का खूब आनंद उठाते। एक बड़े मैदान में रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के बड़े-बड़े पुतले स्थापित किए जाते हैं। बाद में इन पुतलों का दहन किया जाता है। रावण दहन से पहले रामलीला का आयोजन होता जिसमें कलाकार भगवान राम और राक्षस रावण का भेष धारण कर के रामायण की कहानी को प्रस्तुत करते हैं। इस दौरान भगवान राम और राक्षस रावण के बीच हुए युद्ध को नाटक के जरिए दर्शाया जाता है। दशहरा एक ऐसा त्योहार है जो बुराई पर अच्छाई की विजय का उदाहरण देता है और लोगों में अच्छाई और खुद पर विश्वास रखने का संदेश देता है।
दशहरा पर निबंध 400-600 शब्दों में (Essay on Dussehra in Hindi in 400-600 Words)
यहां आपके लिए प्रस्तुत है दशहरा पर्व पर एस्से हिंदी में, जो बहुत सरल भाषा में लिखा गया है। खासकर स्कूल जाने वाले उन विद्यार्थियों के लिए है जो कक्षा 1, 2, 3, 4 और 5 में पढ़ रहे हैं। अगर आपको यह नहीं पता की एक अच्छा निबंध कैसी लिखें तो आप नीचे दिए गए दशहरा पर हिंदी निबंध का यह सैंपल पढ़ें।
दशहरा का क्या महत्व है? (What Is the Importance of Dussehra?)
दशहरा पर्व को विजयदशमी भी कहा जाता है, इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार माना जाता है। जो हमें यह संदेश देता है कि बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो अंत में जीत उसी की होती है जो सच के मार्ग पर चलता है। बुराई किसी भी रूप में हो सकती है जैसे क्रोध, जलन, लालच, झूठ आदि। लेकिन अगर इन बुरी आदतों को हम इस दिन अपने अंदर से खत्म करने का निर्णय लेते हैं तो वास्तव में यह हमारी जीत होगी। यह पर्व हर एक के जीवन में बहुत अहम होता है क्योंकि इस दिन लोग अपने अंदर की भी बुराइयों को खत्म करके नई जिंदगी की शुरुआत करते है। इस पर्व को जश्न के रूप में मनाया जाता है। इस त्योहार को बहुत ही शुभ और पवित्र माना जाता है। ऐसी कहावत भी हैं कि इस दिन अगर आप्टा या सोना के पत्ते को घर लाया जाए तो यह बहुत ही शुभ होता है और इस दिन किसी भी काम की शुरुआत आपको जरूर सफलता दिलाती है।
दशहरा का इतिहास (History Of Dussehra)
इस त्योहार को मनाने का मुख्य कारण यह है कि बुराई चाहे कितनी ही ताकतवर क्यों न हो अच्छाई के आगे अपने घुटने टेक ही देती है और बुरा करने से कभी किसी का भला नहीं हुआ है। दशहरा के इतिहास का वर्णन रामायण में बेहद अच्छे से किया है। कहानी के अनुसार जब रावण ने माता सीता का हरण कर के उन्हें बंदी बना लिया और जब यह बात भगवान राम को पता चली तो माता सीता को रावण के बंधन से आजाद करने के लिए युद्ध छिड़ गया जिसमें भगवान राम अपनी सेना और हनुमान के साथ रावण से लड़ाई लड़ी और इस युद्ध में विजयदशमी वाली दिन भगवान अपने धनुष-बाण से रावण की नाभि पर वार कर के उसका वध कर दिया और सीता माँ को छुड़ाया। तब से इस दिन को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है और असत्य पर सत्य की जीत का पर्व माना जाता है।
दशहरा कैसे मनाया जाता है? (How Is Dussehra Celebrated?)
- इस दिन लोग अपने घरों की साफ-सफाई कर खूब सजाते हैं।
- लोग शाम को अपने घर से बाहर मेला घूमने और रावण दहन देखने जाते है।
- बच्चे मेले में झूलों, खिलौनों और अच्छे पकवानों का मजा लेते हैं।
- महाराष्ट्र और गुजरात में आज के दिन लोग अपने अपने वाहनों को धोकर उनकी पूजा भी करते हैं।
- रावण दहन के बाद लोग आप्टा या सोना के पत्ते को एक-दूसरे को लेकर दशहरे की बधाई देते है।
- इस दिन लोग अपने अंदर की बुरी आदतें जैसे हिंसा, लालच, जलन, क्रोध आदि को खत्म करने कर के नए जीवन का प्रारंभ करते हैं।
- इस दिन बच्चे बड़ों का पैर छूते हैं और उन्हें बड़े उन्हें पैसे या नए वस्त्र देते हैं।
- लोग अपने सभी गिले-शिकवे भुलाकर एक दुसरे के साथ नई शुरूआत करते हैं।
दशहरा और दुर्गा पूजा (Dussehra and Durga Puja)
दशहरा और दुर्गा पूजा त्योहार बुराई पर अच्छाई और असत्य पर सत्य की जीत को दर्शाते हैं। दोनों पर्वों को मनाए जाने का मुख्य कारण यही है कि दुनिया में मौजूद राक्षस को खत्म किया जाए ताकि हम संसार बेहतर जीवन जी सके। एक तरफ भगवान राम अपनी पत्नी सीता को राक्षस रावण के बंधन से मुक्त करने के लिए युद्ध लड़े और उसका वध कर के जीत हासिल की वहीँ दूसरी ओर माँ दुर्गा ने भी लगातार नौ दिनों तक चले भयंकर युद्ध में दुष्ट राक्षस महिषासुर का वध किया था। दशहरा, दुर्गा पूजा के दसवें दिन पड़ता है। दुर्गा पूजा और दशहरा इस कारण भी एक दूसरे से जुड़ा हुआ है क्योंकि जब भगवान राम रावण से युद्ध के लिए जा रहे थे तो उन्होंने जाने से पहले शक्ति और वीरता का आशीर्वाद पाने के लिए माँ दुर्गा की पूजा और आराधना की थी।
दशहरा के बारे में रोचक तथ्य (Interesting Facts About Dussehra In Hindi)
- मध्य प्रदेश के मंदसौर और विदिशा जैसी जगहों पर रावण को आज भी प्यार और सम्मान दिया जाता है।
- श्रीलंका में रावण को उपदेवता का दर्जा दिया गया है।
- दशहरा सिर्फ राम और रावण के युद्ध के ही नहीं बल्कि माँ दुर्गा द्वारा महिषासुर का वध करने के लिए भी प्रसिद्ध है।
- ऐसी मान्यता है कि यदि रावण का वध नहीं होता तो सूरज हमेशा के लिए अस्त हो जाता।
- दशहरा एक संस्कृत शब्द दश हारा से आया है, जिसका अर्थ ‘सूरज की हार’ होता है।
- मैसूर में दशहरे वाले दिन चामुंडेश्वरी देवी की पूजा की जाती है।
- तमिलनाडु में दशहरे के पर्व को गोलू नाम से जाना जाता है।
दशहरा के इस निबंध से हमें क्या सीख मिलती है? (What Will Your Child Learn from a Dussehra Essay?)
आपका बच्चा इस निबंध के माध्यम से अपने देश के अहम पर्व दशहरा और इससे जुड़ी पौराणिक कथाओं के बारे में जानेगा और जब त्योहार आएगा तब वो बेहतर रूप से इसका महत्व समझेगा की हम दशहरा क्यों मनाते हैं। इतना ही नहीं वह इस निबंध की मदद से अच्छाई और बुराई में फर्क समझ सकेगा और साथ ही दूसरों को भी जानकारी देगा। इस निबंध से उसे खुद एक बेहतर निबंध लिखने की प्रेरणा मिलेगी और वह इसे अच्छे तरीके से लिख सकेगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. साल 2024 में दशहरा किस दिन मनाया जाएगा ?
साल 2024 में दशहरा 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
2. दशहरा का त्योहार हमें क्या सिखाता है?
दशहरा हमें बुराई से लड़ना, अच्छाई को अपनाना और एकता का महत्व सिखाता है।
3. दशहरा का सबसे पहला बड़ा उत्सव कहाँ मनाया गया था ?
दशहरा का पहला भव्य उत्सव 17वीं शताब्दी में राजा वोडेयार के आदेश पर मैसूर पैलेस में मनाया गया था।
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